आजमगढ़: लखनऊ में गत दिनों प्रदर्शन के दौरान टीईटी अभ्यर्थियों पर किए गए लाठी चार्ज से क्षुब्ध साथियों ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट स्थित रिक्शा स्टैंड पर धरना दिया। इस दौरान वक्ताओं ने लाठी चार्ज के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि यदि सरकार चाहती तो उनके साथ इस तरह का बर्ताव नहीं किया गया होता।
वक्ताओं ने कहा कि अब लड़ाई आरपार की होगी। वर्तमान समय को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि बेहतर शिक्षा प्राप्त करना और सम्मानजनक जीवन यापन के लिए नौकरी प्राप्त करना आम आदमी के लिए टेढ़ी खीर है। क्या हक के लिए संघर्ष करना गुनाह है। वक्ताओं ने यह भी कहा कि हक व अधिकार के लिए यदि उन्हें गोली भी खानी पड़ी तो वह पीछे नहीं हटेंगे। लखनऊ में जिस तरह से निहत्थे अभ्यर्थियों पर लाठियां बरसाई गई वह ब्रिटिश काल की यादें दिलाती हैं।
सरकार यह जान ले कि वह लाठियों से नहीं डरने वाले हैं। धरने के दौरान कई संगठनों ने अभ्यर्थियों को हर संभव सहयोग देने का आश्वासन भी दिया। अंत में मांगों से संबंधित एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया। इस दौरान रामाश्रय यादव, जनार्दन, दिनेश सिंह, रविंद्र नाथ राय, दानबहादुर मौर्य, अनिल कुमार, विरेंद्र कुमार, विजेंद्र कुमार, हरिकेश, सुनील, राजेश यादव आदि उपस्थित थे।
Source- Jagran
31-5-2012



उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को विधानसभा के सामने प्रदर्शन
करने जा रहे शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के सैकड़ों उत्तीर्ण
अभ्यर्थियों पर पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया। लाठीचार्ज में कई
प्रदर्शनकारियों को चोटें आई हैं।









