बताते चलें कि 31 दिसंबर 2011 को अकबरपुर पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 8673000 रुपये बरामद किए थे। पूछताछ में सभी ने टीईटी चयन परीक्षा में उत्तीर्ण कराने के नाम पर उक्त धनराशि वसूलने की बात कही थी। पुलिस ने 6 जनवरी 2012 को रैकेट के चार सदस्यों तथा 11 जनवरी को साक्षरता एसोसिएट प्रोग्राम कोआर्डिनेटर नरेंद्र प्रताप सिंह व उनके सहयोगी गोमती नगर लखनऊ के रामशंकर मिश्रा को गिरफ्तार किया था। इन दोनों के कब्जे से भी पांच लाख रुपया बरामद हुआ था। इसके बाद पुलिस ने टीईटी घोटाले के मुख्य सूत्रधार शिक्षा निदेशक संजय मोहन को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की थी। मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। वहीं अकबरपुर कोतवाली में दर्ज मुकदमे में वीपी सिंह उर्फ पुष्पराज निवासी समसपुर सुरानी थाना सरधना मेरठ वांछित चल रहा था। सोमवार रात पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर रूरा टेंपो स्टैंड पर वाहन का इंतजार कर रहे वीपी सिंह को गिरफ्तार कर लिया। अकबरपुर कोतवाल दिनेश त्रिपाठी ने बताया पकड़ा गया युवक टीईटी प्रकरण में वांछित चल रहा था। युवक ने भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए मेरठ तक जाल फैलाने की बात स्वीकारी है। आरोपी को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।
Source- Jagran
20-6-2012
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