टीईटी अभ्यर्थियों को झटका
मधुबन (मऊ) : महीनों की कड़ी माथापच्ची के बाद आखिरकार टीईटी भर्ती के संबंध में राज्य सरकार का फैसला आ ही गया। नई घोषणा के अनुसार अब टीईटी चयन का आधार हाईस्कूल, इण्टर और बीए में आवेदकों द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर बनने वाली मेरिट सूची होगी। हां इसके लिए टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा।
टीईटी भर्ती के लिये पिछली सरकार द्वारा जारी विज्ञापन को निरस्त करके नये सिरे से विज्ञापन जारी करने का नई सरकार ने निर्णय लिया है। यानी चयन के लिये अब सफल अभ्यर्थियों को फिर से आवेदन करना होगा। इस प्रकार पिछले विज्ञापन के आधार पर आवेदन के रूप में हजारों रुपये खर्च कर चुके छात्रों का पैसा पानी में चला जायेगा। ज्ञात हो कि आवेदन के लिये पिछली बार एक अभ्यर्थी को पांच सौ रुपये की डीडी जमा करना था। इतना ही नहीं कई जिले से आवेदन करने पर दूसरे अलग जिले के साथ अलग से पांच सौ का डीडी जमा करना था। यानी यदि कोई पांच जिलों में आवेदन करता है तो उसके डीडी के रूप में 2500 रुपये खर्च हो गए। नौकरी पानी की चाह में तो कई छात्र दस से बारह जिलों में आवेदन कर चुके थे। इस प्रकार उनके पांच से छ: हजार की एक मोटी रकम खर्च हो गई। फोटो स्टेट कापी एवं अन्य सामग्री के खर्च अलग। अब जबकि सब कुछ नए सिरे से होनी है तो आवेदकों द्वारा खर्च किए गए इन पैसों का क्या होगा। इस बात को लेकर आवेदकों में काफी रोष है। दुबारी के संतोष शर्मा, ममता शर्मा, रमेश सिंह, हरिकेश यादव, राजेश यादव, जितेन्द्र कुमार, गजियापुर के मनोज यादव, मनोज उपाध्याय, दरगाह के अजय शर्मा, सतीश गुप्ता, लियाकत अली जैसे दर्जनों सफल अभ्यर्थियों का मानना है कि पिछले विज्ञापन को निरस्त करके नये सिरे से विज्ञापन जारी करने का सरकार का फैसला सरासर हम लोगों के साथ धोखा है। या तो सरकार डीडी के रूप में जमा किये गये पैसे को वापस करे या पुराने विज्ञापन के आधार पर चयन हो।
Source- Jagran
25-7-2012
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