अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों को पेंशन से वंचित करना अन्याय
लखनऊ । एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों को प्रचलित पेंशन योजना से वंचित रखना बहुत बड़ा अन्याय है। यह बात बुधवार को विभिन्न मांगों को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन करते हुए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के शिक्षक नेताओं ने कही। धरने की अध्यक्षता करते हुए संगठन के अध्यक्ष एमएलसी ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण तथा अन्य मांगें पूर्णतया न्याय संगत हैं। उन्होंने कहा कि अनेक अवसरों पर सरकार की ओर से सहमति व्यक्त की गयी है कि सीटी संवर्ग की सेवा अवधि का लाग प्रोन्नत वेतनमान के लिए अनुमन्य करना तथा प्रोन्नत वेतनमान से वंचित एलटी वेतनक्रम के शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान दिया जाना ऐसी मांगें हैं जिन पर बार-बार सहमति व्यक्त की जा चुकी है लेकिन समुचित आदेश निर्गत नहीं किए गये हैं। उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र ही सरकार की ओर से सकारात्मक संकेत नहीं मिलते हैं तो आन्दोलन के दूसरे चरण प्रारम्भ होंगे। इस दौरान घोषणा की गयी कि प्रत्येक जनपद में उप्र कर्मचारी-शिक्षक समन्वय समिति 17 अक्टूबर को मशाल जुलूस निकाल जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किए जाएंगे। धरना स्थल पर आयोजित सभा का संचालन संगठन के महामंत्री अशोक कुमार श्रीवास्तव ने किया। प्रदर्शन में शिक्षक विधायक हेम सिंह पुण्डीर, जगवीर किशोर जैन, देवी दयाल शास्त्री, सुभाष चन्द्र शर्मा, सुरेश कुमार त्रिपाठी एवं ध्रुव कुमार त्रिपाठी मुख्य रूप से उपस्थित हुए। इस दौरान संगठन के उपाध्यक्ष हर प्रसाद तिवारी, महेश चन्द्र शर्मा, सुरेन्द्र मलिक, ठाकुर प्रसाद यादव, रमेश चन्द्र गुप्त, आय-व्यय निरीक्षक हरिहर सिंह, प्रदेश मंत्री डा. प्रमोद कुमार मिश्र, उत्तम कुमार शर्मा, रामेश्वर उपाध्याय, ऊषा आनन्द सहित विभिन्न स्थानों से आए शिक्षक उपस्थित थे।
No comments:
Post a Comment
आपके शब्द आपकी सभ्यता का प्रतीक हैं|
शब्दों का प्रयोग आपके व्यक्तित्व का परिचय है ।
अभद्र भाषा के प्रयोग पर आपकी प्रतिक्रियाओ को बाधित किया जा सकता है ।