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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शिक्षक भर्ती की तैयारी शुरू ***चुनावी गणित में भावी शिक्षकों पर भी डोरे *** :----

Saturday, 22 December 2012

UPTET - सहायक अध्यापक भर्ती के अभ्यर्थियों को राहत

UPTET -  सहायक अध्यापक भर्ती के अभ्यर्थियों को राहत



Source - Amar Ujala
22-12-12

10 comments:

Mr. AMIT said...

कोर्ट ने 2011 में प्रकाशित विज्ञापन के आधार पर डाले गये फार्म को समायोजित करने के लिए कहा है। इसका तात्पर्य यह है कि 2011 में प्रकाशित विज्ञापन का आधार देखने से स्पष्ट होता है और 2011 में प्रकाशित विज्ञापन का आधार था कि एक ही डीडी की फोटो कापी लगाकर आप सभी जिलो में आवेदन कर सकते है और आपके आवेदन मान्य होगें।
अर्थात पिछली बार आपने जिन जिला में डीडी या उसकी फोटो कापी लगा कर आवेदन किया था वह मान्य है।
और
जिन जिलों में आपने पूर्व में आवेदन नहीं किया था उस जिले में आवेदन करने के लिए वर्तमान विज्ञापन के नियमों का पालन करते हुए फार्म भर सकते है। अर्थात 500 प्रति जिला फीस के साथ।
धन्यवाद

उपरोक्त व्यक्तिगत राय है बाकी अपने विवेक से काम ले

Dainik Sarkari said...

thenx amit ji

umashankar said...

Ritesh Ojha > Uptet Tet-Merit Based Lions & Lionesses
मेरे प्रिय मित्रों शुभ प्रभात । इस समय अफवाहों का बाजार अत्यधिक गरम है ,,जिसको देखोकोर्ट के आदेश की अपनी एक अलग व्याख्या बयान कर रहा है ,,,,कोर्ट के आदेश में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि वह समस्त जिले (various
districts)जिनमे ­ं आपने आवेदन 30 नवम्बर 2011 की विज्ञप्ति के अनुसार किया है उनमें दुबारा आवेदन करने की आवश्यक्ता नहीं है............... ­...सरकार के हाथ पाँव फूलने का मात्र यही एक कारण है ,,,,,वह जान चुकी है कि पुराने फार्म को स्वीकार करने का तात्पर्य है .....वह समस्त शर्तें एवं अर्हताएँ स्वीकार करना जो उस समय प्रभावी थी ............... ­.......इसीलिये वह उसकेविरूद्ध स्पेशल अपील दायर करने का मन बना चुकी है............. ­....लेकिन यह सम्भव नहीं है क्योंकि अभी तक टण्डन साहब ने इस विषय का निस्तारण नहीं किया है ........दूसरे ट्ण्डन साहबने बहुत ही चतुराई के साथ आदेश पारित किया है............. ­..अभी इन दोनों प्रकार के आवेदनों (30नवम्बर 11 व 7 दिसम्बर 12) की वैधानिकता का परीक्षण 9 जनवरी को होना है ........जिसका तात्पर्य यह है कि अभी दोनों में से कौन सा स्वीकार किया जायेगा यह भी निश्चित नहीं किया गया है............. ­.......लेकिन कोर्ट ने पुराने आवेदनों को स्वीकार करने की बाध्यता करने से यह निश्चित हो गया है कि अब टेट के प्राप्तांको के अनुसार ही यह नियुक्तियाँ होंगी,,,,,,,, यह समस्त नौटंकी मात्र इस उद्देश्यसे की जा रही है 2 - 4 दिन में धन की उपलब्धता और सुनिश्चित की जा सके और जिनके पास पैसा फालतू पड़ा है उसको प्रदेश की खुशहाली के लियेउनसे लिया जा सके ॥ बाकी हमारे अथक प्रयासों के बावजूद भी इस ग्रुप में अनेकों फर्जी आईडीका समावेश है इसलिये इस समय केवल एडमिनिस्ट्रेशन को ही पोस्ट लिखने का अधिकारदिया जा रहा है............. ­.बाकी परेशान होने की आवश्यक्ता नहीं है............. ­....जिस प्रकार हमको डबल बेंच से बार-बार वापस किया गया है उसी प्रकार सरकार को भी वापस ही आना है............. ­...आज के अखबारों के मुताबिक अभी तक सरकार को आदेश की प्रति नहीं मिली है............. ­....क्या यह सम्भव है????????????? ­?????? जबकि इस समय टेट उत्तीर्ण हर अभ्यर्थी के पास उस आदेश की कापीहै............. ­..मुझे हँसी आती है ऐसे सचिव पर............. ­.............खै ­र चिंता न करें .........हमारी विजय हो चुकी है .........अब सरकार को सोचना है कि हमको कैसे झेलें ??????????????? ­??? सरकार केवल अपना सिर ही पीट सकती है । बाकी जिसको अपना सत्यानाश कराना ही है,,, तो कोर्ट ने उसको भी यह करने की पूर्ण स्वतंत्रता दे रखी है............... ­............... ­.

