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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शिक्षक भर्ती की तैयारी शुरू ***चुनावी गणित में भावी शिक्षकों पर भी डोरे *** :----

Saturday 31 March 2012

टीईटी - अभ्यर्थी पहुचे हॉस्पिटल

टीईटी - अभ्यर्थी पहुचे हॉस्पिटल 
अपनी जायज मांगो को लेकर अनशन पर बैठे हजारो अभ्यर्थियों की सरकार ने कोई शुद नही ली। जिससे अनशन पर बैठे लोगो में कुछ की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें हॉस्पिटल भेजा गया ।

एनसीटीई द्वारा दी गई गाइडलाइनस

(b) should give weightage to the TET scores in the recruitment process; however,
qualifying the TET would not confer a right on any person for
recruitment/employment as it is only one of the eligibility criteria for
appointment.


But there
will be no restriction on the number of attempts a person can take for acquiring a TET
Certificate. A person who has qualified TET may also appear again for improving his/her
score.





भर्ती प्रकिया में वेटेज दिया जा सकता है और यह भी कहा गया है कि जो लोग टेट पास करेंगे जरुरी नही कि उन सबको नौकरी दी जाये टेट एक पात्रता परीक्षा है लेकिन टेट पास लोगो को भर्ती प्रक्रिया में वेटेज दिया जा सकता है और यह वेटेज कितना हो यह राज्य सरकार पर निर्भर करता है NCTE की GUIDELINES में कही पर भी ये नही कहा गया है कि टेट के अंको से भर्ती नही की जा सकती है और यदि टेट के अंको का कोई महत्व नही है तो GUIDELINES में ये क्यों कहा जाता कि छात्र अपने टेट के अंको को बढाने के लिए दोवारा टेट दे सकते है



पूरा देखने के लिए नीचे  दिए लिंक पर click करे

http://uptetbreakingnews.blogspot.in/2012/02/guidelines-for-conducting-teacher.html

शिक्षक भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने का प्रस्ताव शासन को

लखनऊ, जागरण ब्यूरो : बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने के लिए बेसिक शिक्षा निदेशालय ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। इसमें प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए जारी की गई विज्ञप्ति को रद करने की सिफारिश की गई है।
यह भी कहा गया है कि शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का आवेदन शुल्क उन्हें लौटाया जाएगा। अभ्यर्थियों को आवेदन शुल्क लौटाने की प्रक्रिया निर्धारित की जाएगी। गौरतलब है कि शिक्षक भर्ती के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों से 500 रुपये और आरक्षित से 200 रुपये आवेदन शुल्क लिया गया था। प्रस्ताव में शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य की गई अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट को चयन का आधार बनाने के फैसले को निरस्त कर टीईटी को अर्हताकारी परीक्षा बनाने की भी सिफारिश की गई है। इसके लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन करने की संस्तुति की गई है।

Source- Jagran
31-3-2012


टीईटी अभ्यर्थियों के साथ धोखा 
 प्राथमिक विद्यालय में टेट मेरिट से नियुक्ति को लेकर अनशन पर बैठे अभ्यर्थियो के साथ सरकार दोहरी चाल चल रही है । एक तरफ बेसिक शिक्षा सचिव टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियो से किसी भी निर्णय के लिए १३ अप्रैल तक का समय मांग रहे है और दूसरी ओर शासन को भर्ती प्रक्रिया रद्द करने का प्रस्ताव भेज दिया है , जो कतई जन हित में नही है इससे सरकार की नियत साफ़ दिखाई दे रही है कि वो टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति बदले की भावना के कारण नही करना चाहती है ।

मेरिट के आधार पर भर्ती की मांग पर अड़े टीईटी अभ्यर्थी



वार्ता विफल, आमरण अनशन शुरू

लखनऊ, 30 मार्च (जागरण संवाददाता): अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने परीक्षा निरस्त न किए जाने की मांग को लेकर शुक्रवार से आमरण अनशन शुरू कर दिया। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले प्रदेश के कोने-कोने से जुटे अभ्यर्थी विधान भवन के सामने अनशन पर बैठ गए हैं। अनशन से पहले अभ्यर्थियों का प्रतिनिधि मंडल सचिव बेसिक शिक्षा से लिया लेकिन वार्ता सफल न हो सकी।
उल्लेखनीय है कि टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी परीक्षा निरस्त न किए जाने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। संघर्ष मोर्चा के एसके पाठक और नितिन मेहता ने बताया कि सचिव बेसिक शिक्षा ने वार्ता के लिए बुलाया लेकिन कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया। सचिव ने कहा कि परीक्षा के संबंध में निर्णय अप्रैल आखिर में लिया जाएगा, फिलहाल पत्रवलियां एकत्रित की जा रही हैं। अभ्यर्थियों से परीक्षा में हुए खर्च को लेकर भी जवाब-तलब किया गया। वार्ता सकारात्मक न रहने पर अभ्यर्थियों ने धरना स्थल पर आमरण अनशन शुरू कर दिया। अभ्यर्थी एसके पाठक ने बताया कि जब तक मुख्यमंत्री या शिक्षामंत्री की तरफ से टीईटी निरस्त न किए जाने के संबंध में घोषणा नहीं की जाती है, तब तक अनशन जारी रहेगा। हालांकि पुलिस-प्रशासन अनशन खत्म करने का दबाव बनाता रहा लेकिन अभ्यर्थी पीछे हटने को तैयार नहीं हुए हैं।

Source- Jagran
31-3-2012

टीईटी संघर्ष मोर्चा ने तैयार की आंदोलन की रणनीति

टीईटी संघर्ष मोर्चा ने तैयार की आंदोलन की रणनीति


टीईटी संघर्ष मोर्चा ने तैयार की आंदोलन की रणनीति
बहराइच,प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा निरस्त करने की सुगबुगाहट देख टीईटी संघर्ष मोर्चा ने आपात बैठक कर आंदोलन की रणनीति को अंतिम रूप दिया।
गुरुवार को कपूरथला स्थित इंदिरा उद्यान पार्क में शिक्षक पात्रता उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में टीईटी परीक्षा निरस्त करने पर प्रदेश सरकार द्वारा विचार करने को लेकर आंदोलन करने का निर्णय लिया गया। अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को विधानसभा के सामने विशाल धरना प्रदर्शन में शामिल होने का निर्णय लिया। बैठक में आलोक द्विवेदी, आनंद पांडेय, मनीष गौड़, रघुनंदन तिवारी, विमलेश त्रिवेदी, रवि पाठक, विनोद कुमार, शोभाराम, साकेत तिवारी, सूर्यप्रकाश, नंदिनी द्विवेदी, नूर फातिमा, ओमप्रकाश सिंह, रामाशीष मिश्र, रेहाना खातून, राजीव, गोलू मिश्र सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

Source- Jagran
30-3-2012

Friday 30 March 2012

शिक्षा मंत्री से मिले टीईटी अध्यापक

शिक्षा मंत्री से मिले टीईटी अध्यापक


जागरण संवाददाता, संगरूर
अध्यापक योग्यता परीक्षा (टीईटी) पास अध्यापक यूनियन का एक वफद शुक्रवार को अपनी मांगों के लिए शिक्षा मंत्री सिकंदर सिंह मलूका से उनके निवास पर मिला।
यूनियन के महासचिव रघवीर सिंह भवानीगढ़ के बताया कि यूनियन के वफद ने शिक्षा मंत्री से मिलकर मई 2011 में अप्लाई करवाई गई मास्टर काडर की 3442 आसामियों में 3000 की वृद्धि करने, कौंसलिंग दे चुके सभी टीईटी पास शिक्षकों को नियुक्त करने की मांगें रखीं। मांगों में सरकारी स्कूलों के साथ अ‌र्द्धसरकारी, एडेड व नए खोले जा रहे आदर्श स्कूलों में टीईटी पास शिक्षक भर्ती करना, टीईटी पास शिक्षकों को भविष्य में होने वाली भर्ती में बैच-अनुसार पहल के आधार पर भर्ती करने की नीति बनाना भी शामिल थे। वफद ने सर्वशिक्षा अभियान तथा जिला परिषद की 7041 आसामियों पर भर्ती का इश्तहार देने की भी मांग की। शिक्षा मंत्री ने यूनियन की मांगें सुनकर जायज मांगें जल्द पूरी करने का आश्वासन दिया।
इस मौके पर प्रदेश महासचिव रघवीर सिंह, प्रदेश प्रेस सचिव इशपाल सिंह, अमनदीप सिंह, अश्वनी कुमार बठिंडा आदि भी मौजूद थे।

Source- Jagran
30-3-2012

टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का प्रदर्शन

टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का प्रदर्शन


टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का प्रदर्शन
मऊ : टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की अब अध्यापक बनने की बुझने लगी आस। सपा सरकार के वजूद में आने के बाद भी अरमान पूरे होते न देखकर शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने वाले जनपद के दर्जनों लोगों ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर नियुक्ति की मांग की।

Source- Jagran
30-3-2012

UPTET STAY TILL 12-4-2012


भर्ती पर पुराने कुछ आदेश

भर्ती पर पुराने कुछ आदेश

बिहार में प्रशिक्षित शिक्षकों की भर्ती का आदेश


नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। बिहार में नौकरी की बाट जोह रहे प्रशिक्षित शिक्षकों के लिए खुशखबरी है। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को 31 अगस्त तक प्रशिक्षित शिक्षकों के सभी 34540 पदों को भरने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति अल्तमश कबीर व न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की पीठ ने ये आदेश प्रशिक्षित शिक्षकों की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान जारी किए। इस भर्ती के लिए वर्ष 2006 तक प्रशिक्षण पूरा करने वाले लोग आवेदन कर सकते हैं। प्रशिक्षित शिक्षकों में फिजिकल ट्रेंड शिक्षकों को भी शामिल किया जाएगा। कोर्ट ने कहा है कि भर्ती वरिष्ठता के आधार पर की जाएगी।
बिहार सरकार के वकील मनीष कुमार ने अनुरोध किया कि भर्ती में राज्य की आरक्षण नीति लागू करने की अनुमति दी जाए लेकिन प्रतिपक्षियों को इस पर आपत्ति थी। उनका कहना था कि सभी 34,540 पदों पर भर्ती की जाए और इनमें से आरक्षित कोटे के जो पद खाली रह जाएं उन्हें सामान्य वर्ग से भरा जाए। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बात स्वीकार करते हुए कहा कि भर्ती में राज्य की आरक्षण नीति भी लागू होगी लेकिन आरक्षित पदों के रिक्त रह जाने पर उन्हें सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों से भरा जाएगा। इस मामले पर कोर्ट आठ सितंबर को फिर सुनवाई करेगा।
बिहार में प्रशिक्षित शिक्षकों की भर्ती का यह विवाद पुराना है। वर्ष 2003 में राज्य सरकार ने 34,540 पदों पर शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन निकाला। इस विज्ञापन में प्रशिक्षित और गैर प्रशिक्षित दोनों तरह के शिक्षकों की भर्ती के आवेदन मंगाए गए थे। भर्ती प्रक्रिया को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी गई और पटना हाईकोर्ट ने भर्ती नियमों को गलत ठहराते हुए विज्ञापन और प्रक्रिया निरस्त कर दी थी।
बाद में सुप्रीमकोर्ट ने राज्य सरकार को रिक्त पदों पर प्रशिक्षित शिक्षकों की भर्ती का आदेश दिया। सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बावजूद जब राज्य सरकार ने भर्ती नहीं की, तो आवेदन करने वाले कुछ उम्मीदवारों ने राज्य सरकार के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल कर आदेश पर अमल की मांग की है। 

