रोजगार की राह देख रहे 2253 टीईटी अभ्यर्थियों के लिए राहत की खबर है। चुनाव आचार संहिता के चलते नियुक्ति पर लगी रोक हटाने के लिए महकमे ने निर्वाचन आयोग के दर पर गुहार लगाई है। आयोग से मंजूरी मिली तो सितारगंज उप चुनाव की आचार संहिता के चलते थमी नियुक्ति प्रक्रिया रफ्तार पकड़ सकेगी।
टीईटी अभ्यर्थियों के पद बढ़ाने की मुख्यमंत्री की घोषणा में कई पेच फंसने के बाद सरकार को इस मामले में रोलबैक करना पड़ा है। चयन प्रक्रिया के बीच में शिक्षा के अधिकार एक्ट के तहत शिक्षक और छात्र के 1:30 के अनुपात में पद बढ़ाने के मामले में सरकार को कदम पीछे खींचने पड़े हैं। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक की मांग पर मुख्यमंत्री ने टीईटी से भरे जा रहे प्राइमरी शिक्षकों के पद बढ़ाने की घोषणा की थी। इस घोषणा पर मंथन के बाद नियुक्ति प्रक्रिया में पेच फंसने के अंदेशे के साथ ही वित्तीय हालत के चलते इस मामले को मुख्यमंत्री ने शिक्षा मंत्रालय की ओर खिसका दिया है। नियुक्तियों में अड़ंगा नहीं लगे, इसके चलते मंत्रालय ने एहतियात बरतते हुए फिलवक्त पहले से घोषित 2253 पदों पर नियुक्ति करने का फैसला किया है। शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने इसकी पुष्टि की।
उधर, नियुक्ति प्रक्रिया सितारगंज उप चुनाव की आचार संहिता के चलते थमी हुई है। सरकार ने अपनी ओर से इसके लिए समाधान तलाश किया है। निर्वाचन आयोग से नियुक्ति प्रक्रिया में ढील देने को कहा गया है। इस मामले में महकमे का तर्क है कि नियुक्ति प्रक्रिया बीते दिसंबर माह से चल रही है। बीच में अदालत के फैसले की वजह से यह प्रक्रिया रुकी रही। अब फैसला आने के बाद इस प्रक्रिया पर रोक हट गई है। लिहाजा नियुक्ति प्रक्रिया की अनुमति दी जाए। उम्मीद की जा रही है कि आयोग से अनुमति मिल जाएगी। ऐसा हुआ तो चुनाव के दौरान ही नियुक्ति प्रक्रिया चालू की जा सकेगी।
Source- Jagran
23-6-2012
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