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Friday, 31 August 2012
BIHAR TET- 80 हजार में लीजिए टीईटी पास का रिजल्ट कार्ड!
TET / टीईटी / TET
नीरज कुमार, पटना : सूबे में जाली रिपोर्ट कार्ड का बाजार इन दिनों काफी गर्म है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित माध्यमिक एवं प्राथमिक पात्रता परीक्षा में (टीईटी-एसटीईटी)असफल परीक्षार्थियों के कुछ गिरोहों द्वारा तैयार जाली रिजल्ट कार्ड बाजार में 80 हजार से एक लाख रुपये में बेचे जा रहे हैं। नौकरी की लालच में परीक्षार्थी इन फर्जी रिपोर्ट कार्ड की खरीदारी कर रहे हैं। कई जिलों में फर्जी रिपोर्ट कार्ड के आधार पर आवेदन भी भरे जा रहे हैं। माध्यमिक एवं प्राथमिक शिक्षक पदों के लिए 15 सितम्बर तक फार्म भरने की अवधि निर्धारित की गयी है।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल परीक्षार्थियों के लिए रिजल्ट कार्ड जारी किये गए हैं। ठीक इसी स्वरूप में असफल परीक्षार्थियों के रिजल्ट कार्ड कुछ गिरोहों द्वारा तैयार कर बाजार में धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं। इसका खुलासा भी उस समय हुआ जब शिक्षक पात्रता परीक्षा में असफल परीक्षार्थी संजीव रंजन ने फर्जी रिजल्ट कार्ड की सत्यता जांचने को परीक्षा समिति के कार्यालय में दस्तक दी। संजीव रंजन को भी गिरोह ने परीक्षा समिति द्वारा जारी किये गये कार्ड की तरह ही रिजल्ट कार्ड दिया है। बाद में उसे पता चला कि उसका रिजल्ट कार्ड फर्जी है तो वह भाग निकला। वास्तविकता यह है कि असफल परीक्षार्थियों के लिए समिति द्वारा कोई रिजल्ट कार्ड जारी ही नहीं किया गया है। संजीव रंजन को प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में कुल 28 प्रतिशत अंक यानी 42 अंक हासिल हुआ है, जबकि जाली रिजल्ट कार्ड में उसे 68 प्रतिशत यानी 102 अंक मिले हैं। रिजल्ट की श्रेणी में बोर्ड ने नाट क्वालीफाइड लिखा है जबकि जाली रिजल्ट कार्ड में क्वालीफाइड लिखा गया है। जाली रिजल्ट कार्ड की बिक्री पटना, छपरा, सिवान, गया, भागलपुर में जोरों पर है। इस सम्बन्ध में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति बोर्ड के अध्यक्ष प्रो.राजमणि प्रसाद ने बताया कि सूचना मिली है कि कुछ गिरोहों द्वारा फर्जी रिजल्ट कार्ड बेचे जा रहे हैं। परीक्षा समिति द्वारा इसकी जांच करायी जा रही है। जिन गिरोहों को इस कार्य में लिप्त पाया जायेगा, उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
Source- Jagran
31-8-2012
BIHAR TET- 80 हजार में लीजिए टीईटी पास का रिजल्ट कार्ड!
नीरज कुमार, पटना : सूबे में जाली रिपोर्ट कार्ड का बाजार इन दिनों काफी गर्म है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित माध्यमिक एवं प्राथमिक पात्रता परीक्षा में (टीईटी-एसटीईटी)असफल परीक्षार्थियों के कुछ गिरोहों द्वारा तैयार जाली रिजल्ट कार्ड बाजार में 80 हजार से एक लाख रुपये में बेचे जा रहे हैं। नौकरी की लालच में परीक्षार्थी इन फर्जी रिपोर्ट कार्ड की खरीदारी कर रहे हैं। कई जिलों में फर्जी रिपोर्ट कार्ड के आधार पर आवेदन भी भरे जा रहे हैं। माध्यमिक एवं प्राथमिक शिक्षक पदों के लिए 15 सितम्बर तक फार्म भरने की अवधि निर्धारित की गयी है।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल परीक्षार्थियों के लिए रिजल्ट कार्ड जारी किये गए हैं। ठीक इसी स्वरूप में असफल परीक्षार्थियों के रिजल्ट कार्ड कुछ गिरोहों द्वारा तैयार कर बाजार में धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं। इसका खुलासा भी उस समय हुआ जब शिक्षक पात्रता परीक्षा में असफल परीक्षार्थी संजीव रंजन ने फर्जी रिजल्ट कार्ड की सत्यता जांचने को परीक्षा समिति के कार्यालय में दस्तक दी। संजीव रंजन को भी गिरोह ने परीक्षा समिति द्वारा जारी किये गये कार्ड की तरह ही रिजल्ट कार्ड दिया है। बाद में उसे पता चला कि उसका रिजल्ट कार्ड फर्जी है तो वह भाग निकला। वास्तविकता यह है कि असफल परीक्षार्थियों के लिए समिति द्वारा कोई रिजल्ट कार्ड जारी ही नहीं किया गया है। संजीव रंजन को प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में कुल 28 प्रतिशत अंक यानी 42 अंक हासिल हुआ है, जबकि जाली रिजल्ट कार्ड में उसे 68 प्रतिशत यानी 102 अंक मिले हैं। रिजल्ट की श्रेणी में बोर्ड ने नाट क्वालीफाइड लिखा है जबकि जाली रिजल्ट कार्ड में क्वालीफाइड लिखा गया है। जाली रिजल्ट कार्ड की बिक्री पटना, छपरा, सिवान, गया, भागलपुर में जोरों पर है। इस सम्बन्ध में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति बोर्ड के अध्यक्ष प्रो.राजमणि प्रसाद ने बताया कि सूचना मिली है कि कुछ गिरोहों द्वारा फर्जी रिजल्ट कार्ड बेचे जा रहे हैं। परीक्षा समिति द्वारा इसकी जांच करायी जा रही है। जिन गिरोहों को इस कार्य में लिप्त पाया जायेगा, उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
Source- Jagran
31-8-2012
SHIKSHAMITRA- दूसरे बैच के प्रशिक्षण के लिए आवेदन करें शिक्षामित्र
UPTET / टीईटी / TET
देवरिया:
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश मंत्री अनिल कुमार यादव ने कहा कि जनपद के वे शिक्षामित्र जो 25 जुलाई-2012 तक स्नातक की डिग्री हासिल कर चुके हैं वे दूसरे बैच के प्रशिक्षण के लिए आवेदन कर सकते हैं। अभ्यर्थी अपना आवेदन पत्र प्रधानाध्यापक से प्रमाणित करा कर संबंधित खंड शिक्षाधिकारी कार्यालय पर 4 सितंबर तक जमा कर दें, ताकि डायट दूसरे बैच के प्रशिक्षण के लिए सूची प्रकाशित कर सके।
श्री यादव गुरुवार को बीआरसी पर संघ की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि आवेदन पत्र पुराने प्रोफार्मा पर भरा जाएगा, जो शिक्षामित्र 2004 बीटीसी में चयनित हुए थे उनको भी पुन: शिक्षामित्र बनाने का प्रयास संगठन कर रहा है।
नगर अध्यक्ष कौशल किशोर यादव ने कहा कि शिक्षामित्रों के संघर्षो की बदौलत आज हम शिक्षक बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बार भी 1190 शिक्षामित्रों का चयन किया जाएगा तथा बीआरसी पर 70-70 का बैच चलेगा।
बैठक में विशुनदेव प्रसाद, दुर्गेश गुप्ता, मकरध्वज यादव, मनोज गुप्ता, श्रीराम मिश्र, अमित सिंह, मुरलीधर यादव, अनिल तिवारी, रमावती देवी, विनय यादव, सुनीता कुशवाहा, सत्येंद्र यादव, धर्मेद्र गुप्ता, रामज्ञान, अर्चना, रामनान, कमलाकर, नमित, सत्राजीत शर्मा आदि मौजूद थे।
Source- Jagran
30-8-2012
SHIKSHAMITRA- दूसरे बैच के प्रशिक्षण के लिए आवेदन करें शिक्षामित्र
देवरिया:
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश मंत्री अनिल कुमार यादव ने कहा कि जनपद के वे शिक्षामित्र जो 25 जुलाई-2012 तक स्नातक की डिग्री हासिल कर चुके हैं वे दूसरे बैच के प्रशिक्षण के लिए आवेदन कर सकते हैं। अभ्यर्थी अपना आवेदन पत्र प्रधानाध्यापक से प्रमाणित करा कर संबंधित खंड शिक्षाधिकारी कार्यालय पर 4 सितंबर तक जमा कर दें, ताकि डायट दूसरे बैच के प्रशिक्षण के लिए सूची प्रकाशित कर सके।
श्री यादव गुरुवार को बीआरसी पर संघ की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि आवेदन पत्र पुराने प्रोफार्मा पर भरा जाएगा, जो शिक्षामित्र 2004 बीटीसी में चयनित हुए थे उनको भी पुन: शिक्षामित्र बनाने का प्रयास संगठन कर रहा है।
नगर अध्यक्ष कौशल किशोर यादव ने कहा कि शिक्षामित्रों के संघर्षो की बदौलत आज हम शिक्षक बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बार भी 1190 शिक्षामित्रों का चयन किया जाएगा तथा बीआरसी पर 70-70 का बैच चलेगा।
बैठक में विशुनदेव प्रसाद, दुर्गेश गुप्ता, मकरध्वज यादव, मनोज गुप्ता, श्रीराम मिश्र, अमित सिंह, मुरलीधर यादव, अनिल तिवारी, रमावती देवी, विनय यादव, सुनीता कुशवाहा, सत्येंद्र यादव, धर्मेद्र गुप्ता, रामज्ञान, अर्चना, रामनान, कमलाकर, नमित, सत्राजीत शर्मा आदि मौजूद थे।
Source- Jagran
30-8-2012
प्रशिक्षु प्राथमिक शिक्षको की भर्ती-प्रक्रिया : आजतक की वस्तुस्थिति
UPTET / टीईटी / TET
प्रशिक्षु प्राथमिक शिक्षको की भर्ती-प्रक्रिया : आजतक की वस्तुस्थिति
प्रिय मित्रों,
टी.ई.टी. संघर्ष से जुड़े तमाम विश्वसनीय साथियों (जिनमे से बहन अंजलि राय, भाई सुजीत सिंह, गणेश दीक्षित, निर्भय सिंह, राजेश प्रताप सिंह, सदानंद मिश्रा, अजय सिसोदिया, ज्ञानेश देव, अर्जुन सिंह, अमितेश पाण्डेय, आनंद तिवारी, शलभ तिवारी, विकास पाण्डेय, पीयूष चतुर्वेदी सहित अन्य महत्वपूर्ण लोग सम्मिलित हैं) द्वारा आनलाइन दी गयी जानकारी के बाद भी हमारे तमाम साथी इस बात से या तो अनभिज्ञ हैं या आशंकित कि हमारे साथ अर्थात टी.ई.टी. मेरिट के आधार पर चयन की पूर्व-निर्धारित प्रक्रिया के साथ आनेवाले दिनों में सरकार क्या खेल खेलने वाली है, बहुतों को तो ऐसा लग रहा है कि सरकार द्वारा कल बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में 13वे संशोधन के द्वारा शिक्षकों की भर्ती अकादमिक मेरिट के आधार पर करने की व्यवस्था इस 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती पर लागू होगी. अत्यंत सामान्य बुद्धि से सोचा जाये तो भी स्पष्ट है कि कोई नियम बनने की तारीख और उसके बाद प्रभावी होता है न कि पिछली किसी तारीख से.
वैसे कैबिनेट के निर्णय में जहाँ सी.टी.ई.टी. को भी अर्हता में शामिल करना इंगित करता है कि यह बदलाव या संशोधन भावी /आगामी भर्तियों को ध्यान में रखकर की गई हो सकती हैं, पर अगर सरकार यह संशोधन 72825 भर्तियों पर लागू करना चाहे तो चयन के आधार के साथ-साथ आयु सीमा में भी परिवर्तन के जैसे कदम, जो वर्तमान प्रक्रिया में अर्ह तमाम अभ्यर्थियों को बिना किसी कारण के अनर्ह करके प्रक्रिया से बाहर कर देंगे, किसी भी प्रकार कोर्ट में वैध नहीं ठहराए जा सकते. वैसे जिस प्रकार सरकार द्वारा गुप-चुप तरीके से संशोधन करके इरादतन अस्पष्ट और संक्षिप्त प्रेस-विज्ञप्ति जारी हुई और समाचार-पत्रों में आधे-अधूरे विवरण प्रकाशित हुए, उनसे अभ्यर्थियों में अटकलबाजियों का दौर शुरू हो गया है, पर इस सब से घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है क्यूंकि सरकार की मंशा अगर इन परिवर्तनों को 72825 पदों की भर्ती पर लागू करने की है भी तो उसके रास्ते में न्यायालय खडा है . वैसे टी.ई.टी. मेरिट समर्थक इस लड़ाई के लिए एकजुट और तैयार हैं और यदि किसी भी प्रकार कोर्ट इनके पक्ष में निर्णय नहीं देता, जिसकी सम्भावना कतई नहीं दिखती, तो हमारे साथी डबल बेंच से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक इस हक़ की लड़ाई को लड़ने के लिए कमर कसे बैठे हैं, जरुरत है तो इनका साथ देने की, इनका मनोबल बढ़ाने की. फिर भी इस प्रकार की दु:शंका दूर करने के लिए और वस्तुस्थिति से अभी तक अनभिज्ञ साथियों की जानकारी के लिए फिर से दोहराना पड़ रहा है कि हमारा पूरा संगठन एकजुट होकर इस लड़ाई को लड़ रहा है और शायद पहली बार ये लग रहा है कि हम जीत के बहुत करीब हैं. यह सत्य है कि तमाम प्रयासों के बाद भी २७ अगस्त २०१२ तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चल रहे मामले में टी.ई.टी. समर्थको का अधिकृत रूप से पक्ष रखनेवाला कोई नहीं था जिसके कारण शायद जज साहब को भी टी.ई.टी. की वास्तविकता और महत्ता, एन.सी.टी.ई. द्वारा जारी इस से सम्बंधित दिशा-निर्देशों के आलोक में वर्तमान विज्ञप्ति की वैधता और सरकार-मीडिया द्वारा जान-बुझकर किये जा रहे दुष्प्रचार की सही जानकारी नहीं थी. इसी बीच 23 जुलाई को सरकार ने टी.ई.टी.-2011 को जब मात्र अर्हता परीक्षा बनाने और वर्तमान विज्ञप्ति को रद्द कर अकादमिक मेरिट के आधार पर भर्ती करने का निर्णय लिया तो हमारे साथी रत्नेश पाल, अभिषेक त्रिपाठी, नवीन कुमार और एस.के. पाठक ने अलग-अलग याचिकाओं में सरकार के इस निर्णय को चुनौती देते हुए इसे रद्द करने की मांग की जिसपर माननीय वी. के. शुक्ल जी की एकल बेंच ने पूर्णतया सकारात्मक रवैया दिखाते अर्थात प्रथम दृष्टया अपील को विचार-योग्य मानकर इन्हें भी माननीय अरुण टंडन के न्यायालय में चल रहे मामले से सम्बद्ध कर दिया. गौरतलब है कि विचार के दौरान माननीय न्यायाधीश महोदय ने सरकार के रवैये को राजनैतिक नाटक की संज्ञा दी. यह सब कुछ निर्धारित योजना के अनुरूप ही हुआ.