Alok Ranjan Kanpur said...

Jo byora bheja jayega usme kya kya jankariya deni hongi?kya dd ya form ki photocopy bhi bejani hai.plz confirm it.i m realy confused.

Umesh Verma, Azamgarh said...

HI! Aditor Ji Yah Kya ho raha hai.

Umesh Verma, Azamgarh said...

Hi! Blog Aditor Ji Yah kya ho raha hai.

umashankar said...

GOOD EVENING DOSTO,,,,
GOV. Ka ASLI CHEHRA,,,,

उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने का फैसला

पिछले साल के आवेदनों को मान्य करने के आदेश के खिलाफ विशेष अपील करेगा बेसिक शिक्षा विभाग

-उच्च अधिकारियों की बैठक में हुआ फैसला

जागरण ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में पिछले साल सहायक अध्यापकों की भर्ती के आवेदनों को मान्य करने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ बेसिक शिक्षा विभाग हाई कोर्ट में विशेष अपील करेगा। मंगलवार को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार की अध्यक्षता में हुई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में हाई कोर्ट के आदेश के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श करने के बाद यह फैसला किया गया।

उच्च न्यायालय ने 21 दिसंबर को आदेश में कहा है कि जिन अभ्यर्थियों ने पिछले साल सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए प्रकाशित विज्ञापन के तहत आवेदन जमा किये थे, उनसे उन जिलों के लिए न तो नए आवेदन लिए जाएं और न ही शुल्क लिया जाए। पिछले साल प्रकाशित शिक्षक भर्ती के विज्ञापन में अभ्यर्थियों को पांच जिलों में आवेदन की छूट दी गई थी। उच्च न्यायालय के इस आदेश के परिप्रेक्ष्य में बेसिक शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों की बैठक में चर्चा के दौरान यह बिंदु सामने आया कि जब पिछले साल शिक्षकों की नियुक्ति के लिए प्रकाशित विज्ञापन और संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया को निरस्त किया जा चुका है तो उसके तहत प्राप्त आवेदन मान्य कैसे होंगे।

पिछले साल शिक्षक भर्ती के लिए 30 नवंबर को प्रकाशित विज्ञापन में अभ्यर्थियों की उम्र 18 से 35 वर्ष निर्धारित की गई थी। बाद में सात दिसंबर 2012 को संशोधित शासनादेश के जरिये आयु सीमा को बदलकर 21 से 40 वर्ष कर दिया गया। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यदि पुराने आवेदनों को मान्य किया गया तो 18 से 20 वर्ष तक की आयु वाले अभ्यर्थी भी भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो जाएंगे। वहीं इस साल पांच दिसंबर को प्रशिक्षु अध्यापकों की भर्ती के लिए जारी शासनादेश में अभ्यर्थियों की आयु सीमा 21 से 40 वर्ष रखी गई है।

