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Tuesday, 8 January 2013

UPTET - 72824 पदों के लिए 72 लाख आवेदन

UPTET - 72824 पदों के लिए 72 लाख आवेदन


लखनऊ (एसएनबी)। सूबे के परिषदीय स्कूलों में तदर्थ शिक्षकों के रिक्त 72824 पदों के लिए सोमवार तक करीब 72 लाख से ज्यादा आवेदन पत्र भेजे गये। अब ऑन लाइन फार्म की स्क्रीनिंग की जाएगी। इस बार फार्म में गलतियों की भरमार है। लाखों की संख्या में फार्म रद होने की आशंका है। सोमवार आधी रात के बाद टीईटी उत्तीर्ण बीएड अभ्यर्थियों के लिए आवेदन पत्र भेजने का मौका खत्म हो गया। अब साइट कोई अर्जी स्वीकार नहीं करेगी। आवेदन पत्र जमा करने के लिए पहले 31 दिसम्बर तक मौका दिया गया था, बाद में सरकार ने सात दिनों के लिए समय और बढ़ा दिया। सोमवार आधी रात को यह अवधि भी पूरी हो गयी। टीईटी के जरिये बेसिक शिक्षा परिषद ने भले ही बड़ी कमाई की हो, लेकिन प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा इसको ठीक नहीं मानते। प्रमुख सचिव सुनील कुमार ने कहा कि जब अर्ह अभ्यर्थियों की संख्या ही ढाई लाख है तो फिर आवेदकों की यह भारी संख्या आखिर कहां से आ गयी। सूत्रों का कहना है कि आवेदकों की यह भारी भीड़ परिषद की मुसीबत बढ़ा सकती है। पिछले वर्ष इतने ही पदों के लिए साढ़े सात लाख आवेदन आये थे और परिषद के पास अभ्यर्थियों का करीब 37 करोड़ रुपये आवेदन शुल्क का अभी बकाया है। इसको लौटाने पर सहमति बनी थी, लेकिन इस बार तो आवेदन के सारे रिकार्ड टूट गये। सूत्रों का कहना है कि 72 लाख से ज्यादा आवेदन आये हैं, आरक्षित वर्ग को छोड़ ओबीसी व सामान्य के लिए फीस 500 रुपये प्रति आवेदन रखी गयी थी। चयन एक ही आवेदन पत्र पर होगा, ऐसे में अन्य जिलों की धनराशि नहीं लौटायी जाएगी। तदर्थ शिक्षक पद के लिए आवेदन करने वाले एक अभ्यर्थी ने बताया कि जब सभी कुछ मेरिट से होना है तो वह आवेदन के लिए कुछ हजार रुपये लगाने में गुरेज नहीं करेगा, ताकि कोई मौका हाथ से न जाने पाये। यही होड़ परिषद के कमाई का जरिया बन गयी है। यूपी में किसी भी एक परीक्षा के लिए पदों के सापेक्ष शायद पहली बार इतने आवेदन आये होंगे। 72800 पदों के लिए आवेदन अब बेसिक शिक्षा परिषद के लिए मुसीबत बन सकते है। सूत्रों का कहना है कि नौकरी पक्की करने के लिए अभ्यर्थियों ने परिषद के खजाने को भर दिया है। बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार ने कहा कि अब आवेदन पत्रों को जमा करने की तिथि नहीं बढ़ायी जाएगी। उनकी स्क्रीनिंग करायी जाएगी। सभी कुछ बेसिक शिक्षा परिषद में किया जाएगा। इसके बाद जिला स्तर की मेरिट से सभी आवेदकों को मेरिट दी जाएगी। इसी में आरक्षण का लाभ देकर मेरिट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग की नियमावली में जेण्डर के आधार पर आरक्षण देने की व्यवस्था न पहले थी न अब है। बीटीसी की ट्रेनिंग के लिए अभी महिलाओं के लिए पचास फीसद सीटें आरक्षित रहती हैं। चूकि पहले शिक्षकों की भर्ती बीटीसी के आधार पर होती थी तो महिलाओं को नौकरी में पचास फीसद कब्जा रहता था। हो सकता है कि इसमें इस बार भी इजाफा हो जाए, कम हो जाए, लेकिन नौकरी में जेण्डर के आधार पर आरक्षण कभी नहीं मिला है। इस बार भी नहीं दिया जा रहा है।

Source - Rashtriya Sahara
8-1-2013

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