पटना हाईकोर्ट ने चयनित सिपाहियों को छह महीने में नियुक्त करने का निर्देश

पटना हाईकोर्ट ने चयनित सिपाहियों को छह महीने में नियुक्त करने का निर्देश दिया है। इन सभी ने 2004 में निकले विज्ञापन के आधार पर परीक्षा दी थी और सफल हुए। 2006 में शारीरिक जांच परीक्षा का रिजल्ट निकला किन्तु इनकी नियुक्ति नहीं हो पायी। आरोप है कि इनको छोड़ नयी नियुक्तियां शुरू हो गयीं। नतीजतन, नौकरी पाने से वंचित रहे लोग न्यायालय की शरण में आये हैं। न्यायाधीश टी.मीना कुमारी एवं न्यायाधीश अखिलेश चन्द्रा की खंडपीड ने मंगलवार को 153 याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई पूरी की। वकार अहमद एवं अन्य की ओर से वरीय अधिवक्ता राजीव कुमार वर्मा ने कोर्ट को बताया कि शारीरिक जांच परीक्षा में सफल हुए उम्मीदवार छह वर्ष से अपने चयन का लेकर पशोपेश में हैं, जबकि सिपाहियों की नयी बहाली शुरू कर दी गयी है। सरकार पुराने को भूल गयी है। राज्य सरकार की ओर से दायर शपथपत्र में कहा गया था कि सिपाहियों के कुल कितने चयनित सिपाही पर रिक्त हैं, इसका पता लगाना पड़ेगा। इस पर ऐतराज करते हुए खंडपीठ ने कहा कि रिक्तियों का बगैर पता लगाये विज्ञापन कैसे निकाल दिया गया? यदि कुल रिक्तियों का पता नहीं है तो इसका 6 माह में पता लगा लिया जाए और सफल उम्मीदवारों को नियुक्त किया जाए। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरीय अधिवक्ता चित्तरंजन सिन्हा, अधिवक्ता इब्राहिम कबीर व अन्य ने अदालत को सिपाही नियुक्ति की सारी प्रक्रिया से अवगत कराया। कोर्ट को बताया गया कि 19 मार्च 2006 को शारीरिक जांच परीक्षा का रिजल्ट निकाला गया था। विज्ञापन के अनुसार सभी जिलों में बीएमपी, जिला पुलिस व अन्य प्रकार की सिपाहियों की बहाली की जानी थी। यहां तक कि 2007 में सेलेक्सन लिस्ट भी तैयार कर ली गयी थी। किन्तु चयनित सिपाहियों की नियुक्ति नहीं हो पायी। इस विज्ञापन को दरकिनार कर नये सिरे से नियुक्ति की जाने लगी।

बेरोजगारी भत्ते के बदले काम भी करना होगा!

स्वदेश कुमार, लखनऊ
सूबे में बेरोजगारी भत्ता हासिल करने वालों को काम भी करना पड़ सकता है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि बेरोजगारी भत्ता की चाह रखने वाले अपात्रों की छंटनी की जा सके। योजना को फिलहाल मुख्यमंत्री के स्तर से अनुमति मिलनी बाकी है लेकिन पूरा खाका तय कर लिया गया है। योजना है कि बेरोजगारों से वही काम लिया जाए जो उनकी काबलियत के अनुरूप हो और उतना ही काम लिया जाये जिससे साल भर के भत्ते की भरपाई की जा सके।
बेरोजगारी भत्ते को लेकर सरकार के सामने सबसे बड़ी समस्या अपात्रों को रोकने की है। अपात्र का आशय ऐसे लोगों से है जो कहीं छोटी-मोटी निजी स्तर की नौकरियां कर रहे हैं लेकिन बेरोजगारी भत्ते के लिए रजिस्ट्रेशन करा रखा है। जो व्यवस्था की जा रही है, उसे इस तरह से समझा जा सकता है। मान लीजिए, भत्ता लेने वाला बेरोजगार कम्प्यूटर का जानकार है। वह एक हजार रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ते के हिसाब से साल में 12,000 पाता है। वहीं, दूसरी ओर कम्प्यूटर आपरेटर की तनख्वाह सरकारी तौर पर छह हजार रुपये प्रतिमाह हो तो जिलाधिकारी को अधिकार होगा कि वह बेरोजगार से किसी विभाग में दो माह के लिए कम्प्यूटर आपरेटर का काम ले सके। विभाग का मानना है कि भत्ते के एवज यदि काम की शर्त होगी तो ऐसे लोग अपने आप दावेदारी से हट जाएंगे जो पहले से ही कहीं नौकरी कर रहे हैं क्योंकि उन्हें अपना नियमित काम छोड़ना होगा।
परिवार की आर्थिक स्थिति भी होगी तय : भत्ते के लिए तय की जा रही नियमावली में इसका प्रावधान किया जा रहा है कि केवल उन्हीं बेरोजगारों को ही भत्ता दिया जायेगा, जिनके परिवारों की वार्षिक आय शहरों में 26000 रुपये से कम और गांवों में 20000 रुपये से कम होगी। परिवार में अगर एक से अधिक बेरोजगार होंगे तो उन सभी को भत्ता मिलेगा। भत्ता उन्हीं बेरोजगारों को दिया जायेगा जो सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत होंगे।

Source- Jagran
30-3-2012

टीईटी- बेमियादी अनशन करने को मजबूर

लखनऊ : अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थी अब बेमियादी अनशन करने को मजबूर हो गए हैं। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघर्ष मोर्चा की गुरुवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। अभ्यर्थियों का कहना है कि अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक इस पक्ष में कोई सकारात्मक निर्णय नहीं हो जाता। गौरतलब है कि अभ्यर्थी टीईटी निरस्त होने की आशंका के चलते आंदोलनरत हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि टीईटी घोटाले की गाज निदरेष अभ्यर्थियों पर गिराना ठीक नहीं हैं। हालांकि मामला अभी कोर्ट में लंबित है।
परीक्षा परिणाम में संशोधन के नाम पर की गई धांधली में कई अधिकारियों को कार्रवाई की गई। बड़े स्तर पर हुई धांधली के कारण इस परीक्षा के निरस्त होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। हालांकि इस आशंका से टीईटी पास अभ्यर्थियों की उम्मीदों को तोड़ दिया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि धांधली में उनका क्यो दोष? उन्होंने परीक्षा पास की है, परिणाम निकला है तो नियुक्ति की प्रक्रिया भी प्रारम्भ की जाए।
टीईटी उत्तीर्ण आज से बेमियादी अनशन पर

Source- Jagran
30-3-2012

टीईटी की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग

टीईटी की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग


इलाहाबाद : बीटीसी अभ्यर्थियों ने गुरुवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर मांग की है कि बीटीसी के लिए टीईटी उत्तीर्ण की बाध्यता खत्म की जाए। बीटीसी प्रशिक्षण 2004, उर्दू बीटीसी 2006, विबीटीसी 2007 व 2008 के सामान्य व विशेष चयन के बचे हुए अभ्यार्थी और बीटीसी प्रशिक्षण 2010 के वे सभी अभ्यर्थी जिनका चयन 23 अगस्त 2010 के पूर्व हो चुका हो उनके लिए टीईटी उत्तीर्ण की बाध्यता खत्म कर दी जाए। अभ्यर्थियों ने बताया है कि एनसीटीई के अधिसूचना के पैरा पांच में इस बात को कहा गया है कि उक्त तारीख से पहले की सभी नियुक्तियों को एनसीटीई के नियमानुसार की जाए।

 Source- Jagran
29-3-2012

टीईटी परीक्षा पास कराने के नाम पर 11 लाख की ठगी

टीईटी परीक्षा पास कराने के नाम पर 11 लाख की ठगी


रामपुर। टीईटी (अध्यापक पात्रता परीक्षा) के नाम पर ठगी के तार शहर से भी जुड़े हैं। यहां भी एक संस्था चलाने वालों ने लोगों से परीक्षा पास कराने के नाम पर लाखों की ठगी की। मुरादाबाद के दो पीड़ित सामने आए हैं, जिन्होंने आरोपियों की शिकायत एसपी से करते हुए रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग की।
मुरादाबाद जनपद के बिलारी तहसील अंतर्गत ग्राम गवारऊ निवासी मोहम्मद इरफान की पत्‍‌नी आसिया कमाल और उनके बुद्धि विहार मझौला निवासी दोस्त अरुण गौर ने टीईटी की परीक्षा दी थी। आरोप है कि परीक्षा पास कराने के नाम पर रामपुर के थाना सिविल लाइंस अंतर्गत जौहर मार्ग पर इंस्टीट्यूट चलाने वाली एक संस्था के डायरेक्टर, प्रबंधक और प्रधानाचार्य ने उनसे 11 लाख रुपये लिए थे। आरोपियों ने अपने संबंध तत्कालीन मुख्यमंत्री और केबिनेट सचिव स्तर तक बताए। बीते साल दस नवबर को ज्वालानगर के कुछ लोगों की मौजूदगी में इंस्टीट्यूट पर रकम दी गई। आरोपियों ने वाद किया कि पास न होने पर 15 दिन में रकम पूरी वापस लौटा दी जाएगी। दोनों परीक्षा में पास नहीं हुए, लेकिन आरोपियों ने फिर भी रकम नहीं लौटाई। रुपये वापस मांगे तो जान से मारने की धमकी दी। इस पर पीड़ित गुरुवार को रामपुर आए। एसपी को संबोधित प्रार्थना पत्र देकर आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने और रुपये वापस दिलाने की मांग की।

Thursday 29 March 2012

30 march को लखनऊ चलो

30 march को लखनऊ चलो----
विधानसभा घेरो नौकरी लेलो ।

भर्ती के लिए टीईटी अभ्यर्थियों ने किया अनशन

इटावा, कार्यालय प्रतिनिधि : भर्ती प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ करने की मांग को लेकर टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने संघर्ष मोर्चा के बैनर तले कचहरी में अनशन किया। शासन से मांग की गयी कि टीईटी परीक्षा किसी भी दशा में निरस्त न की जाये।
उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा संघर्ष मोर्चा द्वारा मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया है। संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष वैभव यादव ने कहा कि सचिव बेसिक शिक्षा द्वारा 30 नवंबर 2011 को 72,825 शिक्षकों की भर्ती के लिए जो विज्ञापन जारी हुआ था उसकी वैधता पर सवाल उठाते हुए उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है। जब कि उच्च न्यायालय की तरफ से सरकार की ओर से उचित जवाब मांगा गया है और शासन स्तर से उचित जवाब पेश न होने के कारण सुनवाई की तिथि लंबित बढ़ती जा रही है। भर्ती प्रक्रिया का 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है।
टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलता संघर्ष जारी रहेगा। अनशन पर विपिन कुमार, गौरव कुमार सिंह, मनोज कुमार, गजेंद्र तिवारी, विवेक गुप्ता, संजीव यादव, आलोक यादव, अनिल कुमार, नरेंद्र कुमार राठौर, हितेंद्र राजपूत, अंकुर गुप्ता, अनुराग जैन, दिलीप सक्सेना, सुनील यादव, ललित गुप्ता, अजय शंकर, अतुल श्रीवास्तव, मोहम्मद शारिक निसार, शिव शंकर, अभिषेक यादव, आनंद पाल, प्रियंका कुशवाहा, ज्योति, श्वेता, सीमा, सानिया खान, अंजली बाथम, शाहीन सिद्दीकी सहित अनेक अभ्यर्थी उपस्थित रहे।


Source- Jagran
29-3-2012
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चयन प्रक्रिया संशोधित करने की गुहार

