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Tuesday, 18 September 2012

सरकार की वादाखिलाफी पर संघर्ष करेंगे शिक्षक

UPTET - टीईटी - TET

सरकार की वादाखिलाफी पर संघर्ष करेंगे शिक्षक

 

 

सरकार की वादाखिलाफी पर संघर्ष करेंगे शिक्षक
कानपुर देहात, निज प्रतिनिधि : प्रदेश में सरकार बनने के 6 माह बीतने के बाद अब सपा वादाखिलाफी कर रही है, इसके लिए अब वित्तविहीन शिक्षक आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। यह बात मंगलवार को उत्तर प्रदेश माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक संघ के धरने में प्रदेश उपाध्यक्ष ओम प्रकाश बागी ने कही।
मंगलवार को वित्तविहीन शिक्षकों ने पुखरायां से कलक्ट्रेट परिसर तक साइकिल यात्रा निकाली। कलक्ट्रेट में आयोजित धरने में शिक्षक नेता ओमप्रकाश बागी ने कहा कि विधान सभा चुनाव के दौरान सपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में सरकार बनने पर वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय दिये जाने का वादा किया था लेकिन अब सपा सरकार वादे को भूल गई है। उन्होंने कहा सरकार ने लेखा अनुदान में वित्तविहीन शिक्षकों के लिए 538 करोड़ रुपये का बजट पास किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इसे भी किसी और जगह खर्च कर दिया गया। इसलिए शिक्षकों को मजबूरन सपा के लक्ष्य 2014 को रोकना होगा। उन्होंने कहा कि सपा मुखिया साइकिल के सहारे ही सत्ता तक पहुंचे हैं, इसलिए वह भी साइकिल यात्रा निकाल रहे हैं ताकि शिक्षकों को जागरूक किया जा सके। अगले चरण में 26 सितंबर को उन्नाव में साइकिल संदेश यात्रा निकाली जाएगी। पहलीअक्टूबर को कानपुर के फूलबाग से यात्रा लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री आवास तक जाएगी। धरने में जिलाध्यक्ष रामफल कटियार, प्रवीण शर्मा, केके दीक्षित, अजय गुप्ता, राम प्रकाश, सूर्यकांत मिश्रा, जावेद अहमद, रामेंद्र चौरसिया मौजूद रहे।

Source - Jagran
18-9-2012 

28 comments:

  1. 20 ko sabhi diet pracharyo ki meeting hai aur naya adv 27th tak aane ki umeed hai.

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  2. Aaj mamta banerjee ne kendra sarkar se samarthan vapas le liya hai agar s.p aur b.s.p bhi samarthan vapas le lete hai toh ye kendra sarkar gir jayengi toh bharti 6 month aur latak jayengi.

