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Wednesday, 21 March 2012

बीएड कालेजों के लिए होगा अलग विश्वविद्यालय

बीएड कालेजों के लिए होगा अलग विश्वविद्यालय





प्रदेश में हैं 1050 कालेज, निदेशालय ने शासन को भेजा प्रस्ताव
कालेजों के स्तर में सुधार के लिए भी 10 बिंदुओं का सुझाव भेजा
अविनाशी श्रीवास्तव
इलाहाबाद। सब कुछ योजनाओं की मुताबिक चला तो प्रदेश में बीएड कालेजों के लिए अलग विश्वविद्यालय होगा। कालेजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उच्च शिक्षा निदेशालय ने शासन को इसका प्रस्ताव भेजा है। निदेशालय की ओर कालेजों के स्तर में सुधार तथा पाठ्यक्रम में संशोधन के सुझाव भी भेजे गए हैं।
प्रदेश में इस समय 1050 से अधिक बीएड कालेज हैं। कालेज खोलने के लिए सैकड़ों आवेदन लंबित भी हैं। अभी सभी कालेज अलग-अलग विश्वविद्यालयों से जुड़े हुए हैं। इसलिए निदेशालय के लिए इन कालेजों पर निगरानी रखने और शासन के निर्देशों का पालन करवाने में काफी परेशानी होती है। इसी का नतीजा है कि निजी बीएड कालेजों में मापदंड के अनुसार शिक्षकों के न होने, एक ही टीचर के कई-कई कालेजों में नाम चलने, छात्र-छात्राओं से मनमाना फीस वसूलने समेत अनेक शिकायतें हैं। इसके मद्देनजर प्रदेश में एक अलग बीएड कालेज की लंबे समय से जरूरत महसूस की जा रही है तथा अलग-अलग बैठकों में यह मुद्दा कई बार उठ भी चुका है। निदेशालय का यह भी तर्क है कि इंजीनियरिंग और मेडिकल कालेजों के लिए अलग-अलग विश्वविद्यालय हैं। उसी की तर्ज पर बीएड कालेजों के लिए भी अलग विश्वविद्यालय खोला जाए। पिछले दिनों शिक्षा विभाग के अफसरों की लखनऊ में हुई बैठक में इस पर सहमति बनने की बात कही जा रही है। इसके मद्देनजर निदेशालय ने कवायद तेज कर दी है। निदेशक डॉ. रामानंद प्रसाद ने बताया कि इसका प्रस्ताव भेज दिया गया है। इसके अलावा शासन ने निदेशालय से कालेजों में ढांचागत तथा शैक्षिक सुधार के लिए भी मसौदा तैयार करने को कहा है। इसी परिपेक्ष्य में निदेशालय ने 10 बिंदुओं का प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें कालेजों में योग्य शिक्षकों की तैनाती समेत पाठ्यक्रम तथा प्रारूप में संशोधन का भी प्रस्ताव है। 

Source- Amar Ujala
21-3-2012

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