चयन प्रक्रिया संशोधित करने की गुहार
लखनऊ, 28 मार्च (संसू): बीते काफी समय से प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों की भर्ती एकेडमिक मेरिट सूची के आधार पर हो रही थी, इसी प्रक्रिया को बहाल करने की मांग को लेकर प्रदेश विशिष्ट बीटीसी संघर्ष मोर्चा ने बुधवार को विधान भवन के सामने धरना दिया। उन्होंने प्रदेश सरकार से प्राथमिक शिक्षकों की चयन प्रक्रिया को संशोधित करने की मांग की। प्रदेशभर से जुटे विशिष्टबीटीसी संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने नारेबाजी की और प्रदेश सरकार से गुहार की कि शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट के आधार पर प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती पर रोक लगाई जाए क्योंकि विज्ञापन के अनुसार यह परीक्षा पास करना प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए जरूरी था, इस आधार पर चयन नहीं होना था।परीक्षा के चार दिन पहले प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन करके टीईटी को पात्रता परीक्षानहीं, चयन प्रक्रिया का आधार बना दिया। आखिर यह संशोधन आनन फानन क्यों किया गया? इस प्रकार से टीईटी मेरिट के आधार पर अध्यापकों का चयन किया जाना गलत है और आवेदकों केसाथ धोखा। राज्य सरकार दे सकती है भारांक : धरना दे रहे युवकों ने एनसीटीई के सचिव विक्रम सहाय की तरफ से 11 फरवरी 2011 को जारी निर्देश का भी हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार चाहे तो शिक्षक पात्रता परीक्षा के अंकों का भारांक दे सकती है, किंतु शिक्षक पात्रता परीक्षा को शिक्षक चयन प्रक्रिया का आधार नहीं बनाएगी। युवकों ने प्रदेश सरकार से मांग की कि वे पूर्व कीतरह ही एकेडमिक मेरिट के आधार पर ही प्राथमिक स्तर शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया बहाल करे। टीईटी को केवल पात्रता परीक्षा ही बनाए रखा जाए नकि चयन परीक्षा।

Source- Jagran
29-3-2012

भर्ती एकेडेमिक पर करना सही है या गलत -
१- क्या हाईस्कूल और इंटर के एक्साम देने से पहले ये बताया जाता है कि इसके मार्क्स से ही जॉब दी जाएगी ?
२- क्या एकेडेमिक में अंको का आंकलन सही हो पाता है? 
३- पिछले आठ सालो से रिजल्ट का प्रतिसत बहुत बड़ चुका है
४- किसी भी बोर्ड में समानता नही है   
५- क्या किसी छात्र के भूतकाल से ही उसका भविष्य तय किया जायेगा ? 


टीईटी : रद हो सकती शिक्षक भर्ती प्रक्रिया!

लखनऊ, जागरण ब्यूरो : बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती के सिलसिले में लंबित चयन प्रक्रिया निरस्त की जा सकती है। शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के परीक्षा परिणाम में धांधली उजागर होने से इसकी शुचिता तार-तार हो चुकी है।
ऐसे में शासन स्तर पर बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों के बीच शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने के बारे में सहमति बनी है। सूत्रों के मुताबिक भर्ती प्रक्रिया को रद करने के बारे में बेसिक शिक्षा निदेशालय से प्रस्ताव मांगा गया है। भर्ती प्रक्रिया को रद करने के बाद नये सिरे से शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी की मेरिट को ही चयन का आधार बनाने के बसपा सरकार के निर्णय को भी बदला जाना तय है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 23 अगस्त 2010 को अधिसूचना जारी कर शिक्षा के अधिकार के तहत कक्षा एक से आठ तक के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी को अनिवार्य कर दिया था।
एनसीटीई ने 11 फरवरी 2011 को राज्यों को टीईटी के आयोजन के बारे में विस्तृत दिशानिर्देश जारी करते हुए इसे शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अर्हताकारी परीक्षा ही करार दिया था। मायावती सरकार ने उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में संशोधन कर टीईटी की मेरिट को ही शिक्षकों के चयन का आधार बना दिया था। टीईटी के आयोजन की जिम्मेदारी यूपी बोर्ड को सौंपी गई थी। यूपी बोर्ड ने 13 नवंबर को टीईटी आयोजित किया था और 25 नवंबर को परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया था।

Source- Jagran
29-3-2012


Guidelines for conducting Teacher Eligibility Test (TET) by NCTE

Guidelines for conducting Teacher Eligibility Test (TET)
Background and Rationale
The implementation of the Right of Children to Free and Compulsory Education
(RTE) Act, 2009 requires the recruitment of a large number of teachers across the country
in a time bound manner. Inspite of the enormity of the task, it is desirable to ensure that
quality requirement for recruitment of teachers are not diluted at any cost. It is therefore
necessary to ensure that persons recruited as teachers possess the essential aptitude
and ability to meet the challenges of teaching at the primary and upper primary level.
2 In accordance with the provisions of sub-section (1) of section 23 of the Right of
Children to Free and Compulsory Education (RTE) Act, 2009, the National Council for
Teacher Education (NCTE) has laid down the minimum qualifications for a person to be
eligible for appointment as a teacher in class I to VIII, vide its Notification dated August 23,
2010. A copy of the Notification is attached at Annexure 1. One of the essential
qualifications for a person to be eligible for appointment as a teacher in any of the schools
referred to in clause (n) of section 2 of the RTE Act is that he/she should pass the Teacher
Eligibility Test (TET) which will be conducted by the appropriate Government.
3 The rationale for including the TET as a minimum qualification for a person to be
eligible for appointment as a teacher is as under:
i. It would bring national standards and benchmark of teacher quality in the
recruitment process;
ii. It would induce teacher education institutions and students from these
institutions to further improve their performance standards;
iii. It would send a positive signal to all stakeholders that the Government lays
special emphasis on teacher quality
4 The TET examination may be conducted by a suitable professional body
designated by the appropriate Government for the purpose. It will be conducted in
accordance with the Guidelines hereunder.
Eligibility
5 The following persons shall be eligible for appearing in the TET:
i. A person who has acquired the academic and professional qualifications
specified in the NCTE Notification dated 23rd August 2010.
ii. A person who is pursuing any of the teacher education courses (recognized by
the NCTE or the RCI, as the case may be) specified in the NCTE Notification
dated 23rd August 2010.
iii. The eligibility condition for appearing in TET may be relaxed in respect of a
3
State/UT which has been granted relaxation under sub-section (2) of section 23
of the RTE Act. The relaxation will be specified in the Notification issued by the
Central Government under that sub-section.
Structure and Content of TET
6 The structure and content of the TET is given in the following paragraphs. All
questions will be Multiple Choice Questions (MCQs), each carrying one mark, with four
alternatives out of which one answer will be correct. There will be no negative marking.
The examining body should strictly adhere to the structure and content of the TET
specified below.
7 There will be two papers of the TET. Paper I will be for a person who intends to be
a teacher for classes I to V. Paper II will be for a person who intends to be a teacher for
classes VI to VIII. A person who intends to be a teacher either for classes I to V or for
classes VI to VIII will have to appear in both papers (Paper I and Paper II).
Paper I (for classes I to V); No. of MCQs – 150;
Duration of examination: one-and-a-half hours
Structure and Content (All Compulsory)
(i) Child Development and Pedagogy 30 MCQs 30 Marks
(ii) Language I 30 “ 30 “
(iii) Language II 30 “ 30 “
(iv) Mathematics 30 “ 30 “
(v) Environmental Studies 30 “ 30 “
Nature and standard of questions
While designing and preparing the questions for Paper I, the examining body shall
take the following factors into consideration:
 The test items on Child Development and Pedagogy will focus on educational
psychology of teaching and learning relevant to the age group of 6-11 years.
They will focus on understanding the characteristics and needs of diverse
learners, interaction with learners and the attributes and qualities of a good
facilitator of learning.
 The Test items for Language I will focus on the proficiencies related to the
medium of instruction, (as chosen from list of prescribed language options in
the application form).
 The Language II will be from among the prescribed options other than
Language I. A candidate may choose any one language from the available
language options and will be required to specify the same in the application
form. The test items in Language II will also focus on the elements of language,
communication and comprehension abilities.
4
 The test items in Mathematics and Environmental Studies will focus on the
concepts, problem solving abilities and pedagogical understanding of the
subjects. In all these subject areas, the test items shall be evenly distributed
over different divisions of the syllabus of that subject prescribed for classes I–V
by the appropriate Government.
 The questions in the tests for Paper I will be based on the topics of the
prescribed syllabus of the State for classes I–V, but their difficulty standard, as
well as linkages, could be upto the secondary stage.
Paper II (for classes VI to VIII); No. of MCQs – 150;
Duration of examination : one-and-a-half hours
Structure and Content
(i) Child Development & Pedagogy (compulsory) 30 MCQs 30 Marks
(ii) Language I (compulsory) 30 “ 30 “
(iii) Language II (compulsory) 30 “ 30 “
(iv) (a) For Mathematics and Science teacher : Mathematics and Science – 60 MCQs
of 1 mark each
(b) For Social studies teacher : Social Studies - 60 MCQs of 1 mark each
(c) for any other teacher – either 4(a) or 4(b)
While designing and preparing the questions for Paper II, the examining body shall
take the following factors into consideration:
 The test items on Child Development and Pedagogy will focus on
educational psychology of teaching and learning, relevant to the age
group 11-14 years. They will focus on understanding the characteristics,
needs and psychology of diverse learners, interaction with learners and
the attributes and qualities of a good facilitator of learning.
 The test items for Language I will focus on the proficiency related to the
medium of instruction, as chosen from list of prescribed options in the
application form.
 The Language II will be a language other than Language I. The person
may choose any one language from among the available options and as
in the specified list in the application form and attempt questions in the
one indicated by the candidate in the application form by him. The Test
items in Language II will also focus on the elements of language,
communication and comprehension abilities.
 The test items in Mathematics and Science, and Social Studies will focus
on the concepts, problem solving abilities and pedagogical understanding
of these subjects. The test items of Mathematics and Science will be of
5
30 marks each. The test items shall be evenly distributed over different
divisions of the syllabus of that subject as prescribed for classes VI-VIII
by the appropriate government.
 The questions in the tests for Paper II will be based on the topics of the
prescribed syllabus of the State for classes VI-VIII but their difficulty
standard as well as linkages could be upto the senior secondary stage.
8 The question paper shall be bilingual – (i) in language(s) as decided by the
appropriate Government; and (ii) English language.
Qualifying marks
9 A person who scores 60% or more in the TET exam will be considered as TET
pass. School managements (Government, local bodies, government aided and unaided)
(a) may consider giving concessions to persons belonging to SC/ST, OBC,
differently abled persons, etc., in accordance with their extant reservation
policy;
(b) should give weightage to the TET scores in the recruitment process; however,
qualifying the TET would not confer a right on any person for
recruitment/employment as it is only one of the eligibility criteria for
appointment
भर्ती प्रकिया में वेटेज दिया जा सकता है और यह भी कहा गया है कि जो लोग टेट पास करेंगे जरुरी नही कि उन सबको नौकरी दी जाये टेट एक पात्रता परीक्षा है लेकिन टेट पास लोगो को भर्ती प्रक्रिया में वेटेज दिया जा सकता है और यह वेटेज कितना हो यह राज्य सरकार पर निर्भर करता है NCTE की GUIDELINES में कही पर भी ये नही कहा गया है कि टेट के अंको से भर्ती नही की जा सकती है और यदि टेट के अंको का कोई महत्व नही है तो GUIDELINES में ये क्यों कहा जाता कि छात्र अपने टेट के अंको को बढाने के लिए दोवारा टेट दे सकते है
Applicability
10
(a) TET conducted by the Central Government shall apply to all schools referred to in
sub-clause (i) of clause (a) of section 2 of the RTE Act.
(b) TET conducted by a State Government/UT with legislature shall apply to :
(i) a school of the State Government/UT with legislature and local authority
referred to in sub-clause (i) of clause (n) of section 2 of the RTE Act; and
(ii) a school referred to in sub-clause (ii) of clause (n) of section 2 of the RTE
Act in that State/UT.
A school at (i) and (ii) may also consider eligibility of a candidate who has obtained
TET Certificate awarded by another State/UT with legislature. In case a State
Government/UT with legislature decides not to conduct a TET, a school at (i) and
(ii) in that State/UT would consider the TET conducted by the Central Government.
(c) A school referred to in sub-clause (iv) of clause (n) of section 2 of the RTE Act may
exercise the option of considering either the TET conducted by the Central
Government or the TET conducted by the State Government/UT with legislature.
6
Frequency of conduct of TET and validity period of TET certificate
11 The appropriate Government should conduct a TET at least once every year. The
Validity Period of TET qualifying certificate for appointment will be decided by the
appropriate Government subject to a maximum of seven years for all categories. But there
will be no restriction on the number of attempts a person can take for acquiring a TET
Certificate. A person who has qualified TET may also appear again for improving his/her
score.