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  3. आइसीपीएस में शासन ने स्वीकृत किये 842 पद
    Updated on: Wed, 19 Sep 2012
    - कारगर हो सकेगी भटके बच्चों के जीवन में बदलाव की पहल
    - दो माह के अंदर सृजित पदों पर होगी नियुक्ति
    जाब्यू, लखनऊ : भटके हुए बच्चों के जीवन में बदलाव की उम्मीद को अब पर लगेंगे। इसके लिए शासन ने ठोस पहल की है। इस बाबत दो साल से लंबित चल रहे प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लग गयीहै। समेकित बाल संरक्षण योजना (आइसीपीएस) में जिले से लेकर प्रदेश तक कुल 842 पदों कासृजन हुआ है और इन पर नियुक्ति की स्वीकृति मिल गयी है।
    बच्चों की देखरेख और संरक्षण के लिए केन्द्र सरकार की पहल पर राज्य सरकार ने कार्ययोजना को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। इसकी कवायद वर्ष 2010 से चल रही है, लेकिन सफलता अब मिली है। शासन ने इस सिलसिलेमें राज्य बाल संरक्षण समिति से लेकर जिला बाल संरक्षण समिति और राज्य परियोजना सहायता यूनिट के गठन के लिए पद सृजन किये हैं। मुख्य परीवीक्षा अधिकारी एके मिश्र नेबताया कि इन पदों के सृजन के साथ ही अब शासन की अनुमति से नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी और दो माह में इसे पूरा कर लिया जायेगा। इस गठन के साथ ही हाइटेक प्रणाली केतहत पूरे प्रदेश में सूचना संकलन और उसके समन्वय पर भी जोर दिया गया है। इससे भगोड़े बच्चों को रोकने, उनकी देखरेख और अपचारी बच्चों के जीवन में सुधार की प्रक्रिया आसान होगी। जिला प्रोबेशन अधिकारी जिलों में बाल संरक्षण अधिकारी का दायित्व निभायेंगे।
    जिन पदों की स्वीकृति मिली है, उनमें सूबे के 75 जिलों में एक संरक्षण अधिकारी और एक विधि सहपरीवीक्षा अधिकारी का पद सृजित है। विधि सह परीवीक्षा अधिकारी किशोर न्यायालय में अपचारी बच्चों का कार्य देखेंगे। जिलोंमें कौंसलर का भी एक पद सृजित किया गया है। कौंसलर देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के लिए काम करेंगे। दो सोशल वर्कर भी हर जिले में नियुक्त किये जायेंगे,जो बाल पुलिस के साथ मिलकर काम करेंगे। जिलों में एक-एक आंकड़ा समीक्षक भी नियुक्त होंगे। जिलों में एक-एक कंप्यूटर आपरेटर, बच्चों के मां-बाप से संवाद और समन्वय के लिए दो आउटरीच वर्कर, किशोर न्याय बोर्ड मेंएक कंप्यूटर आपरेटर और बाल कल्याण समिति में एक कंप्यूटर आपरेटर नियुक्त होंगे। राज्य स्तर पर राज्य परियोजना सहायता यूनिटमें कार्यक्रम प्रबंधक-एक, परियोजना अधिकारी-दो, प्रशासनिक अधिकारी-एक, लेखाधिकारी- एक, लेखाकार-एक और दो कंप्यूटर आपरेटर नियुक्त होंगे। राज्य बाल संरक्षण समिति में एक कार्यक्रम अधिकारी और चार कंप्यूटर आपरेटर के पद सृजित किये गये हैं। राज्य दत्तक अभिकरण में कार्यक्रम प्रबंधक-एक, लेखाकार-एक और एक कार्यक्रम सहायक की तैनाती की जायेगी। यह कार्य दो माह के अंदर पूरा कर लिया जायेगा।

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  4. मुअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों को टीईटी से छूट दिलाने की कवायद
    Updated on: Wed, 19 Sep 2012

