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Sunday, 19 February 2012

फर्जी मार्कशीट पर विवि की मौन स्वीकृति

आगरा। फर्जी मार्कशीट के सहारे बीटीसी कर शिक्षक बनने वालों को डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय की मौन स्वीकृति है। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि इसकी गवाही डायट कार्यालय से भेजे गए वो पत्र दे रहे हैं, जिनमें बीटीसी करने वाले अभ्यर्थियाें के प्रमाण पत्र का सत्यापन कर रिपोर्ट भेजने को लिखा गया है। कई रिमाइंडर के बाद भी अभी तक बीटीसी-2007 बैच के अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच रिपोर्ट विश्वविद्यालय द्वारा डायट कार्यालय को मुहैया नहीं कराई गई है।
पिछले दिनों फर्जी मार्कशीट के सहारे बीटीसी कर शिक्षक की नौकरी कर रहे लोगों के पकडे़ जाने से हड़कंप मच गया था। फर्जी मार्क शीट के तार विश्वविद्यालय अधिकारियों से जुड़ते दिखे। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान तक भी इसकी आंच पहुंची। पुलिस फर्जी मार्कशीट मामले में जांच करने पहुंची, तो चौंकाने वाली बात सामने आई। डायट कार्यालय आगरा द्वारा बीटीसी-2007 बैच के अभ्यर्थियाें के प्रमाण पत्रों का सत्यापन करने के लिए रजिस्ट्रार को पहला पत्र 10 जून 2009 को लिखा गया। जब चार माह बाद भी रिपोर्ट नहीं आई, तो 28 नवंबर 09 को फिर पत्र भेजा गया, लेकिन इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद नौ जनवरी 2010 और 15 जनवरी को भी रिमाइंडर भेजे गए। इसके बावजूद विश्वविद्यालय ने प्रमाण पत्रों का सत्यापन कर आज तक रिपोर्ट नहीं भेजी है।
विश्वविद्यालय के इस रवैए से ही फर्जी मार्कशीट के सहारे कई लोग नौकरी पाने में कामयाब हो गए हैं। डायट कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इससे पहले के भी कई बैचों के अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की सत्यापन रिपोर्ट आज तक नहीं भेजी गई है।
NEWS-AMARUJALA
17-2-2012

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