Procedure for conduct of the Test
12 The examining body shall formulate a detailed procedure and lay down instructions
for conduct of the TET. Candidates should be informed that a very serious view will be
taken of any malpractice or impersonation.
Legal Disputes
13 All legal disputes with regard to conduct of TET shall be subject to the jurisdiction of
the appropriate Government.
Award of TET Certificate
14 The appropriate Government conducting the Test shall award a TET Certificate to
all successful candidates. The certificate should contain the name and address of the
candidate, date of birth, Registration No. year/month of award of Certificate, marks
obtained in each Paper, class level of its validity (Class I to V, class VI to VIII or both),
and, in case of classes VI to VIII, the subject area (Science and Mathematics, Social
Studies, etc.). The certificate may be electronically generated with adequate security
features. Appropriate may consider utilizing the services of specialized agencies for
issuing de-materialized (demat) TET certificates as a security feature to avoid any kind of
malpractice.
Monitoring
15 Following measures would be taken for monitoring the quality and administration of
the TET:
(a) The appropriate Government shall appoint a Nodal Officer for the purpose of
TET.
(b) The NCTE would organize meetings of the Nodal Officers at least once every
year.
(c) Every appropriate will forward a report of each TET to the NCTE in a format to
be prescribed by the NCTE.
(d) The NCTE shall maintain data base and be the repository of experts and
resources, including the technological tools for conduct of the TET, and shall
share it with the appropriate Government.

Wednesday 28 March 2012

मुख्यमंत्री से मिले टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी

मुख्यमंत्री से मिले टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी
लखनऊ : अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थी मंगलवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिले। अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि टीईटी को रद न किया जाए। मुख्यमंत्री ने मामला न्यायालय में होने का हवाला देते हुए कोई निर्णय करने से इनकार किया। हालांकि उन्होंने एक बार फिर विस्तृत वार्ता के लिए तीन सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल को दोबारा बुलाया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा में यदि धांधली हुई है तो दोषियों को सजा दी जाए। संशोधन के नाम पर साठगांठ की गई है, लिहाजा संशोधन से पहले का रिजल्ट निरस्त न किया जाए। मुख्यमंत्री को इन सभी परिस्थितियों से अवगत कराने के लिए टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से मिला। मुख्यमंत्री ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए विस्तृत वार्ता के लिए दोबारा बुलाया है।

Source- Jagran
28-3-2012

UPTET STAY TILL 5-4-2012


टीईटी मेरिट पर नहीं होगी शिक्षकों की भर्ती

टीईटी मेरिट पर नहीं होगी शिक्षकों की भर्ती


लखनऊ/ब्यूरो।




TET recruit teachers on merit will not
यूपी में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए मायावती सरकार द्वारा किए गए एक महत्वपूर्ण निर्णय को पलटने की तैयारी है। इन स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) मेरिट के आधार पर न करके शैक्षणिक मेरिट के आधार पर पूर्व की तरह ही की जाएगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली को संशोधित किया जाएगा।

माया सरकार भर्ती के लिए मानक बदल दिया
सचिव बेसिक शिक्षा सुशील कुमार ने मंगलवार को विभागीय अधिकारियों के साथ पहली बैठक में इस संबंध में निर्देश दे दिया है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी अनिवार्य किया है। एनसीटीई की 23 अगस्त, 2010 को जारी अधिसूचना में स्पष्ट कहा गया है कि यह पात्रता परीक्षा होगी। इसे पास करने वाला ही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकता है, लेकिन मायावती सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए मानक ही बदल दिया।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरफ्तार किए गए
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली में शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट के आधार पर करने की व्यवस्था कर दी गई। टीईटी में पात्रता के स्थान पर अर्हता किए जाने के बाद हुई धांधली के चलते माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन गिरफ्तार भी किए जा चुके हैं। सचिव बेसिक शिक्षा ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ बैठक में सबसे पहले समीक्षा के दौरान टीईटी और शिक्षकों की भर्ती के बारे में जानकारी प्राप्त की।

इस पर उन्होंने निर्देश दिया कि पात्रता को अर्हता किया जाना गलत है। टीईटी पात्रता परीक्षा है। इसलिए शिक्षकों की भर्ती शैक्षणिक मेरिट के आधार पर ही पूर्व की तरह की जाए। इसके लिए बेसिक शिक्षा निदेशालय से नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव बनाकर भेजने को भी कहा है। शिक्षकों की भर्ती के संबंध में निर्देश दिया है कि हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

Source- Amar Ujala
28-3-2012

TET MERIT CAN BE THE BASE OF PRT SELECTION- HIGH COURT

 

 

http://uptetbreakingnews.blogspot.in/2012/02/tet-merit-can-be-base-of-prt-selection.html

 

एनसीटीई के अनुसार नियुक्ति में टेट के अंको का वेटेज दिया जा सकता है वेटेज कितना हो यह राज्य सरकार पर निर्भर करता है 

 

 http://uptetbreakingnews.blogspot.in/2012/02/guidelines-for-conducting-teacher.html 

 

HIGH COURT DECISION FAVOURING TO TET MERIT

 

http://uptetbreakingnews.blogspot.in/2012/02/high-court-decision-favour-to-tet-merit.html 

Tuesday 27 March 2012

टीईटी भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू की जाये


टीईटी भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू की जाये

 
टीईटी भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू की जाये
इटावा, कार्यालय प्रतिनिधि : उप्र अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि टीईटी परीक्षा किसी भी दशा में निरस्त न कर भर्ती प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जाये। टीईटी अभ्यर्थी 28 मार्च को अनशन करेंगे।
जनपद के टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने बताया कि बेसिक शिक्षा सचिव द्वारा 30 नवंबर 2011 को 72,825 शिक्षकों की भर्ती के लिए जो विज्ञापन जारी हुआ था उसकी वैधता पर सवाल उठाते हुए उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है। भर्ती प्रक्रिया का 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। टीईटी प्रवेश फार्म के आवेदन से लेकर अब तक प्रत्येक अभ्यर्थी 20,000 या उससे अधिक की धनराशि इस भर्ती के संदर्भ में खर्च कर चुका है। ऐसे में भर्ती में देरी के कारण उत्तीर्ण अभ्यर्थी मानसिक तनाव व अवसाद झेल रहे हैं।
टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी गौरव कुमार सिंह एवं वैभव यादव ने बताया कि 28 मार्च को इसी सिलसिले में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक कचहरी प्रांगण में अनशन किया जायेगा। इस मौके पर कचहरी में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया। उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में अभिषेक यादव, देवेश बाबू यादव, गौरव कुमार सिंह, आलोक कुमार, कुलदीप शाक्य, मनोज, नीरज, भारत कुशवाहा आदि मौजूद थे।
 Source- Jagran
26-3-2012

कोर्ट का पेच हटने के बाद टीईटी उत्तीर्ण छात्रों को मिलेगी नौकरी

बलिया। शिक्षा मंत्री बनने के बाद रामगोविंद चौधरी के जनपद में प्रथम आगमन से जहां जिले के लोगों में कई उम्मीदें जगी हैं वहीं मंत्री जी ने ऊहापोह से गुजर रहे टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को नौकरी मिलने की आस जगा दी है। उन्होंने कहा कि यूपी टीईटी अभ्यर्थियों को नौकरी जरूर मिलेगी। इस बयान के बाद अभ्यर्थियों में खुशी है।
प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा के स्तर पर कहा कि कान्वेंट स्कूलों की तरह प्राथमिक विद्यालयों में भी शिक्षा और सुविधा मुहैया कराने की योजना बनाई जा रही है। प्राथमिक विद्यालयों में शैक्षणिक वातावरण कायम रखा जाएगा। इन विद्यालयों ने देश को प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, कलक्टर व पुलिस कप्तान दिए हैं। इन विद्यालयों से शिक्षा प्राप्त कर लोग सामाजिक कार्यकर्ता एवं वैज्ञानिक बनते हैं। यह बाते कहते हुए कैबिनेट मंत्री रामगोविंद चौधरी पत्रकारों से मुखातिब थे। उन्होंने श्री श्रीरविशंकर के उस बयान को गलत ठहराया जिसमें श्री ने प्राथमिक विद्यालयों में नक्सली पैदा करने की बात कही थी।
बेसिक शिक्षा मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि मैं श्री श्रीरविशंकर जी का सम्मान करता हूं। लेकिन उन्होंने यह बातें क्यों कहीं इसके बारे में वहीं बता सकते हैं। प्राथमिक विद्यालयों की शिक्षा को और बेहतर करने के लिए शिक्षकों को चुनावी ड्यूटी छोड़कर किसी दूसरे कार्य में नहीं लगाए जाने की बात कही। उन्होंने टीईटी उत्तीर्ण छात्रों के प्रति सहानुभूति जताते हुए कहा कि जब मेरी सरकार बेरोजगारों को भत्ता दे रही तो शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को नौकरी अवश्य मिलेगी। कहा कि इस मामले में विभागीय अधिकारियों से बात की गई है। अप्रैल माह तक हाईकोर्ट में इस पर स्टे है। पत्रकार वार्ता के दौरान श्री चौधरी ने सूबे के सभी गुरुजनों को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यालयों में शैक्षणिक वातावरण बनाए तथा छात्रों को पढ़ाने की प्रक्रिया प्रारंभ करें। उन्होंने खासकर बलिया के शिक्षकों से निवेदन करते हुए अपनी प्रतिष्ठा को उनके हाथ में बताया। इसके साथ ही कहा कि शिक्षकों की सभी समस्याओं का समाधान तत्काल किया जाएगा। शिक्षा सबको मिले इसके लिए सूबे में जहां भी आवश्यकता होगी वहां विद्यालय का निर्माण होगा। प्रदेश में शिक्षा का विकास हो इसके लिए सपा सरकार कृत संकल्पित है।

Source- Amar Ujala
23-3-2012

Thursday 22 March 2012

UPTET STAY

अभी तक हाई कोर्ट की साईट पर कोई अप्डेसन नहीं हुआ है l

पुतला फूंका

इलाहाबाद : टीईटी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज के विरोध में भारतीय छात्रसंघ भारत के कार्यकर्ताओं ने बालसन पर मुख्यमंत्री का पुतला फूंका। इस अवसर पर प्रदीप सिंह, पवन चौरसिया, बीएड बेरोजगार मोर्चा के महेश पांडेय, सिद्धार्थ शंकर, पिंटू, गौरांग, राहुल, छिब्बर आदि शामिल रहे।

