बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी किया शासनादेश
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों के शिक्षकों की उनकी मर्जी के मुताबिक एक से दूसरे जिलों में तबादले की मुराद जल्द पूरी होगी। मायावती सरकार ने परिषदीय शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादलों की जिस प्रक्रिया को शुरू करने का फैसला किया था, उसे अमल में लाने के लिए सपा सरकार ने हरी झंडी दिखा दी है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है।
शासनादेश में कहा गया है कि वर्ष 2012 में किसी भी जिले में उतनी ही संख्या में शिक्षकों का तबादला किया जाए जिससे कि जिले से बाहर जाने और आने वाले शिक्षकों की संख्या में विसंगति न पैदा हो। तबादलों के लिए हर जिले में श्रेणीवार प्राथमिकता सूची बनायी जाएगी और उसे वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा ताकि शिक्षकों को यह पता चल सके कि प्राथमिकता सूची में वे कहां हैं। यदि चालू वर्ष में 72,825 शिक्षकों की नियुक्ति की कार्यवाही होती है तो किसी जिले से उतने ही अध्यापक स्थानांतरित किए जाएंगे जितने वहां नियुक्त हों। 31 दिसंबर 2011 तक जिन शिक्षकों के आवेदन प्राप्त हो चुके हैं उन पर अगले साल जून तक 60,000 स्नातक शिक्षामित्रों के समायोजन के बाद भी तबादले की कार्यवाही संभव हो सकेगी। शासनादेश में यह भी कहा गया है कि तबादले करने के बाद यह भी समीक्षा की जाए कितने प्रतिशत शिक्षकों के स्थानांतरण उनके अनुरोध के अनुसार हो पाये। ऐसी रणनीति भी बना ली जाए ताकि पिछड़े क्षेत्रों की शिक्षा पर विपरीत प्रभाव डाले बिना बचे हुए आवेदन पत्रों पर भी तबादले की कार्यवाही की जा सके।
मायावती सरकार ने पिछले साल शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादलों के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 के नियम-21 में संशोधन किया था। शासन ने यह तय किया था कि अंतर जनपदीय तबादलों के लिए पांच श्रेणियां बनाई जाएंगी जिसमें शिक्षिकाओं को वरीयता दी जाएगी। यह भी तय किया था कि शिक्षकों की वरिष्ठता के आधार पर तबादले किए जाएंगे। पहली वरीयता उन शिक्षिकाओं को दी जाएगी जिन्होंने विवाह के कारण तबादले के लिए आवेदन किया है। दूसरी वरीयता उन शिक्षिकाओं को दी जाएगी जो गृह जिले से भिन्न जिले में जाना चाहती हैं। तीसरी वरीयता उन शिक्षिकाओं को दी जाएगी जो गृह जिलों में तबादले चाहती हैं। चौथी वरीयता पर वे पुरुष शिक्षक होंगे जो गृह जिले से भिन्न जिले में स्थानांतरण चाहते हैं। पांचवीं वरीयता पर वे पुरुष शिक्षक होंगे जो गृह जिलों में तबादले के इच्छुक हैं। तबादलों के लिए शिक्षकों से 31 दिसंबर 2011 तक आवेदन मांगे गए थे लेकिन इस बीच चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने के कारण इन पर अमल नहीं हो पाया था।
Source- Jagran
23-6-2012
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों के शिक्षकों की उनकी मर्जी के मुताबिक एक से दूसरे जिलों में तबादले की मुराद जल्द पूरी होगी। मायावती सरकार ने परिषदीय शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादलों की जिस प्रक्रिया को शुरू करने का फैसला किया था, उसे अमल में लाने के लिए सपा सरकार ने हरी झंडी दिखा दी है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है।
शासनादेश में कहा गया है कि वर्ष 2012 में किसी भी जिले में उतनी ही संख्या में शिक्षकों का तबादला किया जाए जिससे कि जिले से बाहर जाने और आने वाले शिक्षकों की संख्या में विसंगति न पैदा हो। तबादलों के लिए हर जिले में श्रेणीवार प्राथमिकता सूची बनायी जाएगी और उसे वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा ताकि शिक्षकों को यह पता चल सके कि प्राथमिकता सूची में वे कहां हैं। यदि चालू वर्ष में 72,825 शिक्षकों की नियुक्ति की कार्यवाही होती है तो किसी जिले से उतने ही अध्यापक स्थानांतरित किए जाएंगे जितने वहां नियुक्त हों। 31 दिसंबर 2011 तक जिन शिक्षकों के आवेदन प्राप्त हो चुके हैं उन पर अगले साल जून तक 60,000 स्नातक शिक्षामित्रों के समायोजन के बाद भी तबादले की कार्यवाही संभव हो सकेगी। शासनादेश में यह भी कहा गया है कि तबादले करने के बाद यह भी समीक्षा की जाए कितने प्रतिशत शिक्षकों के स्थानांतरण उनके अनुरोध के अनुसार हो पाये। ऐसी रणनीति भी बना ली जाए ताकि पिछड़े क्षेत्रों की शिक्षा पर विपरीत प्रभाव डाले बिना बचे हुए आवेदन पत्रों पर भी तबादले की कार्यवाही की जा सके।
मायावती सरकार ने पिछले साल शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादलों के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 के नियम-21 में संशोधन किया था। शासन ने यह तय किया था कि अंतर जनपदीय तबादलों के लिए पांच श्रेणियां बनाई जाएंगी जिसमें शिक्षिकाओं को वरीयता दी जाएगी। यह भी तय किया था कि शिक्षकों की वरिष्ठता के आधार पर तबादले किए जाएंगे। पहली वरीयता उन शिक्षिकाओं को दी जाएगी जिन्होंने विवाह के कारण तबादले के लिए आवेदन किया है। दूसरी वरीयता उन शिक्षिकाओं को दी जाएगी जो गृह जिले से भिन्न जिले में जाना चाहती हैं। तीसरी वरीयता उन शिक्षिकाओं को दी जाएगी जो गृह जिलों में तबादले चाहती हैं। चौथी वरीयता पर वे पुरुष शिक्षक होंगे जो गृह जिले से भिन्न जिले में स्थानांतरण चाहते हैं। पांचवीं वरीयता पर वे पुरुष शिक्षक होंगे जो गृह जिलों में तबादले के इच्छुक हैं। तबादलों के लिए शिक्षकों से 31 दिसंबर 2011 तक आवेदन मांगे गए थे लेकिन इस बीच चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने के कारण इन पर अमल नहीं हो पाया था।
Source- Jagran
23-6-2012
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