इस प्रकार २७ अगस्त को कोर्ट में टी.ई.टी. समर्थकों का पक्ष रखने के लिए पहली बार अधिकृत रूप से शाशिनंदन जी, अशोक खरे जी, अभिषेक श्रीवास्तव एवं वी.के. सिंह आदि चार वकील मोर्चे पर डटे थे जिसका स्पष्ट फायदा भी दिखा. शायद पहली बार न्यायाधीश महोदय को इस विषय का सिलसिले-वार ब्यौरा, जिसमे एन.सी.टी.ई. द्वारा शिक्षकों के लिए योग्यता निर्धारण के दौरान टी.ई.टी. प्रारंभ करना, सरकार द्वारा नियमावली में परिवर्तन करके टी.ई.टी. को चयन का आधार बनाना, टी.ई.टी. की महता और उसके विषय में तथ्यात्मक जानकारी, टी.ई.टी. का आयोजन एवं परिणाम की घोषणा, शिक्षक भर्ती के लिए विज्ञप्ति का प्रकाशन, आवेदकों द्वारा विज्ञप्ति के आधार पर आवेदन, सरकार द्वारा तथाकथित धांधली के प्रभाव को न्यून करने के नाम पर प्रक्रिया के बीच में चयन का आधार बदलने के लिए नियमावली में परिवर्तन के मंत्री-परिषद् के निर्णय और उसपर उठाई गयी आपत्तियां आदि शामिल है, दिया गया जिसे उन्होंने गौर से सुना. वकीलों द्वारा इस स्तर तक बढ़ चुकी प्रक्रिया के बीच में चयन का आधार बदलने को न्यायसंगत न मानने की बात से भी वो सहमत प्रतीत हुए. चूंकि सरकारी वकील ने हमारे पक्ष के वकीलों की दलीलों और उनपर कोर्ट के सकारात्मक रुख को देखते हुए मैदान छोड़ना सही मानकर स्पष्ट कर दिया था कि सरकार की ओर से हलफनामा नहीं लाए हैं, उन्होंने कोर्ट से समय माँगा जिसपर न्यायाधीश महोदय ने उन्हें अगले दिन पेश होने को कहा. इस पर सरकारी वकील ने अगले दिन यानि २८ अगस्त को इस सम्बन्ध में निर्णय के लिए अर्थात चयन का आधार बदलने के लिए नियमावली में संशोधन करने के लिए प्रस्तावित कैबिनेट की बैठक का हवाला देते हुए स्थिति स्पष्ट करने के लिए कुछ समय माँगा. हमारे वकीलों ने हस्तक्षेप करते हुए इस बात को उठाया कि इस प्रकार का किया जाने वाला संशोधन तो आगे होने वाली नियुक्तियों पर लागु हो सकता है, इस प्रक्रिया पर नहीं. न्यायाधीश महोदय ने सहमति जताते हुए सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए अगले सोमवार यानि 3 सितम्बर २०१२ कि तारीख दे दी. न्यायालय में अपनी प्रभावी पैरवी और उसपर न्यायालय का रुख हमारे लिए एक संजीवनी सा उत्साह-वर्धक साबित हुआ है. इस से इस सत्य का आभास हुआ है कि कानूनी तौर पे मजबूती के बावजूद आज की परिस्थितियों में सच को भी सच साबित करने के लिए एकजुटता, संगठन और प्रभावी प्रस्तुतीकरण जरुरी है और अब हम समय के साथ, सही रास्ते पर चल पड़े हैं और मंजिल मिलना भी तय है.एक बात यहाँ अप्रासंगिक लग सकती है पर आप सबके साथ साझा करना चाहूँगा कि विज्ञापन के तकनीकी तौर पर रद्द होने की आशंका भी अब निराधार प्रतीत होती है. बी.एस.ए. द्वारा जिलेवार विज्ञप्ति के स्थान पर सचिव द्वारा उनकी ओर से राज्य-स्तर पर एक विज्ञप्ति के द्वारा आवेदन आमंत्रित करने को विधि-विरुद्ध बताते हुए कपिल यादव द्वारा उठाई गई आपत्ति के जवाब में सरकार की ओर से तत्कालीन सचिव, बेसिक शिक्षा, श्री अनिल संत द्वारा दाखिल हलफनामे में स्पष्ट कहा गया है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित कानून के अनुसार कोई अभ्यर्थी जिस प्रक्रिया का हिस्सा है, उसे चुनौती नहीं दे सकता. साथ ही हलफनामे में स्पष्ट रूप से यह भी कहा गया था कि यह भर्ती प्रमुख रूप से "प्रशिक्षु अध्यापकों" कि भर्ती है न कि "सहायक अध्यापकों" कि भर्ती. उन्होंने स्पष्ट किया कि कपिल यादव ने बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, १९८१ में चयन-भर्ती के लिए बी.एस.ए. द्वारा द्वारा जिलेवार विज्ञप्ति निकले जाने की जिस व्यवस्था का उल्लेख किया है, वह "सहायक अध्यापकों" के चयन के लिए लागू होती है. एक बिलकुल ही नई अवधारणा के तहत "प्रशिक्षु अध्यापक" के रूप में यह भर्ती प्रदेश में शिक्षकों की कमी पूरी करने के उद्देश्य से एन.सी.टी.ई. द्वारा दी गई विशेष अनुमति के तहत पहली बार की जा रही है, अतएव इनके चयन या भर्ती के लिए किसी पूर्व-निर्धारित किसी प्रक्रिया या नियम के होने का प्रश्न ही नहीं उठता, ऐसी स्थिति में राज्य-सरकार आवश्यक नियम और प्रक्रिया का निर्धारण एवं क्रियान्वयन करने के लिए पूर्णतया सक्षम है. अतएव वैधानिक दृष्टि से राज्य-सरकार कतई बाध्य नहीं है कि "सहायक अध्यापकों" के चयन-भर्ती के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन "प्रशिक्षु अध्यापकों" के चयन-भर्ती के लिए भी करे. इस प्रकार जहाँ तक वैधानिक रूप से विज्ञप्ति के गलत होने का प्रश्न न्यायालय में नेपथ्य में जा चुका है.तमाम भाइयों को यह नागवार गुजर रहा है कि कोर्ट ने पहले स्टे क्यूँ नहीं हटा लिया और प्रक्रिया शुरू करने की छूट सरकार को क्यूँ नहीं दी? आप स्वयं समझ सकते हैं कि पल-पल रंग बदल रही सरकार स्टे हटने पर विज्ञप्ति के अनुसार भर्ती करने के बजाय किसी न किसी आधार पर विज्ञप्ति रद्द करके नए आधार पर मनमाने तरीके से भर्ती करती. ऐसी स्थिति में या तो आप चुपचाप बैठ कर अन्याय सहते या फिर नई प्रक्रिया के खिलाफ कोर्ट में नए सिरे से लड़ाई लड़ते, जिसमे कोई जरुरी न होता कि प्रक्रिया पर स्टे मिलता. ऐसी सूरत में आप कोर्ट में लड़ते रहते और अगर कभी जीत भी जाते तो उस समय तक वो भर्ती पूरी हो चुकी होती. ऐसे में आप कोर्ट से कहने को तो भले जीत जाते पर असलियत में आप हार चुके होते. ऐसे में बेहतर है कि सरकार कि हर वो चाल, जिसे स्टे मिलने के बाद वो कोर्ट के दायरे से मुक्त होकर चल पाती, आज कानून की निगरानी में है, उसकी न्यायिक समीक्षा के बाद कोर्ट की हरी झंडी मिलने की सूरत में ही वो क्रियान्वित हो सकती है. इसके अलावा बी.टी.सी./ वि.बी.टी.सी. वाले भाइयों के बी.एड. अभ्यर्थियों से इतर चयन प्रक्रिया और नियुक्ति का मसला भी बाकी है जिसको लेकर कोर्ट ने सरकार से तारीख-वार कार्य-योजना तलब की है. अतः आज की स्थिति में ये न्यायालय का संरक्षण ही है जो इस सरकार की मनमानी से इस प्रक्रिया को आजतक बचाए हुए है.
फेसबुक पर समय-समय पर उपयोगी जानकारी देने वाले हमारे साथी अमितेश पांडे जी, अर्जुन सिंह जी और आनंद तिवारी जी द्वारा न्यायालय में हमारे पक्ष के वकील अभिषेक श्रीवास्तव, जोकि कि बी.टी.सी. वालों के भी वकील हैं, द्वारा प्रमुख रूप से मात्र बी.टी.सी. अभ्यर्थियों के पक्ष में की गई बहस के औचित्य पर उठाये गए प्रश्नों और उनके द्वारा सभी वकीलों द्वारा एक-दुसरे के साथ मिलकर एक मजबूत मोर्चे के रूप में अपना पक्ष मजबूती से रखने की जताई गई आवश्यकता को लड़ाई के इस भाग में नज़र-अंदाज़ नहीं किया जा सकता. इस सम्बन्ध में स्वयं भाई रत्नेश पाल से २७ अगस्त (सुनवाई वाली रात) बातचीत के दौरान यह जानकर संतुष्टि हुई कि वे भी अपने साथियों की आशंकाओं से न सिर्फ अवगत और सहमत है बल्कि उन्होंने भी भाई सुजीत जी से इस सम्बन्ध में विस्तृत वार्ता की है ताकि इस लड़ाई में आपसी एकजुटता में किसी प्रकार की कमजोरी न आने पाए, हमारा कोई प्रयास हमारे ही लिए हानिकारक न हो जाये, सभी वकील एकमात्र टी.ई.टी. मेरिट से चयन की वकालत करे. उन्होंने भरोसा दिलाया है कि इस सम्बन्ध में समय रहते आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं ताकि किसी संभावित दुष्परिणाम से बचा जा सके और जीत हासिल की जा सके.
मैंने जो कुछ यहाँ लिखा है, ज्यादातर मित्रो को पहले से ही विदित होगा पर मुझे फिर से ये सब लिखने की जरुरत अपने तमाम साथियों द्वारा व्यक्त कि जा रही जिज्ञासाओं और आशंकाओं के कारण महसूस हुई है. आप में से बहुतों के लिए बासी और अनावश्यक सामग्री को प्रस्तुत करते हुए यह भी अनुरोध है कि यदि मैं भूलवश अगर कुछ गलत लिख गया होऊं या कुछ महत्वपूर्ण बात रह गयी हो तो आप इसमें जोड़ने / सुधार करने का सहयोग प्रदान करेंगे.
Source- Mr. Shalendra Ji Unnao
प्रशिक्षु प्राथमिक शिक्षको की भर्ती-प्रक्रिया : आजतक की वस्तुस्थिति
प्रिय मित्रों,
टी.ई.टी. संघर्ष से जुड़े तमाम विश्वसनीय साथियों (जिनमे से बहन अंजलि राय, भाई सुजीत सिंह, गणेश दीक्षित, निर्भय सिंह, राजेश प्रताप सिंह, सदानंद मिश्रा, अजय सिसोदिया, ज्ञानेश देव, अर्जुन सिंह, अमितेश पाण्डेय, आनंद तिवारी, शलभ तिवारी, विकास पाण्डेय, पीयूष चतुर्वेदी सहित अन्य महत्वपूर्ण लोग सम्मिलित हैं) द्वारा आनलाइन दी गयी जानकारी के बाद भी हमारे तमाम साथी इस बात से या तो अनभिज्ञ हैं या आशंकित कि हमारे साथ अर्थात टी.ई.टी. मेरिट के आधार पर चयन की पूर्व-निर्धारित प्रक्रिया के साथ आनेवाले दिनों में सरकार क्या खेल खेलने वाली है, बहुतों को तो ऐसा लग रहा है कि सरकार द्वारा कल बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में 13वे संशोधन के द्वारा शिक्षकों की भर्ती अकादमिक मेरिट के आधार पर करने की व्यवस्था इस 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती पर लागू होगी. अत्यंत सामान्य बुद्धि से सोचा जाये तो भी स्पष्ट है कि कोई नियम बनने की तारीख और उसके बाद प्रभावी होता है न कि पिछली किसी तारीख से.
