UPTET - टीईटी - TET
AN ARTICLE BY Mr.SHYAM DEV MISHRA
AN ARTICLE BY Mr.SHYAM DEV MISHRA
UPTET - शिक्षक भर्ती पर समाजवादी सरकार का समाजवादी दांव
वैसे
सूबे की समाजवादी सरकार वाकई समाजवादी है तभी तो आज शिक्षा को,
शिक्षा-माफिया को, अभ्यर्थियों को, और अब तो उनको भी साथ लेकर चल रही है जो
या तो रिजल्ट न आने से या टी.ई.टी. फेल हो जाने के कारण बहन मायावती
द्वारा शुरू किये गए बम्पर-भर्ती-मेला-2012 में शामिल नहीं हो पाए थे.
सबसे
पहले बात करें बी.टी.सी./वि.बी.टी.सी. वालों के लिए निकली रिक्तियों की तो
कुल 9500 रिक्तियों में से उर्दू-प्रवीणता वाले 2000 पदों को अलग करने पर
इनकी संख्या लगभग 7500 है. भर्ती पहले वाले विज्ञापन से हो तो प्रक्रिया
में लगभग 10000 अभ्यर्थी ही रहेंगे जबकि नए विज्ञापन से भर्ती होने से
इसमें लगभग 25000 नए बी.टी.सी.-2010 वालों को शामिल होने का मौका मिलेगा
जिन्होंने जल्द से जल्द प्रायोगिक परीक्षा कराकर नवम्बर 2012 के पहले हफ्ते
में परिणाम घोषित कराने का निर्देश हाईकोर्ट से ले लिया है ताकि वो इस
भर्ती में शामिल हो सकें. जहाँ लगभग ढाई गुना संख्या में अतिरिक्त आवेदक
जुड़ने से मेरिट बहुत ऊंची जाने की आशंका से पुराने बी.टी.सी. वाले बहुत से
अभ्यर्थी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं, वही नए अभ्यर्थियों में उत्साह
छा गया है. वैसे इतना तो तय है कि भारी संख्या में आवेदन होने से अब प्रदेश
को जहां पहले की अपेक्षा ज्यादा अच्छी गुणवत्ता वाले शिक्षक मिल सकेंगे
वहीँ सरकार को 10000 अभ्यर्थियों के बदले 25000 अभ्यर्थियों की दुआएं और
वोट मिलेंगे.
अब
बात करें बी.एड. वालों की तो पहले प्रकाशित विज्ञप्ति के 72825 पदों के
सामने लगभग 250000 लोगों ने आवेदन किये थे और भर्ती का विज्ञापन होने की
वजह से इसमें सिर्फ टी.ई.टी. उत्तीर्ण ही आवेदन कर पाए. पर जैसे कि आशंका
जताई गई थी कि अगर सरकार नया विज्ञापन नियुक्ति के बदले वि.बी.टी.सी. के
प्रशिक्षण के लिए विज्ञापन निकलती है, अब वाकई में ख़बरें इसकी पुष्टि कर
रही हैं. ऐसे में इसमें केवल टी.ई.टी. उत्तीर्ण नहीं, टी.ई.टी. अनुत्तीर्ण
और नये बी.एड वाले व्यक्ति भी शामिल होंगे क्योंकि सेवा नियमावली १९८१ के
अनुसार वी बीटीसी के प्रशिक्षण के लिये चयन हेतु आवश्यक योग्यताओं मे टेट
कही नहीं है साथ ही एन सी टी ई के अनुसार टेट अध्यापक के पद पर नियुक्ति
के लिये आवश्यक है न कि प्रशिक्षण के लिये ।
ये
प्रशिक्षण खत्म होने के पहले पहले निश्चित रुप से सरकार टेट का आयोजन
करवायेगी और उपरोक्त प्रशिक्षण मे शामिल टेट अनुत्तीर्ण और नये बी.एड
वालों लोगो के लिये आने वाली भर्ती के पहले पहले टेट प्रमाणपत्र हासिल करने
का अवसर उपलब्ध करायेगी . कुछ लोग यह मान रहे है कि बी.एड वालो के लिये
समय सीमा नियुक्ति के लिये बढाई गयी है न कि टेट के लिये , उनकी जानकरी
में लाना चाहता हूँ कि एन सी टी ई अनुसार, टी.ई.टी. में सम्मिलित होने
के लिए अर्ह हैं; “ऐसे व्यक्ति जो एन.सी.टी.ई. द्वारा 23 अगस्त 2010 को
जारी अधिसूचना में उल्लिखित शैक्षणिक और प्रोफेशनल योग्यताएं धारण करते
