UPTET - भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू करने को लेकर प्रदर्शन
इलाहाबाद : हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी बेसिक शिक्षा में रिक्त 72,825 पदों पर भर्ती प्रक्रिया अभी तक न शुरू होने से नाराज अभ्यर्थियों ने बुधवार को कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों की मांग है कि रिक्त शिक्षकों के पदों पर विज्ञापन निकालकर जल्द ही भर्ती पक्रिया शुरू की जाए।
बेसिक शिक्षा विभाग में भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की टीईटी अभ्यर्थी लगातार मांग कर रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को अभ्यर्थियों ने डीएम को ज्ञापन सौंपने के लिए कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान एसीएम प्रथम ने आकर ज्ञापन लिया। ज्ञापन में अभ्यर्थियों ने सरकार से शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने वालों में भीमसेन चौरसिया, संजय पांडेय, राकेश यादव, सुभाष, पवन मिश्रा, अभिषेक, शिवाकांत यादव, झूंसी प्रसाद, नीरज मिश्र, पीयूष आचार्य, चंद्र प्रकाश सिंह, राजन मिश्र, हरेंद्र यादव, कान्हा तिवारी व हरितोष आदि शामिल रहे ।
Source - Jagran
1-11-2012
इलाहाबाद : हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी बेसिक शिक्षा में रिक्त 72,825 पदों पर भर्ती प्रक्रिया अभी तक न शुरू होने से नाराज अभ्यर्थियों ने बुधवार को कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों की मांग है कि रिक्त शिक्षकों के पदों पर विज्ञापन निकालकर जल्द ही भर्ती पक्रिया शुरू की जाए।
बेसिक शिक्षा विभाग में भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की टीईटी अभ्यर्थी लगातार मांग कर रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को अभ्यर्थियों ने डीएम को ज्ञापन सौंपने के लिए कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान एसीएम प्रथम ने आकर ज्ञापन लिया। ज्ञापन में अभ्यर्थियों ने सरकार से शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने वालों में भीमसेन चौरसिया, संजय पांडेय, राकेश यादव, सुभाष, पवन मिश्रा, अभिषेक, शिवाकांत यादव, झूंसी प्रसाद, नीरज मिश्र, पीयूष आचार्य, चंद्र प्रकाश सिंह, राजन मिश्र, हरेंद्र यादव, कान्हा तिवारी व हरितोष आदि शामिल रहे ।
Source - Jagran
1-11-2012
11 comments:
bharti acd flat se hone ja rahi hai.
Wait ...wait ...wait.....
Meri aakhon ke sabhi khwab adhoore hain abhi intjaar aur sahi,intjaar aur sahi.....!!!
पहले प्रशिक्षु शिक्षक बनाये जाएंगे बीएड
डिग्रीधारक
- छह महीने की ट्रेनिंग के बाद
होगी मौलिक नियुक्ति
- मेरिट में हाईस्कूल पर्सेंटेज के 10, इंटर के
20, स्नातक के 40 व बीएड के 30
फीसदी अंक जुड़ेंगे
- उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक)
सेवा नियमावली में होगा संशोधन
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक
शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक
स्कूलों में शिक्षकों के 72,825 रिक्त
पदों पर अध्यापक
पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण
बीएड डिग्रीधारकों को चयन के बाद
पहले प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त
किया जाएगा। प्रशिक्षु शिक्षक के रूप में
उन्हें 7300 रुपये प्रति माह मानदेय
दिया जाएगा। राष्ट्रीय अध्यापक
शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की मंशा के
अनुसार प्रशिक्षु शिक्षक जैसे प्रारंभिक
शिक्षा शास्त्र में छह महीने की ट्रेनिंग
पूरी करते जाएंगे, वैसे-वैसे उन्हें
स्थायी शिक्षक की मौलिक
नियुक्ति दी जाती रहेगी। मौलिक
नियुक्ति होने पर उन्हें स्थायी शिक्षक
का वेतनमान मिलने लगेगा।
बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद
चौधरी की अध्यक्षता में गुरुवार
को विभाग के आला अधिकारियों की बैठक
में इस पर सहमति बनी। प्रदेश में
पहली बार प्रस्तावित इस
व्यवस्था को अमली जामा पहनाने के लिए
उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक)
सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन करके
परिषदीय स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षक
नियुक्त करने और ट्रेनिंग के बाद उन्हें
मौलिक नियुक्ति देने का प्राविधान
जोड़ा जाएगा। यह भी तय हुआ है
कि टीईटी उत्तीर्ण बीएड
डिग्रीधारकों का प्रशिक्षु शिक्षक के
तौर पर चयन करने के लिए अभ्यर्थियों के
हाईस्कूल के प्राप्तांक प्रतिशत के 10,
इंटरमीडिएट के 20, स्नातक के 40 व
बीएड के 30 प्रतिशत अंकों को जोड़कर
मेरिट तैयार की जाएगी। इसके आधार पर
ही चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग
का क्रम तय किया जाएगा। बेसिक
शिक्षा विभाग की मंशा है कि इस
व्यवस्था को लागू करने के लिए उप्र बेसिक
शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में
नवंबर के अंत तक संशोधन किया जाए।
फिर दिसंबर से टीईटी उत्तीर्ण बीएड
डिग्रीधारक अभ्यर्थियों से ऑनलाइन
आवेदन आमंत्रित किये जाएंगे।
इससे पहले यह तय हुआ था कि 72,825
पदों पर भर्ती के लिए टीईटी उत्तीर्ण
बीएड डिग्रीधारकों का मेरिट के आधार
पर चयन कर पहले उन्हें छह महीने
का विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण
दिया जाएगा। विशिष्ट
बीटीसी प्रशिक्षण पूरा करने के बाद
उन्हें नियुक्ति दी जाएगी। यह भी तय हुआ
था कि चयन की जो मेरिट बनेगी उसमें
अभ्यर्थियों द्वारा हाईस्कूल में
प्राप्तांक प्रतिशत के 10, इंटरमीडिएट
के 20 व स्नातक के 40 प्रतिशत
अंकों को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा,
यदि अभ्यर्थी को बीएडके थ्योरी और
प्रैक्टिकल में प्रथम श्रेणी प्राप्त हुई है
तो उसे प्रत्येक के लिए 12-12, द्वितीय
श्रेणी के लिए 6-6 और तृतीय श्रेणी के
लिए 3-3 अंक मिलेंगे। मेरिट निर्धारण में
बीएड के अंकों को लेकर सवाल उठाये
जा रहे थे।
कहा जा रहा था कि श्रेणियों के आधार
पर मनमाने तरीके से अंक तय करना उचित
नहीं है।
विभाग को शिक्षकों की भर्ती में
नयी व्यवस्था लागू करने के बारे में इसलिए
सोचना पड़ा क्योंकि एनसीटीई ने बीएड
डिग्रीधारकों को शिक्षक नियुक्त करने के
लिए 31 मार्च 2014 तक का समय
दिया है। यदि अभ्यर्थियों का पहले
विशिष्ट बीटीसी ट्रेनिंग के लिए चयन
करने के बाद उन्हें
नियुक्ति दी जाती तो प्रदेश में एक बैच में
अधिकतम 20,000
अभ्यर्थियों को ही ट्रेनिंग देने
की क्षमता है। चार बैच को ट्रेनिंग देने में
कम से कम दो वर्ष का समय लगता और तब
तक स्वीकृत समयसीमा बीत जाती। समय
बीतने के बाद
शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाती।
दूसरा, जो नयी व्यवस्था सोची गई है,
उसमें मेरिट निर्धारण में बीएड के
अंकों को लेकर
उठायी जा रही आपत्ति भी दूर
हो सकेगी।
सरकार केवल समय बड़ाने के उपाय खोज रही है क्योकि वह भत्ता, लेपटोँप, कन्या विद्या धन कहा से देगी? हम सबके बचे पैसे से । मियाँ का जूता मियाँ का सिर । 72825 का एक महीने का बेतन= 145 करोड़ 65 लाख और अब पहले ट्रेनिँग 6 महीने वाली 10 महीने मेँ पूरी होगी, जिसमे से 6 महीने के लिये 2500/माह मानदेय मिलेगा । उसके बाद ज्वाइनिँग, इसे कहते है उच्च किस्म की राजनीति