वैसे कैबिनेट के निर्णय में जहाँ सी.टी.ई.टी. को भी अर्हता में शामिल करना इंगित करता है कि यह बदलाव या संशोधन भावी /आगामी भर्तियों को ध्यान में रखकर की गई हो सकती हैं, पर अगर सरकार यह संशोधन 72825 भर्तियों पर लागू करना चाहे तो चयन के आधार के साथ-साथ आयु सीमा में भी परिवर्तन के जैसे कदम, जो वर्तमान प्रक्रिया में अर्ह तमाम अभ्यर्थियों को बिना किसी कारण के अनर्ह करके प्रक्रिया से बाहर कर देंगे, किसी भी प्रकार कोर्ट में वैध नहीं ठहराए जा सकते. वैसे जिस प्रकार सरकार द्वारा गुप-चुप तरीके से संशोधन करके इरादतन अस्पष्ट और संक्षिप्त प्रेस-विज्ञप्ति जारी हुई और समाचार-पत्रों में आधे-अधूरे विवरण प्रकाशित हुए, उनसे अभ्यर्थियों में अटकलबाजियों का दौर शुरू हो गया है, पर इस सब से घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है क्यूंकि सरकार की मंशा अगर इन परिवर्तनों को 72825 पदों की भर्ती पर लागू करने की है भी तो उसके रास्ते में न्यायालय खडा है . वैसे टी.ई.टी. मेरिट समर्थक इस लड़ाई के लिए एकजुट और तैयार हैं और यदि किसी भी प्रकार कोर्ट इनके पक्ष में निर्णय नहीं देता, जिसकी सम्भावना कतई नहीं दिखती, तो हमारे साथी डबल बेंच से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक इस हक़ की लड़ाई को लड़ने के लिए कमर कसे बैठे हैं, जरुरत है तो इनका साथ देने की, इनका मनोबल बढ़ाने की. फिर भी इस प्रकार की दु:शंका दूर करने के लिए और वस्तुस्थिति से अभी तक अनभिज्ञ साथियों की जानकारी के लिए फिर से दोहराना पड़ रहा है कि हमारा पूरा संगठन एकजुट होकर इस लड़ाई को लड़ रहा है और शायद पहली बार ये लग रहा है कि हम जीत के बहुत करीब हैं. यह सत्य है कि तमाम प्रयासों के बाद भी २७ अगस्त २०१२ तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चल रहे मामले में टी.ई.टी. समर्थको का अधिकृत रूप से पक्ष रखनेवाला कोई नहीं था जिसके कारण शायद जज साहब को भी टी.ई.टी. की वास्तविकता और महत्ता, एन.सी.टी.ई. द्वारा जारी इस से सम्बंधित दिशा-निर्देशों के आलोक में वर्तमान विज्ञप्ति की वैधता और सरकार-मीडिया द्वारा जान-बुझकर किये जा रहे दुष्प्रचार की सही जानकारी नहीं थी. इसी बीच 23 जुलाई को सरकार ने टी.ई.टी.-2011 को जब मात्र अर्हता परीक्षा बनाने और वर्तमान विज्ञप्ति को रद्द कर अकादमिक मेरिट के आधार पर भर्ती करने का निर्णय लिया तो हमारे साथी रत्नेश पाल, अभिषेक त्रिपाठी, नवीन कुमार और एस.के. पाठक ने अलग-अलग याचिकाओं में सरकार के इस निर्णय को चुनौती देते हुए इसे रद्द करने की मांग की जिसपर माननीय वी. के. शुक्ल जी की एकल बेंच ने पूर्णतया सकारात्मक रवैया दिखाते अर्थात प्रथम दृष्टया अपील को विचार-योग्य मानकर इन्हें भी माननीय अरुण टंडन के न्यायालय में चल रहे मामले से सम्बद्ध कर दिया. गौरतलब है कि विचार के दौरान माननीय न्यायाधीश महोदय ने सरकार के रवैये को राजनैतिक नाटक की संज्ञा दी. यह सब कुछ निर्धारित योजना के अनुरूप ही हुआ.
इस प्रकार २७ अगस्त को कोर्ट में टी.ई.टी. समर्थकों का पक्ष रखने के लिए पहली बार अधिकृत रूप से शाशिनंदन जी, अशोक खरे जी, अभिषेक श्रीवास्तव एवं वी.के. सिंह आदि चार वकील मोर्चे पर डटे थे जिसका स्पष्ट फायदा भी दिखा. शायद पहली बार न्यायाधीश महोदय को इस विषय का सिलसिले-वार ब्यौरा, जिसमे एन.सी.टी.ई. द्वारा शिक्षकों के लिए योग्यता निर्धारण के दौरान टी.ई.टी. प्रारंभ करना, सरकार द्वारा नियमावली में परिवर्तन करके टी.ई.टी. को चयन का आधार बनाना, टी.ई.टी. की महता और उसके विषय में तथ्यात्मक जानकारी, टी.ई.टी. का आयोजन एवं परिणाम की घोषणा, शिक्षक भर्ती के लिए विज्ञप्ति का प्रकाशन, आवेदकों द्वारा विज्ञप्ति के आधार पर आवेदन, सरकार द्वारा तथाकथित धांधली के प्रभाव को न्यून करने के नाम पर प्रक्रिया के बीच में चयन का आधार बदलने के लिए नियमावली में परिवर्तन के मंत्री-परिषद् के निर्णय और उसपर उठाई गयी आपत्तियां आदि शामिल है, दिया गया जिसे उन्होंने गौर से सुना. वकीलों द्वारा इस स्तर तक बढ़ चुकी प्रक्रिया के बीच में चयन का आधार बदलने को न्यायसंगत न मानने की बात से भी वो सहमत प्रतीत हुए. चूंकि सरकारी वकील ने हमारे पक्ष के वकीलों की दलीलों और उनपर कोर्ट के सकारात्मक रुख को देखते हुए मैदान छोड़ना सही मानकर स्पष्ट कर दिया था कि सरकार की ओर से हलफनामा नहीं लाए हैं, उन्होंने कोर्ट से समय माँगा जिसपर न्यायाधीश महोदय ने उन्हें अगले दिन पेश होने को कहा. इस पर सरकारी वकील ने अगले दिन यानि २८ अगस्त को इस सम्बन्ध में निर्णय के लिए अर्थात चयन का आधार बदलने के लिए नियमावली में संशोधन करने के लिए प्रस्तावित कैबिनेट की बैठक का हवाला देते हुए स्थिति स्पष्ट करने के लिए कुछ समय माँगा. हमारे वकीलों ने हस्तक्षेप करते हुए इस बात को उठाया कि इस प्रकार का किया जाने वाला संशोधन तो आगे होने वाली नियुक्तियों पर लागु हो सकता है, इस प्रक्रिया पर नहीं. न्यायाधीश महोदय ने सहमति जताते हुए सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए अगले सोमवार यानि 3 सितम्बर २०१२ कि तारीख दे दी. न्यायालय में अपनी प्रभावी पैरवी और उसपर न्यायालय का रुख हमारे लिए एक संजीवनी सा उत्साह-वर्धक साबित हुआ है. इस से इस सत्य का आभास हुआ है कि कानूनी तौर पे मजबूती के बावजूद आज की परिस्थितियों में सच को भी सच साबित करने के लिए एकजुटता, संगठन और प्रभावी प्रस्तुतीकरण जरुरी है और अब हम समय के साथ, सही रास्ते पर चल पड़े हैं और मंजिल मिलना भी तय है.एक बात यहाँ अप्रासंगिक लग सकती है पर आप सबके साथ साझा करना चाहूँगा कि विज्ञापन के तकनीकी तौर पर रद्द होने की आशंका भी अब निराधार प्रतीत होती है. बी.एस.ए. द्वारा जिलेवार विज्ञप्ति के स्थान पर सचिव द्वारा उनकी ओर से राज्य-स्तर पर एक विज्ञप्ति के द्वारा आवेदन आमंत्रित करने को विधि-विरुद्ध बताते हुए कपिल यादव द्वारा उठाई गई आपत्ति के जवाब में सरकार की ओर से तत्कालीन सचिव, बेसिक शिक्षा, श्री अनिल संत द्वारा दाखिल हलफनामे में स्पष्ट कहा गया है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित कानून के अनुसार कोई अभ्यर्थी जिस प्रक्रिया का हिस्सा है, उसे चुनौती नहीं दे सकता. साथ ही हलफनामे में स्पष्ट रूप से यह भी कहा गया था कि यह भर्ती प्रमुख रूप से "प्रशिक्षु अध्यापकों" कि भर्ती है न कि "सहायक अध्यापकों" कि भर्ती. उन्होंने स्पष्ट किया कि कपिल यादव ने बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, १९८१ में चयन-भर्ती के लिए बी.एस.ए. द्वारा द्वारा जिलेवार विज्ञप्ति निकले जाने की जिस व्यवस्था का उल्लेख किया है, वह "सहायक अध्यापकों" के चयन के लिए लागू होती है. एक बिलकुल ही नई अवधारणा के तहत "प्रशिक्षु अध्यापक" के रूप में यह भर्ती प्रदेश में शिक्षकों की कमी पूरी करने के उद्देश्य से एन.सी.टी.ई. द्वारा दी गई विशेष अनुमति के तहत पहली बार की जा रही है, अतएव इनके चयन या भर्ती के लिए किसी पूर्व-निर्धारित किसी प्रक्रिया या नियम के होने का प्रश्न ही नहीं उठता, ऐसी स्थिति में राज्य-सरकार आवश्यक नियम और प्रक्रिया का निर्धारण एवं क्रियान्वयन करने के लिए पूर्णतया सक्षम है. अतएव वैधानिक दृष्टि से राज्य-सरकार कतई बाध्य नहीं है कि "सहायक अध्यापकों" के चयन-भर्ती के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन "प्रशिक्षु अध्यापकों" के चयन-भर्ती के लिए भी करे. इस प्रकार जहाँ तक वैधानिक रूप से विज्ञप्ति के गलत होने का प्रश्न न्यायालय में नेपथ्य में जा चुका है.तमाम भाइयों को यह नागवार गुजर रहा है कि कोर्ट ने पहले स्टे क्यूँ नहीं हटा लिया और प्रक्रिया शुरू करने की छूट सरकार को क्यूँ नहीं दी? आप स्वयं समझ सकते हैं कि पल-पल रंग बदल रही सरकार स्टे हटने पर विज्ञप्ति के अनुसार भर्ती करने के बजाय किसी न किसी आधार पर विज्ञप्ति रद्द करके नए आधार पर मनमाने तरीके से भर्ती करती. ऐसी स्थिति में या तो आप चुपचाप बैठ कर अन्याय सहते या फिर नई प्रक्रिया के खिलाफ कोर्ट में नए सिरे से लड़ाई लड़ते, जिसमे कोई जरुरी न होता कि प्रक्रिया पर स्टे मिलता. ऐसी सूरत में आप कोर्ट में लड़ते रहते और अगर कभी जीत भी जाते तो उस समय तक वो भर्ती पूरी हो चुकी होती. ऐसे में आप कोर्ट से कहने को तो भले जीत जाते पर असलियत में आप हार चुके होते. ऐसे में बेहतर है कि सरकार कि हर वो चाल, जिसे स्टे मिलने के बाद वो कोर्ट के दायरे से मुक्त होकर चल पाती, आज कानून की निगरानी में है, उसकी न्यायिक समीक्षा के बाद कोर्ट की हरी झंडी मिलने की सूरत में ही वो क्रियान्वित हो सकती है. इसके अलावा बी.टी.सी./ वि.बी.टी.सी. वाले भाइयों के बी.एड. अभ्यर्थियों से इतर चयन प्रक्रिया और नियुक्ति का मसला भी बाकी है जिसको लेकर कोर्ट ने सरकार से तारीख-वार कार्य-योजना तलब की है. अतः आज की स्थिति में ये न्यायालय का संरक्षण ही है जो इस सरकार की मनमानी से इस प्रक्रिया को आजतक बचाए हुए है.
फेसबुक पर समय-समय पर उपयोगी जानकारी देने वाले हमारे साथी अमितेश पांडे जी, अर्जुन सिंह जी और आनंद तिवारी जी द्वारा न्यायालय में हमारे पक्ष के वकील अभिषेक श्रीवास्तव, जोकि कि बी.टी.सी. वालों के भी वकील हैं, द्वारा प्रमुख रूप से मात्र बी.टी.सी. अभ्यर्थियों के पक्ष में की गई बहस के औचित्य पर उठाये गए प्रश्नों और उनके द्वारा सभी वकीलों द्वारा एक-दुसरे के साथ मिलकर एक मजबूत मोर्चे के रूप में अपना पक्ष मजबूती से रखने की जताई गई आवश्यकता को लड़ाई के इस भाग में नज़र-अंदाज़ नहीं किया जा सकता. इस सम्बन्ध में स्वयं भाई रत्नेश पाल से २७ अगस्त (सुनवाई वाली रात) बातचीत के दौरान यह जानकर संतुष्टि हुई कि वे भी अपने साथियों की आशंकाओं से न सिर्फ अवगत और सहमत है बल्कि उन्होंने भी भाई सुजीत जी से इस सम्बन्ध में विस्तृत वार्ता की है ताकि इस लड़ाई में आपसी एकजुटता में किसी प्रकार की कमजोरी न आने पाए, हमारा कोई प्रयास हमारे ही लिए हानिकारक न हो जाये, सभी वकील एकमात्र टी.ई.टी. मेरिट से चयन की वकालत करे. उन्होंने भरोसा दिलाया है कि इस सम्बन्ध में समय रहते आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं ताकि किसी संभावित दुष्परिणाम से बचा जा सके और जीत हासिल की जा सके.
मैंने जो कुछ यहाँ लिखा है, ज्यादातर मित्रो को पहले से ही विदित होगा पर मुझे फिर से ये सब लिखने की जरुरत अपने तमाम साथियों द्वारा व्यक्त कि जा रही जिज्ञासाओं और आशंकाओं के कारण महसूस हुई है. आप में से बहुतों के लिए बासी और अनावश्यक सामग्री को प्रस्तुत करते हुए यह भी अनुरोध है कि यदि मैं भूलवश अगर कुछ गलत लिख गया होऊं या कुछ महत्वपूर्ण बात रह गयी हो तो आप इसमें जोड़ने / सुधार करने का सहयोग प्रदान करेंगे.