हैं.” साथ ही दिशा-निर्देश स्पष्ट करते हैं कि ”टी.ई.टी. में सम्मिलित
होने के लिए किसी राज्य-विशेष में अर्हता की शर्तों में छूट दी जा सकती है
जहाँ शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 23 की उप-धारा 2 के अंतर्गत एक
निश्चित अवधि के लिए छूट दी जा चुकी हो. उत्तर प्रदेश में बी.एड. वालों को
कक्षा 1 – 5 के अध्यापक के तौर पर नियुक्ति के लिए समय-सीमा 31 मार्च 2014
तक इसी प्रावधान के अंतर्गत दी जा सकने वाली छूट के तहत बढाई गई है.” ये
मेरी राय नहीं, एन.सी.टी.ई. के दिशा-निर्देशों के अंश हैं. जाहिर है, 31
मार्च 2014 तक होने वाली टी.ई.टी. में बी.एड. वालों को बैठने से कोई रोक
नहीं सकता ।
अब
पुराने विज्ञापन से भर्ती होने की सूरत में केवल 250000 लोग मुकाबले में
रहेंगे पर अब भर्ती के बजाये मात्र प्रशिक्षण का विज्ञापन निकलने की सूरत
में अभ्यर्थियों की संख्या 9 लाख के आस-पास होगी जिससे पहले के विज्ञापन
के आधार पर फ़्लैट अकादमिक या गुणांक या टी.ई.टी. मेरिट के आधार पर भर्ती
होने की उम्मीद रखने वालों को झटका लगना तय है । यहाँ ध्यान देने योग्य है
कि पुराने विज्ञापन की स्थिति में आवेदकों को न्यून प्रतिस्पर्धा के साथ
सीधे चयन की आशा थी वहीं नये विज्ञापन की स्थिति में अत्यन्त
प्रतिस्पर्धात्मक आधार पर चयन मिलेगा भी तो मात्र प्रशिक्षण के लिये ।
भविष्य
में नियुक्ति के लिये नया विज्ञापन आने की स्थिति में उस समय सभी अर्ह
आवेदकों को जिस स्तर की प्रतिस्पर्धा का दोबारा सामना करना पडेगा उसका सहज
ही अनुमान लगाया जा सकता है।
साथ
ही इतना भी तय है सरकार के अनुसार भारी संख्या में आवेदन होने से चयनितों
में गुणवता का स्तर पहले के मुकाबले ज्यादा होगा और सरकार के पाले में जाने
वाले मतों की संख्या भी पहले के मुकाबले ज्यादा होगी.
वैसे
तेजी से बदलती स्थिति के कारण पहले के विज्ञापन के मुद्दे पर, चयन के आधार
के मुद्दे पर, जल्दी-भर्ती निकलने के मुद्दे पर तो सिर्फ-और सिर्फ
पूर्व-घोषित टी.ई.टी. मेरिट से भर्ती को लेकर न्यायालय में लड़ने के मुद्दे
को लेकर अलग अलग गुटों में बंट चुके अभ्यर्थियों में से अधिकतर इस नए
घटनाक्रम के कारण अपने चयन की संभावनाएं धूमिल होती देखकर परेशान हैं वही
सरकार को पुराने विज्ञापन के समर्थक मात्र एक लाख लोगो के मुकाबले दसियों
लाख लोगो को खुश करने का फार्मूला हाथ लगा है वो भी ज्यादा से ज्यादा लोगो
को रोजगार का अवसर देने और पहले के मुकाबले बेहतर गुणवत्ता वाले शिक्षक
चयनित करने की वाह-वाही के साथ ।
वैसे
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कल तक जल्दी से जल्दी किसी भी आधार पर भर्ती
निकालने की वकालत कर रहे लोग या “सरकार जो भी करे ठीक है” या “अपना नहीं
तो किसी और का तो भला होने दो” का स्टैंड लेते हुए कानूनी लड़ाई लड़ रहे
अभ्यर्थियों को हतोत्साहित करने वाले लोग क्या रुख अपनाते हैं . वैसे
फ़िर से पुराने विज्ञापन के आधार पर ही भर्ती के लिये शुरू हो रही
सुगबुगाहट अगर एक मजबूत लामबन्दी का रूप ले ले तो यह न आश्चर्यजनक होगा और
ना ही अतार्किक .
