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Thursday, 14 June 2012

स्नातक शिक्षामित्रों के लिए टीईटी अनिवार्य नहीं


सैदपुर (गाजीपुर) : प्रशिक्षणरत स्नातक शिक्षामित्रों व बीटीसी प्रशिक्षणार्थियों के लिए टीईटी अनिवार्य नहीं है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद लखनऊ के निदेशक डॉ महेंद्र सिंह बुधवार को डायट पर पत्रकारों से मुखातिब थे।
उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों को भी दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बोले, इंग्लिश मीडियम व नर्सरी विद्यालयों की तर्ज पर प्राथमिक विद्यालयों में भी प्री-प्राइमरी शिक्षा दी जाएगी। साढे़ तीन साल के बच्चों का दाखिला लिया जाएगा। कक्षा एक से 10 तक की शिक्षा का आधार मजबूत करने के लिए शिक्षा को तीन स्तर बीएसए, डीआईओएस व डायट प्राचार्य के रूप में बांटा गया है। इन सभी की जिम्मेदारी है कि बेसिक व माध्यमिक शिक्षा को सशक्त बनाएं। उन्होंने कहा कि बीएड डिग्री धारकों का यदि चयन किया जाएगा तो उनके लिए क्वालिटी कंट्रोल की व्यवस्था होगी। साफ कहा कि टीईटी को पात्रता परीक्षा के रूप में रखा जाएगा। इससे संबंधित प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। उच्च न्यायालय यह मामला विचाराधीन है। इसके पूर्व उन्होंने बीटीसी 2010 व 11 बैच का निरीक्षण किया। प्रशिक्षणार्थियों से पूछताछ से संतुष्ट दिखे।

Source- Jagran
13-6-2012

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