Source- Mr. Shalendra Ji Unnao
Shikshamitra
UPTET / टीईटी / TET , Shikshamitra
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : सूबे के वह सभी स्नातक शिक्षामित्र जिन्होंने संविदा के दौरान ही अनुमति और बगैर अनुमति के स्नातक की डिग्री हासिल की थी, को शिक्षामित्रों के दूसरे प्रशिक्षण सत्र में शामिल किया जाएगा। इनमें से बगैर अनुमति के स्नातक की डिग्री हासिल करने वालों से मानदेय की वसूली की जाएगी। यह वसूली शिक्षामित्रों के अप्रशिक्षित शिक्षक के बतौर काम करने के दौरान मिलने वाले वेतन से की जाएगी। प्रदेश के लगभग एक लाख 26 हजार स्नातक शिक्षामित्रों में से 62 हजार शिक्षामित्रों को प्रथम चरण के प्रशिक्षण सत्र में शामिल किया गया है। अब द्वितीय प्रशिक्षण सत्र में शेष शिक्षामित्रों को कुछ शर्तो के साथ शामिल किए जाने की घोषणा की गई है। यह प्रशिक्षण सत्र 70 प्रशिक्षुओं के बैच में शुरू किया जाएगा। इससे ज्यादा प्रशिक्षु होने पर 70 के अन्य बैच बनाकर प्रशिक्षण शुरू कराया जाएगा। यह प्रशिक्षण बीआरसी और नगर संसाधन केंद्र पर कराया जाएगा। प्रशिक्षण की पूरी जिम्मेदारी डायट प्राचार्य को दी गई है। प्रशिक्षण के लिए चुने जाने वाले शिक्षामित्रों का कार्यकाल संविदा शुरू होने की सबसे नजदीकी तारीख मानी जाएगी।
source- Jagran
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : सूबे के वह सभी स्नातक शिक्षामित्र जिन्होंने संविदा के दौरान ही अनुमति और बगैर अनुमति के स्नातक की डिग्री हासिल की थी, को शिक्षामित्रों के दूसरे प्रशिक्षण सत्र में शामिल किया जाएगा। इनमें से बगैर अनुमति के स्नातक की डिग्री हासिल करने वालों से मानदेय की वसूली की जाएगी। यह वसूली शिक्षामित्रों के अप्रशिक्षित शिक्षक के बतौर काम करने के दौरान मिलने वाले वेतन से की जाएगी। प्रदेश के लगभग एक लाख 26 हजार स्नातक शिक्षामित्रों में से 62 हजार शिक्षामित्रों को प्रथम चरण के प्रशिक्षण सत्र में शामिल किया गया है। अब द्वितीय प्रशिक्षण सत्र में शेष शिक्षामित्रों को कुछ शर्तो के साथ शामिल किए जाने की घोषणा की गई है। यह प्रशिक्षण सत्र 70 प्रशिक्षुओं के बैच में शुरू किया जाएगा। इससे ज्यादा प्रशिक्षु होने पर 70 के अन्य बैच बनाकर प्रशिक्षण शुरू कराया जाएगा। यह प्रशिक्षण बीआरसी और नगर संसाधन केंद्र पर कराया जाएगा। प्रशिक्षण की पूरी जिम्मेदारी डायट प्राचार्य को दी गई है। प्रशिक्षण के लिए चुने जाने वाले शिक्षामित्रों का कार्यकाल संविदा शुरू होने की सबसे नजदीकी तारीख मानी जाएगी।
source- Jagran
Thursday, 30 August 2012
INDIAN POST - डाक विभाग में पकड़ा गया गोलमाल, दो कर्मचारी निलंबित
सावधान - डाक विभाग में रजिस्ट्री कराते समय सतर्क रहें :
INDIAN POST - डाक विभाग में पकड़ा गया गोलमाल, दो कर्मचारी निलंबित
हरदोई, जागरण प्रतिनिधि : डाक विभाग में एक बड़े गोलमाल का खुलासा हुआ है।मामले के खुलासे के बाद डाक अधीक्षक वीके सिंह ने दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।
डाक अधीक्षक को खबर मिली थी कि रजिस्ट्री काउंटर पर गोलमाल किया जा रहा है। इसके बाद विभागीय इंस्पेक्टर और अन्य अधिकारियों के साथ अधीक्षक ने सोमवार को रजिस्ट्री काउंटर पर छाप मारकर 36 रजिस्ट्री जब्त की थीं। इन रजिस्ट्रियों में पोस्टल लिखा था जब कि किसी भी रजिस्ट्री में टिकट नहीं लगे थे। इनकी जांच सोमवार से ही शुरू कर दी गई थी। जांच के बाद प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए सहायक डाकपाल एसके मिश्रा और डाक सहायक विकेश कुमार को निलंबित कर दिया गया।
ऐसे होता था खेल
कम्प्यूटराइजेशन रजिस्ट्री की व्यवस्था होने के बाद अब दो प्रकार की रजिस्ट्रियां होती हैं, एक तो वह जिनमें डाक टिकट लगकर आता है, दूसरे वह जिनमें डाक टिकट लगा नहीं आता है। जिन रजिस्ट्री में डाक टिकट लग कर आता है, उसकी बिना रुपये लिए रसीद दे दी जाती है, इसी के साथ उस पर पोस्टल लिख दिया जाता है। जिन रजिस्ट्री में डाक टिकट नहीं लगा होता है उसमें रुपये लेकर रसीद दे दी जाती है।
सभी रजिस्ट्री पर पोस्टल लिख कर यह प्रदर्शित किया जाता था कि इनमें डाक टिकट पहले से लगे हैं और इनका भुगतान जेब में रख लिया जाता था।
जिला पंचायत राज अधिकारी को भी लिखा पत्र
पकड़ी 36 रजिस्ट्रियों में सर्वाधिक 25 जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय की मिलीं। इसके अलावा 9 सीबीएसई बोर्ड दिल्ली और दो बंगलौर के लिए थीं। डाक अधीक्षक की ओर से जिला पंचायत राज अधिकारी को पत्र लिख कर कहा गया कि जो कर्मचारी रजिस्ट्री कराने आया था क्या उसके संज्ञान में यह गोलमाल था या नहीं। यह जांच का विषय है। उन्होंने संबंधित कर्मचारी के आचरण और गतिविधियों की जांच करने को कहा है।
व्यक्तिगत तौर पर वितरित कराई गई रजिस्ट्रियां
जांच कार्य से रजिस्ट्रियों का वितरण प्रभावित न हो इसके लिए जिले की
सभी डाक संबंधित डाकपाल को बुलाकर सौंपी गई हैं। उनसे कहा गया कि रजिस्ट्री
देकर उसका लिफाफा वापस ले आएं ताकि जांच में बतौर दस्तावेज इसे प्रयोग
किया जा सके। बाहर की रजिस्ट्रियों के लिए संबंधित डाकघर को पत्र लिखा गया
कि इसका लिफाफा वापस भिजवाने की व्यवस्था करें।
Source- Jagran
29-8-2012
INDIAN POST - डाक विभाग के पुनर्गठन के पक्ष में सिब्बल
INDIAN POST - डाक विभाग के पुनर्गठन के पक्ष में सिब्बल
सिब्बल ने बताया, ‘डाक विभाग को 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए खुद का पुनर्गठन करना चाहिए। विभाग को यह संभावना तलाशनी चाहिए कि डाक क्षेत्र में मंत्रालय को नियामकीय एवं परिचालनकर्ता से कैसे अलग किया जा सकता है जैसा कि दूरसंचार क्षेत्र में हुआ है।’ उन्होंने कहा कि डाक विभाग को नीति निर्माण, नियामक और सेवा प्रदाता जैसी अलग-अलग इकाइयों का गठन करने की भी संभावना तलाशनी चाहिए।
सिब्बल ने कहा, ‘अभी तक कोई निर्णय नहीं किया गया है। यह फिलहाल बहस और चर्चा का विषय है।’ वर्तमान में करीब 5 लाख कर्मचारियों के साथ काम करने वाला डाक विभाग नीति निर्माण, नियमन और डाक सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार है।
सौ साल से भी अधिक पुराना भारतीय डाकघर कानून किसी भी व्यक्ति या इकाई को वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए पत्रों की डिलीवरी करने से रोकता है। निजी कुरियर कंपनियों का कारोबार दस्तावेज, पार्सल और अन्य वस्तुओं की डिलीवरी तक सीमित है जो ‘पत्र’ के वर्ग में नहीं आते।
मंत्रालय सूत्रों ने कहा कि सिब्बल ने राष्ट्रीय डाक नीति, 2012 को अंतिम रूप देने के मुद्दे पर हाल ही में डाक विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की और उन्हें पुनर्गठन के लिए भी रूपरेखा तैयार करने को कहा। सूत्रों ने कहा कि इस मुद्दे पर अगली बैठक एक पखवाड़े में होने की संभावना है। (एजेंसी)
Source- Zee News
29-8-2012
CORRESPONDENCE BTC - पत्राचार बीटीसी लामबंद, होगा आंदोलन
UPTET / टीईटी / TET
देवरिया:
समायोजन को लेकर सरकारी उपेक्षा झेल रहे पत्राचार बीटीसी अभ्यर्थी लामबंद हो गए हैं। रविवार को उन्होंने बैठक कर चेतावनी दी कि यदि 31 अगस्त तक समायोजन नहीं हुआ तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।
सदर बीआरसी पर पत्राचार बीटीसी टीचर एसोसिएशन की हुई बैठक को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष शत्रुघ्न यादव ने कहा कि पिछली सरकार ने हमारी कोई सुधि नहीं ली। सपा सरकार के शासनकाल में समाचार पत्रों के जरिए गत 17 अगस्त को खबर मिली थी कि प्रदेश सरकार पत्राचार बीटीसी के समायोजन को लेकर हरी झंडी दे दी है, लेकिन अभी तक इस पर कोई अमल नहीं हुआ। अब धीरे-धीरे हमारे धैर्य का बांध टूट रहा है। यदि सरकार ने समायोजन को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया तो संगठन आंदोलन करने को बाध्य होगा। बैठक में विजय तिवारी, विजय जायसवाल, प्रेम सिंह, हरिश्चंद सिंह, गणेश तिवारी, तुलसी यादव आदि मौजूद रहे।
Source- Jagran
26-8-2012
CORRESPONDENCE BTC - पत्राचार बीटीसी लामबंद, होगा आंदोलन
देवरिया:
समायोजन को लेकर सरकारी उपेक्षा झेल रहे पत्राचार बीटीसी अभ्यर्थी लामबंद हो गए हैं। रविवार को उन्होंने बैठक कर चेतावनी दी कि यदि 31 अगस्त तक समायोजन नहीं हुआ तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।
सदर बीआरसी पर पत्राचार बीटीसी टीचर एसोसिएशन की हुई बैठक को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष शत्रुघ्न यादव ने कहा कि पिछली सरकार ने हमारी कोई सुधि नहीं ली। सपा सरकार के शासनकाल में समाचार पत्रों के जरिए गत 17 अगस्त को खबर मिली थी कि प्रदेश सरकार पत्राचार बीटीसी के समायोजन को लेकर हरी झंडी दे दी है, लेकिन अभी तक इस पर कोई अमल नहीं हुआ। अब धीरे-धीरे हमारे धैर्य का बांध टूट रहा है। यदि सरकार ने समायोजन को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया तो संगठन आंदोलन करने को बाध्य होगा। बैठक में विजय तिवारी, विजय जायसवाल, प्रेम सिंह, हरिश्चंद सिंह, गणेश तिवारी, तुलसी यादव आदि मौजूद रहे।
Source- Jagran
26-8-2012
भत्ता देगा सेवायोजन, इंतजाम करेगा जिला प्रशासन
भत्ता देगा सेवायोजन, इंतजाम करेगा जिला प्रशासन
-आज से मोबाइल व डाक से भेजी जाएगी बेरोजगारों को सूचना
-नौ सितंबर को 96000 को मिलेगा भत्ता
जागरण संवाददाता, लखनऊ:
बेरोजगारी भत्ते की रकम भले ही प्रशिक्षण एवं सेवायोजन विभाग करेगा, लेकिन समारोह के इंतजाम की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। बेरोजगारों को समय से सूचना देने के लिए प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय ने भी कमर कस ली है। विभाग गुरुवार से मोबाइल फोन और डाक के जरिए बेरोजगारों को भत्ते के उद्घाटन समारोह में आने सूचना देना शुरू कर देगा।
नौ सितंबर को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बेरोजगारी भत्ता योजना-2012 का उद्घाटन करेंगे। कॉल्विन तालुकेदार्स कॉलेज मैदान में तैयारियों को लेकर जहां बैठकों का दौर शुरू हो गया है, वहीं सेवायोजन कार्यालयों में भी पूछताछ करने वाले बेरोजगारों की भीड़ नजर आने लगी है। भत्ते की सूचना को लेकर बेरोजगार असमंजस में हैं। उन्हें भत्ते की सूचना जिला प्रशासन देगा या सेवायोजन विभाग। अधिकारी भी अभी कुछ बताने को तैयार नहीं हैं। जुलाई तक आवेदन करने वाले राजधानी के करीब 824 समेत प्रदेश के 96000 बेरोजगारों को उद्घाटन के दिन भत्ते का चेक दिया जाएगा। राजधानी में कानपुर जिले के 2200 बेरोजगारों समेत लखनऊ मंडल के 8800 बेरोजगारों को उद्घाटन समारोह में बुलाया गया है। उन्हें लाने और ले जाने का इंतजाम जिला प्रशासन को करना है। प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि जुलाई तक आवेदन करने वाले सभी बेरोजगारों को भत्ते की सूचना डाक व उनके मोबाइल फोन से दी जाएगी। मुख्यमंत्री द्वारा भत्ते के बदले काम न लेने की घोषणा के बाद आवेदकों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। प्रदेश में अब तक करीब 2.5 लाख से अधिक बेरोजगारों ने भत्ते के लिए आवेदन किया है। सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में नौ लाख बेरोजगारों को भत्ता देने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
भत्ते के लिए 31 तक कराएं पंजीयन
ऐसे हाईस्कूल पास बेरोजगार जिनकी आयु एक अप्रैल 2012 को 25 से 40 वर्ष के बीच है और बेरोजगारी भत्ता लेना चाहते हैं। वह 31 अगस्त तक नजदीकी सेवायोजन कार्यालय में अपना पंजीयन अवश्य करा लें। भत्ते के लिए भले ही आवेदन करने की अंतिम तिथि नहीं है, लेकिन सेवायोजन कार्यालय में पंजीयन की अंतिम तिथि 31 अगस्त है। कार्यालय में भीड़ लगी थी। महिलाएं अपने छोटे बच्चों के साथ लाइन में लगी रहीं। क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी पीके पुंडीर ने बताया कि 278 नए आवेदन जमा हुए और 1332 पंजीयन हुए।
Source-Jagran
30-8-2012
परिषदीय विद्यालयों के कोर्स में अब पर्यावरण और स्वास्थ्य शिक्षा भी
UPTET / टीईटी / TET
परिषदीय विद्यालयों के कोर्स में अब पर्यावरण और स्वास्थ्य शिक्षा भी |
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Story Update : Thursday, August 30, 2012 1:08 AM | |
0 एनसीईआरटी की पहल पर राज्य शिक्षा संस्थान को सौंपी गई पाठ्यक्रम विकास की जिम्मेदारी
0 यूनीसेफ की टीम ने संस्थान के विशेषज्ञों के साथ बैठक में कोर्स में शामिल बिंदुओं पर चर्चा की इलाहाबाद। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में छात्रों को अगले शैक्षिक सत्र से जल संरक्षण और शुद्ध पेयजल की जानकारी के साथ स्वास्थ्य शिक्षा की जानकारी के साथ साफ-सफाई से अवगत कराया जाएगा। राज्य सरकार की ओर से एनसीईआरटी की सिफारिश के आधार पर अगले शैक्षिक सत्र से इस पाठ्यक्रम के आधार पर पढ़ाई शुरू करने को कहा गया है। पाठ्यक्रम के विकास की जिम्मेदारी राज्य शिक्षा संस्थान को सौंपी गई है। राज्य शिक्षा संस्थान की प्राचार्या डॉ. सुत्ता सिंह ने बताया कि पाठ्यक्रम का विकास संस्थान के विशेषज्ञों की ओर से किया जा रहा है। अब तक तैयार पाठ्यक्रम और उसमें शािमल बिंदुओं की समीक्षा के लिए मंगलवार को यूनीसेफ की एक टीम राज्य शिक्षा संस्थान पहुंची। इस टीम की ओर से पाठ्यक्रम के विकास पर चर्चा की गई। प्राचार्या डॉ. सिंह ने बताया कि यह व्यवस्था प्राथमिक विद्यालय में पहली कक्षा से आठवीं तक के छात्रों को स्वास्थ्य शिक्षा के अंतर्गत खाने से पहले छात्रों को हाथ धोने तक की जानकारी दी जाएगी। छात्रों को मिड-डे मील से पहले किस प्रकार से हाथ धोया जाए, खाने के बाद बचे खाद्य पदार्थ के निस्तारण आदि की जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि छात्रों को खुले में शौच के खतरे से अवगत कराने के साथ इससे रोका भी जाएगा। टीम से बातचीत के दौरान डॉ. सुत्ता सिंह ने कहा कि छात्रों के कोर्स में जल संरक्षण को भी शामिल किया जाएगा। छात्रों को चित्रों आदि के माध्यम से पानी के बचाव के बारे में बताया जाएगा। इसके साथ ही दूषित पेयजल से होने वाली बीमारियों की जानकारी केबाद शुद्ध पेयजल की महत्ता के बारे में बताया जाएगा। कोर्स में पर्यावरण के संरक्षण को भी प्रमुखता से शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नए सत्र में भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और अंग्रेजी की किताबों में छात्रों के उपयोग के कोर्स को शामिल करके जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि छात्रों को कोई नई पुस्तक लागू नहीं की जाएगी।
Source- Amar Ujala
30-8-2012
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Wednesday, 29 August 2012
UPTET - अभी शिक्षक भर्तियां लटकी रहेगी !
