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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शिक्षक भर्ती की तैयारी शुरू ***चुनावी गणित में भावी शिक्षकों पर भी डोरे *** :----

Saturday, 3 November 2012

UPTET - शिक्षकों की भर्ती से लोकसभा चुनाव का संबंध

UPTET - शिक्षकों की भर्ती से लोकसभा चुनाव का संबंध

शैलेंद्र श्रीवास्तव/लखनऊ 

अखिलेश सरकार प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में शायद सियासी फायदे तलाश रही है। भर्ती से होने वाले नफा-नुकसान को देखा जा रहा है। यह तलाशा जा रहा है कि तुरंत शिक्षकों की भर्ती से क्या फायदा होगा और कुछ माह बाद भर्ती से कितना फायदा होगा। क्योंकि शिक्षकों की भर्ती से भले ही फौरी तौर 


पर 72 हजार 825 युवक और युवतियां लाभाविंत होंगे, लेकिन फायदा लाखों परिवारों को मिलेगा।

जानकार तो यह भी कहते हैं कि शिक्षकों की तुरंत भर्ती से सरकार को कोई फायदा नहीं दिख रहा है। शायद इसीलिए भर्ती प्रक्रिया के लिए बार-बार नियम बदल कर इसे लटकाया जा रहा है। वजह साफ है, क्योंकि वर्ष 2014 में लोकसभा के चुनाव होने हैं और सरकार इसका फायदा जरूर लेना चाहेगी।

शिक्षकों की भर्ती चुनावी दाव
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक रखने की योग्यता स्नातक व दो वर्षीय बीटीसी है, लेकिन यूपी में किसी भी सरकार ने नियमित बीटीसी सत्र चलाने में रुचि नहीं ली। इसके पीछे वजह साफ है। नियमित बीटीसी सत्र न चलने से शिक्षकों की कमी बनी रहेगी और सरकार जब चाहेगी बीएड डिग्रीधारकों को छह माह की विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग देकर शिक्षक बना देगी। जिससे चुनाव में शिक्षक बनाने वालों के साथ उनके परिजन सरकारी पार्टी की ओर रुख करेंगे।

विशिष्ट बीटीसी से वोट बटोरने का काम
यूपी में विशिष्ट बीटीसी की भर्ती सबसे पहले वर्ष 1998 में तत्कालीन कल्याण सरकार ने शुरू की। उस समय 27 हजार विशिष्ट बीटीसी की सीटों के लिए चयन प्रक्रिया आयोजित की गई। इसके बाद बसपा हो या सपा सभी पार्टियों की सरकारों ने विशिष्ट बीटीसी की भर्ती कर वोट बटोरने का काम किया।

चुनाव की वजह से बसपा सरकार ने की थी टालमटोल
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने यूपी को 1 जनवरी 2012 तक शिक्षकों की भर्ती की अनुमति दी। इसके लिए जारी नियमावली में व्यवस्था दी गई कि राज्य सरकारें टीईटी पास करने वाले बीएड डिग्रीधारकों को प्राइमरी स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षक के पद पर सीधे भर्ती कर सकती हैं, लेकिन तत्कालीन बसपा सरकार ने राजनीतिक फायदे के लिए वर्ष 2010 में मिली अनुमति के आधार पर भर्ती तुरंत शुरू न कर नवंबर में 2011 में भर्ती प्रक्रिया शुरू की। तत्कालीन बसपा सरकार के रणनीतिकारों का मानना था कि नवंबर में भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से वर्ष 2012 में होने वाले विधानसभा चुनाव में इसका फायदा मिलेगा, लेकिन टीईटी में धांधली की शिकायत के बाद भर्ती प्रक्रिया रुक गई।

शिक्षकों की भर्ती से लोकसभा चुनाव का संबंध
यूपी में सत्ता बदलने के बाद अखिलेश सरकार ने शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी तो दिखाई, लेकिन धीरे-धीरे इस सरकार ने भी लटकाना शुरू कर दिया। पहले शिक्षकों की सीधी भर्ती के स्थान पर विशिष्ट बीटीसी के माध्यम से भर्ती का निर्णय किया गया। इसके लिए बार-बार मेरिट की प्रक्रिया बदली गई और अंतत: यह तय किया गया कि पूर्व की भांति प्राइमरी स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षकों की सीधी भर्ती की जाएगी।

विभागीय जानकारों की माने तो इसके लिए अध्यापक सेवा नियमावली में प्रावधान करना होगा। सबसे पहले बेसिक शिक्षा निदेशालय से प्रस्ताव प्राप्त करना होगा। इसके बाद शासन स्तर पर इसका परीक्षण कर वित्त व न्याय विभाग से मंजूरी लेकर इसे कैबिनेट से पास कराया जाएगा। इसके बाद शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया तय की जाएगी। यह प्रक्रिया पूरी होने में कम से कम तीन से चार माह लग जाएंगे और तब तक मार्च 2013 आ जाएगा। मार्च या अप्रैल में भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के साथ लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां बढ़ जाएंगी और इस स्थिति में सियासी लाभ की संभावना बढ़ जाएगी।


 


Source - Amar Ujala


2-11-2012

19 comments:

ankur said...

ye bharti to politics ki bhet chad gayee

ankur said...

xghjjh

Unknown said...

jaw

Unknown said...

