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- कारगर हो सकेगी भटके बच्चों के जीवन में बदलाव की पहल
- दो माह के अंदर सृजित पदों पर होगी नियुक्ति
जाब्यू, लखनऊ : भटके हुए बच्चों के जीवन में बदलाव की उम्मीद को अब पर लगेंगे। इसके लिए शासन ने ठोस पहल की है। इस बाबत दो साल से लंबित चल रहे प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लग गयी है। समेकित बाल संरक्षण योजना (आइसीपीएस) में जिले से लेकर प्रदेश तक कुल 842 पदों का सृजन हुआ है और इन पर नियुक्ति की स्वीकृति मिल गयी है।
बच्चों की देखरेख और संरक्षण के लिए केन्द्र सरकार की पहल पर राज्य सरकार ने कार्ययोजना को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। इसकी कवायद वर्ष 2010 से चल रही है, लेकिन सफलता अब मिली है। शासन ने इस सिलसिले में राज्य बाल संरक्षण समिति से लेकर जिला बाल संरक्षण समिति और राज्य परियोजना सहायता यूनिट के गठन के लिए पद सृजन किये हैं। मुख्य परीवीक्षा अधिकारी एके मिश्र ने बताया कि इन पदों के सृजन के साथ ही अब शासन की अनुमति से नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी और दो माह में इसे पूरा कर लिया जायेगा। इस गठन के साथ ही हाइटेक प्रणाली के तहत पूरे प्रदेश में सूचना संकलन और उसके समन्वय पर भी जोर दिया गया है। इससे भगोड़े बच्चों को रोकने, उनकी देखरेख और अपचारी बच्चों के जीवन में सुधार की प्रक्रिया आसान होगी। जिला प्रोबेशन अधिकारी जिलों में बाल संरक्षण अधिकारी का दायित्व निभायेंगे।
जिन पदों की स्वीकृति मिली है, उनमें सूबे के 75 जिलों में एक संरक्षण अधिकारी और एक विधि सहपरीवीक्षा अधिकारी का पद सृजित है। विधि सह परीवीक्षा अधिकारी किशोर न्यायालय में अपचारी बच्चों का कार्य देखेंगे। जिलों में कौंसलर का भी एक पद सृजित किया गया है। कौंसलर देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के लिए काम करेंगे। दो सोशल वर्कर भी हर जिले में नियुक्त किये जायेंगे, जो बाल पुलिस के साथ मिलकर काम करेंगे। जिलों में एक-एक आंकड़ा समीक्षक भी नियुक्त होंगे। जिलों में एक-एक कंप्यूटर आपरेटर, बच्चों के मां-बाप से संवाद और समन्वय के लिए दो आउटरीच वर्कर, किशोर न्याय बोर्ड में एक कंप्यूटर आपरेटर और बाल कल्याण समिति में एक कंप्यूटर आपरेटर नियुक्त होंगे। राज्य स्तर पर राज्य परियोजना सहायता यूनिट में कार्यक्रम प्रबंधक-एक, परियोजना अधिकारी-दो, प्रशासनिक अधिकारी-एक, लेखाधिकारी- एक, लेखाकार-एक और दो कंप्यूटर आपरेटर नियुक्त होंगे। राज्य बाल संरक्षण समिति में एक कार्यक्रम अधिकारी और चार कंप्यूटर आपरेटर के पद सृजित किये गये हैं। राज्य दत्तक अभिकरण में कार्यक्रम प्रबंधक-एक, लेखाकार-एक और एक कार्यक्रम सहायक की तैनाती की जायेगी। यह कार्य दो माह के अंदर पूरा कर लिया जायेगा।
Source - Jagran
19-9-2012
आइसीपीएस में शासन ने स्वीकृत किये 842 पद
- कारगर हो सकेगी भटके बच्चों के जीवन में बदलाव की पहल
- दो माह के अंदर सृजित पदों पर होगी नियुक्ति
जाब्यू, लखनऊ : भटके हुए बच्चों के जीवन में बदलाव की उम्मीद को अब पर लगेंगे। इसके लिए शासन ने ठोस पहल की है। इस बाबत दो साल से लंबित चल रहे प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लग गयी है। समेकित बाल संरक्षण योजना (आइसीपीएस) में जिले से लेकर प्रदेश तक कुल 842 पदों का सृजन हुआ है और इन पर नियुक्ति की स्वीकृति मिल गयी है।
बच्चों की देखरेख और संरक्षण के लिए केन्द्र सरकार की पहल पर राज्य सरकार ने कार्ययोजना को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। इसकी कवायद वर्ष 2010 से चल रही है, लेकिन सफलता अब मिली है। शासन ने इस सिलसिले में राज्य बाल संरक्षण समिति से लेकर जिला बाल संरक्षण समिति और राज्य परियोजना सहायता यूनिट के गठन के लिए पद सृजन किये हैं। मुख्य परीवीक्षा अधिकारी एके मिश्र ने बताया कि इन पदों के सृजन के साथ ही अब शासन की अनुमति से नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी और दो माह में इसे पूरा कर लिया जायेगा। इस गठन के साथ ही हाइटेक प्रणाली के तहत पूरे प्रदेश में सूचना संकलन और उसके समन्वय पर भी जोर दिया गया है। इससे भगोड़े बच्चों को रोकने, उनकी देखरेख और अपचारी बच्चों के जीवन में सुधार की प्रक्रिया आसान होगी। जिला प्रोबेशन अधिकारी जिलों में बाल संरक्षण अधिकारी का दायित्व निभायेंगे।
जिन पदों की स्वीकृति मिली है, उनमें सूबे के 75 जिलों में एक संरक्षण अधिकारी और एक विधि सहपरीवीक्षा अधिकारी का पद सृजित है। विधि सह परीवीक्षा अधिकारी किशोर न्यायालय में अपचारी बच्चों का कार्य देखेंगे। जिलों में कौंसलर का भी एक पद सृजित किया गया है। कौंसलर देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के लिए काम करेंगे। दो सोशल वर्कर भी हर जिले में नियुक्त किये जायेंगे, जो बाल पुलिस के साथ मिलकर काम करेंगे। जिलों में एक-एक आंकड़ा समीक्षक भी नियुक्त होंगे। जिलों में एक-एक कंप्यूटर आपरेटर, बच्चों के मां-बाप से संवाद और समन्वय के लिए दो आउटरीच वर्कर, किशोर न्याय बोर्ड में एक कंप्यूटर आपरेटर और बाल कल्याण समिति में एक कंप्यूटर आपरेटर नियुक्त होंगे। राज्य स्तर पर राज्य परियोजना सहायता यूनिट में कार्यक्रम प्रबंधक-एक, परियोजना अधिकारी-दो, प्रशासनिक अधिकारी-एक, लेखाधिकारी- एक, लेखाकार-एक और दो कंप्यूटर आपरेटर नियुक्त होंगे। राज्य बाल संरक्षण समिति में एक कार्यक्रम अधिकारी और चार कंप्यूटर आपरेटर के पद सृजित किये गये हैं। राज्य दत्तक अभिकरण में कार्यक्रम प्रबंधक-एक, लेखाकार-एक और एक कार्यक्रम सहायक की तैनाती की जायेगी। यह कार्य दो माह के अंदर पूरा कर लिया जायेगा।
Source - Jagran
19-9-2012
1 comment:
obc(ph) gurank=59.11,Acd=254,Tet=97 science group kya chance hai
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