प्रोन्नति कोटे की राह तलाशेगी सरकार
ठ्ठ राजकेश्वर
सिंह, नई दिल्ली
सरकारी नौकरियों में प्रोन्नति में अनुसूचित जाति (एससी) व अनुसूचित जनजाति
(एसटी) के आरक्षण का मुद्दा फिलहाल लटक गया है। सर्वदलीय बैठक में उभरे
मतभेदों के बाद सरकार अब इसके लिए 22 अगस्त को संसद में संविधान संशोधन
विधेयक नहीं ला रही है। समाजवादी पार्टी के कड़े विरोध के बाद प्रधानमंत्री
ने भी विधेयक लाने से पहले विस्तृत कानूनी विचार-विमर्श की बात कही।
हालांकि उन्होंने सैद्धांतिक सहमति जरूर जताई और इसी सत्र में विधेयक लाने
का आश्र्वासन दिया।
सूत्रों के मुताबिक, सर्वदलीय बैठक में बसपा प्रमुख मायावती, लोजपा प्रमुख
रामविलास पासवान और कुछ दूसरे दलों के नेताओं ने संसद के चालू सत्र में ही
सरकारी नौकरियों में प्रोन्नति में एससी व एसटी के आरक्षण के लिए संविधान
संशोधन विधेयक लाने की जोरदार पैरवी की। जबकि, वरिष्ठ भाजपा नेता व लोकसभा
में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने यह कहकर सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री की ओर
से बुलाई इस बैठक के लिए सरकार ने कोई मसौदा ही नहीं दिया है, फिर उस पर
विस्तृत चर्चा कैसे हो सकती है? मसौदा देखने के बाद ही हम इस पर फैसला
करेंगे। जबकि, सपा, जदयू, राकांपा और नेशनल कांफ्रेंस ने इस मामले में
जल्दबाजी में कोई कदम न उठाने पर जोर दिया।
मुलायम ने कहा कि सामाजिक
समरसता का ध्यान रखा जाना चाहिए। इस पर पासवान ने तपाक से कहा, जब हम मंडल
कमीशन लेकर आए थे, तब ये मुद्दा नहीं था क्या? वहीं, सपा महासचिव व
राज्यसभा सदस्य प्रो. रामगोपाल यादव ने प्रोन्नति में कोटे की सबसे तेज
मुखालफत की। तर्क दिया कि देश में पिछड़ों की आबादी 52 फीसद है, जबकि
सरकारी नौकरियों में उनका प्रतिनिधित्व सिर्फ चार प्रतिशत है। दूसरी तरफ
अनुसूचित जाति की आबादी 22 प्रतिशत है, उनका प्रतिनिधित्व 12 प्रतिशत है।
ऐसे में प्रोन्नति में आरक्षण का कदम सरासर गलत है। फिर भी सरकार यदि आमादा
है तो सबसे पहले पिछड़ों के लिए यह प्रावधान करना चाहिए।
सपा के तेवर को देखते हुए प्रधानमंत्री ने भी माना कि इस तरह के प्रावधानों
के लिए पूर्व में किए गए संविधान संशोधनों को सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका
है। लिहाजा अब इस पर और विस्तृत कानूनी राय-मशविरे के बाद ही सरकार विधेयक
लाएगी, ताकि वह कानूनी पचड़े में फंसकर लटक न जाए। साथ ही उन्होंने एससी,
एसटी को प्रोन्नति में आरक्षण के लिए सैद्धांतिक तौर पर सहमति भी जताई।
हालांकि प्रधानमंत्री ने बैठक शुरू होने से पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था
कि सरकार एससी व एसटी के हितों के लिए हर जरूरी कदम उठाने की प्रतिबद्ध है।
Source- Jagran
22-8-2012
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