    - रास्ता तलाशने को बेसिक शिक्षा महकमे ने न्याय विभाग से मांगा अभिमत
    - न्याय विभाग ने दी सकारात्मक सलाह
    राजीव दीक्षित लखनऊ :
    सूबे में निजाम बदलने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने भी सुर बदल लिये हैं। विभाग अब 1997 से पहले के मुअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) से डिप्लोमा इन टीचिंग सर्टिफिकेट हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को शिक्षकों की नियुक्ति में अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) से छूट देने की राह तलाश रहा है। इस संबंध में बेसिक शिक्षा महकमे को न्याय विभाग से भी सकारात्मक सलाह मिली है।
    परिषदीय स्कूलों में 1997 से पहले मुअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों और एएमयू से डिप्लोमा इन टीचिंग सर्टिफिकेट प्राप्त करने वालों को बतौर उर्दू शिक्षक नियुक्त किया गया था। वर्तमान में उर्दू शिक्षकों के 2911 पद रिक्त हैं। शासन ने 13 सितंबर 1994 को मुअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों को बीटीसी उर्दू के समकक्ष घोषित किया था जो उर्दू भाषा के अध्यापन के समकक्ष योग्यता थी। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के गठनके बाद शासन ने 11 अगस्त 1997 को बीटीसी के समकक्ष घोषित सभी समकक्षताएं समाप्त कर दी थीं। इसके खिलाफ कई रिट याचिकाएं हाई कोर्ट में दाखिल की गईं।
    इनमें से एक मामले में हाई कोर्ट ने 14 जुलाई 2010 को राज्य सरकार को आदेश दिया कि उर्दू शिक्षकों के पद पर नियुक्ति के लिए मुअल्लिम-ए-उर्दू की उपाधि को बीटीसी (उर्दू) के समकक्ष मान्यता दी जाए। इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में विशेष अपील दाखिल की थी। विशेष अपील में भी हाई कोर्ट ने अपने फैसले की पुष्टि की। इसकेखिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका दाखिल की जिसे बाद में उसने वापस ले लिया। मुअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारक शिक्षकों की नियुक्ति में टीईटी से छूट दिये जाने की मांग करते रहे हैं लेकिन उनकी नहीं सुनी गई। हाल ही में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के हस्तक्षेप के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने रास्ता निकालने के लिए न्याय विभाग से अभिमत मांगा।
    न्याय विभाग का अभिमत है कि हाई कोर्ट के फैसले और उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल विशेष अनुज्ञा याचिका को वापस लिये जाने के बाद हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेश काअनुपालन बाध्यकारी हो जाता है। न्याय विभागका कहना है कि मुअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारक और एमएयू से डिप्लोमा इन टीचिंग उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्त से संबंधित प्रकरण एनसीटीई की ओर से 23 अगस्त 2010 की अधिसूचना से पहले से लंबित चल रहा है और उर्दू शिक्षकों के 2911 पद रिक्त हैं। न्याय विभाग ने यह भी कहा है कि चूंकि ऐसे अभ्यर्थियों का आयु संबंधी प्रकरण भी विचाराधीन है, ऐसी दशा में उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली के प्रावधानों के तहत छूट प्रदान किये जाने के लिए कैबिनेट का अनुमोदन प्राप्त करना उचित होगा। हालांकि बेसिक शिक्षा महकमे ने न्यायविभाग से पूछा है कि चूंकि उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति के बारे में 23 अगस्त 2010 से पहले कोई विज्ञप्ति नहीं जारी हुई थी, ऐसे में क्या मुअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों को एनसीटीई की अधिसूचना की धारा-5 का लाभ दिया जा सकता है या नहीं?
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  5. कालेजों में तैनात होंगे शिक्षा संकाय के अफसर
    Updated on: Wed, 19 Sep 2012

    जागरण ब्यूरो, पटना : राज्य सरकार ने उन सभी अंगीभूत कालेजों में बीएड की पढ़ाई प्रारंभकराने का फैसला लिया है, जहां इसके लिए आवश्यक आधारभूत संरचनाएं उपलब्ध हैं। शिक्षा विभाग के विशेष सचिव संजीवन सिन्हा ने मंगलवार को उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि जिन कालेजों में संसाधनों की जरूरत पड़ेगी, उन कालेजों को पर्याप्त धनराशि मुहैया करायी जाएगी। इससे पहले सभी 250 अंगीभूत कालेजों में स्थायी रूप से शिक्षा संकाय के अफसर को तैनात किये जांएगे। ऐसे अफसर कालेजों में शिक्षा संकाय की स्थापना एवं मानीटरिंग करने में अपनी भूमिका निभाएंगे।
    शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित चार घंटे की बैठक में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई। विमर्श में सर्वाधिक जोर कालेजों में आधारभूत संरचना निर्माण पर रहा। इसमें भवन, लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब, प्रयोगशाला एवं शैक्षणिक कैलेंडर आदि की चर्चा हुई। पटना यूनिवर्सिटी, ललित नारायण मिश्र मिथिला विश्वविद्यालय और कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय (दरभंगा) के कुलसचिवों और करीब 80 प्राचार्यो ने बैठक में हिस्सा लिया। इस मौके पर प्राचार्यो ने कालेजों में व्याप्त कमियों एवं शैक्षणिक समस्याओं के बारे में अधिकारियों को अवगत कराया। बैठक में शिक्षकों की कमी का मुद्दा भी उछला।
    बैठक के अंत में विशेष सचिव संजीवन सिन्हा ने कहा कि विश्वविद्यालय मुख्यालयों में संचालित शिक्षा संकाय को अब अंगीभूत कालेजों में कुशलतापूर्वक लागू करने की जरूरत है। इससे प्रशिक्षित शिक्षकों को तैयार करने में मदद मिलेगी। उच्च शिक्षा निदेशक डा. सीताराम सिंह ने प्राचार्यो को निर्देश दिया कि प्रत्येक कालेज बीएसएनएल से 'ब्राडबैंड' कनेक्शन लेकर अपना 'वेबसाइट' खोल दें ताकि विभागीय सूचनाएं अगले माह से 'ई-मेल' के माध्यम से भेजी जा सके। उन्होंने कहा कि जिस कालेज के पास अपना 'वेबसाइट' नहींहोगा, उसे आने वाले दिनों में कई मुश्किलों से सामना करना पड़ेगा।

