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Monday, 19 March 2012

गलती चयन बोर्ड की, भुगत रहे अभ्यर्थी

वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद: 'कहते हैं पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे तो होगे खराब'। यहां तो अभ्यर्थियों ने मेहनत से पढ़ाई भी की, परीक्षा भी दी और उत्तीर्ण भी हो गये, फिर भी बोर्ड की 'गलती' ने उनके भविष्य को अधर में लटका दिया है। हम बात कर रहे हैं माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड द्वारा आयोजित प्रशिक्षित स्नातक सामाजिक विज्ञान के चयनित अभ्यर्थियों की।
अभ्यर्थियों का कहना है कि टीजीटी सामाजिक विज्ञान की चयन प्रक्रिया एक ही विज्ञापन के तहत शुरू की गई थी। बोर्ड के पदाधिकारियों ने जानबूझकर अपने नाते-रिश्तेदारों को चयनित करने के लिए परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी की। यही कारण रहा कि परिणाम विवाद की भेंट चढ़ गया और मामला न्यायालय में चला गया। इसमें चयनित अभ्यर्थियों को कोई दोष नहीं है। अभ्यर्थी चयन बोर्ड की जानबूझकर की गई गलती का खमियाजा भुगत रहे हैं। अभ्यर्थियों ने इन्हीं सब बिंदुओं पर चर्चा के लिए सोमवार को चंद्रशेखर आजाद पार्क में एक बैठक आयोजित की। अभ्यर्थियों ने अगली रणनीति तय करने के लिए दोबारा 21 मार्च को आजाद पार्क में एक बैठक का आयोजन किया है।
बैठक में मुख्य रूप से पंकज, नरेन्द्र यादव, सुनील यादव, रामकरण कुशवाहा, शैलेन्द्र, नागेन्द्र सिंह चौहान, रामचन्द्र यादव, देवेन्द्र त्रिपाठी, मनोज आदि मौजूद रहे।

Source- Jagran
19-3-2012

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