Source- Jagran

टीईटी प्रशिक्षितों को नौकरी दें

बबराला (भीम नगर) : टीईटी अभ्यर्थियों को अब सपा सरकार से उम्मीदें हैं। प्राथमिक स्तर पर शीघ्र मेरिट बनाकर चयनित किए जाने की मांग टीईटी उत्तीर्ण बीएड प्रशिक्षितों ने प्रदेश सरकार से की है।
गुरुवार को धर्मशाला में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यार्थियों की चली बैठक में मनोज शर्मा ने कहा कि पूर्व में बसपा सरकार की उपेक्षा का दंश बीएड प्रशिक्षितों ने झेला। अब सपा शासन से आस जगी है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बेरोजगारों को नौकरी के लिए पहल करें।
निशांत बंसल ने कहा कि टीईटी की मेरिट बनाकर शीघ्र नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाये। सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की भारी कमी है।
बैठक में दयाशंकर गुप्ता, निशांत बंसल, अनुरुद्ध कुमार, आशुतोष गौतम, अजय शर्मा, दुष्यंत कुमार आदि उपस्थित रहे।

Source- Jagran

कंप्यूटर के माध्यम से पंजीकरण करवाने वाले अभ्यर्थियों को कार्यालय में जमा करने होंगे दस्तावेज

ऑनलाइन के बाद भी लाइन का चक्कर



ऑनलाइन के बाद भी लाइन का चक्कर
-कंप्यूटर के माध्यम से पंजीकरण करवाने वाले अभ्यर्थियों को कार्यालय में जमा करने होंगे दस्तावेज
लखनऊ, 21 मार्च (संवाद सूत्र) : धूप में लंबी कतार में लगकर बेरोजगारी भत्ते के लिए पंजीकरण कराने से बचने के लिए जिन अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन का रास्ता चुना है, उन्हें भी दस्तावेज की जांच के लिए सेवायोजन कार्यालय में लाइन लगानी होगी। 90 दिन के अंदर ऑनलाइन आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को अपने प्रमाणपत्र कार्यालय में प्रस्तुत करने होंगे।
लालबाग स्थित सेवायोजन कार्यालय में बढ़ती भीड़ को देखते हुए अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन की सुविधा प्रदान की गई। डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट सेवायोजन डॉट ओआरजी वेबसाइट पर जाने के बाद निर्धारित प्रारूप के माध्यम से अपना पंजीकरण कराया जा सकता है। क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी पीके पुंडीर ने बताया कि ऑनलाइन पंजीकरण कराने के बाद अभ्यर्थियों को 90 दिनों के अंदर शैक्षिक, जाति व आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने होंगे। ऐसे अभ्यर्थियों के पंजीकरण की तिथि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के समय से ही गिनी जाएगी और उसी आधार पर उन्हें इसका लाभ मिलेगा।
वहीं बुधवार को लालबाग स्थित क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में बेरोजगारी भत्ते के लिए कुल 4310 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया। कुल पंजीकृत अभ्यर्थियों में 2310 महिलाएं और 2000 पुरुष शामिल हैं।
पंजीकरण का समय निश्चित
बेरोजगारी भत्ते के लिए सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण कराने का समय निर्धारित कर दिया गया है। कार्य दिवसों में सुबह दस बजे से दोपहर तीन बजे के दौरान अभ्यर्थी अपना आवेदन फॉर्म जमा कर सकते हैं।

Source- Jagran
22-3-2012

टीईटी की जांच होगी, अब मेरिट से भर्ती

टीईटी की जांच होगी, अब मेरिट से भर्ती


लखनऊ।

Story Update : Thursday, March 22, 2012    1:12 AM



बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में हुई धांधली की उच्चस्तरीय जांच कराने की सिफारिश की है। मुख्यमंत्री को भेजी रिपोर्ट में कहा गया है कि मामले की रमाबाई नगर की पुलिस की अब तक की जांच रिपोर्ट को प्राप्त कर अनियमितताओं की शासन स्तर से जांच करा ली जाए। बेसिक शिक्षा विभाग की इस रिपोर्ट के आधार पर मंथन चल रहा है। इस संबंध में शीघ्र ही निर्णय कर लिया जाएगा। तय किया गया कि टीईटी मेरिट के आधार पर ही शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।

Source- Amar Ujala
22-3-2012

link below


टीईटी पर निर्णय जल्द, भर्ती टीईटी मेरिट के आधार पर कराने के संकेत

टीईटी पर निर्णय जल्द भर्ती टीईटी मेरिट के आधार पर कराने के 
 संकेत 
Source- Amar Ujala
22-3-2012
 

अब यूपी टेट स्टे 22-3-2012 तक (UPTET STAY TILL 22-3-2012)


बदल सकता है प्राइमरीस्कूलों में शिक्षकों की भर्ती कामानक कमल तिवारी/एसएनबी

लखनऊ । प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती का मानक बदलना तय है। अब शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट की बजाय पांच गुणांक की मेरिट से शिक्षकों की भर्ती हो सकती है। बेसिक शिक्षा सेजुड़े अफसरों ने इसकी कवायद शुरू कर दी है। फिलहाल अंतिम निर्णय विभागीय मंत्री की मंजूरी के बाद कैबिनेट सेहोगा। उल्लेखनीय है कि सूबे में मायावती सरकार ने आरटीई तो लागू कर दियाथा, लेकिन परिषदीय स्कूलों में 72825 और सम्बद्ध प्राइमरी में आठ हजार से ज्यादा शिक्षकों के पद रिक्त हैं। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने सूबे को विशिष्ट बीटीसी की मंजूरी देने की बजाय राज्य स्तर पर शिक्षक पात्रता परीक्षा को मानक बनाने की मंजूरी दे दी। आरटीई के तहत शिक्षकों केरिक्त पदों को भरने के लिए पूर्व सरकार को 31 दिसम्बर 2011 तक की मोहलत मिली, लेकिन अध्यापक पात्रता परीक्षा(टीईटी) को लेकर लगातार मानक बदलते गये। पहले तो विशिष्ठ बीटीसी की भांति चार गुणांक का आधार बनानेकी सहमति बनी। राज्य मंत्रिमण्डल से इसकी मंजूरी भी मिल गयी, लेकिनजब नियुक्ति की बारी आयी तो तत्कालीन बेसिक शिक्षा सचिव ने शिक्षक भर्ती के मानक को टीईटी की मेरिट बना दिया और इसका शासनादेश जारी करके आयोजक माध्यमिक शिक्षा परिषद व सचिव को इसी के मुताबिक भर्ती प्रक्रियाआगे बढ़ाने के निर्देश दिये। 13 नवम्बर 2011 को टीईटी परीक्षा और 25 नवम्बर को 2011 को टीईटी का रिजल्ट घोषित होगया, इसी बीच परीक्षा मेंसवाल विभाग के गले की फांस बन गये। राज्य सरकारने दिसम्बर में भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया, लेकिन सवालों के जवाब को लेकर अभ्यर्थी कोर्ट गये और आगे की प्रक्रिया कोर्ट के आदेश पर चली, इसी बीच सूबे में 24 दिसम्बर से चुनाव आचार संहिता लागू हो गयी। राज्य सरकार को शिक्षकों की भर्ती के लिए दो महीनेकी मोहलत तो मिली है, लेकिन अब भर्ती का मानक बदलने की कवायद शुरू हो गयी है। शासन के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना हैकि अब फिर पांच गुणांक कीमेरिट से भर्ती की प्रक्रिया पूरी होगी। इसके तहत हाईस्कूल, इंटर, स्नातक, बीएड और टीईटी कीमेरिट को मिलाकर अलग से मेरिट बनायी जा सकती है। इसके लिए अफसरों ने विभागीय स्तर पर मंथन शुरू कर दिया है। माध्यमिक शिक्षा परिषद के अधिकारी भी दबी जुबान से मेरिट का मानक बदलने की बात कर रहे हैं। एक अधिकारी ने कहा कि वैसे भी यह पूरा मामला बेसिक शिक्षा परिषद का है, इसकेबारे में पहले ही मानक तयकर लेने थे। उल्लेखनीय हैकि नये शैक्षिक सत्र से शिक्षकों के पद रिक्त होने पर राज्य सरकार को आरटीई के तहत मिलने वाली मदद में कटौती की जा सकतीहै और यह धनराशि करोड़ों में होगी। इसका असर राज्यके सर्व शिक्षा अभियान परभी पड़ेगा और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद नये मानक भी थोप सकती है।अभी तक राज्य को आरटीई लागू करने के लिए 65 फीसद केन्द्रांश व 35 फीसद राज्यांश मिलना है। अब पांच गुणांक की मेरिट से भर्ती की कवायद

Source- Rashtriya Sahara

Wednesday 21 March 2012

युवाओं पर लाठीचार्ज का युवा सीएम से मांगा जवाब

युवाओं पर लाठीचार्ज का युवा सीएम से मांगा जवाब


युवाओं पर लाठीचार्ज का युवा सीएम से मांगा जवाब
इलाहाबाद : आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने लखनऊ में टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगार नौजवानों पर किए गए निर्मम लाठीचार्ज के विरोध में यूनियन भवन पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का पुतला जलाया।
दोपहर 12 बजे आइसा से जुड़े छात्र-छात्राएं यूनियन भवन पर एकत्र हुए और जुलूस निकाला। नौजवानों के रोजगार की गारंटी दो, लाठी गोली की सरकार नहीं चलेगी, युवाओं पर लाठीचार्ज क्यों युवा मुख्यमंत्री जवाब दो आदि नारे लगाते हुए इन लोगों ने मुख्यमंत्री के पुतले को आग के हवाले कर दिया। इस अवसर पर एक सभा भी हुई। इसे संबोधित करते हुए प्रदेश सचिव रामायण राम ने कहा कि नौजवानों को रोजगार देने का वायदा अगर सरकार ने पूरा नहीं किया तो उनका हश्र भी मायावती जैसा होगा। प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील मौर्य ने कहा कि एक सप्ताह में ही यह बात साफ हो गई कि सपा और बसपा में कोई बुनियादी अंतर नहीं है। इस अवसर पर रघुनंदन यादव, दिनेश, शालू यादव, सौरभ यादव, नीतू, सच्चिदानंद यादव, शिव प्रसाद, शिव नारायण, जितेंद्र, मानस शुक्ल, पुष्पेंद्र, विनीत, मिनी कुशवाहा समेत तमाम छात्र छात्राएं मौजूद रहे।
इसी क्रम में सामाजिक एकता परिषद की बैंक रोड पर बैठक में टीईटी अभ्यर्थियों के जुलूस पर लाठीचाज्र की निंदा की गई। इस दौरान ओमप्रकाश शुक्ला, रवींद्र सिंह चौहान, धनंजय राय, अमित सिंह, अभय सिंह, नरेश शर्मा, विनोद यादव, अशोक यादव, शिव राम पटेल, जगन्नाथ पांडेय, तिलक यादव, विनोद सिंह, अरुण यादव, डॉ. गिरजेश यादव, डॉ. लाल कृष्ण पटेल आदि रहे।
इसी क्रम में आल इंडिया डेमोक्रेट स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन ने भी लखनऊ में टीईटी के आधार पर भर्ती की मांग करने वालों पर लाठीचार्ज की घोर भ‌र्त्सना की। एआइडीएसओ ने घटना की न्यायिक जांच कराने के आदेश दिए।

