UPTET - टीईटी - TET
देवरिया:
टीईटी के संबंध में प्रदेश सरकार के निर्णय से अभ्यर्थी खफा हैं। रविवार को टीईटी संघर्ष मोर्चा ने टाउनहाल परिसर में बैठक कर सरकार से दो-दो हाथ करने का एलान किया। मोर्चा नेताओं ने कहा कि वे सरकार के विरुद्ध अपनी इस लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे।
बैठक को संबोधित करते हुए मोर्चा के प्रदेश संरक्षक गोरखनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार के निर्णय की मोर्चा निंदा करता है। हम हार नहीं मानेंगे और अपनी लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाएंगे। गौरीशंकर पाठक ने कहा कि एक दशक से नियुक्ति कर इंतजार कर रहे व पिछले आठ माह से प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण कर नियुक्ति की राह देख रहे टीईटी अभ्यर्थियों के पक्ष में सरकार द्वारा लिया गया निर्णय पूरी तरह से अमानवीय है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय के विरुद्ध वे न्यायालय में अपनी आवाज बुलंद करेंगे।
मोर्चा नेता अनुराग मल्ल व राजीत दीक्षित ने कहा कि कैबिनेट द्वारा लिया गया यह निर्णय अमानवीय है। इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश कुशवाहा ने की।
बैठक में शचींद्र दूबे, अनुराग मल्ल, बृजेश दूबे, राकेश मणि, रतेंद्र सिंह, अनिल कुमार आदि मौजूद थे।
Source- Jagran
2-9-2012
UPTET - सरकार से दो-दो हाथ करेंगे टीईटी अभ्यर्थी
सरकार से दो-दो हाथ करेंगे टीईटी अभ्यर्थी
टीईटी के संबंध में प्रदेश सरकार के निर्णय से अभ्यर्थी खफा हैं। रविवार को टीईटी संघर्ष मोर्चा ने टाउनहाल परिसर में बैठक कर सरकार से दो-दो हाथ करने का एलान किया। मोर्चा नेताओं ने कहा कि वे सरकार के विरुद्ध अपनी इस लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे।
बैठक को संबोधित करते हुए मोर्चा के प्रदेश संरक्षक गोरखनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार के निर्णय की मोर्चा निंदा करता है। हम हार नहीं मानेंगे और अपनी लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाएंगे। गौरीशंकर पाठक ने कहा कि एक दशक से नियुक्ति कर इंतजार कर रहे व पिछले आठ माह से प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण कर नियुक्ति की राह देख रहे टीईटी अभ्यर्थियों के पक्ष में सरकार द्वारा लिया गया निर्णय पूरी तरह से अमानवीय है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय के विरुद्ध वे न्यायालय में अपनी आवाज बुलंद करेंगे।
मोर्चा नेता अनुराग मल्ल व राजीत दीक्षित ने कहा कि कैबिनेट द्वारा लिया गया यह निर्णय अमानवीय है। इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश कुशवाहा ने की।
बैठक में शचींद्र दूबे, अनुराग मल्ल, बृजेश दूबे, राकेश मणि, रतेंद्र सिंह, अनिल कुमार आदि मौजूद थे।
Source- Jagran
2-9-2012
पत्राचार बीटीसी वाले भी बन सकेगेँ शिक्षक
ReplyDeleteयूपी में पिछले सात साल से आधी अधूरी ट्रेनिंग कर शिक्षक बनने के लिए संघर्ष कर रहे पत्राचार बीटीसी करने वाले भी शिक्षक बनाए जाएंगे। इसके लिए वर्ष 1996 से पूर्व जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) से ट्रेनिंग करने वाले ही पात्र माने जाएंगे। जिन्होंने ट्रेनिंग पूरी नहीं की है,उन्हें डायटों पर ट्रेनिंग दी जाएगी। यूपी में ऐसे 4170 अभ्यर्थी हैं। शासन में हुई उच्चाधिकारियों की बैठक में इस पर लगभग सहमति बन गई है। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार के अवकाश से लौटने के बाद इस संबंध में शासनादेश जारी किए जाने कीतैयारी है।
यूपी के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षक रखने की योग्यता बीटीसी है। शिक्षकों की कमी को देखतेहुए नवंबर 1994 में पत्राचार बीटीसी शुरू की गई। इसके आधार पर स्नातक उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग देने की प्रक्रिया शुरू की गई। डायटों के साथ निजी कॉलेजों में भी पत्राचार बीटीसी शुरू कर दिए जानेकी वजह से वर्ष 1996 में पत्राचार बीटीसी पर रोक लगा दी गई। रोक के बाद ट्रेनिंग प्रक्रिया रोक दी गई।
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ट्रेनिंग पूरी करने वालों को प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बनाया जाता रहा, लेकिनसात साल पहले पत्राचार करने वालों कोपूरी तरह से नौकरी देने पर रोक लगा दीगई। इसके कारण वर्ष 1996 से पूर्व पत्राचार कोर्स में एडमिशन लेने वालों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वहां से राज्य सरकार को इस पर विचार करने का निर्देश दिया गया, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह मामला तब से विचाराधीन था।
सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों पत्राचार बीटीसी करने वालों का एक प्रतिनिधिमंडल बेसिक शिक्षा मंत्री से मिला था। मंत्री ने इस पर सहमति जताई है कि वर्ष 1996 से पूर्व डायटों में ट्रेनिंग पूरी करने वालों को शिक्षक बना दिया जाए और जिनकी अधूरी ट्रेनिंग वालों की ट्रेनिंग पूरी कराई जाए।
PLS POST THE LINK
ReplyDeleteye news to 17-7-2012 amar ujala ki hai.
ReplyDeleteya,you're right blog editor ji,
ReplyDeleteaap ko kya lagta hai ki hamari nav pani me dub jayegi ya usko kinara mil jayega
आज कोर्ट में मौजूद हमारे साथी रीतेश
ReplyDeleteओझा द्वारा मुझे बताया गया आँखों देखा हाल-----
टंडन जी के आने के बाद सरकारी वकील ने
कोर्ट को बताया कि उन्होंने
नियमावली संशोधित करके विज्ञप्ति रद्द
कर दी है ,,,,कपिलदेव के वकील ने
अपनी याचिका वापस ले ली ,,, वह मौजूद
रत्नेश पाल के अधिवक्ता अभिषेक
श्रीवास्तव से टंडन जी ने पूछा कि आप
क्या आप भी अपनी याचिका वापस
लेंना चाहते हैं,, अभिषेक ने
अपनी याचिका में संशोधन के लिए तीन
दिन का समय माँगा तो टंडन जी ने 11
sept. date दे दी,,,,,अभिषेक ने कहा सर हमें
कुछ डिफेन्स दे दीजिए वरना सरकार
पुरानी विज्ञप्ति के पैसे वापस करने
लगेगी और नयी विज्ञप्ति निकाल देगी,,
इस पर टंडन जी ने कहा अगर आपकी बात
सही हुयी तो मै इनका order खारिज
(quash)कर दूंगा ,,,,,,,अशोक खरे आज कोर्ट
रूम में नहीं आये थे और शाशिनंदन के कोर्ट
रूम में पहुँचने तक नया केस take up
हो चुका था ,,,