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  6. रिक्तियों का ब्यौरा मिलने के बाद निकलेगा विज्ञापन
    •अमर उजाला ब्यूरो
    लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए निदेशालय से प्रस्ताव मांग लिया गया है। शासन स्तर से पूछा गया है कि किस जिले में शिक्षकों के कितने पद रिक्त हैं। निदेशालय से इस संबंध में प्रस्ताव मिलने के बाद कार्मिक विभाग से मंजूरी लेकर विज्ञापन जारी करने की तैयारी है। इस बीच राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने जिलों से रिक्तियां प्राप्त करनेके लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) प्राचार्यों की बैठक 20 सितंबर को बैठक बुलाई है।
    यूपी के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने इस कमी को पूरा करने के लिए 31 मार्च 2014 तक टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों को रखने की अनुमति दे दी है। हाईकोर्ट के निर्देशानुसार बेसिक शिक्षा विभाग को 27 सितंबर तक भर्ती के लिए विज्ञापन निकालना है। इसके पहले जब 72 हजार 825 शिक्षकों के लिए भर्तियां निकाली गई थीं, उस समय जिलों में रिक्तियों की स्थिति अलग थी। बेसिक शिक्षा परिषद ने हाल ही में 18 हजार से अधिक शिक्षकों के अंतरजनपदीय स्थानांतरण किए गए हैं। इसके चलते जिलेवार रिक्तियों की संख्या में बदलाव निश्चित है। शासन ने बेसिक शिक्षा निदेशालय से इस संबंध में शीघ्र ही रिक्तियों के पूरे ब्यौरे के साथ प्रस्ताव मांगा है, ताकि शीघ्र हीविज्ञापन निकाला जा सके।

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  7. रिक्तियों का ब्यौरा मिलने के बाद निकलेगा विज्ञापन
    •अमर उजाला ब्यूरो
    लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए निदेशालय से प्रस्ताव मांग लिया गया है। शासन स्तर से पूछा गया है कि किस जिले में शिक्षकों के कितने पद रिक्त हैं। निदेशालय से इस संबंध में प्रस्ताव मिलने के बाद कार्मिक विभाग से मंजूरी लेकर विज्ञापन जारी करने की तैयारी है। इस बीच राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने जिलों से रिक्तियां प्राप्त करने के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) प्राचार्यों की बैठक 20 सितंबर को बैठक बुलाई है।
    यूपी के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने इस कमी को पूरा करने के लिए 31 मार्च 2014 तक टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों को रखने की अनुमति दे दी है। हाईकोर्ट के निर्देशानुसार बेसिक शिक्षा विभाग को 27 सितंबर तक भर्ती के लिए विज्ञापन निकालना है। इसके पहले जब 72 हजार 825 शिक्षकों के लिए भर्तियां निकाली गई थीं, उस समय जिलों में रिक्तियों की स्थिति अलग थी। बेसिक शिक्षा परिषद ने हाल ही में 18 हजार से अधिक शिक्षकों के अंतरजनपदीय स्थानांतरण किए गए हैं। इसके चलते जिलेवार रिक्तियों की संख्या में बदलाव निश्चित है। शासन ने बेसिक शिक्षा निदेशालय से इस संबंध में शीघ्र ही रिक्तियों के पूरे ब्यौरे के साथ प्रस्ताव मांगा है, ताकि शीघ्र ही विज्ञापन निकाला जा सके।

