JEE - जेईई में यूपी बोर्ड के छात्रों को दोहरी मार
राहत की उम्मीद, इंप्रूवमेंट के लिए मंत्रालय को लिखेंगे सीबीएसई के चेयरमैन
• अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद। संयुक्त इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (जेईई-मेन) के बदलाव से
दोहरी मार झेल रहे यूपी बोर्ड के छात्र-छात्राओं के लिए राहत की उम्मीद
जागी है। सीबीएसई के चेयरमैन ने यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट की परीक्षा में
इंप्रूवमेंट के लिए मंत्रालय तथा संबंधित विभागों को लिखने को कहा है।
हालांकि सत्र के बीच में इस तरह के पहल का विद्यार्थियों को लाभ मिल पाएगा
इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
इस साल से सभी इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर
पर एक परीक्षा होगी। परीक्षा के दो भाग जेईई-मेन और जेईई-एडवांस होंगे।
जेईई-मेन परीक्षा से एनआईटी, ट्रिपलआईटी समेत अन्य क्षेत्रीय तथा प्रदेश के
कालेजों में दाखिला होगा। आईआईटी में जेईई-एडवांस से प्रवेश होगा। नए
बदलाव में बोर्ड परीक्षा का महत्व भी बढ़ गया है। इसके अनुसार जेईई-मेन की
मेरिट में 60 फीसदी अंक लिखित परीक्षा तथा 40 प्रतिशत का निर्धारण बारहवीं
में मिले अंक से होगा। इसके मद्देनजर सीबीएसई ने छात्र-छात्राओं को अंक
सुधार परीक्षा में बैठने की अनुमति भी दे दी लेकिन यूपी बोर्ड में इस तरह
की कोई व्यवस्था नहीं है। कोई पहल भी नहीं की गई है। इसके विपरीत कई अन्य
बोर्ड में विद्यार्थियों को यह मौका दिया जा रहा है। एक तो कम अंक मिलने के
कारण से यूपी बोर्ड के विद्यार्थी पहले से ही प्रतियोगी परीक्षाओं में
पिछड़ते रहे हैं। ऐसे में इंप्रूवमेंट मामले में भी दोहरी नीति के कारण
इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में इनकी सफलता की उम्मीदें और कम हो जाएंगी।
इस संबंध में यूपी बोर्ड के अफसरों का कहना है कि यहां इंप्रूवमेंट का कोई
प्रावधान ही नहीं है। सरकार ही इस बारे में कोई फैसला ले सकती है।
हालांकि एक स्कूल के कार्यक्रम में यहां आए सीबीएससी के चेयरमैन विनीत
जोशी के सामने यह समस्या उठने के बाद विद्यार्थियों को राहत मिलने की
उम्मीद जगी है। चेयरमैन ने कहा कि इस विषय में वह माध्यमिक शिक्षा निदेशक
वासुदेव यादव से बात करेंगे। इसके अलावा मानव संसाधन विकास मंत्रालय से भी
हस्तक्षेप के लिए लिखा जाएगा।
बारहवीं में ‘सीसीसी’ अभी नहीं
सीबीएसई में बारहवीं की परीक्षा में सतत मूल्यांकन प्रणाली लागू होने
में अभी समय लगेगा। चेयरमैन विनीत जोशी ने बताया कि यह व्यवस्था लागू करने
पर विश्वविद्यालय तथा अन्य संस्थाओं की प्रवेश परीक्षा में भी बदलाव करना
होगा। इसलिए फिलहाल इसकी कोई तैयारी नहीं है।
Source - Amar Ujala
4-11-2012
No comments:
Post a Comment