
टीईटी: सड़क से सुप्रीम कोर्ट तक संघर्ष की रणनीति
बलिया: टीईटी उत्तीर्ण सैकड़ों अभ्यर्थियों की जनपद स्तरीय बैठक
में शिक्षकों के नियुक्ति के संदर्भ में सरकार के अस्पष्ट एवं कपटपूर्ण रूप
पर व्यापक चर्चा की गई। साथ ही विज्ञापन में घोषित टीईटी मेरिट के माध्यम
से शिक्षक चयन हेतु सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक हक व न्याय की लड़ाई लड़ने
की कार्य योजना तैयार की गई। सरकार अपनी तुगलकी घोषणाओं, विरोधाभासी वादों
तथा हाई पावर कमेटी की गुप्त योजना की सच्चाई को हमें स्पष्ट रूप से बताए
जिससे कि शिक्षक नियुक्ति पर फैलाए जा रहे अनावश्यक भ्रम व अफवाहों पर
विराम लग सके। सरकार का यह नैतिक कर्तव्य है कि वह टीईटी प्राप्तांकों की
मेरिट पर प्रतिभा देखकर ही शिक्षक नियुक्ति करे न कि केवल घोषणा बाजी के
आधार पर नौकरी को खैरात में रूप में बांटकर। मात्र टीईटी परीक्षा की हो रही
संदेहास्पद जांच की बजाय समूचे शिक्षा तंत्र पर ही सबसे पहले स्पष्ट ठोस
पारदर्शी नीति बनाने की प्राथमिकी को सरकार द्वारा तय किया जाना चाहिए।
अध्यक्षता विद्यानंद चौहान व संचालन राम विचार यादव ने किया। सभा में
सुरेन्द्र सिंह, नागेन्द्र यादव, सतीश सिंह, राजेश पाण्डेय, कमलेश यादव,
मंजीत सिंह, मनोज कुमार, राजीव कुमार पाण्डेय आदि लोग उपस्थित रहे।
Source- Jagran
13-5-2012
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