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  8. ye hua tha kal meeting me , ab 20 ko diet pracharya ki meeting me seats ka kaam hoga
    शिक्षक भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन
    जागरण ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती के लिए निकट भविष्य में शुरू होने वाली प्रक्रिया के तहत अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। शासन स्तर पर इस बारे में सहमति बन चुकी है। उधर अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के आयोजन की जिम्मेदारी सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद को सौंपे जाने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने अनुमोदित कर दिया है। मंगलवार को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह तय हुआ कि परिषदीय स्कूलोंमें शिक्षकों की भर्ती के लिए अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इससे पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहती है। साथ ही आवेदनों में धांधली की गुंजायश न के बराबर होती है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने राज्य सरकार को बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को 31 मार्च 2014 तकशिक्षक नियुक्त करने के लिए समयसीमा में छूट दे दी है। उधर हाई कोर्ट ने भी शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू करने का निर्देश दिया है। ऐसे मेंशिक्षकों की नियुक्ति के लिए जल्द विज्ञापन जारी होने की संभावना है। शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बेसिक शिक्षा विभाग जिलेवार रिक्तियों का ब्योरा इकट्ठा कर रहा है। अब यह भी तय हो गया है कि भविष्य में राज्य में टीईटी का आयोजन सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद करायेंगे। इस संबंध मेंराज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने अनुमोदित कर दियाहै। पिछले साल टीईटी का आयोजन यूपी बोर्ड ने किया था। टीईटी के परीक्षा परिणाम में धांधली उजागरहोने पर मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने परीक्षा के आयोजन के लिए संस्था के चयन का भी बिंदु उठाया था। इस पर एससीईआरटी ने टीईटी के आयोजन की जिम्मेदारी सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद को सौंपने का प्रस्ताव भेजा था।

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  9. आयु सीमा बढ़ाने का विरोध
    इलाहाबाद। राज्य सरकार द्वारा परिषदीय विद्यालयों में 72825 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष किए जाने के विरोध में अभ्यर्थियों ने कंपनी बाग में विरोध प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार ने उम्र 18 वर्ष नहीं की तो प्रदर्शन होगा। प्रदर्शन में अंकुर, अभय, राघवेंद्र राय, राहुल, राजकमल, सत्येदव और प्रतीक आदि थे।

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  10. नेट में भी छाए इलाहाबादी
    4347 सफल, टूटे सभी रिकार्ड, छात्रावासों में उत्साह का माहौल