Source- Jagran
21-3-2012

बीएड कालेजों के लिए होगा अलग विश्वविद्यालय

बीएड कालेजों के लिए होगा अलग विश्वविद्यालय





प्रदेश में हैं 1050 कालेज, निदेशालय ने शासन को भेजा प्रस्ताव
कालेजों के स्तर में सुधार के लिए भी 10 बिंदुओं का सुझाव भेजा
अविनाशी श्रीवास्तव
इलाहाबाद। सब कुछ योजनाओं की मुताबिक चला तो प्रदेश में बीएड कालेजों के लिए अलग विश्वविद्यालय होगा। कालेजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उच्च शिक्षा निदेशालय ने शासन को इसका प्रस्ताव भेजा है। निदेशालय की ओर कालेजों के स्तर में सुधार तथा पाठ्यक्रम में संशोधन के सुझाव भी भेजे गए हैं।
प्रदेश में इस समय 1050 से अधिक बीएड कालेज हैं। कालेज खोलने के लिए सैकड़ों आवेदन लंबित भी हैं। अभी सभी कालेज अलग-अलग विश्वविद्यालयों से जुड़े हुए हैं। इसलिए निदेशालय के लिए इन कालेजों पर निगरानी रखने और शासन के निर्देशों का पालन करवाने में काफी परेशानी होती है। इसी का नतीजा है कि निजी बीएड कालेजों में मापदंड के अनुसार शिक्षकों के न होने, एक ही टीचर के कई-कई कालेजों में नाम चलने, छात्र-छात्राओं से मनमाना फीस वसूलने समेत अनेक शिकायतें हैं। इसके मद्देनजर प्रदेश में एक अलग बीएड कालेज की लंबे समय से जरूरत महसूस की जा रही है तथा अलग-अलग बैठकों में यह मुद्दा कई बार उठ भी चुका है। निदेशालय का यह भी तर्क है कि इंजीनियरिंग और मेडिकल कालेजों के लिए अलग-अलग विश्वविद्यालय हैं। उसी की तर्ज पर बीएड कालेजों के लिए भी अलग विश्वविद्यालय खोला जाए। पिछले दिनों शिक्षा विभाग के अफसरों की लखनऊ में हुई बैठक में इस पर सहमति बनने की बात कही जा रही है। इसके मद्देनजर निदेशालय ने कवायद तेज कर दी है। निदेशक डॉ. रामानंद प्रसाद ने बताया कि इसका प्रस्ताव भेज दिया गया है। इसके अलावा शासन ने निदेशालय से कालेजों में ढांचागत तथा शैक्षिक सुधार के लिए भी मसौदा तैयार करने को कहा है। इसी परिपेक्ष्य में निदेशालय ने 10 बिंदुओं का प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें कालेजों में योग्य शिक्षकों की तैनाती समेत पाठ्यक्रम तथा प्रारूप में संशोधन का भी प्रस्ताव है। 

Source- Amar Ujala
21-3-2012

यूपी: टीईटी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन, पुलिस ने बरसाई लाठियां

यूपी: टीईटी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन, पुलिस ने बरसाई लाठियां



 
टीईटी , उत्तर प्रदेश , लखनऊ , प्रदर्शन
लखनऊ| उत्तर प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) से जुड़े अभ्यर्थियों ने लम्बे समय से ठप्प पड़ी भर्ती प्रक्रिया को शुरू किए जाने की मांग को लेकर मंगलवार को विधानसभा के सामने प्रदर्शन किया। पुलिस ने बेकाबू होते प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए जमकर लाठिया भांजी और पानी की बौछारों का भी प्रयोग किया।

जानकारी के अनुसार, टीईटी भर्ती प्रक्रिया को शुरू कराने की मांग को लेकर करीब 2000 अभ्यर्थियों ने मंगलवार को विधानसभा के सामने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात कर उनके सामने अपनी मांगें रखना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक दिया।

पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद प्रदर्शनकारी उग्र हो गए। उन्हें नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। बाद में पुलिस ने पानी की बौछारों का भी प्रयोग किया।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री आवास की तरफ बढ़ रहे थे और उन्हें रोकने की कोशिश की गयी। लाठीचार्ज में कुछ लोग घायल हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

गौरतलब है कि टीईटी परीक्षा में धांधली की बातें सामने आने के बाद इसकी जांच शुरू की गयी थी। जांच के दौरान परीक्षा में विभिन्न स्तरों पर अनियमितताएं बरते जाने की बातें सामने आई थीं, जिसके बाद भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी गयी थी। बहरहाल, एक दिन पहले ही नए बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने टीईटी भर्ती प्रक्रिया को लेकर न्यायसंगत निर्णय लिए जाने का भरोसा जताया था। 
Source- Pardaphas

टीईटी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

टीईटी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
: उत्तर प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) से जुड़े अभ्यर्थियों ने लम्बे समय से ठप्प पड़ी भर्ती प्रक्रिया को शुरू किए जाने की मांग को लेकर मंगलवार को विधानसभा के सामने प्रदर्शन किया। बेकाबू होते प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने जमकर लाठिया भांजी और पानी की बौछारों का भी प्रयोग किया।

टीईटी भर्ती प्रक्रिया को शुरू कराने की मांग को लेकर करीब 2000 अभ्यर्थियों ने मंगलवार को विधानसभा के सामने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात कर उनके सामने अपनी मांगें रखना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक दिया।

पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद प्रदर्शनकारी उग्र हो गए। उन्हें नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। बाद में पुलिस ने पानी की बौछारों का भी प्रयोग किया।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री आवास की तरफ  बढ़ रहे थे और उन्हें रोकने की कोशिश की गई। अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री से मिलने की मांग कर रहे थे।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि लाठीचार्ज में कुछ लोग घायल हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

गौरतलब है कि टीईटी परीक्षा में धांधली की बातें सामने आने के बाद इसकी जांच शुरू की गयी थी। जांच के दौरान परीक्षा में विभिन्न स्तरों पर अनियमितताएं बरते जाने की बातें सामने आई थीं जिसके बाद भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी गयी थी। बहरहाल एक दिन पहले ही नए बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने टीईटी भर्ती प्रक्रिया को लेकर न्यायसंगत निर्णय लिए जाने का भरोसा जताया था।


Source- Ndtv

भारत का संविधान


टीईटी अभ्यर्थियों को सरकार का पहला तोहफा (यह है हमारे स्वतन्त्र भारत का लोकतंत्र)







तो आर या पार की लड़ाई लड़ेंगे टीईटी अभ्यर्थी

वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा 13 नवंबर 2011 को ली गई शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के सफल अभ्यर्थियों ने अब निर्णायक लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है। टीईटी संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने तय किया है कि यदि सरकार दो दिनों के भीतर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाती तो प्रदेशभर में व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा। इसके अलावा मानव श्रृंखला बनाकर विधानसभा का घेराव किया जाएगा।
शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को आशंका है कि टीईटी में हुई धांधली उजागर होने के बाद नई सरकार कहीं इसे निरस्त न कर दे। यही कारण है कि टीईटी को निरस्त न किए जाने और प्राथमिक विद्यालयों में 72 हजार शिक्षकों की रुकी भर्ती प्रक्रिया को शुरू करने की मांग को लेकर प्रदेशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। मजे की बात यह है कि टीईटी में असफल हुए अभ्यर्थी इसे निरस्त करने की मांग को लेकर भी प्रदर्शन कर रहे हैं। टीईटी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष विवेकानंद ने बताया कि मुख्यमंत्री तक हमारी बात पहुंच गई है। यदि हमारी मांगों पर विचार नहीं हुआ तो दो दिन बाद फिर से निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी।
प्रमुख बिंदु
-परीक्षा- 13 नवंबर 2011
-रिजल्ट-25 नवंबर 2011
-कुल आवेदन 11,51,772
--प्राथमिक में 2,70,806 अभ्यर्थी सफल
-उच्च में 2,09,789 अभ्यर्थी सफल
क्यों मची मारामारी
निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की उपधारा (एक) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अनुक्रम में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की 23 अगस्त 2010 को जारी अधिसूचना द्वारा कक्षा एक से आठ तक के शिक्षकों के लिए न्यूनतम शैक्षिक अर्हता के साथ ही साथ राज्य सरकार द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीण करना अनिवार्य कर दिया गया। इसके बाद प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में शिक्षकों की भर्ती की आवश्यकता पड़ी। इसको देखते हुए शासन ने माध्यमिक शिक्षा परिषद को टीईटी आयोजित कराने का जिम्मा दिया। बाद में इसी परीक्षा की मेरिट को बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापकों की भर्ती का आधार बना दिया गया। यहीं से टीईटी वसूली और घोटाले का आधार बन गई।
क्यों हुई फजीहत
-प्राथमिक व उच्च प्राथमिक के आवेदन अलग-अलग रखना।
-यहीं से गड़बड़ी की शुरुआत हुई।
-प्रवेश पत्रों में गड़बड़ी, सुबह की पाली का सेंटर कहीं, शाम का कहीं।
--ओएमआर शीट पर प्राथमिक व उच्च प्राथमिक कुछ नहीं लिखा था।
-यही कारण रहा कि शाम की ओएमआर सुबह व सुबह की शाम को बंट गई।
-हजारों अभ्यर्थियों का परिणाम बदल गया।
-बिना क्रास चेक किए आंसर की भी जल्दबाजी में और गलत जारी की गई।
-सभी आपत्तियों का निस्तारण किए बिना बीच-बीच में संशोधित की गई।
-यही कारण रहा कि सभी आपत्तियों का निस्तारण नहीं किया जा सका।
-परीक्षा परिणाम भी जल्दबाजी में निकाल दिया गया।
-गड़बड़ियां सामने आने पर परिणाम एक बार संशोधित हुआ, अब दोबारा संशोधित होगा।

Source- Jagran
21-3-2012

परीक्षा बनी सरकार के गले की हड्डी

राजीव दीक्षित लखनऊ, 20 मार्च : मायावती सरकार के कार्यकाल में आयोजित अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) और उसके जरिए प्राथमिक स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की नियुक्ति समाजवादी पार्टी की सरकार के लिए गले की हड्डी बन गई है। टीईटी को लेकर प्रदेश भर में हो रहे धरना प्रदर्शन के मद्देनजर मुख्यमंत्री कार्यालय ने माध्यमिक शिक्षा विभाग से रिपोर्ट तलब की है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने मंगलवार शाम मुख्यमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट भेज दी है। शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा एक से आठ तक में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए प्रदेश में पहली बार टीईटी का आयोजन यूपी बोर्ड ने किया था। बीती 13 नवंबर को आयोजित टीईटी का परिणाम 25 नवंबर को घोषित किया गया था। बाद में परीक्षा परिणाम को संशोधित करने की आड़ में इसमें धांधली की गई। यह धांधली उजागर होने पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। परीक्षा में भ्रष्टाचार उजागर होने पर इसमें असफल रहने वाले अभ्यर्थी जहां टीईटी को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं, वहीं टीईटी उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी इसे रद करने के खिलाफ हैं। टीईटी को लेकर सिर्फ यही पशोपेश नहीं है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 23 अगस्त 2010 को अधिसूचना जारी करते हुए प्राथमिक कक्षाओं में बीएड डिग्रीधारकों को पहली जनवरी 2012 तक शिक्षक नियुक्त करने की छूट दी थी। यह समयसीमा बीतने के बाद भी प्रदेश में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पायी है। दिसंबर के आखिरी हफ्ते में राज्य सरकार ने केंद्र के मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर बीएड डिग्रीधारकों को शिक्षक नियुक्त करने की समयसीमा 30 जून 2012 तक बढ़ाने का अनुरोध किया था। राज्य सरकार के इस अनुरोध पर केंद्र सरकार ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है। दूसरा पेच यह है कि एनसीटीई ने शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी को अर्हता परीक्षा माना था, लेकिन मायावती सरकार के कार्यकाल में कैबिनेट ने उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक सेवा) नियमावली में संशोधन कर टीईटी की मेरिट को ही शिक्षक भर्ती का एकमात्र आधार बना दिया। मामला पेचीदा इसलिए भी हो गया है क्योंकि राज्य सरकार के इस फैसले को जनहित याचिका के माध्यम से उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में चुनौती दी जा चुकी है। वहीं टीईटी के परिणाम में उजागर हुई धांधली के मद्देनजर परीक्षा को रद करने की मांग की गई है। टीईटी को लेकर दूसरी याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय में पहले ही दायर है। इस याचिका में कहा गया है कि जब सहायक अध्यापकों का नियुक्ति प्राधिकारी बेसिक शिक्षा अधिकारी होता है तो शिक्षकों की नियुक्ति के संदर्भ में नियमों के विपरीत सचिव बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से विज्ञप्ति कैसे प्रकाशित कर दी गई। इस दलील के आधार पर अदालत ने शिक्षकों के चयन और नियुक्ति को स्थगित कर दिया है। राज्य सरकार के लिए एक और असमंजस यह भी है कि यदि वह टीईटी को निरस्त करती है तो अभ्यर्थी इस निर्णय के विरोध में अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

