जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : शिक्षक पात्रता परीक्षा को शिक्षकों
की नियुक्ति की अनिवार्य योग्यता बनाए जाने के नियम से शिक्षा मित्रों को
राहत मिल सकती है। उत्तर प्रदेश निश्शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का
अधिकार नियमावली, 2011 के तहत अध्यापकों की नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता
परीक्षा को अनिवार्य योग्यता घोषित किया गया है।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक महेंद्र सिंह ने शिक्षा मित्रों को टीईटी परीक्षा से छूट देने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। प्रस्ताव में कहा गया है कि शिक्षामित्र निश्शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के आने से पूर्व एक जुलाई वर्ष 2001 से कार्य कर रहे हैं। इसलिए शिक्षामित्रों के लिए अध्यापक बनने की अनिवार्य योग्यता टीईटी न निर्धारित की जाए। प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश मंत्री अनिल यादव ने बताया कि शिक्षामित्रों को अगस्त से अप्रशिक्षित शिक्षक वेतनमान दिए जाने का प्रस्ताव भी शासन स्तर पर विचाराधीन है। गौरतलब है कि इस वक्त प्रदेश भर में लगभग एक लाख 70 हजार शिक्षामित्र कार्यरत हैं। इनमें से साठ हजार का प्रशिक्षण भी प्रारंभ हो चुका है।
Source- Jagran
17-6-2012
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक महेंद्र सिंह ने शिक्षा मित्रों को टीईटी परीक्षा से छूट देने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। प्रस्ताव में कहा गया है कि शिक्षामित्र निश्शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के आने से पूर्व एक जुलाई वर्ष 2001 से कार्य कर रहे हैं। इसलिए शिक्षामित्रों के लिए अध्यापक बनने की अनिवार्य योग्यता टीईटी न निर्धारित की जाए। प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश मंत्री अनिल यादव ने बताया कि शिक्षामित्रों को अगस्त से अप्रशिक्षित शिक्षक वेतनमान दिए जाने का प्रस्ताव भी शासन स्तर पर विचाराधीन है। गौरतलब है कि इस वक्त प्रदेश भर में लगभग एक लाख 70 हजार शिक्षामित्र कार्यरत हैं। इनमें से साठ हजार का प्रशिक्षण भी प्रारंभ हो चुका है।
Source- Jagran
17-6-2012
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