शिक्षक भर्ती पर समाजवादी सरकार का समाजवादी दांव
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वैसे सूबे की समाजवादी सरकार वाकई समाजवादी है तभी तो आज शिक्षा को,
शिक्षा-माफिया को, अभ्यर्थियों को, और अब तो उनको भी साथ लेकर चल रही है जो
या तो रिजल्ट न आने से या टी.ई.टी. फेल हो जाने के कारण बहन मायावती
द्वारा शुरू किये गए बम्पर-भर्ती-मेला-2012 में शामिल नहीं हो पाए थे.
सबसे पहले बात करें बी.टी.सी./वि.बी.टी.सी. वालों के लिए निकली
रिक्तियों की तो कुल 9500 रिक्तियों में से उर्दू-प्रवीणता वाले 2000 पदों
को अलग करने पर इनकी संख्या लगभग 7500 है. भर्ती पहले वाले विज्ञापन से हो
तो प्रक्रिया में लगभग 10000 अभ्यर्थी ही रहेंगे जबकि नए विज्ञापन से
भर्ती होने से इसमें लगभग 25000 नए बी.टी.सी.-2010 वालों को शामिल होने का
मौका मिलेगा जिन्होंने जल्द से जल्द प्रायोगिक परीक्षा कराकर नवम्बर 2012
के पहले हफ्ते में परिणाम घोषित कराने का निर्देश हाईकोर्ट से ले लिया है
ताकि वो इस भर्ती में शामिल हो सकें. जहाँ लगभग ढाई गुना संख्या में
अतिरिक्त आवेदक जुड़ने से मेरिट बहुत ऊंची जाने की आशंका से पुराने
बी.टी.सी. वाले बहुत से अभ्यर्थी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं, वही नए
अभ्यर्थियों में उत्साह छा गया है. वैसे इतना तो तय है कि भारी संख्या में
आवेदन होने से अब प्रदेश को जहां पहले की अपेक्षा ज्यादा अच्छी गुणवत्ता
वाले शिक्षक मिल सकेंगे वहीँ सरकार को 10000 अभ्यर्थियों के बदले 25000
अभ्यर्थियों की दुआएं और वोट मिलेंगे.
अब
बात करें बी.एड. वालों की तो पहले प्रकाशित विज्ञप्ति के 72825 पदों के
सामने लगभग 250000 लोगों ने आवेदन किये थे और भर्ती का विज्ञापन होने की
वजह से इसमें सिर्फ टी.ई.टी. उत्तीर्ण ही आवेदन कर पाए. पर जैसे कि आशंका
जताई गई थी कि अगर सरकार नया विज्ञापन नियुक्ति के बदले वि.बी.टी.सी. के
प्रशिक्षण के लिए विज्ञापन निकलती है, अब वाकई में ख़बरें इसकी पुष्टि कर
रही हैं. ऐसे में इसमें केवल टी.ई.टी. उत्तीर्ण नहीं, टी.ई.टी. अनुत्तीर्ण
और नये बी.एड वाले व्यक्ति भी शामिल होंगे क्योंकि सेवा नियमावली १९८१ के
अनुसार वी बीटीसी के प्रशिक्षण के लिये चयन हेतु आवश्यक योग्यताओं मे टेट
कही नहीं है साथ ही एन सी टी ई के अनुसार टेट अध्यापक के पद पर नियुक्ति
के लिये आवश्यक है न कि प्रशिक्षण के लिये ।
ये प्रशिक्षण खत्म होने के पहले पहले निश्चित रुप से सरकार टेट का
आयोजन करवायेगी और उपरोक्त प्रशिक्षण मे शामिल टेट अनुत्तीर्ण और नये
बी.एड वालों लोगो के लिये आने वाली भर्ती के पहले पहले टेट प्रमाणपत्र
हासिल करने का अवसर उपलब्ध करायेगी . कुछ लोग यह मान रहे है कि बी.एड वालो
के लिये समय सीमा नियुक्ति के लिये बढाई गयी है न कि टेट के लिये , उनकी
जानकरी में लाना चाहता हूँ कि एन सी टी ई अनुसार, टी.ई.टी. में सम्मिलित
होने के लिए अर्ह हैं; “ऐसे व्यक्ति जो एन.सी.टी.ई. द्वारा 23 अगस्त
2010 को जारी अधिसूचना में उल्लिखित शैक्षणिक और प्रोफेशनल योग्यताएं धारण
करते हैं.” साथ ही दिशा-निर्देश स्पष्ट करते हैं कि ”टी.ई.टी. में
सम्मिलित होने के लिए किसी राज्य-विशेष में अर्हता की शर्तों में छूट दी जा
सकती है जहाँ शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 23 की उप-धारा 2 के