शिक्षकों के चयन की आयु सीमा 18-40 से 21-35 वर्ष करने का आदेश
Source-Hindustan
29-8-2012
शिक्षकों के चयन की आयु सीमा 18-40 से 21-35 वर्ष करने का आदेश
एलटी ग्रेड के 1425 शिक्षक होंगे भर्ती
UPTET / टीईटी / TET
एलटी ग्रेड के 1425 शिक्षक होंगे भर्ती
जागरण ब्यूरो,
लखनऊ : वर्षों बाद सूबे के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में एलटी ग्रेड के
पुरुष संवर्ग के शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हुआ है। एलटी ग्रेड के
1425 शिक्षकों की भर्ती के लिए शासनादेश जारी कर दिया गया है।
प्रदेश में एलटी ग्रेड के महिला संवर्ग के तहत शिक्षिकाओं की भर्ती तो जारी
है लेकिन पुरुष संवर्ग के शिक्षकों की भर्ती पिछले कई वर्षों से नहीं हो
पायी है। उत्तराखंड के लिए एलटी ग्रेड के शिक्षकों के पद आवंटन के विवाद के
कारण पुरुष संवर्ग के शिक्षकों की भर्ती लटकी हुई थी। इस संबंध में जो 296
प्रत्यावेदन अब तक निस्तारित नहीं हुए हैं, उन्हें छोड़कर शेष रिक्त पदों
पर नियुक्ति के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री से मंजूरी ले ली
है। मुख्यमंत्री से स्वीकृति मिलने के बाद विभाग ने राजकीय माध्यमिक
विद्यालयों में एलटी ग्रेड के पुरुष संवर्ग के 1425 रिक्त पदों पर नियुक्ति
के लिए आदेश जारी कर दिया है।
Source- Jagran
29-8-2012
Tuesday, 28 August 2012
UPTET - टीईटी पर संशोधन का फैसला
UPTET / टीईटी / TET
टीईटी पर संशोधन का फैसला
टीईटी को क्वॉलिफाइंग एग्ज़ाम के रूप में स्वीकार करने के बारे में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में संशोधन को भी हरी झंडी दी गई। सीएम खुद चाहते थे कि इसमें बदलाव लाया जाए। इस फैसले से बेसिट टीचर्स को खासा लाभ मिलेगा।
Source- Navbharat Times
28-8-2012
टीईटी पर संशोधन का फैसला
टीईटी को क्वॉलिफाइंग एग्ज़ाम के रूप में स्वीकार करने के बारे में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में संशोधन को भी हरी झंडी दी गई। सीएम खुद चाहते थे कि इसमें बदलाव लाया जाए। इस फैसले से बेसिट टीचर्स को खासा लाभ मिलेगा।
Source- Navbharat Times
28-8-2012
UPTET - टीईटी को मिला पात्रता परीक्षा का दर्जा
UPTET / टीईटी / TET
-उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में संशोधन
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : शिक्षा के अधिकार कानून के तहत कक्षा एक से आठ तक में शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य की गई अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को राज्य में पात्रता परीक्षा का दर्जा मिल गया है। टीईटी को पात्रता परीक्षा देने के लिए कैबिनेट ने मंगलवार को उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 की धारा-14 में संशोधन के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। नियमावली में इस संशोधन के बाद शिक्षकों की भर्ती का आधार टीईटी की मेरिट की बजाय हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और स्नातक के अंकों के आधार पर जिला स्तर पर तैयार की जाने वाली मेरिट होगी।
कैबिनेट ने नियमावली की धारा-8 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी देकर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अनिवार्य पात्रता परीक्षा के रूप में टीईटी के साथ अब केंद्र सरकार द्वारा आयोजित केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) को भी मान्यता दे दी है। इस संशोधन के बाद सीटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी भी राज्य में शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन कर सकेगा। नियमावली की धारा-5 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति देकर कैबिनेट ने परिषदीय जूनियर हाईस्कूलों में विज्ञान और गणित शिक्षकों के 50 फीसदी पदों पर सीधी भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है। शेष 50 फीसदी पद प्रोन्नति से भरे जाएंगे। इससे पहले शिक्षकों के सभी पद प्रोन्नति से ही भरने की व्यवस्था थी।
Source- Jagran
28-8-2012
टीईटी को मिला पात्रता परीक्षा का दर्जा
-उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में संशोधन
-हाईस्कूल, इंटर व स्नातक के अंकों के आधार पर होगा चयन
-सीटीईटी भी पात्रता परीक्षा के तौर पर मान्य
-विज्ञान व गणित शिक्षक के 50 फीसद पदों पर सीधी भर्ती जागरण ब्यूरो, लखनऊ : शिक्षा के अधिकार कानून के तहत कक्षा एक से आठ तक में शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य की गई अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को राज्य में पात्रता परीक्षा का दर्जा मिल गया है। टीईटी को पात्रता परीक्षा देने के लिए कैबिनेट ने मंगलवार को उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 की धारा-14 में संशोधन के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। नियमावली में इस संशोधन के बाद शिक्षकों की भर्ती का आधार टीईटी की मेरिट की बजाय हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और स्नातक के अंकों के आधार पर जिला स्तर पर तैयार की जाने वाली मेरिट होगी।
कैबिनेट ने नियमावली की धारा-8 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी देकर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अनिवार्य पात्रता परीक्षा के रूप में टीईटी के साथ अब केंद्र सरकार द्वारा आयोजित केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) को भी मान्यता दे दी है। इस संशोधन के बाद सीटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी भी राज्य में शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन कर सकेगा। नियमावली की धारा-5 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति देकर कैबिनेट ने परिषदीय जूनियर हाईस्कूलों में विज्ञान और गणित शिक्षकों के 50 फीसदी पदों पर सीधी भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है। शेष 50 फीसदी पद प्रोन्नति से भरे जाएंगे। इससे पहले शिक्षकों के सभी पद प्रोन्नति से ही भरने की व्यवस्था थी।
नियमावली की धारा-21 में संशोधन के प्रस्ताव को अनुमोदित कर कैबिनेट ने
परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के अंतर जनपदीय तबादलों की पुरानी व्यवस्था
को भी बहाल कर दिया है। मायावती सरकार के कार्यकाल में शिक्षकों को उनकी
मर्जी के मुताबिक एक से दूसरे जिले में तबादला करने की सुविधा देने के
मकसद से नियमावली में संशोधन किया गया था। इन तबादलों में शिक्षिकाओं को
वरीयता दी गई थी। इसके लिए शिक्षकों से बीती 31 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन
मांगे गए थे। ऑनलाइन आवेदनों के आधार पर बेसिक शिक्षा परिषद ने हाल ही में
24,392 शिक्षकों के तबादले किये थे। इस व्यवस्था को समाप्त कर अंतर जनपदीय
तबादले की पूर्व में प्रचलित व्यवस्था फिर से लागू कर दी गई है। शिक्षकों
की नियुक्ति की न्यूनतम आयु 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने के लिए नियमावली की
धारा-6 में भी संशोधन का प्रस्ताव मंजूर किया गया है।
Source- Jagran
28-8-2012
UPTET- अध्यापक सेवा नियमावली (1981) में हुआ संशोधन|
UPTET (टीईटी)-अध्यापक सेवा नियमावली (1981) में संशोधन पर कैबिनेट की मुहर ।
Source- Etv
नौकरी पड़ सकती है खटाई में
नौकरी पड़ सकती है खटाई में
रोहित मिश्र, लखनऊ शासन के आदेश के अनुसार भले ही स्नातक शिक्षामित्रों को प्रशिक्षित करके शिक्षक पद पर तैनात करने की तैयारी हो रही हो, लेकिन सर्विस लॉ के मुताबिक शिक्षामित्र रहने के दौरान नियुक्त अध्यापकों की नौकरी पर हमेशा तलवार लटकती रहेगी। सेवा मामलों के जानकारों के मुताबिक भी नियुक्ति तर्कसंगत नहीं होगी। सर्व शिक्षा अभियान के मानकों के मुताबिक अध्यापकों की कमी पूरी करने के लिए सरकार ने शिक्षामित्रों को अध्यापकों के रूप में तैनात करने का निर्णय लिया है। इसके लिए स्नातक शिक्षामित्रों को ट्रेनिंग दी जा रही है। प्रशिक्षण के बाद टीईटी (टीचर्स इलेजिबिलिटी टेस्ट) उत्तीर्ण करके वे शिक्षकों के रूप में नियुक्त होंगे। इसमें उन शिक्षामित्रों को भी शामिल किया जा रहा है, जिन्होंने शिक्षामित्र रहने के दौरान रेगुलर स्नातक किया है। सेवा नियमों के जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता अखिलेश कालरा के मुताबिक पूर्णकालिक नौकरी में यदि किसी ने छुट्टी नहीं ली है तो उस सेवा के दौरान की डिग्रियां मान्य नहीं हो सकतीं। इस लिहाज से शिक्षकों की नियुक्ति को हमेशा कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है और दूसरे पक्ष के पास बचाव का कोई रास्ता नहीं होगा। जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की प्राचार्य ललिता प्रदीप का कहना है कि शासनादेश के मुताबिक हमको दोनों को एकसाथ प्रशिक्षित करना है। सेवा नियमों पर टिप्पणी करने का मुझे कोई अधिकार नहीं है। एक और शिक्षा अधिकारी नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि सेवा नियमों के मुताबिक दोनों एक साथ मान्य नहीं हो सकते। या तो डिग्री सही होगी अथवा नियुक्ति। ऐसे में इनकी नियुक्ति पर हमेशा तलवार लटकती रहेगी और किसी भी समय, कोर्ट में इनकी नियुक्ति पर अंगुलियां उठ सकती हैं।
Source- Jagran
रोहित मिश्र, लखनऊ शासन के आदेश के अनुसार भले ही स्नातक शिक्षामित्रों को प्रशिक्षित करके शिक्षक पद पर तैनात करने की तैयारी हो रही हो, लेकिन सर्विस लॉ के मुताबिक शिक्षामित्र रहने के दौरान नियुक्त अध्यापकों की नौकरी पर हमेशा तलवार लटकती रहेगी। सेवा मामलों के जानकारों के मुताबिक भी नियुक्ति तर्कसंगत नहीं होगी। सर्व शिक्षा अभियान के मानकों के मुताबिक अध्यापकों की कमी पूरी करने के लिए सरकार ने शिक्षामित्रों को अध्यापकों के रूप में तैनात करने का निर्णय लिया है। इसके लिए स्नातक शिक्षामित्रों को ट्रेनिंग दी जा रही है। प्रशिक्षण के बाद टीईटी (टीचर्स इलेजिबिलिटी टेस्ट) उत्तीर्ण करके वे शिक्षकों के रूप में नियुक्त होंगे। इसमें उन शिक्षामित्रों को भी शामिल किया जा रहा है, जिन्होंने शिक्षामित्र रहने के दौरान रेगुलर स्नातक किया है। सेवा नियमों के जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता अखिलेश कालरा के मुताबिक पूर्णकालिक नौकरी में यदि किसी ने छुट्टी नहीं ली है तो उस सेवा के दौरान की डिग्रियां मान्य नहीं हो सकतीं। इस लिहाज से शिक्षकों की नियुक्ति को हमेशा कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है और दूसरे पक्ष के पास बचाव का कोई रास्ता नहीं होगा। जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की प्राचार्य ललिता प्रदीप का कहना है कि शासनादेश के मुताबिक हमको दोनों को एकसाथ प्रशिक्षित करना है। सेवा नियमों पर टिप्पणी करने का मुझे कोई अधिकार नहीं है। एक और शिक्षा अधिकारी नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि सेवा नियमों के मुताबिक दोनों एक साथ मान्य नहीं हो सकते। या तो डिग्री सही होगी अथवा नियुक्ति। ऐसे में इनकी नियुक्ति पर हमेशा तलवार लटकती रहेगी और किसी भी समय, कोर्ट में इनकी नियुक्ति पर अंगुलियां उठ सकती हैं।
Source- Jagran
Uptet- टीईटी को अर्हताकारी परीक्षा बनाने पर फैसला संभव
टीईटी को अर्हताकारी परीक्षा बनाने पर फैसला संभव
लखनऊ : राज्य मंत्रिपरिषद की मंगलवारको होने वाली बैठक में बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अर्हताकारी परीक्षा का दर्जा दिए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। टीईटी के साथ केंद्र सरकार की केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) को भी शिक्षकों की भर्ती के लिए अर्हताकारी परीक्षा का दर्जा दिया जाना संभव है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में परिषदीय शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादले की पुरानी व्यवस्था को बहाल करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल सकती है।