    अमर उजाला ब्यूरो
    इलाहाबाद। यूजीसी-नेट जून-2012 में संगम के मेधावियों ने जबरदस्त सफलता हासिल की है। देश भर में सफल होने वाले कुल प्रतियोगियों में 15 फीसदी यहीं के हैं, जबकि पूर्व की परीक्षाओं में यह आंकड़ा पांच फीसदी से भी कम होता था। यूजीसी ने सोमवार को रिजल्ट घोषित कर दिया, जिसमें परीक्षा के प्रारूप में बदलाव का साफ असर दिखाई दिया।
    पूर्व के वर्षों में जहां 10 से 12 हजार अभ्यर्थी नेशनल इलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट) क्वालीफाई कर पाते थे, जबकि इस बार 40332 ने सफलता हासिल की है। इनमें से 4347 इलाहाबाद केंद्र के हैं। पिछले तीन साल का रिकार्डदेखें तो अभी तक जून-2009 की परीक्षा में 381 अभ्यर्थी नेट हुए थे। जेआरएफ में भी यहां के रिकार्ड 580 परीक्षार्थी सफल हुए हैं। हिन्दू छात्रावास के शान्तनू, मनमोहन सिंह, पंकज कुमार,सनी सिंह, विपिन कुमार, आनंद सिंह, अखिलेश यादव, अतुल यादव, शैलेश पांडेय, प्रदीप त्रिपाठी, सुभाष कुमार, राहुल, बृजेश यादव समेत 30 से अधिक छात्र जेआरएफ और नेट हुए हैं। यही हाल अन्य छात्रावासों में भी है।
    संगम के मेधावियों ने जेआरएफ में सफलता के सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पूरे देश में पूर्व की तरह इस बार भी 3625 अभ्यर्थियों को जेआरएफ के लिए क्वालीफाई कराया गया है। इनमें से यहां के 580 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। इससे पहले दिसंबर-2009 की परीक्षा में सबसेअधिक 129 अभ्यर्थी सफल हुए थे। हालांकि नेट और जेआरएफ में इतनी बड़ी सफलता के बाद यह भी सवाल उठने लगा है कि ये लोग आखिर जाएंगे कहां। विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी के कारण डीफिल कोर्स में प्रवेश के लिए पहले से ही सैकड़ों जेआरएफ भटक रहे हैं। नेट की तो गिनती ही नहीं है। ऐसे में यह सफलता विश्वविद्यालय के लिए भी एक बड़ी चुनौती है।
    जेआरएफ में 580 अभ्यर्थी सफल

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  11. यूजीसी-नेट में मिली रिकॉर्ड सफलता
    Updated on: Wed, 19 Sep 2012 12:58 AM (IST)
    मेरठ : जून-2012 में ली गई यूजीसी-नेट की परीक्षा में इस बार चौ. चरणसिंह विश्वविद्यालय केंद्र ने रिकॉर्ड सफलता हासिल की है। विवि केंद्र से 894 छात्रों ने नेट में सफलता हासिल की है, जबकि जेआरएफ पास करने वालों की संख्या 73 रही है। इस परिणाम को लेकर छात्र-शिक्षक बेहद उत्साहित हैं।
    इस बार विवि केंद्र से सबसे अधिक शिक्षाशास्त्र के छात्रों को दबदबा रहा। शिक्षाशास्त्र के 11 छात्रों ने जेआरएफ और 197 ने नेट क्वालीफाई किया। दूसरे नंबर पर मैनेजमेंट और तीसरे नंबर पर हिंदी के छात्रों का प्रदर्शन रहा।
    बता दें कि इस बार परीक्षा भी रिकॉर्ड छात्रों ने दी थी। 24 जूनको हुई परीक्षा में 17 हजार 151 छात्रों ने हिस्सा लिया था जिनमें 967 को सफलता मिली है।
    जेआरएफ के लिए चिंता
    इस बार नेट के परिणाम में तो विवि केंद्र को बड़ी सफलता मिली है लेकिन जेआरएफ बड़ी चिंता का विषय है। पिछली परीक्षाओं में जब परीक्षार्थियों की संख्या क्रमश:सात हजार और पांच हजार के आसपास थी तो सफल जेआरएफ क्रमश: 79 और 62 थे।

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  12. मा.शिक्षा चयन बोर्ड के मानक बदलेगा
    इलाहाबाद। प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती के लिए गठित माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की नियमावली में बड़े बदलाव की तैयारी है। चयन बोर्ड कानाम बदलकर एक बार फिर से इसे माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग का नाम दिया जाएगा। सरकार आयोग कीअस्थिरता खत्म करने के लिए इसके अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल एक बार फिर से छह वर्ष करने जा रहीहै।

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  13. bhaiya acadmic vs tet khtm karo abhi bhi govt time le rahi hai.bharti ho jane do kya pta aage ho bhi new tet ko involve karke

