इलाहाबाद।
प्राथमिक शिक्षा विभाग में 72825 सहायक अध्यापकों के पदों पर टीईटी
उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की भर्ती के मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को
अंतिम मौका दिया है। अदालत ने कहा है कि टीईटी की विसंगतियों को चार हफ्ते
में दूर कर लिया जाए। सरकार टीईटी परीक्षा की पारदर्शिता और अन्य विषयों पर
अपना फैसला लेकर अदालत में हलफनामा दाखिल करे।
मामले
की सुनवाई के लिए छह अगस्त 2012 की तिथि नियत करते हुए न्यायमूर्ति अरुण
टंडन ने कहा कि केवल राज्य सरकार द्वारा निर्णय न ले पाने के कारण सहायक
अध्यापकों की नियुक्तियां अधर में लटकी हैं। अत: राज्य सरकार इस विषय पर
अपना निर्णय लेने में और विलंब न करे। अपर महाधिवक्ता सीबी यादव ने अदालत
को आश्वासन दिया कि सरकार इस मामले पर शीघ्र निर्णय लेने के लिए प्रभावी
कदम उठाएगी। इस आश्वासन के बाद अदालत ने छह अगस्त की तिथि नियत की है।
उल्लेखनीय है कि यादव कपिल देव और अन्य की ओर से सहायक अध्यापक पद पर चयन
और नियुक्ति के लिए दिसंबर 2011 में जारी विज्ञापन को चुनौती दी गई थी। इस
पर अदालत ने विज्ञापन पर रोक लगा दी थी। इस बीच बीटीसी अभ्यर्थियों ने भी
याचिका दाखिल करके सहायक अध्यापक पद के लिए नए सिरे से प्रशिक्षण देने से
छूट की मांग की थी। अदालत के निर्देश पर सरकार ने हलफनामा दिया कि बीटीसी
अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण से मुक्त रखा जाएगा। अभ्यर्थियों ने टीईटी चयन को
सहायक अध्यापक भर्ती में मेरिट न बनाए जाने की भी मांग की है। इन सभी
विसंगितयों का निस्तारण छह अगस्त तक होने की संभावना है।
Source- Amar Ujala
5-7-2012
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