Source- Amar Ujala
28-8-2012
लखनऊ : राज्य मंत्रिपरिषद की मंगलवारको होने वाली बैठक में बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अर्हताकारी परीक्षा का दर्जा दिए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। टीईटी के साथ केंद्र सरकार की केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) को भी शिक्षकों की भर्ती के लिए अर्हताकारी परीक्षा का दर्जा दिया जाना संभव है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में परिषदीय शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादले की पुरानी व्यवस्था को बहाल करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल सकती है।
Source- Amar Ujala
28-8-2012
UPTET- सहायक अध्यापकों की भर्ती मामले में सुनवाई जारी
सहायक अध्यापकों की भर्ती मामले में सुनवाई जारी |
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अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के सहायक अध्यापक पद पर चयन एवं नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट में दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई जारी रहेगी। सोमवार को इस मामले पर याचियों की ओर से बहस की गई। यादव कपिलदेव सहित अन्य दर्जनों अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति अरुण टंडन सुनवाई कर रहे हैं। सुनवाई के लिए अगली तिथि 3 सितंबर नियत की गई है। याचियोें की ओर से कहा गया कि बीटीसी अभ्यर्थी पहले ही प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं, इसलिए अब इनको अलग से प्रशिक्षण देने की आवश्यकता नहीं है। यह भी कहा गया कि बीटीसी अलग श्रेणी है इसलिए उसका चयन पहले किया जाना चाहिए। इनके चयन के बाद शेष सीटों पर अन्य डिग्री धारक अभ्यर्थियों का चयन होना चाहिए। याचियों का कहना था कि सरकार पूर्व में विज्ञापित पदों को पूरी तरह से निरस्त करके नया विज्ञापन जारी करने जा रही है। याचिका पर प्रदेश सरकार का पक्ष अगली तिथि पर सुना जाएगा। सरकार को बीटीसी के अलग अभ्यर्थियों के चयन और नियुक्ति का आधार अभी तय करना है।
Source- Amar Ujala
28-8-2012
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Monday, 27 August 2012
UPTET(टीईटी)- UPTET STAY TILL 3-9-2012
UPTET(टीईटी)- UPTET STAY TILL 3-9-2012
Informed by Blog Viewers
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Court View - Online Court Activity
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http://courtview.allahabadhighcourt.in/courtview/CourtViewAllahabad.do
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PANJAB TET- टीईटी पास बेरोजगारों की मुख्यमंत्री से बैठक आज
टीईटी पास बेरोजगारों की मुख्यमंत्री से बैठक आज
जागरण प्रतिनिधि, श्री मुक्तसर साहिब
अध्यापक योग्यता परीक्षा (टीईटी) पास बेरोजगार अभ्यर्थियों की एक बैठक रविवार को रेडक्रास भवन में गुरप्रीत सिंह गुरुसर की अध्यक्षता में हुई। बैठक के दौरान पिछले लंबे समय से यूनियन की लटकती आ रही मागों संबंधी विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने आशा जताई कि 27 अगस्त को यूनियन की मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के साथ चंडीगढ़ में होनी वाली बैठक में उनकी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
इस अवसर पर विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि पंजाब सरकार मास्टर कैडर के 5178 पदों का विज्ञापन शीघ्र जारी करे। शिक्षा विभाग की 3442 व सर्वशिक्षा अभियान के 1273 पदों के लिए काउंसिलिंग पर जा चुके उम्मीदवारों को एक माह के अंदर नियुक्ति पत्र जारी किए जाएं। उन्होंने कहा कि उनकी ये मागें पिछले लंबे समय से लटकती आ रही है और सरकार टालमटोल की नीति अपना रही है। उन्होंने कहा कि जब सरकार ने अध्यापकों के लिए टीईटी पास का मापदंड ही रख दिया तो फिर इस मापदंड में पूरे उतरने वाले अभ्यर्थियों को नौकरी देने में आनाकानी क्यों की जा रही है। वक्ताओं ने 27 अगस्त को मुख्यमंत्री के साथ बैठक में मांगों के हल होने की आशा जताते हुए कहा कि यदि हल ना हुआ तो इसके बाद अगली रणनीति तैयार की जाएगी।
इस मौके पर प्रदीप मित्तल, दीपक वधवा, परमात्मा सिंह चौंतरा, सुरिदर कुमार, नरिदर कुमार, आशा रानी, अनंतदीप व वीना रानी सहित अन्य मौजूद थे।
Source- Jagran
26-8-2012
UPTET- Allahabad High Court Cause List 27-8-2012
CAUSE LIST ALLAHABAD
Cause List
27/08/2012
AT 10.00 A.M. COURT NO.53 HON'BLE MR. JUSTICE ARUN TANDON AT 10.00 A.M. Tied Up and Part Heard Matters - For Further Hearing WRIT - A 1. DF-PH 76039/2011 YADAV KAPILDEV LAL BAHADUR ALOK KUMAR YADAV RAJESH YADAV LAL BAHADUR Vs. STATE OF U.P. & OTHERS C.S.C. K.S. KUSHWAHA WITH WRIA- 76355/2011 SARASWATI SRIVASTAVA SAROJ YADAV Vs. THE STATE OF U.P. AND OTHE C.S.C. -RS C.N.TRIPATHI R.A.AKHTAR WITH WRIA- 76392/2011 SHIVANI ABHISHEK SRIVASTAVA Vs. THE STATE OF U.P. AND OTHE C.S.C. -RS RAJEEV JOSHI C.N.TRIPATHI WITH WRIA- 76595/2011 SABA ANJUM & OTHERS INDRASEN SINGH TOMAR AMIT KUMAR SRIVASTAVA Vs. STATE OF U.P. & ANOTHER C.S.C. K.S. KUSHWAHA WITH WRIA- 1442/2012 VASUDEV CHAURASIA & OTHERS RAVINDRA PRAKASH SRIV. Vs. STATE OF U.P. & OTHERS C.S.C. AKHILESH KUMAR R.A. AKHTAR WITH WRIA- 75392/2011 VIJAY KUMAR TRIPATHI & ANOTHER AJOY KUMAR BANERJEE Vs. STATE OF U.P. & OTHERS C.S.C. K.A. USMANI WITH WRIA- 2614/2012 MAHESH CHANDRA BHUPENDRA PAL SINGH Vs. STATE OF U.P. & OTHERS C.S.C. S.S. BHADAURIYA WITH WRIA- 2608/2012 MOHD. SADAB SYED IRFAN ALI MOHD. NAUSHAD Vs. STATE OF U.P. & OTHERS C.S.C. ILLEGIBLE WITH WRIA- 6826/2012 VIMLESH KUMAR ALOK KUMAR YADAV Vs. STATE OF U.P. & OTHERS C.S.C. R.S. PRASAD R.A. AKTAR WITH WRIA- 17607/2012 PAWAN KUMAR BHAWESH PRATAP SINGH Vs. STATE OF U.P. & ANOTHER C.S.C. WITH WRIA- 29/2012 SHIV PRAKASH KUSHWAHA S.K. MISHRA Vs. STATE OF U.P. & OTHERS C.S.C. RAJESHWAR SINGH R.A. AKTAR K.S.KUSHWAHA WITH WRIA- 24062/2012 KAUSHAL KUMAR SHUKLA AND OTHER SUDEEP DWIVEDI -S Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C. WITH WRIA- 40323/2012 SHIV KUMAR PATHAK & OTHERS V.K. SINGH G.K. SINGH Vs. STATE OF U.P. & OTHERS C.S.C. A.K. YADAV
UPTET- टीईटी में फंसा 31 प्रशिक्षुओं का भविष्य
टीईटी में फंसा 31 प्रशिक्षुओं का भविष्य | |
फतेहपुर। बेसिक शिक्षा विभाग में टीईटी की अनिवार्यता से 33 प्रशिक्षित
अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में फंस गया है। एक साल से प्रशिक्षण लेने के
बाद यह अभ्यर्थी टीचर बनने की आश लगाए घर में बैठे हैं, लेकिन शासन से कोई
निर्देश न मिलने के कारण उनका परिषदीय विद्यालयों में टीचर बनने का रास्ता
अवरुद्ध है।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से अगस्त 2011 में 32 बीटीसी और एक विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण पूर्ण करने के बाद 33 अभ्यर्थियों की सूची बेसिक शिक्षा विभाग को परिषदीय स्कूलों में टीचर पद पर तैनाती के लिए भेजी गई थी। बेसिक शिक्षा विभाग तैनाती की तैयारी कर रहा था कि शासन ने टीचर पद चयन के लिए टीईटी अनिवार्यता का शासनादेश जारी कर दिया। शासनादेश मिलते ही बेसिक शिक्षा विभाग ने नियुक्ति प्रक्रिया जस की तस रोक दी। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शासन को पत्र लिखकर शासनादेश जारी होने से पूर्व प्रशिक्षु अभ्यर्थियों की नियुक्ति करने या न करने की राय मांगी थी। साल भर गुजर गया किंतु इस संबंध में शासन से कोई भी दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। ऐसी स्थिति में प्रशिक्षित इन 33 अभ्यर्थियों की चयन प्रकिया अधर में है। बेसिक शिक्षा अधिकारी राजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि जब तक शासन से इस संबंध में कोई दिशा निर्देश नहीं प्राप्त होते हैं इन प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की नियुक्ति करने की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जा सकती है।
Source- Jagran
26-8-2012
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UPTET- टीईटी अभ्यर्थियों के माथे पर चिंता की रेखाएं
टीईटी अभ्यर्थियों के माथे पर चिंता की रेखाएं
मैनपुरी: बेसिक परिषदीय स्कूलों में शिक्षक के पद पर तैनाती पाने के लिए अभ्यर्थियों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर जब मुश्किलों से पार पा ली तो अब कोर्ट की तारीखें उनकी राह का रोड़ा बनी हुई हैं। वहीं सरकार के रूख को लेकर भी टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के माथे पर चिंता की रेखाएं खिंची हुई है।
उल्लेखनीय है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर सोमवार को न्यायालय अपना फैसला सुना सकती है। जिसे लेकर अभ्यर्थियों के जेहन में उठापटक मची है कि आखिर सरकार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर न्यायालय में अपना पक्ष रखेगी या एक बार फिर कोर्ट की तारीख उन्हें मिलेगी।
बताते चलें कि शासन द्वारा टीईटी अभ्यर्थियों की मेरिट और शैक्षिक आधार पर मेरिट बनाकर भर्ती किये जाने की घोषणा की गयी है। जिसमें सामान्य वर्ग के लिए 90 प्रतिशत, ओबीसी/एससी वर्ग के लिए 83 प्रतिशत अंकों की मेरिट रखी गयी थी। जबकि टीईटी अभ्यर्थियों का कहना है कि जब पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की है तो उसी की मेरिट के आधार पर चयन किया जाये।
लेकिन अब तक शासन द्वारा टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के भविष्य को लेकर अंतिम फैसला होगा या नहीं। इस बात का पता नहीं चल पा रहा है क्यों कि सरकार द्वारा अब तक न्यायालय में अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया है जिस कारण अभ्यर्थियों को तारीख दर तारीख मिल रही है। सोमवार को न्यायालय में सरकार यदि अपना पक्ष प्रस्तुत कर देती है तो जल्द ही टीईटी अभ्यर्थियों के भविष्य का फैसला हो जायेगा।
टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी ऋषि मिश्रा, माधवेंद्र सिंह, अतुल कुमार, निर्देश कुमार, विकास यादव, शालिनी चौहान आदि का कहना है कि उन्हें न्यायालय के फैसले से कहीं ज्यादा सरकार द्वारा पक्ष प्रस्तुत करने की चिंता सता रही है, ताकि उनके भविष्य अधर में लटकने से बच जाये।
Source- Jagran
26-8-2012
Sunday, 26 August 2012
UTTARAKHAND TET- टीईटी चयनितों को सप्ताह के भीतर मिलेंगे नियुक्ति पत्र
टीईटी चयनितों को सप्ताह के भीतर मिलेंगे नियुक्ति पत्र
जागरण संवाददाता, देहरादून: प्राथमिक शिक्षा नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी के बाद टीईटी चयनितों में निुयक्ति की आस जगी है। अपर शिक्षा निदेशक बेसिक मोहन सिंह नेगी ने टीईटी चयनित बीएड प्रशिक्षितों को एक सप्ताह में नियुक्ति पत्र जारी करने का आश्वासन दिया है।
अपर निदेशक प्राथमिक शिक्षा ने शनिवार को प्रदेशभर के डायट प्राचार्यो की बैठक ली। बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि टीईटी चयनितों के नियुक्ति पत्र जारी करने में आ रही समस्याओं का जल्द समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि टीईटी पदों पर नियमानुसार आरक्षण की अच्छी तरह से जांच की जाए। जिन जिलों की टीईटी चयनित सूची में कोई पेच नहीं है वह सूची जारी कर दें। इस अवसर पर शिक्षकों के प्रशिक्षण पर भी चर्चा की गई। बैठक में अपर निदेशक एससीईआरटी डॉ. संतोष कुमार शील, उप निदेशक आशारानी पैन्यूली आदि मौजूद रहे।
चयनितों का धरना जारी
टीईटी चयनित बीएड प्रशिक्षितों का शिक्षा निदेशालय में धरना शनिवार को भी जारी रहा। संघ के अध्यक्ष अनूप जदली ने कहा कि अधिकारी आश्वासन दे रहे हैं, लेकिन उनकों नियुक्ति पत्र जारी नहीं किए जा रहे हैं। धरना स्थल पर भगवती हिंदवाण, बृजमोहन, दीपक बधानी, भुवनेश जुयाल आदि मौजूद रहे।
