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Tuesday, 10 April 2012

निजी बीटीसी कॉलेज प्रबंधकों की मुख्यमंत्री से गुहार

बेसिक शिक्षा विभाग पर प्रशिक्षणार्थी न आवंटित करने का आरोप
-सत्र 2011-12 के शून्य होने की संभावना जतायी
लखनऊ, जागरण ब्यूरो : बीटीसी कोर्स संचालित करने के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से मान्यताप्राप्त और राज्य सरकार से संबद्धताप्राप्त निजी कॉलेजों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र भेजकर गुहार लगायी है कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) द्वारा उन्हें प्रशिक्षणार्थी नहीं आवंटित किये गए हैं। ऐसे में निजी कॉलेजों के लिए बीटीसी सत्र 2011-12 के शून्य होने की संभावना बढ़ती जा रही है।
उप्र स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को बताया है कि जब इस सिलसिले में संगठन ने शासन, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक और डायट से संपर्क किया तो उसे बताया गया कि निजी कॉलेजों के लिए नये सत्र में बीटीसी का शुल्क निर्धारित नहीं किया जा सका है, इसलिए उन्हें प्रशिक्षणार्थी आवंटित नहीं किये जा सकते हैं। बाद में इस बाबत फिर पूछने पर बताया गया कि विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के कारण ऐसा नहीं किया जा सका है। एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी के मुताबिक बीती 14 मार्च को निदेशक एससीईआरटी ने सभी डायट को निर्देश दिया था कि जिन निजी बीटीसी कॉलेजों की संबद्धता का नवीनीकरण किया गया है, उन्हें शासन द्वारा पूर्व में निर्धारित फीस के आधार पर प्रशिक्षणार्थी आवंटित कर दिये जाएं। त्रिवेदी के मुताबिक निदेशक एससीईआरटी के इस निर्देश के एक महीने बाद भी कॉलेजों को प्रशिक्षणार्थी आवंटित नहीं किये गए हैं।

Source- Jagran
10-4-202

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