अंतर्गत एक निश्चित अवधि के लिए छूट दी जा चुकी हो. उत्तर प्रदेश में
बी.एड. वालों को कक्षा 1 – 5 के अध्यापक के तौर पर नियुक्ति के लिए
समय-सीमा 31 मार्च 2014 तक इसी प्रावधान के अंतर्गत दी जा सकने वाली छूट के
तहत बढाई गई है.” ये मेरी राय नहीं, एन.सी.टी.ई. के दिशा-निर्देशों के अंश
हैं. जाहिर है, 31 मार्च 2014 तक होने वाली टी.ई.टी. में बी.एड. वालों को
बैठने से कोई रोक नहीं सकता ।
अब पुराने विज्ञापन से भर्ती होने की सूरत में केवल 250000 लोग मुकाबले
में रहेंगे पर अब भर्ती के बजाये मात्र प्रशिक्षण का विज्ञापन निकलने की
सूरत में अभ्यर्थियों की संख्या 9 लाख के आस-पास होगी जिससे पहले के
विज्ञापन के आधार पर फ़्लैट अकादमिक या गुणांक या टी.ई.टी. मेरिट के आधार
पर भर्ती होने की उम्मीद रखने वालों को झटका लगना तय है । यहाँ ध्यान देने
योग्य है कि पुराने विज्ञापन की स्थिति में आवेदकों को न्यून प्रतिस्पर्धा
के साथ सीधे चयन की आशा थी वहीं नये विज्ञापन की स्थिति में अत्यन्त
प्रतिस्पर्धात्मक आधार पर चयन मिलेगा भी तो मात्र प्रशिक्षण के लिये ।
भविष्य
में नियुक्ति के लिये नया विज्ञापन आने की स्थिति में उस समय सभी अर्ह
आवेदकों को जिस स्तर की प्रतिस्पर्धा का दोबारा सामना करना पडेगा उसका सहज
ही अनुमान लगाया जा सकता है।
साथ ही इतना भी तय है सरकार के अनुसार भारी संख्या में आवेदन होने से
चयनितों में गुणवता का स्तर पहले के मुकाबले ज्यादा होगा और सरकार के पाले
में जाने वाले मतों की संख्या भी पहले के मुकाबले ज्यादा होगी.
वैसे तेजी से बदलती स्थिति के कारण पहले के विज्ञापन के मुद्दे पर, चयन
के आधार के मुद्दे पर, जल्दी-भर्ती निकलने के मुद्दे पर तो सिर्फ-और सिर्फ
पूर्व-घोषित टी.ई.टी. मेरिट से भर्ती को लेकर न्यायालय में लड़ने के मुद्दे
को लेकर अलग अलग गुटों में बंट चुके अभ्यर्थियों में से अधिकतर इस नए
घटनाक्रम के कारण अपने चयन की संभावनाएं धूमिल होती देखकर परेशान हैं वही
सरकार को पुराने विज्ञापन के समर्थक मात्र एक लाख लोगो के मुकाबले दसियों
लाख लोगो को खुश करने का फार्मूला हाथ लगा है वो भी ज्यादा से ज्यादा लोगो
को रोजगार का अवसर देने और पहले के मुकाबले बेहतर गुणवत्ता वाले शिक्षक
चयनित करने की वाह-वाही के साथ ।
वैसे
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कल तक जल्दी से जल्दी किसी भी आधार पर भर्ती
निकालने की वकालत कर रहे लोग या “सरकार जो भी करे ठीक है” या “अपना नहीं
तो किसी और का तो भला होने दो” का स्टैंड लेते हुए कानूनी लड़ाई लड़ रहे
अभ्यर्थियों को हतोत्साहित करने वाले लोग क्या रुख अपनाते हैं . वैसे
फ़िर से पुराने विज्ञापन के आधार पर ही भर्ती के लिये शुरू हो रही
सुगबुगाहट अगर एक मजबूत लामबन्दी का रूप ले ले तो यह न आश्चर्यजनक होगा और
ना ही अतार्किक .
S D M Ke pass koi kaam nahi hai
ReplyDeleteaur koi kaam de bhi nahi de raha hai
nitu ji ab hum log bhi vbtc ke liye apply karege mera bed result 2011 aa gaya
ReplyDeleteSyamdev kabhi chahta ki tet wale teacher bane wo kewal dalali batane k liye comment krta hai, kewal court court chilata hai, aur court k naam par paisa vasul krta hai. Usne abhi tak ek bhi eaisa comment nhi kiya jisse bharti hone ka rasta khul sake.
