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Tuesday, 30 October 2012

BTC - निजी बीटीसी कॉलेजों में छात्र आवंटन की खत्म होगी वेटिंग

BTC - निजी बीटीसी कॉलेजों में छात्र आवंटन की खत्म होगी वेटिंग
प्रदेश में बीटीसी सत्र नियमित करने के लिए लागू की जा रही नई व्यवस्था

शैलेंद्र श्रीवास्तव
लखनऊ। निजी बीटीसी कॉलेजों को छात्र आवंटन के लिए अब इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सत्र शुरू होने से पहले निजी संस्थाओं को कोर्स संचालन के लिए संबद्धता देने के बाद छात्रों का आवंटन किया जाएगा। शासन स्तर पर इस संबंध में सहमति बन गई है और शीघ्र ही शासनादेश जारी करने की तैयारी है। शासन के उच्चाधिकारियों का मानना है कि संबद्धता प्रक्रिया समय से पूरी होने के बाद ही छात्र आवंटन की वेटिंग खत्म होगी। मौजूदा समय निजी कॉलेजों को संबद्धता मिलने के बाद छात्रों के आवंटन का इंतजार करना पड़ता है, क्योंकि निजी संस्थाएं छात्रों को सीधे प्रवेश नहीं दे सकती हैं। प्रदेश में बीटीसी सत्र नियमित न होने की वजह से सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है और इसके चलते बीएड डिग्रीधारकों को विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग देकर शिक्षक बनाना पड़ रहा है।
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षक रखने की योग्यता स्नातक व बीटीसी है। प्रदेश में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के साथ निजी कॉलेजों में बीटीसी कोर्स चल रहा है। हाईकोर्ट के आदेश पर वर्ष 2010 से निजी कॉलेजों को बीटीसी कोर्स शुरू करने की अनुमति दी गई है। निजी संस्थाओं को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से मान्यता लेने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) से संबद्धता लेना होता है। एससीईआरटी कॉलेजों को एक वर्ष के लिए संबद्धता देता है। संबद्धता देने के लिए समय सीमा निर्धारित न होने की वजह साल भर यह प्रक्रिया चलती रहती है। इसलिए संबद्धता मिलने के बाद निजी कॉलेजों को छात्र आवंटन के लिए इंतजार करना पड़ता है। प्रदेश में मौजूदा समय 98 निजी बीटीसी कॉलेज हैं। इसके अलावा 100 से अधिक कॉलेजों को संबद्धता देने की प्रक्रिया विचाराधीन है। प्रत्येक निजी कॉलेजों में 50-50 बीटीसी की सीटें हैं। शासन स्तर पर हुई बैठक में तय किया गया है कि अब कॉलेजों को संबद्धता यानी जुलाई से पहले दी जाएगी और इसके बाद प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
शासन ने इसके लिए एससीईआरटी से पूरा विवरण भी मांगा है कि संबद्धता के लिए किस वर्ष कितने आवेदन आए और इसमें से कितने पात्र पाए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में शीघ्र ही आदेश जारी कर दिया जाएगा ताकि आगामी वर्ष से बीटीसी सत्र को नियमित किया जा सके।
•उच्चाधिकारियोंकी बैठक में बनी सहमति शासनादेश शीघ्र


Source - Amar Ujala
30-10-2012

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