यही गलती माया सरकार ने की थी, चुनाव से कुछ समय पहले भर्तियाँ करने की, क्या मिला? सब जानते है, आज सब समझदार है सब पढे लिखे है, ये तो क्लिर है कम से कम इसमे चयनित होने वाले प्राथमिक शिक्षक और परिवारी जन तो अपना कीमती वोट सोच समझकर देँगे। कम से कम 18 महीने के बेतन का नुकसान मानकर चलिये ।

rishi said...

5-11-12 ko lko main vidhan sabha ka gherav hai .sabi log pahuche.news channal main bhi aana chaheye

Mahendra Yadav said...

ab nye saal ka immtjar karo

Anonymous said...

r u right ye sb to gaya.

Anonymous said...

ab sarkar ki mansha khul kar samne a gayi.wo yahi chahti thi agar sarkar hamari humdard hoti to bharti par rok hi nhi lagti.hm to pehle se bol rahe the k ye sarkar is bharti ko 2014 k election me turup ka patta bana kr istemal kargi aur wahi hua.ye sarkar ye ni janti ki har tetain kis dour se guzar raha hai.hum logo ka mansik shoshad kiya ja raha hai.me apni kaifiyat ap logo ko baya ni kr sakti.

Unknown said...

tet 2012 jindabad

ankur said...

itna sannata kyu hai bhai

Robin said...

ye sb party k log or akhilesh yadav apni gandi rajneeti ko dekh kr lakho student ka future kharab kr ra h,wo sochta h ki vacany ko latka kr wo loksabha k election jeet jayenge to wo galat soch rhe h,aisi hi baspa sarkar ne socha tha or result apke samne h.akhilesh ko sirf students k bare me sochna chahiye tbhi use fayda mil skta h,uska rajneeti ka safar abhi shuru hua h jbki mulayam sing ka khatam ho chuka h,

Unknown said...

Sab rajneeti he

Unknown said...

Uptet News GOOD EVENING DOSTO,, ek sambhavit news mili hai,, dosto agar aap log is baat ko lekar koi bawal na kare ki news kanha se mili hai, source kya hai,, fake news hai,, so aaj ki meeting me jo faisla hua uske according bharti gunank merit se hogi,, lekin usme kuch change kiya gaya hai, jiske anusar,, HS. INTER AND GRADUATE KO SAME rakhte hue, (pahle ke anusaar), B.ED. KI THEORY KA 20% AND PRACTICAL KA 10% ko total kiya gaya hai, ab wo 12+12 ko nirast kiya gaya hai,,ek baar aapse anurodh hai ki news frnd ke dwara mili hai so plz dont make negative comments,, jaise hi koi authentic news milti hai,, me use post kar dunga,, jab tak aap is news ko bhi dhyanse padhe samje aur comment kare,, aur koi sujhhav ho to bhi aapka most welcome,, thanking you,,,, Lalit,,,,,

Unknown said...

Inteha ho gyi intzar ki...ayi na kuch khabar u.p. Sarkar ki..

bhanu said...

Hi

sunil kumar tiwari sunlkmrr@gmail.com said...

DOSTO,
IS GUNANK SYSTEM ME JAB TAK TET K MARKS BHI ADD NAHIN HOTE YE SYSTEM BEKAR HAI BECAUSE 1. TET KA IMPORTANCE BANA RAHEGA 2. YOGYA PERSON HI TEACHER BANEGE TAMAM BOARDS AUR NUMBERS KI VISANGATIYAN KAM HONGIN 3. MERIT SE BAHAR HONE WALE CANDIDAT K LIYE AAGE SAMBHAWNA BANI RAHEGI.

Unknown said...

HII

sanjeev said...

ankur g you are right .i hate bloody politicians .they are playing with our life .just show them in coming election who they are and who we are .use your constitutional power (right to vote )consciously .

amit said...

DOSTO BHARTI AGAR KARNI HAI TO GURANK +TET MERIT KARNA HI HOGA ANAITHA YIS BHARTI PER RIT PER RIT HOTI RAHAINGI
SABSA AACHA TO PORVE VIGAPAN KO BACHANA HI HAI QUKI VO SABHI KO AK SAMAN TA DATA HI GIVE UR OPENIONS FRINDS