ReplyDeletetet 2012 or tet 2011 me paa logo ke liye vigyapan aayega
ReplyDeleteTera baap kisi ko nahi kar raha ab lelo nakuri madar chudo baitenge ab 10lakh papa tumhare
DeleteThanks Dixit ji.
ReplyDeletetraning karte rahe or naukri ke sapne dekhte raho
ReplyDeletepuja tum itani bekar bate kyo kar rhi ho? kya tum form nhi bhar sakti to kyo dusre ko paresan karti ho.blog se tum bhag jao isi me tumhari bhalai hai nahi to jald hi akshay kumar aa rha hai.
ReplyDeletePlz join me on facebook shailendra.deepu@gmail.com
ReplyDeleteSP govt ke liye aisa mamuli baat he. vote ki gandi politics karna iska priority he.
ReplyDeleteyeh akhilesh bhosdi ka murkh aulad h madar choud maya wati se itni chid h to uka balatkar kar us randi ko kothe par baitha sale humne kya kiya h. Mahawati ki ka to jhat ka baal tedha n ho raha aam janta ko paresan karta h sale. Hum use chamariya k saat na pehle the na tere saath ab
Deleteअपनी माँ को अखिलेश यादव के पास भेज दे सिर्फ एक रात के लिए तेरी सीट कन्फर्म हो जायेगी अखिलेश तेरी माँ को चोदकर तूझे नौकरी जरुर दे देगा
DeletePlz join me on facebook shailendra.deepu@gmail.com
ReplyDeleteAjj ka current news kya hai syam dev to keval gumrah karne ki bat karta hai.
ReplyDeleteSashi comon sense lagao woh thik keh raha h.
Deletedinesh bhai kha ho?
ReplyDeletepooja darling i love u janu
ReplyDeleteAdvt se related koi news ho to batao..diat me pata kro ager koi jaanne wala ho to
ReplyDeleteaao mere pass janeman mai tumko apni baho me bhar luga janeman
ReplyDeletekya tum naraj ho janu
ReplyDeleteAcadmic Acadmic ka system kitnee bekaar kee baat hai,
ReplyDeleteEk Example dekhen (Army School Noida ) -
http://en.wikipedia.org/wiki/Army_Public_School_Noida
596 candidate appear in Class 12th Exam,
And 590 candidates obtained greater than 90%.
**************
Aur ye batao kee year 2005 se pehel, UP Board mein kitne logo ne 90% se oopar marks leeye hain
******
TET Merit is BEST SOLUTION for UP Board candidates.
*******
Abhee LT Grade Selection mein haal dekhnaa kee kitnee merit jatee hai
Aur UP mein UP Board valon ka kyaa hotaa hai
mujhe bht gussa aa rha hai kaha chali gyi janu,
ReplyDeletemaya ne bhi votee bank ke chakkar me last me vacancy nikali aur haar gayi yahi haal sp ka hoga sda ko kaam nahi hai govt ko new advise de raha hai
ReplyDeletesub maya ki maya hi
ReplyDeleteSAMBHOOOJI YHA HAI AAP. AAP CHINTA NA KRE POOOJA KAFUJAA UDAKAR AA RHA HOOO
ReplyDeleteSAMAR BHAI
ReplyDeleteAAP KO GUSSA AA RHA HAI SABKI POOJA KO KAR DO
sabhi bed vale vbtc ki traning karege
ReplyDeleteg
ReplyDeletetet 2011 raddha ho rahi h aisa sunne me aa raha h kyo ki isme dhabhli hue the
ReplyDeleteab tet 2012 se hi chayan hoga
ReplyDeletepooja tohara me aisan dalab ki tu mahina bhar chillate rahbu ,tu bahute bolat hai ruk tohre me abhi dalt hai taiyar rahe bhos..di ke.
ReplyDeleteblog par ser bante ho
ReplyDeleteto sharma ji ko apna add de do
ReplyDeleteto sharma ji ko apna add de do
ReplyDeleteShyam Dev ji aap ke pass keval apni gaad marvane k alava koi kam to hai nahi bus baithe baithe maa chudvate rahte ho ho aur jhoothe blog likhe to .
ReplyDeleteAb apni maa chudvana band karo aur lund apne muh me dal ke so ja.