बैठक में चर्चा हुई कि पिछले साल शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत अभ्यर्थियों से प्राप्त हुए बैंक ड्राफ्ट संबंधित जिले के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के खाते में जमा किये गए थे। चूंकि पिछले साल की भर्ती प्रक्रिया निरस्त कर दी गई थी, इसलिए शासन ने 31 अगस्त को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को अभ्यर्थियों के आवेदन शुल्क की धनराशि उन्हें लौटाने के बारे में पत्र लिख चुका है। अधिकारियों के मुताबिक इस बारे में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा धनराशि लौटाने की कार्यवाही की जा रही है। हाईकोर्ट के आदेश को मानने में एक व्यावहारिक दिक्कत यह भी है कि पिछले साल के आवेदन रजिस्टर्ड डाक से भेजे गए थे जबकि इस साल प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। ऑफलाइन और ऑनलाइन आवेदनों को एक साथ मिलाने पर चीजें सुलझने की बजाय उलझेंगी। पिछले साल हुए आवेदनों में एक ही बैंक ड्राफ्ट पांच जिलों के लिए मान्य ठहराया गया था लेकिन इस साल अलग-अलग जिलों के लिए अलग-अलग ई-चालान जमा करने की व्यवस्था है।

बैठक में विचार विमर्श के बाद सर्वसम्मति से तय हुआ कि कोर्ट के आदेश के अनुपालन में कई प्रकार की व्यावहारिक दिक्कतें हैं। इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में विशेष अपील दायर करने का निर्णय हुआ है।

umashankar said...

GOOD EVENING DOSTO,,,,
GOV. Ka ASLI CHEHRA,,,,

उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने का फैसला

पिछले साल के आवेदनों को मान्य करने के आदेश के खिलाफ विशेष अपील करेगा बेसिक शिक्षा विभाग

-उच्च अधिकारियों की बैठक में हुआ फैसला

जागरण ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में पिछले साल सहायक अध्यापकों की भर्ती के आवेदनों को मान्य करने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ बेसिक शिक्षा विभाग हाई कोर्ट में विशेष अपील करेगा। मंगलवार को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार की अध्यक्षता में हुई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में हाई कोर्ट के आदेश के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श करने के बाद यह फैसला किया गया।

उच्च न्यायालय ने 21 दिसंबर को आदेश में कहा है कि जिन अभ्यर्थियों ने पिछले साल सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए प्रकाशित विज्ञापन के तहत आवेदन जमा किये थे, उनसे उन जिलों के लिए न तो नए आवेदन लिए जाएं और न ही शुल्क लिया जाए। पिछले साल प्रकाशित शिक्षक भर्ती के विज्ञापन में अभ्यर्थियों को पांच जिलों में आवेदन की छूट दी गई थी। उच्च न्यायालय के इस आदेश के परिप्रेक्ष्य में बेसिक शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों की बैठक में चर्चा के दौरान यह बिंदु सामने आया कि जब पिछले साल शिक्षकों की नियुक्ति के लिए प्रकाशित विज्ञापन और संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया को निरस्त किया जा चुका है तो उसके तहत प्राप्त आवेदन मान्य कैसे होंगे।

पिछले साल शिक्षक भर्ती के लिए 30 नवंबर को प्रकाशित विज्ञापन में अभ्यर्थियों की उम्र 18 से 35 वर्ष निर्धारित की गई थी। बाद में सात दिसंबर 2012 को संशोधित शासनादेश के जरिये आयु सीमा को बदलकर 21 से 40 वर्ष कर दिया गया। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यदि पुराने आवेदनों को मान्य किया गया तो 18 से 20 वर्ष तक की आयु वाले अभ्यर्थी भी भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो जाएंगे। वहीं इस साल पांच दिसंबर को प्रशिक्षु अध्यापकों की भर्ती के लिए जारी शासनादेश में अभ्यर्थियों की आयु सीमा 21 से 40 वर्ष रखी गई है।