Source- Jagran
26-8-2012
SBTC- मजबूती से लड़ी जाएगी विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों की लड़ाई
विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले जायज मांगों को लेकर लड़ाई लड़ी जा रही है। शिक्षकों के अधिकार मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी। वेतन विसंगतियों पंद्रह सितम्बर तक दूर नही हुई तो विधान सभा घेरने का कार्य किया जाएगा।
उक्त बातें शनिवार को जूनियर हाईस्कूल खलीलाबाद में वार्षिक अधिवेशन में प्रदेश मंत्री प्रभारी गोरखपुर-बस्ती मंडल तारकेश्वर शाही ने कहीं। उन्होंने कहा कि त्रूटिपूर्ण अन्तर जनपदीय स्थानांतरण सूची निरस्त कर दूसरी 18000 शिक्षकों की सूची आई तथा एक सूची और आ रही है। प्रदेश उपाध्यक्ष संजय वर्मा ने कहा कि अंशदायी नयी पेंशन योजना शिक्षकों के साथ धोखा है इसे किसी भी दशा में स्वीकार नही किया जाएगा। हमें पुरानी पेंशन योजना से काम अब स्वीकार नही है इसके लिए उच्च न्यायालय की शरण के साथ सड़क से सदन तक की लड़ाई लड़ी जाएगी। विज्ञान सिंह ने कहा कि न्याय की लड़ाई संगठन प्रारंभ काल से किया जा रहा है। हीरालाल भारती ने कहा कि जायज मांगों को लेकर बार-बार धरना प्रदर्शन किया गया, लेकिन मांगों को अनसुनी की जा रही है। कार्यकारिणी गठन के पश्चात एकजुटता से अधिकार के प्रति सजग रहना होगा। भारतेंदु यादव ने कहा कि हितों की रक्षा के लिए एकजुटता जरुरी है। अधिवेशन की अध्यक्षता संजय राज सिंह ने किया।
इस मौके पर जिला कार्यकारिणी का सर्व सम्मति से गठन किया गया, जिसमें कृष्णेंद्र यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंद चौधरी, उपाध्यक्ष कंहैया लाल, कृष्णकांत यादव, व डा.आशुतोष यादव, महामंत्री केशरी लाल, कोषाध्यक्ष शिवप्रसाद शर्मा, संगठन मंत्री हरि किशोर सिंह, मंत्री महेंद्र कुमार अमरोही, रोहित कुमार, सेराजुद्दीन, सुभाष चंद, मीडिया प्रभारी रामकेश, प्रवक्ता हरीश कुमार यादव, विधि सलाहकार नीरज सिंह चूने गए।
इस मौके पर आलोक कुमार, अरुण यादव, जितेंद्र सिंह, संदीप सिंह, चंद्रशेखर सिंह, योगेंद्र प्रताप, शोएब अहमद, अमरनाथ वर्मा, अवधेश कुमार, राकेश कुमार, सुधीर सिंह, सरेश मौर्य, दिनेश कुमार, जीतेंद्र कुमार, मधुसुदन, संजय भूषण, मुकेश, अरविंद, महेंद, राहुल सिंह, अमरनाथ, कृष्णचंद्र, सत्येंद्र, अमरजीत, रामशंकर पाल, जयसिंह आदि मौजूद रहे।
Source- Jagran
25-8-2012
INDIAN POST- डाक विभाग: आवेदन पत्र खत्म, अभ्यर्थी परेशान
डाक विभाग: आवेदन पत्र खत्म, अभ्यर्थी परेशान
जागरण संवाददाता, आगरा: डाक विभाग में आवेदन पत्र खत्म हो चुके हैं, जिन्हें खरीदने के लिए अभ्यर्थी प्रधान डाकघर में भटक रहे हैं। 16 अगस्त को डिमांड भेजने के बावजूद अभी तक आवेदन नहीं आए।
डाक विभाग ने प्रदेश स्तर पर डाक सहायकों, छटाई सहायकों के पद के लिए आवेदन मांगे हैं। इसमें आगरा में 13 पदों के लिए नियुक्ति की जायेगी। जिनमें 7 अनारक्षित और 4 अनुसूचित जाति व अन्य हैं। 12 अगस्त को 4 सौ फार्म मंगाए, वे हाथों हाथ बिक गए। उसके बाद दो हजार फार्मो की और बिक्री हो चुकी है। 18 अगस्त को वे खत्म हो गये। इसके बाद से अभ्यर्थी यहां लगातार चक्कर काट रहे हैं, लेकिन फार्म नहीं मिल रहे हैं। प्रधान डाकघर में फार्म लेने शमशाबाद से आये राजीव चौहान ने आरोप लगाया कि वे कई दिन से चक्कर लगा रहे है, लेकिन कर्मचारी संतोष जनक जबाव नहीं देते। वहीं अलबतियां के प्रभांशु सक्सेना भी वहां पहुंच कर इंतजार करते हैं कि कब फार्म आएं।
इस संबंध में निदेशक (डाक सेवाएं) विभाग उमेश वर्मा ने बताया कि 16 अगस्त को 5 हजार फार्मो की डिमांड लखनऊ ऑफिस भेजी जा चुकी है, जिनके अगले सप्ताह आने की संभावना है। उसके बाद उनकी बिक्री शुरू हो जायेगी। फार्म जमा करने की अंतिम तिथि 25 सितंबर है। इन फार्म को ऑन लाइन करने का भी प्रयास किया जायेगा।
Source- Jagran
25-8-2012
INDIAN POST- खुद के 'फार्म' बांटने में डाक विभाग नाकाम
रोजाना की तरह शुक्रवार को भी लोगों को जीपीओ कार्यालय से बिन फार्म लौटना पड़ा। बेरोजगार युवक-युवतियां जीपीओ के काउंटर पर फार्म के लिए लाइन में लग गए। फार्म भरने की अंतिम तिथि 25 अगस्त है, इसलिए बेरोजगार पहल करने की फिराक में है।
सूत्रों का कहना है कि पद भले ही उन्नीस हो लेकिन फार्म पांच सौ तक बिक चुके हैं। पहले करीब 3 सौ फार्म बिक चुके थे, शुक्रवार को आंकड़ा पांच सौ तक पहुंच गया। फार्मो की डिमांड के चलते और फार्म मंगवाए गए हैं। लाइन में लगने के बाद भी जिन्हें फार्म नहीं मिला वे निराश होकर लौट गए। फार्म लेने के लिए मुलाना, बराड़ा, नारायणगढ़ आदि से लोग पहुंचे। प्रवर अधीक्षक सुरेंद्र कुमार शर्मा का कहना है फार्म खत्म होने के बाद डिमांड कर दी है। सीएमसी प्राइवेट कंपनी से फार्म की सप्लाई आ रही है।
लोगों ने अफसरों को कोसा
मुलाना से आए अश्रि्वनी, डीआरएम ऑफिस से आए बलजीत सिंह, रामपुर से ओमबीर, नीरज, बराड़ा से हरीश व विशाल ने बताया कि फार्म के लिए एक बार पहले भी आ चुके हैं लेकिन फार्म नहीं मिला। यह दूसरा चक्कर लग रहा है, इसके बावजूद फार्म नहीं मिला है। उनका कहना है कि फार्म के लिए अब अगले हफ्ते फिर आना होगा। अंबाला डिवीजन में क्लर्क के लिए 19 पद है। अंबाला छावनी, अंबाला सिटी, पंचकूला व यमुनानगर में डाकघर में फार्म दिए जा रहे हैं जो 1 सितम्बर तक दिल्ली भेजे जाने है।
Source- Jagran
25-8-2012
INDIAN POST- डाक विभाग में नियमों की अनदेखी कर हो रहा खेल
डाक विभाग में नियमों की अनदेखी कर हो रहा खेल
रानीश्वर (दुमका),निज प्रतिनिधि : डाक विभाग में नियम को अनदेखी कर पैरवी के बल पर कर्मचारियों की नियुक्ति एवं प्रोन्नति दिए जाने की खबर है। इसका खुलासा सूचना का अधिकार के तहत प्रियनाथ पाठक को दिए गए जवाब से हुआ है। मामला प्रवर डाक अधीक्षक दुमका से डाक अधीक्षक के पद पर एक डाकिया को प्रोन्नति दिए जाने से जुड़ा है। रघुनाथपुर उप डाकघर के अधीन कुमीरदहा के ग्रामीण डाकघर के पोस्टमास्टर त्रिलोचन मंडल वर्तमान में डाक निरीक्षक केन्द्रीय सूचना के अधीन डाकिया के पद पर नियुक्त है। विभाग द्वारा श्री मंडल से डाक अधिदर्शक के पद पर कार्य कराया जा रहा है। साथ ही यहां डाकिया के बदले डाक अधीक्षक के पद पर कार्यरत है। सूचना अधिकार कानून के तहत श्री पाठक ने प्रवर डाक अधीक्षक से छह बिंदु पर सूचना मांगी थी जिसके जवाब में यह जानकारी दी गयी कि डाक अधीक्षक की नियुक्ति डाकिया के कार्य अनुभव एवं सेवा की अवधि के तहत किया जाता है। यह कहा गया कि इससे संबंधित नियमावली की छाया प्रति प्रवर डाक अधीक्षक कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। जानकारी में यह बताया गया कि त्रिलोचन मंडल डाक निरीक्षक केन्द्रीय दुमका के अधीन डाकिया पद पर नियुक्त है। डाक निरीक्षक दुमका के डाक अधिदर्शक का पद रिक्त है। इस पद पर त्रिलोचन को तत्काल अस्थायी रूप से कार्य करने की आदेश दिया गया है। त्रिलोचन को डाक अधीदर्शक पद पर नियुक्त नहीं किया गया है। जानकारी में लिखा गया है कि विभाग में वरीयता का नियम है पर वरीयता के आधार पर वह कार्य योग्य नहीं है। जब उन्हें डाक अधिदर्शक पद पर कार्य करने की इच्छा पूछा जाता है तो वरीय कर्मचारी काम करने से असमर्थता व्यक्त करते हैं। इस स्थिति में अन्य डाकिया को डाक निरीक्षक की अनुशंसा पर अस्थायी रूप से नियुक्त किया जाता है। यह भी कि कोई कर्मचारी स्थानान्तरण होकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर आता हैं तो नियमानुसार वह उस मंडल के श्रेणीकरण कीसूची में नीचे रहता है। मतलब धनबाद मंडल से दुमका मंडल में स्थानान्तरित डाकिया त्रिलोचन यहां के अन्य सभी डाकिया से कनीय हैं। आगे सूचित किया गया है कि त्रिलोचन को डाक अधिदर्शक पद पर प्रोन्नति नहीं दिया गया है। इधर आवेदक का आरोप है कि उसे सूचना अधूरी दी गयी है लेकिन जो सूचनाएं दी गयी हैं उससे भी यह साफ है कि नियम कानून को दरकिनार कर डाक विभाग में कई तरह की अनियमिताएं हो रही हैं और इसे अंजाम देने के लिए एक सुनियोजित कर्मियों
Source- Jagran
25-8-2012
Saturday, 25 August 2012
यूपी में CBSE, ICSE छात्राओं को भी मिलेगा कन्या विद्या धन
प्रदेश सरकार यूपी बोर्ड के साथ-साथ सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड से इंटर पास
करने वाली छात्राओं को भी आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए कन्या विद्या धन
योजना के तहत 30 हजार रुपए देगी।
कार्यवाहक मुख्य सचिव वीके शर्मा द्वारा जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि 2012 में माध्यमिक शिक्षा परिषद से इंटरमीडिएट परीक्षा या उसके समकक्ष कक्षा से 12वीं उत्तीर्ण होने वाली 35 हजार सालाना आय वाले परिवार की लड़कियां कन्या विद्या धन की पात्र होंगी।
दिशा निर्देश में कहा गया है कि कन्या विद्या धन योजना में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की बेटियों को वरीयता दी जाएगी। इस योजना के तहत चयनित लड़कियों को पैसा उनके बैंक खाते में दिया जाएगा या फिर सामूहिक कार्यक्रम आयोजित कर जिले के प्रभारी मंत्री चेक या ड्रॉफ्ट से बांटे सकेंगे। आवेदन की अंतिम तिथि 20 सितंबर निर्धारित की गई है।
कन्या विद्या धन योजना के लिए दो प्रमुख हिंदी अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित कराया जाएगा और छात्राओं से निर्धारित प्रारूप पर आवेदन लिया जाएगा। छात्राओं ने जिस विद्यालय से इंटर की परीक्षा पास की होगी, वहां के प्रधानाचार्य से संस्तुति एवं अग्रसारित कराने के बाद आवेदन जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में जमा किया जाएगा।
आवेदन की अंतिम तिथि समाप्त होने पर डीएम की संस्तुति पर फार्म जमा किए जाएंगे। फार्म के साथ इंटरमीडिएट या फिर उसके समकक्ष उत्तीर्ण 2012 की प्रमाणित अंक तालिका और सक्षम अधिकारी से जारी आय प्रमाण पत्र लगाना अनिवार्य होगा। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में आवेदन पत्रों की कंप्यूटरीकृत सूची रोजाना तैयार कराई जाएगी और निरीक्षण के समय इसे दिखाना होगा। इस योजना का लाभ छात्रवृत्ति या अन्य योजना से प्राप्त होने वाले लाभ से अतिरिक्त होगा।
कन्या विद्या धन के पत्रों के चयन के लिए सभी जिलों में जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी। मुख्य विकास अधिकारी, वरिष्ठ अपर जिलाधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिलापूर्ति अधिकारी, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी, जिलाधिकारी द्वारा नामित राजकीय व सहायता प्राप्त विद्यालय का प्रधानाचार्य और डीआईओएस सदस्य सचिव होगा। योजना के अंतर्गत बजट की उपलब्धता पर जिलेवार पारिवारिक आय की आधार पर पात्रों का चयन किया जाएगा।
Source- Amar Ujala
25-8-2012
कार्यवाहक मुख्य सचिव वीके शर्मा द्वारा जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि 2012 में माध्यमिक शिक्षा परिषद से इंटरमीडिएट परीक्षा या उसके समकक्ष कक्षा से 12वीं उत्तीर्ण होने वाली 35 हजार सालाना आय वाले परिवार की लड़कियां कन्या विद्या धन की पात्र होंगी।
दिशा निर्देश में कहा गया है कि कन्या विद्या धन योजना में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की बेटियों को वरीयता दी जाएगी। इस योजना के तहत चयनित लड़कियों को पैसा उनके बैंक खाते में दिया जाएगा या फिर सामूहिक कार्यक्रम आयोजित कर जिले के प्रभारी मंत्री चेक या ड्रॉफ्ट से बांटे सकेंगे। आवेदन की अंतिम तिथि 20 सितंबर निर्धारित की गई है।
कन्या विद्या धन योजना के लिए दो प्रमुख हिंदी अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित कराया जाएगा और छात्राओं से निर्धारित प्रारूप पर आवेदन लिया जाएगा। छात्राओं ने जिस विद्यालय से इंटर की परीक्षा पास की होगी, वहां के प्रधानाचार्य से संस्तुति एवं अग्रसारित कराने के बाद आवेदन जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में जमा किया जाएगा।