Source : Jagran 20/3/12

भत्ते का शोर, बुजुर्गो में युवाओं जैसा जोश


रमाबाई नगर, कार्यालय : बेरोजगारी भत्ते के लिए सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण के लिए दिनों दिन भारी भीड़ उमड़ रही है। मंगलवार को पुलिस की देखरेख में लाइन लगवाई गई। उम्र सीमा तय होने के बाद अब अधेड़ व बुजुर्गो में भी युवाओं जैसा जोश दिख रहा है। इस बीच हंगामा व शोर होने पर पुलिस लाठियां भी पटकती दिखी। पंजीकरण कराने के लिए मंगलवार सुबह से सैकड़ों युवा व बुजुर्ग सेवायोजन कार्यालय में दिखने लगे। सेवायोजन अधिकारी एलसी सिंह ने बताया कि यहां छह खिड़कियों से आने वाले युवक-युवतियों के साथ अधेड़ लोगों के फार्म जमा किए जा रहे हैं। अनवां के रवींद्र सिंह (50), वीरेंद्र सिंह (57), बिलसरायां के राम प्रकाश (55), किशोरपुर की शशि प्रभा (45) आदि ने कहा कि बेरोजगारी भत्ता उनका सहारा बनेगा।
ऑनलाइन होगा पंजीकरण
जिला सेवायोजन अधिकारी एलसी सिंह ने बताया कि अब पंजीकरण के लिए लोगों को लाइन नहीं लगानी होगी। पंजीयन के लिए ऑनलाइन सुविधा दी गई है। जिसकी वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यू.सेवायोजन.ओआरजी है।
25 अप्रैल से होगा सत्यापन
सेवायोजन अधिकारी ने बताया कि जो लोग पंजीकरण करा चुके हैं उनका सत्यापन 25 अप्रैल होगा। पंजीकरण कराने के बाद युवक-युवतियां बेवजह परेशान न हों।

Source : Jagran 21/3/12

ट्रांसफर की जुगत में 1275 शिक्षक

 महराजगंज। 1275 से अधिक टीचर ट्रांसफर कराकर अपने जिले में जाने के फिराक में हैं। ऐसा हुआ तो जिले के कई विद्यालय एकल हो जाएंगे। और कई विद्यालयों पर ताले लटक जाएंगे। एक बार पहले भी ऐसा हो चुका है। जिले के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में विशिष्ट बीटीसी 2007 से लेकर अब तक करीब 1600 शिक्षकों की तैनाती हुई है। इसमें से 1500 से अधिक शिक्षक दूसरे जिलों के हैं। उनकी नियुक्ति के बाद किसी तरह सरकारी शिक्षा व्यवस्था पटरी पर आई। इसके बाद भी कई विद्यालय एकल रह गए। सरकार की ओर से मौका मिलते ही 1275 से अधिक शिक्षक अपने जिले में वापस जाने के प्रयास में हैं। जिसके लिए उनकी ओर से आनलाइन फाइलिंग की जा चुकी है। इनका ट्रांसफर कर दिया जाएगा तो जिले के परिषदीय विद्यालय बदहाली की स्थिति पर लौट आएंगे। वैसे बसपा सरकार की प्राथमिकता में रहा शिक्षकों का अंतर जनपदीय ट्रांसफर फिलहाल खटाई में है। इस बाबत बीएसए श्रीकांत सिंह का कहना है कि केवल आनलाइन फाइलिंग कर देने से ट्रांसफर नहीं हो जाएगा। उसके लिए कुछ नियम है, जिसमें सबसे पहले उनके आप्शन वाले जिले में जगह देखी जाएगी। अगर जगह नहीं है तो ट्रांसफर नहीं होगा। ट्रांसफर में पहले शादीशुदा महिला को वरीयता दी जाएगी। उसके बाद बिना शादीशुदा महिलाओं और फिर घर वापस जाने वाली महिलाओं को मौका मिलेगा। अंत में जाकर शादीशुदा पुरुषों और बिना शादीशुदा पुरुषों का ट्रांसफर हो सकेगा। शिक्षकों का सत्यापन कराने के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्रावली दे दी गई है।

Source : Amar Ujala 21/3/12

सपा से शिक्षकों की आस जगी

आजमगढ़: प्रदेश में चुनाव के बाद हुए सत्ता परिवर्तन में सपा सरकार के गठन के बाद शिक्षकों की आस बढ़ गयी है। शिक्षकों ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि नई सरकार के मुखिया अखिलेश यादव उनकी समस्याओं का समाधान कराएंगे। मंगलवार को कुंवर सिंह उद्यान में सीनियर बेसिक शिक्षक संघ द्वारा आयोजित बैठक के दौरान संघ के संरक्षक तपेश्वरी पांडेय ने कहा कि जिले के तीनों मंत्रियों के नेतृत्व में जनपद का समुचित विकास होगा। समाज के सभी वर्गो को उसका हक मिलेगा। शिक्षकों की हर समस्या का समाधान होगा। बैठक में रामदुलार चौहान, सुभाष पांडेय, दिवाकर सिंह, जय प्रकाश यादव, दयाराम, राजाराम, गंगा सागर तिवारी, लालजी यादव, मुसाफिर चौबे, कतवारू सिंह, रामअवध यादव, श्याम नाथ यादव, रामकेश, पारस सिंह, यशवंत सिंह, काशीपुरी, रमेश सिंह आदि उपस्थित थे।


Source: Jagran 20/3/12

टीईटी की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं

देवरिया। टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक टाउनहाल में हुई। इसमें लखनऊ के झूलेलाल पार्क में प्रस्तावित प्रदेश स्तरीय सम्मेलन को सफल बनाने की रणनीति बनाई गई।
चंद्र प्रकाश कुशवाहा ने कहा कि टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की संस्तुति में देरी से शासन की मंशा पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है। प्रदेशभर के टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी 20 मार्च को लखनऊ पहुंचेंगे। जिला मीडिया प्रभारी हरेंद्रपुरी ने कहा कि जिले के अभ्यर्थियों की उपेक्षा किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। महामंत्री रत्नेश तिवारी ने कहा कि सरकार शिक्षित बेरोजगारों के खिलाफ काम कर रही है। प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति न करना अन्याय है। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी चुप नहीं बैठेंगे। अपने हक के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। संचालन संदीप कुशवाहा ने किया। बैठक में अनुराग मल्ल, अनुपम मद्धेशिया, विजय प्रताप कुशवाहा, दिलीप गुप्ता, रतेंद्र सिंह, दुर्गेश यादव, विक्रम सिद्धार्थ सिंह, चंद्रकेश, श्याम रंजन, मुकेश पांडेय, ईश्वर प्रसाद, कृष्णमोहन, आनंद प्रताप, संजय राम, रवि शंकर, राहुल श्रीवास्तव, विजय बहादुर यादव, विनीता वर्मा, निवेदिता सिंह, ब्रजनारायण गोड़, सत्यप्रकाश सिंह, वंश गोपाल सिंह, अमरदेव सिंह, रामाश्रय यादव, अनिल कुमार, राजेश त्रिपाठी, जयप्रकाश यादव, रुपेश कुमार मिश्र, पदमाकर मणि त्रिपाठी, राजीव गुप्ता, अनिल कुमार सिंह, प्रियंका पांडेय, सुनील जायसवाल, शैलेश मणि त्रिपाठी, सूर्य प्रकाश वर्मा, रुपेश कुमार बर्नवाल, दुर्गा शरण मिश्र, चंद्रभूषण सिंह, ब्रजेंद्र चौहान, सुरजीत सिंह, लवकुश मद्धेशिया, विपिन कुमार पासवान, भीमसेन मौर्या, गोविंद सिंह, नसीम अंसारी समेत अन्य उपस्थित रहे।

Source : Amar Ujala 20/3/12

टीईटी की मांग पर मिलीं लाठियां

-अध्यापक पात्रता परीक्षा बचाने के लिए अभ्यर्थियों ने शुरू किया आंदोलन
- जिला प्रशासन ने दिया मुख्यमंत्री से जल्द वार्ता कराने का आश्वासन
- अभ्यर्थियों में भी बने गुट, कुछ लौटे, सैकड़ों धरना स्थल पर बैठे
लखनऊ, 20 मार्च (जागरण संवाददाता) : अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) निरस्त होने से बचाने के लिए जूझ रहे अभ्यर्थियों पर सोमवार को पुलिस ने जमकर लाठियां भांजीं। पूरे प्रदेश से बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए टीईटी पास अभ्यर्थी चारबाग से विधानसभा होते हुए धरनास्थल जाना चाहते थे। पुलिस ने हुसैनगंज चौराहे पर ही बल प्रयोग कर सभी को रोक लिया। तितरबितर हुई भीड़ यहां से झूलेलाल पार्क पहुंची। एसीएम ने अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया कि चार-पांच दिनों में मुख्यमंत्री से वार्ता करा दी जाएगी। देर शाम तक कुछ अभ्यर्थी जिलों को वापस लौट गए वहीं अधिसंख्य वार्ता होने तक क्रमिक धरने पर बैठ गए हैं।
गौरतलब है कि टीईटी में हुए घोटाले और धांधली से राज्य सरकार इसे रद करने की तैयारी में है। इसकी आशंका से टीईटी पास करके शिक्षक बनने का सपना संजो रहे हजारों अभ्यर्थियों को झटका लगा है। टीईटी रद न हो इसलिए अभ्यर्थियों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। मंगलवार सुबह दस बजे कानपुर, इलाहाबाद, गोरखपुर, आगरा, लखीमपुर, बरेली आदि जगह से हजारों की संख्या में अभ्यर्थी चारबाग स्थित श्रीजय नारायण स्नातकोत्तर महाविद्यालय पर इकट्ठा हुए। पुलिस ने रोकने का प्रयास किया लेकिन अभ्यर्थी पुलिस घेरा तोड़ते हुए आगे बढ़ गए। हुसैनगंज चौराहे पर पुलिस बल बढ़ा और अभ्यर्थियों को एक बार फिर रोका गया। आश्वासन दिया गया कि यहीं रुकें मुख्यमंत्री आ रहे हैं। अभ्यर्थियों ने आधे घंटे तक इंतजार किया लेकिन पुलिस का आश्वासन झूठा निकला तो अभ्यर्थी क्षुब्ध हो गए लेकिन इस बार पुलिस तैयारी से थी। फायर ब्रिगेड की गाड़ी बुला ली गई थी। अभ्यर्थियों ने यहां विधानसभा होते हुए धरना स्थल पहुंचने की योजना बनाई। अभ्यर्थी जैसे ही हुसैनगंज से आगे बढ़े पुलिस ने पानी के प्रेशर से सभी को तितर बितर कर दिया। अभ्यर्थी संभल भी नहीं पाए थे कि उन लाठियां बरसना शुरू हो गईं। पुलिस ने सभी को दौड़ाकर पीटा। कई अभ्यर्थियों ने दुकान में घुसकर खुद को बचाने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने सभी को दुकान से निकालकर पीटा। अभ्यर्थी यहां तो तितरबितर हो गए लेकिन अलग-अलग रास्तों से वे सभी दोपहर दो बजे तक झूलेलाल पार्क पहुंच गए। अभ्यर्थी मुख्यमंत्री से मिलने की मांग पर अड़ गए। देर शाम एसीएम ने अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांग जायज है। इस बाबत वह अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधि मंडल की वार्ता मुख्यमंत्री से कराएंगे। उन्होंने वार्ता कराने के लिए पांच दिनों का समय मांगा है। देर रात तक अभ्यर्थी धरनास्थल पर बैठे रहे।