बैठक में चर्चा हुई कि पिछले साल शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत अभ्यर्थियों से प्राप्त हुए बैंक ड्राफ्ट संबंधित जिले के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के खाते में जमा किये गए थे। चूंकि पिछले साल की भर्ती प्रक्रिया निरस्त कर दी गई थी, इसलिए शासन ने 31 अगस्त को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को अभ्यर्थियों के आवेदन शुल्क की धनराशि उन्हें लौटाने के बारे में पत्र लिख चुका है। अधिकारियों के मुताबिक इस बारे में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा धनराशि लौटाने की कार्यवाही की जा रही है। हाईकोर्ट के आदेश को मानने में एक व्यावहारिक दिक्कत यह भी है कि पिछले साल के आवेदन रजिस्टर्ड डाक से भेजे गए थे जबकि इस साल प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। ऑफलाइन और ऑनलाइन आवेदनों को एक साथ मिलाने पर चीजें सुलझने की बजाय उलझेंगी। पिछले साल हुए आवेदनों में एक ही बैंक ड्राफ्ट पांच जिलों के लिए मान्य ठहराया गया था लेकिन इस साल अलग-अलग जिलों के लिए अलग-अलग ई-चालान जमा करने की व्यवस्था है।

बैठक में विचार विमर्श के बाद सर्वसम्मति से तय हुआ कि कोर्ट के आदेश के अनुपालन में कई प्रकार की व्यावहारिक दिक्कतें हैं। इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में विशेष अपील दायर करने का निर्णय हुआ है।
umashankar
9058749811
moradabad

UMADEV said...

Uptet News
GOOD EVENING DOSTO,,,,
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उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने का फैसला

पिछले साल के आवेदनों को मान्य करने के आदेश के खिलाफ विशेष अपील करेगा बेसिक शिक्षा विभाग

-उच्च अधिकारियों की बैठक में हुआ फैसला

जागरण ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में पिछले साल सहायक अध्यापकों की भर्ती के आवेदनों को मान्य करने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ बेसिक शिक्षा विभाग हाई कोर्ट में विशेष अपील करेगा। मंगलवार को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार की अध्यक्षता में हुई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में हाई कोर्ट के आदेश के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श करने के बाद यह फैसला किया गया।

उच्च न्यायालय ने 21 दिसंबर को आदेश में कहा है कि जिन अभ्यर्थियों ने पिछले साल सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए प्रकाशित विज्ञापन के तहत आवेदन जमा किये थे, उनसे उन जिलों के लिए न तो नए आवेदन लिए जाएं और न ही शुल्क लिया जाए। पिछले साल प्रकाशित शिक्षक भर्ती के विज्ञापन में अभ्यर्थियों को पांच जिलों में आवेदन की छूट दी गई थी। उच्च न्यायालय के इस आदेश के परिप्रेक्ष्य में बेसिक शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों की बैठक में चर्चा के दौरान यह बिंदु सामने आया कि जब पिछले साल शिक्षकों की नियुक्ति के लिए प्रकाशित विज्ञापन और संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया को निरस्त किया जा चुका है तो उसके तहत प्राप्त आवेदन मान्य कैसे होंगे।

पिछले साल शिक्षक भर्ती के लिए 30 नवंबर को प्रकाशित विज्ञापन में अभ्यर्थियों की उम्र 18 से 35 वर्ष निर्धारित की गई थी। बाद में सात दिसंबर 2012 को संशोधित शासनादेश के जरिये आयु सीमा को बदलकर 21 से 40 वर्ष कर दिया गया। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यदि पुराने आवेदनों को मान्य किया गया तो 18 से 20 वर्ष तक की आयु वाले अभ्यर्थी भी भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो जाएंगे। वहीं इस साल पांच दिसंबर को प्रशिक्षु अध्यापकों की भर्ती के लिए जारी शासनादेश में अभ्यर्थियों की आयु सीमा 21 से 40 वर्ष रखी गई है।