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  14. रिक्तियों का ब्यौरा मिलने के बाद निकलेगा विज्ञापन
    •अमर उजाला ब्यूरो
    लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए निदेशालय से प्रस्ताव मांग लिया गया है। शासन स्तर से पूछा गया है कि किस जिले में शिक्षकों के कितने पद रिक्त हैं। निदेशालय से इस संबंध में प्रस्ताव मिलने के बाद कार्मिक विभाग से मंजूरी लेकर विज्ञापन जारी करने की तैयारी है। इस बीच राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने जिलों से रिक्तियां प्राप्त करनेके लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) प्राचार्यों की बैठक 20 सितंबर को बैठक बुलाई है।
    यूपी के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने इस कमी को पूरा करने के लिए 31 मार्च 2014 तक टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों को रखने की अनुमति दे दी है। हाईकोर्ट के निर्देशानुसार बेसिक शिक्षा विभाग को 27 सितंबर तक भर्ती के लिए विज्ञापन निकालना है। इसके पहले जब 72 हजार 825 शिक्षकों के लिए भर्तियां निकाली गई थीं, उस समय जिलों में रिक्तियों की स्थिति अलग थी। बेसिक शिक्षा परिषद ने हाल ही में 18 हजार से अधिक शिक्षकों के अंतरजनपदीय स्थानांतरण किए गए हैं। इसके चलते जिलेवार रिक्तियों की संख्या में बदलाव निश्चित है। शासन ने बेसिक शिक्षा निदेशालय से इस संबंध में शीघ्र ही रिक्तियों के पूरे ब्यौरे के साथ प्रस्ताव मांगा है, ताकि शीघ्र हीविज्ञापन निकाला जा सके।

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  15. THANKS ABHINAY AND PUISH JI AND BLOG EDITOR JI OR DIXIT JI MUJHE MAFF KR DENA .

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  16. UPTET : शिक्षक भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन

    लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती के लिए निकट भविष्य में शुरू होने वाली प्रक्रिया के तहत अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। शासन स्तर पर इस बारे में सहमति बन चुकी है। उधर अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के आयोजन की जिम्मेदारी सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद को सौंपे जाने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने अनुमोदित कर दिया है। मंगलवार को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह तय हुआ कि परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इससे पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहती है। साथ ही आवेदनों में धांधली की गुंजायश न के बराबर होती है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने राज्य सरकार को बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को 31 मार्च 2014 तक शिक्षक नियुक्त करने के लिए समयसीमा में छूट दे दी है। उधर हाई कोर्ट ने भी शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू करने का निर्देश दिया है। ऐसे में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जल्द विज्ञापन जारी होने की संभावना है। शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बेसिक शिक्षा विभाग जिलेवार रिक्तियों का ब्योरा इकट्ठा कर रहा है। अब यह भी तय हो गया है कि भविष्य में राज्य में टीईटी का आयोजन सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद करायेंगे। इस संबंध में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने अनुमोदित कर दिया है। पिछले साल टीईटी का आयोजन यूपी बोर्ड ने किया था। टीईटी के परीक्षा परिणाम में धांधली उजागर होने पर मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने परीक्षा के आयोजन के लिए संस्था के चयन का भी बिंदु उठाया था। इस पर एससीईआरटी ने टीईटी के आयोजन की जिम्मेदारी सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद को सौंपने का प्रस्ताव भेजा था।

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  17. mera gunank 59.66 sc male sci ph dist lmp'kheri me chance hai?

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  20. mera gunank 59.66 sc male science ph kya chance hai

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  21. sc/st 50% wale sathiyo 21 sep.ko allahabad challo abe bebkupho kam se sehyog to de sakte ho. R.P.Singh.....09878947213

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  22. koi bhi kutta mere koment ka galat jabab deta h to vah geedad h kiyoki vah chhup ke bar karta h R.P.Singh jo kam karta h vah khule am karta h or sabke samne karta h. R.P.Singh singhum .

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