Source: Jagran 20/3/12

Tuesday 20 March 2012

टीईटी बेरोजगारों का प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन

हमीरपुर, कार्यालय संवाददाता : टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों ने तैनाती के लिए आज कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर एडीएम को ज्ञापन दिया और 20 मार्च को विधानसभा के सामने प्रदर्शन करने का निर्णय लिया।
टीईटी उत्तीण बेरोजगार संघ ने मांग की है कि टीईटी द्वारा होने वाली प्राथमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू की जाये। मौजूदा में टीईटी उत्तीर्ण लगभग ढाई लाख अभ्यर्थी हैं, जिन्होंने आवेदन किया है। प्रत्येक अभ्यर्थी का आवेदन में 10 से 14 हजार रुपये खर्च आया है। टीईटी के आधार पर ही मैरिट बनाकर शिक्षकों का चयन किया जाये। ताकि प्राथमिक विद्यालयों में योग्य शिक्षकों की तैनाती हो सके। साथ ही टीईटी की परीक्षा में जो भी अनियमिततायें हुई हैं, उनकी क्रास चेकिंग करायी जाये। मगर परीक्षा को निरस्त न किया जाये क्योंकि इससे अभ्यर्थियों का भविष्य खराब होगा।
आज सुबह टीईटी बेरोजगारों ने अपर जिलाधिकारी एचजीएस पुंडीर को इस बारे में ज्ञापन सौंपा। पंकज कुमार, विनय निगम, रिजवान हाशमी, नीरज निगम, अविनाश द्विवेदी, योगेंद्र कुमार, जितेंद्र सिंह, स्मृति सिंह, मीनाक्षी निगम, सिद्धार्थ, अनिल मिश्रा, श्वेता श्रीवास्तव, अर्चना श्रीवास्तव ज्ञापन देने में शामिल थे। नीरज निगम ने कहा कि 20 मार्च को लखनऊ में विधानसभा के सामने प्रदर्शन कर वे अपनी बात रखेंगे। यह निर्णय जोन प्रभारी अभिषेक त्रिपाठी की अध्यक्षता में रहुनियां धर्मशाला में हुई बैठक में लिया गया। वक्ताओं ने कहा कि नियुक्ति के लिए सरकार को निर्णय करना है। राजू पांडेय, अखिलेश सिंह गौर, मृदुल त्रिपाठी, पीयूष यादव, सत्येंद्र अग्रवाल ने विचार रखे।

Source- Jagran
20-3-2012

टीईटी परीक्षा निरस्त होने पर कोर्ट जायेंगे अभ्यर्थी

टीईटी परीक्षा निरस्त होने पर कोर्ट जायेंगे अभ्यर्थी


टीईटी परीक्षा निरस्त होने पर कोर्ट जायेंगे अभ्यर्थी
कार्यालय संवाददाता, हाथरस : शिक्षक बनने का सपना देख रहे टीईटी पास अभ्यर्थियों को निराशा के अलावा कुछ भी नही मिल पा रहा है। रविवार को तमाम टीईटी पास अभ्यर्थियों ने लेबर कालोनी के सभागार कक्ष में बैठक की। निर्णय लिया कि बीस मार्च को लखनऊ में होने वाली सभा में भाग लेंगे।
पिछले कई माह पूर्व बीएड पास छात्र-छात्राओं ने शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल होने के लिये आवेदन किया। तमाम छात्रों को अपने प्रवेश पत्र लेने के लिये अलीगढ़ दौड़ लगानी पड़ी। जब रिजल्ट घोषित किया गया तो उसमे भी कई बार संशोधन किया गया। अभ्यर्थियों को लगा कि अब जल्द ही वो स्कूलों में पढ़ाने लगेंगे। शिक्षकों की भर्ती के लिये विगत तीन माह पूर्व आवेदन फार्म निकाले गये। अभ्यर्थियों के आवेदन फामरें को भरने में काफी पैसा खर्च हो गया लेकिन माध्यमिक शिक्षा निदेशक के परीक्षा में गड़बड़ी करने पर परीक्षा पर काले बादल छा गये। कई माह से शिक्षक भर्ती की चयन प्रक्रिया का अभ्यर्थी इंतजार कर रहे है लेकिन कोई निर्णय नही लिया जा रहा। जिले के टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के बैनरतले रविवार को टीईटी पास अभ्यर्थियों की एक बैठक लेबर कालोनी सभागार में हुई, जिसमें निर्णय लिया गया कि यदि जल्दी ही नई सरकार कोई निर्णय नही लेती है तो बीस मार्च को प्रदेश भर के टीईटी पास अभ्यर्थी लखनऊ जीपीओ पार्क जाकर में करेंगे। सभा में ही रणनीति तय की जायेगी। यदि परीक्षा निरस्त कर भर्ती पर रोक लगाई जाती है तो मजबूरन कोर्ट का सहारा लेना पड़ेगा। बैठक में अध्यक्ष साहब सिंह,प्रवीण उपाध्याय, योगेश सैंगर, गणेश पाठक, सुधाकर शर्मा, नीरज कुमार, जया गुप्ता, पूनम सिंह आदि थे।
बनने से पूर्व भविष्य पर खतरा
सरकार ने भर्तियों पर रोक लगा दी है। फिर भी सरकार पर पूरा भरोसा है क्योंकि मुख्यमंत्री लाखों छात्रों का अहित नही कर सकते है ।
प्रवीन उपाध्याय, रमनपुर।
जो परीक्षार्थी फेल हो गये है उनके द्वारा गलत अफवाह फैलाई जा रही है। सरकार को इस भर्ती पर जल्द ही निर्णय लेना चाहिए।
प्रेम कुमार शर्मा, नवल नगर।
एनसीटीई ने तीस मार्च तक का समय भर्ती के लिये दिया है। यदि सरकार ने जल्द कोई फैसला नही लिया तो भर्ती लैप्स हो जायेगी।
दलवीर सिंह, लेबर कालोनी।
काफी पैसा खर्च करके आवेदन फार्म भरे थे लेकिन शिक्षक बनने से पूर्व ही सपने के टूटने का डर लग रहा है।
नीरज कुमार, मुरसान गेट।

Source- Jagran
19-3-2012

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भत्ते की कतार में बुजुर्ग बेरोजगार

भत्ते की कतार में बुजुर्ग बेरोजगार


भत्ते की कतार में बुजुर्ग बेरोजगार
क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में लगी भीड़
एक से 19 मार्च तक 49243 पंजीयन
लखनऊ, 19 मार्च (जासं):
सरोजनीनगर के गुदौली निवासी रामदीन रावत (52) सुबह से लालबाग स्थित सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण कराने के लिए लाइन में खड़े थे। दूसरों के घर मजदूरी करके बमुश्किल से दो जून की रोटी का इंतजाम करने वाले रामदीन ने बताया कि तबीयत बिगड़ने पर घर पर चूल्हा तक नहीं जलता। प्रदेश सरकार ने 35 पार बेरोजगारों को एक हजार बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की है। भत्ते की आस में वह लाइन में खड़े हैं।
अकेले रामदीन ही नहीं बल्कि बेरोजगारी का दंश झेल रहे सत्य नारायण (53), आशियाना की आशा तिवारी (50), संतोष (51), सुमिता (50), जोहरा खां (56), शिवनाथ (52) राम सरन (50) व नसीम (50) भी बेरोजगारी भत्ते की आस में लाइन में लगीं थीं। बुजुर्गो का कहना है कि प्रदेश सरकार ने बेरोजगारी भत्ते की ऊपरी आयु सीमा निर्धारित नहीं की है तो हमें भी बेरोजगारी भत्ता मिलना चाहिए। एक दिन बंदी के बाद सोमवार को कार्यालय में सुबह से ही महिलाओं और पुरुषों की लंबी कतारें लग गई थीं। पुलिस की मौजूदगी में देर शाम तक पंजीकरण का कार्य चलता रहा। क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी पीके पुंडीर ने बताया कि देर शाम तक चले पंजीकरण में 5880 बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया जिसमें महिलाओं की संख्या 3550 थी। एक मार्च से अब तक 49253 नए बेरोजगारों ने अपना पंजीयन कराया है। आने वाले समय में और बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।
इनसेट
डेढ़ लाख 35 पार
प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय के सूत्रों के मुताबिक अब तक लखनऊ मंडल में 35 पार बेरोजगारों की संख्या करीब डेढ़ लाख है। अन्य मंडलों की सूचनाओं के आधार पर प्रदेश में करीब नौ लाख बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ते के योग्य होने की उम्मीद है। उधर, अपर निदेशक सेवायोजन डी प्रसाद का कहना है कि सभी सेवायोजन अधिकारियों से बेरोजगारों का विवरण मांगा गया है। विवरण मिलने के बाद ही बेरोजगारों की संख्या के बारे में सही जानकारी दी जा सकेगी।
बातचीत
'तब तो बेरोजगार धनवानों को मिलेगा भत्ता'
कृष्णानगर निवासी उदय सिंह का कहना है कि बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा कर सरकार ने बेरोजगारों को राहत देने का काम किया है लेकिन जब तक बेरोजगारों की सही तरीके से पड़ताल नहीं होगी तो बड़े घरों के धनवान बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता मिल जाएगा। भत्ता देने से पहले सरकार को जांच की सुदृढ़ रणनीति बनानी पड़ेगी। इंदिरानगर की नेहा कश्यप का कहना है कि महात्मा गांधी ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत बेरोजगारों को एक वर्ष में तीन महीने काम देने का प्राविधान है। काम न दे पाने की स्थिति में भत्ता देने का प्रावधान है। ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगारों को इसके तहत लाकर उनकी बेरोजगारी दूर की जा सकती है। इससे सरकार पर अतिरिक्त बोझ भी नहीं पड़ेगा। आलमबाग के अनिल पांडेय का कहना है कि हलफनामा लेकर बेरोजगारी भत्ता देने से उसके रोजगार की पड़ताल नहीं की जा सकती। पासपोर्ट व असलहे के लाइसेंस की भांति सही मायने में बेरोजगारों का पता लगाया जाए तभी सही बेरोजगारों को इसका लाभ मिल सकेगा। बंगला बाजार के सुनील गुप्ता का कहना है कि 1100 करोड़ की इस योजना की शुरुआत जल्दबाजी में करने की बजाय इसकी रणनीति बनानी चाहिए। रणनीतिकारों की सलाह के बाद योजना को लागू करना चाहिए। बेरोजगारी भत्ता लेने वालों की पूरी पड़ताल की जानी चाहिए।

Source- Jagran
20-3-2012