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-यूपी काडर के नौकरशाह के जरिए दस जनपथ संपर्क में जावेद उस्मानी
-उत्तर प्रदेश में नहीं लग रहा 'चीफ साहब' का दिल
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी फिलवक्त दो नावों पर सवार हैं। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से अपने पुराने रिश्तों के जरिए वह राज्य की सर्वोच्च प्रशासनिक कुर्सी पर तो काबिज हैं ही साथ ही उनके तार 'दिल्ली' से भी जुड़े हैं। केंद्र में बेहद अहम पद पर काम कर रहे यूपी काडर के ब्यूरोक्रेट के मार्फत जावेद उस्मानी यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की 'गुडबुक्स' में दर्ज बताए जाते हैं। इसी समीकरण के चलते उनकी दिल्ली वापसी की चर्चा उत्तर प्रदेश सरकार के बार-बार ना-ना करने के बावजूद थमने का नाम नहीं ले रही। जावेद उस्मानी को करीब से जानने वालों का मानना है कि 'चीफ साहब' का दिल उत्तर प्रदेश में नहीं लग रहा है।
दिल्ली में तैनात जिस ब्यूरोक्रेट के माध्यम से जावेद उस्मानी के 'दस जनपथ'(सोनिया गांधी का निवास) से तार जुड़ने की बात कही जा रही है, उसे गांधी परिवार को बेहद विश्वासपात्र माना जाता है। राजीव गांधी के जमाने से उसकी निष्ठा गांधी परिवार से जुड़ी हुई है और आज की तारीख में ब्यूरोक्रेसी से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले 'दस जनपथ' इसी अधिकारी की राय जरूर लेता है। सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों जब राहुल गांधी के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की बात हो रही थी तो 'दस जनपथ' की ओर से इस ब्यूरोक्रेट से यूपी काडर के ही किसी अफसर का नाम सुझाने का आग्रह किया गया था, जिसे राहुल गांधी के मंत्रालय में तैनात किया जा सके और उसके मार्फत राहुल की 'इमेज बिल्डिंग' हो सके। सूत्रों के अनुसार इस ब्यूरोक्रेट ने जावेद उस्मानी का नाम सुझाया था और उसके बाद जावेद उस्मानी से इस बात की सहमति ली गई थी कि क्या वह राहुल गांधी के साथ काम करना पसंद करेंगे? सूत्रों के अनुसार जावेद उस्मानी ने इस पर सहमति भी प्रदान कर दी थी। केंद्र में राजनीतिक उठा-पटक के चलते राहुल के मंत्रिमंडल शामिल कराने की महिम अंजाम तक नहीं पहुंच पाई। इस बीच कांग्रेस के शीर्ष स्तर पर 2014 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर जनता से सीधे जुड़े मंत्रालयों में ऐसे अफसरों (खास-तौर से यूपी-बिहार काडर के) की सूची तैयार करने की बात की गई जो संबंधित राज्यों में उन विभागों से जुड़ी योजनाओं को कुछ इस तरह जमीन पर उतारने का काम करें जिससे राज्य में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बन सके। इस सूची में भी जावेद उस्मानी का नाम रखा गया है। चूंकि अभी अंतिम रूप से तय नहीं हो पाया है कि इस योजना पर अमल कब से शुरू किया जाना है, इस वजह से केंद्र में जावेद उस्मानी की वापसी टल रही है। सूत्रों का कहना है जैसे ही कांग्रेस इस योजना को अमली जामा पहनाने को हरी झंडी देगी, जावेद उस्मानी प्रतिनियुक्ति पर केंद्र चले जाएंगे।
Source -Jagran
8-9-2012
दो नावों पर सवार उप्र के मुख्यसचिव
-यूपी काडर के नौकरशाह के जरिए दस जनपथ संपर्क में जावेद उस्मानी
-उत्तर प्रदेश में नहीं लग रहा 'चीफ साहब' का दिल