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक स्कूलों में 85,556 शिक्षकों की भर्ती के लिए अगले माह विज्ञापन प्रकाशित किये जाएंगे। इनमें से 72,825 पद पर अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी)/केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारक की नियुक्ति की जाएगी। जिन्हें चयन के बाद छह माह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं 9820 पदों पर टीईटी/सीटीईटी उत्तीर्ण उन अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा जो बीटीसी 2004, विशिष्ट बीटीसी 2004-05, 2007 व 2008 व दो वर्षीय बीटीसी उर्दू प्रवीणताधारी प्रशिक्षण पूरा कर चुके हैं। इनके अलावा 2911 पदों पर 1997 से पहले मुअल्लिम-ए-उर्दू या अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) से डिप्लोमा इन उर्दू टीचिंग की उपाधि हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाएगी। मुअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों और एमएयू से डिप्लोमा इन उर्दू टीचिंग की उपाधि हासिल करने वालों को टीईटी से छूट देने का मामला शासन स्तर पर विचाराधीन है। तीनों श्रेणियों के पदों पर नियुक्ति के लिए अलग-अलग विज्ञापन प्रकाशित किये जाएंगे। बेसिक शिक्षा निदेशालय ने जिलों में शिक्षकों के रिक्त पदों का ब्योरा शासन को उपलब्ध करा दिया है। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर चर्चा करने के लिए शनिवार को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार की अध्यक्षता में शासन स्तर पर बैठक हुई। बैठक में शिक्षकों की भर्ती के लिए आठ अक्टूबर को विज्ञापन प्रकाशित करने की संभावित तिथि तय की गई। अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 10 नवंबर निर्धारित की गई है। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि बीतने के बाद उर्दू शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति के लिए निबंध की लिखित परीक्षा भी आयोजित होगी। 16 नवंबर को नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआइसी) जिलों में चयनित अभ्यर्थियों की मेरिट सूची प्रकाशित कर देगा। 23 नवंबर से बीटीसी 2004, विशिष्ट बीटीसी 2004-05, 2007, 2008 व दो वर्षीय बीटीसी उर्दू प्रवीणताधारी प्रशिक्षण पूरा कर चुके अभ्यर्थियों तथा मुअल्लिम-ए-उर्दू या अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) से डिप्लोमा इन उर्दू टीचिंग की उपाधि हासिल करने वाले अभ्यर्थियों की काउन्सिलिंग शुरू हो जाएगी। अभ्यर्थियों की काउन्सिलिंग नवंबर के आखिर तक चलेगी। वहीं शिक्षकों के 72,825 पदों पर चयनित बीएड डिग्रीधारकों की काउन्सिलिंग तीन दिसंबर से शुरू होगी। ऑनलाइन आवेदन करने में अभ्यर्थियों को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने विस्तृत दिशानिर्देश तैयार करने का निर्देश दिया है। ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करने के लिए एनआइसी को सॉफ्टवेयर तैयार करने के लिए अधिकृत किया गया है। एनआइसी के प्रतिनिधियों ने सॉफ्टवेयर तैयार के लिए 15 दिन का समय मांगा है। ऐसे में बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए हाई कोर्ट से कुछ और मोहलत मांगेगा।
पहले प्रशिक्षु शिक्षक बनाये जाएंगे बीएड डिग्रीधारक - छह महीने की ट्रेनिंग के बाद होगी मौलिक नियुक्ति - मेरिट में हाईस्कूल पर्सेंटेज के 10, इंटर के 20, स्नातक के 40 व बीएड के 30 फीसदी अंक जुड़ेंगे - उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में होगा संशोधन जागरण ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 72,825 रिक्त पदों पर अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों को चयन के बाद पहले प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त किया जाएगा। प्रशिक्षु शिक्षक के रूप में उन्हें 7300 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की मंशा के अनुसार प्रशिक्षु शिक्षक जैसे प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में छह महीने की ट्रेनिंग पूरी करते जाएंगे, वैसे-वैसे उन्हें स्थायी शिक्षक की मौलिक नियुक्ति दी जाती रहेगी। मौलिक नियुक्ति होने पर उन्हें स्थायी शिक्षक का वेतनमान मिलने लगेगा। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी की अध्यक्षता में गुरुवार को विभाग के आला अधिकारियों की बैठक में इस पर सहमति बनी। प्रदेश में पहली बार प्रस्तावित इस व्यवस्था को अमली जामा पहनाने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन करके परिषदीय स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त करने और ट्रेनिंग के बाद उन्हें मौलिक नियुक्ति देने का प्राविधान जोड़ा जाएगा। यह भी तय हुआ है कि टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों का प्रशिक्षु शिक्षक के तौर पर चयन करने के लिए अभ्यर्थियों के हाईस्कूल के प्राप्तांक प्रतिशत के 10, इंटरमीडिएट के 20, स्नातक के 40 व बीएड के 30 प्रतिशत अंकों को जोड़कर मेरिट तैयार की जाएगी। इसके आधार पर ही चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग का क्रम तय किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग की मंशा है कि इस व्यवस्था को लागू करने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में नवंबर के अंत तक संशोधन किया जाए। फिर दिसंबर से टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये जाएंगे।NAVIN PANDEY
पहले प्रशिक्षु शिक्षक बनाये जाएंगे बीएड डिग्रीधारक - छह महीने की ट्रेनिंग के बाद होगी मौलिक नियुक्ति - मेरिट में हाईस्कूल पर्सेंटेज के 10, इंटर के 20, स्नातक के 40 व बीएड के 30 फीसदी अंक जुड़ेंगे - उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में होगा संशोधन जागरण ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 72,825 रिक्त पदों पर अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों को चयन के बाद पहले प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त किया जाएगा। प्रशिक्षु शिक्षक के रूप में उन्हें 7300 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की मंशा के अनुसार प्रशिक्षु शिक्षक जैसे प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में छह महीने की ट्रेनिंग पूरी करते जाएंगे, वैसे-वैसे उन्हें स्थायी शिक्षक की मौलिक नियुक्ति दी जाती रहेगी। मौलिक नियुक्ति होने पर उन्हें स्थायी शिक्षक का वेतनमान मिलने लगेगा। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी की अध्यक्षता में गुरुवार को विभाग के आला अधिकारियों की बैठक में इस पर सहमति बनी। प्रदेश में पहली बार प्रस्तावित इस व्यवस्था को अमली जामा पहनाने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन करके परिषदीय स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त करने और ट्रेनिंग के बाद उन्हें मौलिक नियुक्ति देने का प्राविधान जोड़ा जाएगा। यह भी तय हुआ है कि टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों का प्रशिक्षु शिक्षक के तौर पर चयन करने के लिए अभ्यर्थियों के हाईस्कूल के प्राप्तांक प्रतिशत के 10, इंटरमीडिएट के 20, स्नातक के 40 व बीएड के 30 प्रतिशत अंकों को जोड़कर मेरिट तैयार की जाएगी। इसके आधार पर ही चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग का क्रम तय किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग की मंशा है कि इस व्यवस्था को लागू करने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में नवंबर के अंत तक संशोधन किया जाए। फिर दिसंबर से टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये जाएंगे
Purani news kyon post karte ho bhai..
kuda jane kya hone wala hai.
news dainik jagran lucknow edition page 15
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