शास्त्री मंत्रिमंडल में इंदिरा के शामिल होने का राज
नई दिल्ली,
आइएएनएस : जवाहर लाल नेहरू के निधन से दुखी इंदिरा गांधी तुरंत लाल बहादुर
शास्त्री के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होना चाहती थीं, लेकिन जैसे ही
उन्हें बताया गया कि वह नहीं मानीं तो उनकी बुआ विजयलक्ष्मी
पंडित को उनकी जगह मिल जाएगी, वह फौरन तैयार हो गईं।
इंदिरा के बेहद करीबी रहे जनक राज जय ने अपनी किताब स्ट्रोक्स ऑन लॉ एंड
डेमोक्रेसी इन इंडिया में इंदिरा और नेहरू परिवार से जुड़ी ऐसे कई
अनकहे-अनसुने तथ्यों को सार्वजनिक किया है। 82 वर्षीय जय के मुताबिक,
शास्त्री हमेशा चाहते थे कि गांधी परिवार का कोई न कोई सदस्य मंत्रिमंडल
में जरूर रहे। जब इंदिरा पिता की अस्थियां विसर्जित कर दिल्ली लौंटी तो
शास्त्री उनसे मिलने रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। वहीं उन्हें मंत्रिमंडल में
शामिल होने का प्रस्ताव दिया। इस पर वह भड़क गई। शास्त्री भी झेंप गए और
तेजी से आगे बढ़ गए। इस दौरान शास्त्री खुद से ही बातें करते हुए बोले कि
यदि इंदिरा शामिल नहीं होती हैं तो मुझे विजयलक्ष्मी से बात करनी चाहिए। जय
लिखते हैं, मैं व्यक्तिगत तौर पर चाहता था कि इंदिरा ही मंत्रिमंडल में
शामिल हों। मैंने बिना वक्त गंवाए शास्त्री की बात उन्हें बताई। जब इंदिरा
को इस बात का एहसास हुआ, उन्होंने मुझे शास्त्री के साथ एक बैठक तय करने को
कहा। बैठक हुई और इंदिरा ने शास्त्री की बात मान ली।
ऐसे मिली थी बिग बी को पहली नौकरी
जय ने अपनी किताब में अमिताभ बच्चन की पहली नौकरी के लिए इंदिरा की सिफारिश
का भी जिक्र किया है। यह वह दौर था जब बच्चन और नेहरू परिवार एक-दूसरे के
बेहद करीबी हुआ करते थे। इंदिरा ने जय को पश्चिम बंगाल की राज्यपाल पद्मजा
नायडू को पत्र लिखकर उनके लिए नौकरी की व्यवस्था करने को कहा। इस तरह आज के
महानायक को उनकी पहली नौकरी मिली।
Source- Jagran
24-8-2012
Source- Jagran
24-8-2012
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