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी फिलवक्त दो नावों पर सवार हैं। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से अपने पुराने रिश्तों के जरिए वह राज्य की सर्वोच्च प्रशासनिक कुर्सी पर तो काबिज हैं ही साथ ही उनके तार 'दिल्ली' से भी जुड़े हैं। केंद्र में बेहद अहम पद पर काम कर रहे यूपी काडर के ब्यूरोक्रेट के मार्फत जावेद उस्मानी यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की 'गुडबुक्स' में दर्ज बताए जाते हैं। इसी समीकरण के चलते उनकी दिल्ली वापसी की चर्चा उत्तर प्रदेश सरकार के बार-बार ना-ना करने के बावजूद थमने का नाम नहीं ले रही। जावेद उस्मानी को करीब से जानने वालों का मानना है कि 'चीफ साहब' का दिल उत्तर प्रदेश में नहीं लग रहा है।
दिल्ली में तैनात जिस ब्यूरोक्रेट के माध्यम से जावेद उस्मानी के 'दस जनपथ'(सोनिया गांधी का निवास) से तार जुड़ने की बात कही जा रही है, उसे गांधी परिवार को बेहद विश्वासपात्र माना जाता है। राजीव गांधी के जमाने से उसकी निष्ठा गांधी परिवार से जुड़ी हुई है और आज की तारीख में ब्यूरोक्रेसी से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले 'दस जनपथ' इसी अधिकारी की राय जरूर लेता है। सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों जब राहुल गांधी के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की बात हो रही थी तो 'दस जनपथ' की ओर से इस ब्यूरोक्रेट से यूपी काडर के ही किसी अफसर का नाम सुझाने का आग्रह किया गया था, जिसे राहुल गांधी के मंत्रालय में तैनात किया जा सके और उसके मार्फत राहुल की 'इमेज बिल्डिंग' हो सके। सूत्रों के अनुसार इस ब्यूरोक्रेट ने जावेद उस्मानी का नाम सुझाया था और उसके बाद जावेद उस्मानी से इस बात की सहमति ली गई थी कि क्या वह राहुल गांधी के साथ काम करना पसंद करेंगे? सूत्रों के अनुसार जावेद उस्मानी ने इस पर सहमति भी प्रदान कर दी थी। केंद्र में राजनीतिक उठा-पटक के चलते राहुल के मंत्रिमंडल शामिल कराने की महिम अंजाम तक नहीं पहुंच पाई। इस बीच कांग्रेस के शीर्ष स्तर पर 2014 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर जनता से सीधे जुड़े मंत्रालयों में ऐसे अफसरों (खास-तौर से यूपी-बिहार काडर के) की सूची तैयार करने की बात की गई जो संबंधित राज्यों में उन विभागों से जुड़ी योजनाओं को कुछ इस तरह जमीन पर उतारने का काम करें जिससे राज्य में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बन सके। इस सूची में भी जावेद उस्मानी का नाम रखा गया है। चूंकि अभी अंतिम रूप से तय नहीं हो पाया है कि इस योजना पर अमल कब से शुरू किया जाना है, इस वजह से केंद्र में जावेद उस्मानी की वापसी टल रही है। सूत्रों का कहना है जैसे ही कांग्रेस इस योजना को अमली जामा पहनाने को हरी झंडी देगी, जावेद उस्मानी प्रतिनियुक्ति पर केंद्र चले जाएंगे।
Source -Jagran
8-9-2012
JAVAD KYA JAYGA TET KO BRBAD KR DIYA H
ReplyDelete11 ko kya hone ki sambhawna h.blog pr ray prkat kre.
ReplyDeleteSab kara dhara javed usmani ka hi hai.
ReplyDeleteglat sabdo ka pryog mat kro
ReplyDeleted.k ji ab kya hone wala h.
ReplyDeleteup me adv.cancel bhi to kr diya h.court kya krega. kyoki ek baar cancel ki vigypti niklne ke baad kuch nahi ho sakta h.ho sakta tha agr court gov.ko sansodhan ki anumati na dati.
ReplyDeletedear mare apne thinking thi ji.
up me adv.cancel bhi to kr diya h.court kya krega. kyoki ek baar cancel ki vigypti niklne ke baad kuch nahi ho sakta h.ho sakta tha agr court gov.ko sansodhan ki anumati na dati.
ReplyDeletedear mare apne thinking thi ji.
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ReplyDeleteD.K JI PLS APNE SHABDO PAR KAABU RAKHE
ReplyDeleteTHNX
mai aap sabhi ke ek baat batana chahta hu ki ye bharti ab 2004 ki tarah hogi,
ReplyDeletejisme b.ed prac. aur theory ka parsantage alag alag judega
i'am 100% sure