बैठक में चर्चा हुई कि पिछले साल शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत अभ्यर्थियों से प्राप्त हुए बैंक ड्राफ्ट संबंधित जिले के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के खाते में जमा किये गए थे। चूंकि पिछले साल की भर्ती प्रक्रिया निरस्त कर दी गई थी, इसलिए शासन ने 31 अगस्त को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को अभ्यर्थियों के आवेदन शुल्क की धनराशि उन्हें लौटाने के बारे में पत्र लिख चुका है। अधिकारियों के मुताबिक इस बारे में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा धनराशि लौटाने की कार्यवाही की जा रही है। हाईकोर्ट के आदेश को मानने में एक व्यावहारिक दिक्कत यह भी है कि पिछले साल के आवेदन रजिस्टर्ड डाक से भेजे गए थे जबकि इस साल प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। ऑफलाइन और ऑनलाइन आवेदनों को एक साथ मिलाने पर चीजें सुलझने की बजाय उलझेंगी। पिछले साल हुए आवेदनों में एक ही बैंक ड्राफ्ट पांच जिलों के लिए मान्य ठहराया गया था लेकिन इस साल अलग-अलग जिलों के लिए अलग-अलग ई-चालान जमा करने की व्यवस्था है।

बैठक में विचार विमर्श के बाद सर्वसम्मति से तय हुआ कि कोर्ट के आदेश के अनुपालन में कई प्रकार की व्यावहारिक दिक्कतें हैं। इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में विशेष अपील दायर करने का निर्णय हुआ है।
UMASHANKAR
9058749811
MORADABAD

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पिछले साल के आवेदनों को मान्य करने के आदेश के खिलाफ विशेष अपील करेगा बेसिक शिक्षा विभाग

-उच्च अधिकारियों की बैठक में हुआ फैसला

जागरण ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में पिछले साल सहायक अध्यापकों की भर्ती के आवेदनों को मान्य करने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ बेसिक शिक्षा विभाग हाई कोर्ट में विशेष अपील करेगा। मंगलवार को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार की अध्यक्षता में हुई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में हाई कोर्ट के आदेश के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श करने के बाद यह फैसला किया गया।

उच्च न्यायालय ने 21 दिसंबर को आदेश में कहा है कि जिन अभ्यर्थियों ने पिछले साल सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए प्रकाशित विज्ञापन के तहत आवेदन जमा किये थे, उनसे उन जिलों के लिए न तो नए आवेदन लिए जाएं और न ही शुल्क लिया जाए। पिछले साल प्रकाशित शिक्षक भर्ती के विज्ञापन में अभ्यर्थियों को पांच जिलों में आवेदन की छूट दी गई थी। उच्च न्यायालय के इस आदेश के परिप्रेक्ष्य में बेसिक शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों की बैठक में चर्चा के दौरान यह बिंदु सामने आया कि जब पिछले साल शिक्षकों की नियुक्ति के लिए प्रकाशित विज्ञापन और संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया को निरस्त किया जा चुका है तो उसके तहत प्राप्त आवेदन मान्य कैसे होंगे।

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बैठक में चर्चा हुई कि पिछले साल शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत अभ्यर्थियों से प्राप्त हुए बैंक ड्राफ्ट संबंधित जिले के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के खाते में जमा किये गए थे। चूंकि पिछले साल की भर्ती प्रक्रिया निरस्त कर दी गई थी, इसलिए शासन ने 31 अगस्त को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को अभ्यर्थियों के आवेदन शुल्क की धनराशि उन्हें लौटाने के बारे में पत्र लिख चुका है। अधिकारियों के मुताबिक इस बारे में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा धनराशि लौटाने की कार्यवाही की जा रही है। हाईकोर्ट के आदेश को मानने में एक व्यावहारिक दिक्कत यह भी है कि पिछले साल के आवेदन रजिस्टर्ड डाक से भेजे गए थे जबकि इस साल प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। ऑफलाइन और ऑनलाइन आवेदनों को एक साथ मिलाने पर चीजें सुलझने की बजाय उलझेंगी। पिछले साल हुए आवेदनों में एक ही बैंक ड्राफ्ट पांच जिलों के लिए मान्य ठहराया गया था लेकिन इस साल अलग-अलग जिलों के लिए अलग-अलग ई-चालान जमा करने की व्यवस्था है।

बैठक में विचार विमर्श के बाद सर्वसम्मति से तय हुआ कि कोर्ट के आदेश के अनुपालन में कई प्रकार की व्यावहारिक दिक्कतें हैं। इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में विशेष अपील दायर करने का निर्णय हुआ है।