आवेदन की अंतिम तिथि समाप्त होने पर डीएम की संस्तुति पर फार्म जमा किए जाएंगे। फार्म के साथ इंटरमीडिएट या फिर उसके समकक्ष उत्तीर्ण 2012 की प्रमाणित अंक तालिका और सक्षम अधिकारी से जारी आय प्रमाण पत्र लगाना अनिवार्य होगा। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में आवेदन पत्रों की कंप्यूटरीकृत सूची रोजाना तैयार कराई जाएगी और निरीक्षण के समय इसे दिखाना होगा। इस योजना का लाभ छात्रवृत्ति या अन्य योजना से प्राप्त होने वाले लाभ से अतिरिक्त होगा।
कन्या विद्या धन के पत्रों के चयन के लिए सभी जिलों में जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी। मुख्य विकास अधिकारी, वरिष्ठ अपर जिलाधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिलापूर्ति अधिकारी, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी, जिलाधिकारी द्वारा नामित राजकीय व सहायता प्राप्त विद्यालय का प्रधानाचार्य और डीआईओएस सदस्य सचिव होगा। योजना के अंतर्गत बजट की उपलब्धता पर जिलेवार पारिवारिक आय की आधार पर पात्रों का चयन किया जाएगा।
Source- Amar Ujala
25-8-2012
BIHAR TET- टीईटी पास अभ्यर्थियों ने काटा बवाल
टीईटी पास अभ्यर्थियों ने काटा बवाल
हिसुआ (नवादा) निज प्रतिनिधि : बिहार सरकार के गलत नीति के विरोध में शनिवार को टीईटी पास अभ्यर्थियों ने नगर क्षेत्र में बवाल काटा। विश्व शांति चौक को घंटों जाम रखकर सरकार विरोधी नारे लगाये। मानव संसाधन मंत्री पीके शाही का पुतला फूंका। अभ्यर्थी टीईटी परीक्षाफल की मेधा सूची को सार्वजनिक करने, जिला वार नियोजन करने तथा आवेदन के साथ तीस रुपये का डाक टिकट लगाने की व्यवस्था को समाप्त करने की मांग कर रहे थे। अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए पंकज कुमार ने कहा कि सरकार ने 92 सौ 53 नियोजन इकाई में शिक्षक नियुक्ति के लिये आवेदन देने का प्रस्ताव पारित किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी नियोजन इकाई में आवेदन करने लगभग चार लाख रुपये की राशि खर्च होगी। इतनी बड़ी राशि अभ्यर्थी कहां से जुटा पायेंगे। यह एक विचारणीय प्रश्न है जो सुरसा की भांति मुंह फैलाये बेरोजगार अभ्यर्थी का मुंह चिढ़ा रही है। विश्व शांति चौक जाम रहने से गया, राजगीर, बिहारशरीफ, नवादा की ओर आने-जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। जाम हटाने के लिये अंचलाधिकारी शैलेश कच्छप एवं थानाध्यक्ष एनके सिंह को काफी मशक्कत करना पड़ा। बाद में अभ्यर्थयों ने उन्हें स्मार पत्र सौंपा। दोनों अधिकारियों ने विद्यार्थियों को आश्वस्त कराया कि उनकी मांग को सरकार के पास पहुंचाया जायेगा। अभ्यर्थियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगों पर अविलम्ब विचार नहीं किया गया तो विश्व
शांति चौक को अनिश्चितकाल के लिये जाम कर दिया जायेगा। जितेन्द्र कुमार, विमल कुमार, रवीन्द्र कुमार, भोला प्रसाद, प्रेम कुमार सहित सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों ने आंदोलन में हिस्सा लिया।
Source- Jagran
25-8-2012
BTC- बीएसए को सौंपा ज्ञापन
बीएसए को सौंपा ज्ञापन
प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने मांगों को लेकर बीएसए को ज्ञापन सौंपा। संगठन ने विशिष्ट बीटीसी एवं बीटीसी में प्रशिक्षण प्राप्त व प्रशिक्षणरत शिक्षामित्रों को शिक्षामित्र पद पर तैनात करने के लिए ज्ञापन सौंपा।
जिलाध्यक्ष अनुज कुमार पांडेय ने 25 अगस्त से द्वितीय बैच की ट्रेनिंग का स्वागत करते हुए कहा कि जिन शिक्षामित्रों का आवेदन पत्र डायट में नहीं पहुंचा है, वह पुन: प्रार्थना पत्र के माध्यम से आवेदन पत्र पुन: प्राप्त करा दें। मंत्री अम्बरीश ओझा ने बताया कि प्रथम बैच में परीक्षा से वंचित शिक्षामित्रों की परीक्षा कराई जाएगी। जिलाध्यक्ष, संगठन मंत्री समेत अन्य ने बीएसए को विशिष्ट बीटीसी 2007/08 एवं बीटीसी 2010 में प्रशिक्षण प्राप्त व प्रशिक्षणरत शिक्षामित्रों को उनके मूल विद्यालय में शिक्षामित्र पद पर तैनात करने के लिए ज्ञापन सौंपा।
Source- Jagran
24-8-2012
UTTARAKHAND TET- सीएम आवास कूच करेंगे टीईटी चयनित
सीएम आवास कूच करेंगे टीईटी चयनित
देहरादून: नियुक्ति पत्र जारी करने की मांग को लेकर आदोलित टीईटी चयनितों ने सरकार और विभाग पर उनकी मांग की अनदेखी करने का आरोप लगाया। संघ के अध्यक्ष अनूप जदली ने कहा कि यदि शीघ्र नियुक्ति पत्र जारी नहीं किए तो आगामी 27 अगस्त को आंदोलनकारी मुख्यमंत्री आवास कूच करेंगे।
शुक्रवार को शिक्षा निदेशालय में चयनितों का धरना 20वें दिन भी जारी रहा। इस अवसर पर संघ के उपाध्यक्ष अजीत राठी ने कहा कि गत 31 जुलाई को चयनितों के नियुक्ति पत्र जारी होने थे। उसके बाद निदेशक प्राथमिक शिक्षा ने एक सप्ताह के अंदर नियुक्ति पत्र जारी करने की बात कही, लेकिन 24 दिन बाद भी नियुक्ति पत्र जारी नहीं किए गए। इससे चयनितों में आक्रोश है। और यदि यही स्थिति बनी रही तो आंदोलनकारी मुख्यमंत्री आवास कूच करेंगे। धरना स्थल पर परमानंद सती, भुवनेश जुयाल आदि उपस्थित थे।
Source- Jagran
24-8-2012
Friday, 24 August 2012
UPTET- CAUSE LIST ALLAHABAD HIGH COURT DATED- 27-8-2012
CAUSE LIST ALLAHABAD
Cause List
27/08/2012
AT 10.00 A.M. COURT NO.53 HON'BLE MR. JUSTICE ARUN TANDON AT 10.00 A.M. Tied Up and Part Heard Matters - For Further Hearing WRIT - A 1. DF-PH 76039/2011 YADAV KAPILDEV LAL BAHADUR ALOK KUMAR YADAV RAJESH YADAV LAL BAHADUR Vs. STATE OF U.P. & OTHERS C.S.C. K.S. KUSHWAHA WITH WRIA- 76355/2011 SARASWATI SRIVASTAVA SAROJ YADAV Vs. THE STATE OF U.P. AND OTHE C.S.C. -RS C.N.TRIPATHI R.A.AKHTAR WITH WRIA- 76392/2011 SHIVANI ABHISHEK SRIVASTAVA Vs. THE STATE OF U.P. AND OTHE C.S.C. -RS RAJEEV JOSHI C.N.TRIPATHI WITH WRIA- 76595/2011 SABA ANJUM & OTHERS INDRASEN SINGH TOMAR AMIT KUMAR SRIVASTAVA Vs. STATE OF U.P. & ANOTHER C.S.C. K.S. KUSHWAHA WITH WRIA- 1442/2012 VASUDEV CHAURASIA & OTHERS RAVINDRA PRAKASH SRIV. Vs. STATE OF U.P. & OTHERS C.S.C. AKHILESH KUMAR R.A. AKHTAR WITH WRIA- 75392/2011 VIJAY KUMAR TRIPATHI & ANOTHER AJOY KUMAR BANERJEE Vs. STATE OF U.P. & OTHERS C.S.C. K.A. USMANI WITH WRIA- 2614/2012 MAHESH CHANDRA BHUPENDRA PAL SINGH Vs. STATE OF U.P. & OTHERS C.S.C. S.S. BHADAURIYA WITH WRIA- 2608/2012 MOHD. SADAB SYED IRFAN ALI MOHD. NAUSHAD Vs. STATE OF U.P. & OTHERS C.S.C. ILLEGIBLE WITH WRIA- 6826/2012 VIMLESH KUMAR ALOK KUMAR YADAV Vs. STATE OF U.P. & OTHERS C.S.C. R.S. PRASAD R.A. AKTAR WITH WRIA- 17607/2012 PAWAN KUMAR BHAWESH PRATAP SINGH Vs. STATE OF U.P. & ANOTHER C.S.C. WITH WRIA- 29/2012 SHIV PRAKASH KUSHWAHA S.K. MISHRA Vs. STATE OF U.P. & OTHERS C.S.C. RAJESHWAR SINGH R.A. AKTAR K.S.KUSHWAHA WITH WRIA- 24062/2012 KAUSHAL KUMAR SHUKLA AND OTHER SUDEEP DWIVEDI -S Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C. WITH WRIA- 40323/2012 SHIV KUMAR PATHAK & OTHERS V.K. SINGH G.K. SINGH Vs. STATE OF U.P. & OTHERS C.S.C. A.K. YADAV
BIHAR TET-प्रखंड में 93 पंचायतों में 71 शिक्षक का होगा नियोजन
प्रखंड में 93 पंचायतों में 71 शिक्षक का होगा नियोजन
नवहट्टा (सहरसा),निप्र: टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण प्रखंड शिक्षक पद पर 93 एवं चौदह पंचायत में विभिन्न कोटि के 71 शिक्षक का नियोजन होगा। प्रखंड के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में छात्र व शिक्षक अनुपात के आधार पर रिक्त पदों पर नियोजन किया जाएगा। प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई के अनुसार वर्ग एक से पांच तक के लिए सामान्य कोटि के छह एवं उर्दू कोटि के सात प्रखंड शिक्षक का नियोजन होगा। वर्ग छह से आठ तक लिए गणित विज्ञान विषय के 16, समाजिक विज्ञान 35, संस्कृत के 6, हिन्दी के 6, अंग्रेजी के 12 एवं उर्दू विषय के 5 शिक्षकों का पद रिक्त है। वहीं पंचायत में सामान्य सीट के 35 एवं उर्दू विषय के 36 पदों पर नियोजन होगा। सामान्य सीट पर शाहपुर एवं मोहनपुर में एक एक, सत्तौर, मुरादपुर, खड़का तेलवा, नवहट्टा पूर्वी, नवहट्टा पश्चिम, कासीमपुर में दो-दो, डरहार, बकुनियां, हाटी एवं केदली पंचायत में तीन तीन, नौला में चार एवं चंद्रायण में पांच शिक्षकों का नियोजन होगा। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी से आवेदन लेने की प्रक्रिया जारी है।
Source- Jagran
24-8-2012
ऐसे मिली थी बिग बी को पहली नौकरी
शास्त्री मंत्रिमंडल में इंदिरा के शामिल होने का राज
नई दिल्ली,
आइएएनएस : जवाहर लाल नेहरू के निधन से दुखी इंदिरा गांधी तुरंत लाल बहादुर
शास्त्री के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होना चाहती थीं, लेकिन जैसे ही
उन्हें बताया गया कि वह नहीं मानीं तो उनकी बुआ विजयलक्ष्मी
पंडित को उनकी जगह मिल जाएगी, वह फौरन तैयार हो गईं।
इंदिरा के बेहद करीबी रहे जनक राज जय ने अपनी किताब स्ट्रोक्स ऑन लॉ एंड
डेमोक्रेसी इन इंडिया में इंदिरा और नेहरू परिवार से जुड़ी ऐसे कई
अनकहे-अनसुने तथ्यों को सार्वजनिक किया है। 82 वर्षीय जय के मुताबिक,
शास्त्री हमेशा चाहते थे कि गांधी परिवार का कोई न कोई सदस्य मंत्रिमंडल
में जरूर रहे। जब इंदिरा पिता की अस्थियां विसर्जित कर दिल्ली लौंटी तो
शास्त्री उनसे मिलने रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। वहीं उन्हें मंत्रिमंडल में
शामिल होने का प्रस्ताव दिया। इस पर वह भड़क गई। शास्त्री भी झेंप गए और
तेजी से आगे बढ़ गए। इस दौरान शास्त्री खुद से ही बातें करते हुए बोले कि
यदि इंदिरा शामिल नहीं होती हैं तो मुझे विजयलक्ष्मी से बात करनी चाहिए। जय
लिखते हैं, मैं व्यक्तिगत तौर पर चाहता था कि इंदिरा ही मंत्रिमंडल में
शामिल हों। मैंने बिना वक्त गंवाए शास्त्री की बात उन्हें बताई। जब इंदिरा
को इस बात का एहसास हुआ, उन्होंने मुझे शास्त्री के साथ एक बैठक तय करने को
कहा। बैठक हुई और इंदिरा ने शास्त्री की बात मान ली।
ऐसे मिली थी बिग बी को पहली नौकरी
जय ने अपनी किताब में अमिताभ बच्चन की पहली नौकरी के लिए इंदिरा की सिफारिश
का भी जिक्र किया है। यह वह दौर था जब बच्चन और नेहरू परिवार एक-दूसरे के
बेहद करीबी हुआ करते थे। इंदिरा ने जय को पश्चिम बंगाल की राज्यपाल पद्मजा
नायडू को पत्र लिखकर उनके लिए नौकरी की व्यवस्था करने को कहा। इस तरह आज के
महानायक को उनकी पहली नौकरी मिली।
Source- Jagran
24-8-2012
Source- Jagran
24-8-2012
नकली नोट फैलाना भी अब आतंकवाद
नकली नोट फैलाना भी अब आतंकवाद
जागरण ब्यूरो,
नई दिल्ली : आतंकवाद की आर्थिक रसद काटने की कोशिश में सरकार ने गैरकानूनी
गतिविधि निरोधक कानून (यूएपीए) को अधिक पैना बनाने के संशोधनों को मंजूरी
दे दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नकली नोट, मनी लॉड्रिंग और आतंक के
वित्त पोषण को भी यूएपीए के दायरे में लाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।
आर्थिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को भी इसका हिस्सा बना दिया गया है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुआई में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक
में नकली नोट चलाने को भी यूएपीए के दायरे में लाने का फैसला किया गया है।
इससे संबंधित संशोधन विधेयक को अब संसद में पेश किया जाएगा। संशोधनों के
जरिए आतंकवादी गतिविधि की परिभाषा में भी बदलाव किए गए हैं। इसके तहत देश
की आर्थिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों को भी आतंकवाद की
श्रेणी में रखा जाएगा। साथ ही अदालतों को इस तरह के मामले में संपत्ति
जब्ती के भी अधिकार होंगे। मंत्रिमंडल की बैठक में भूमि अधिग्रहण विधेयक एक
बार फिर टल गया।
Source- Jagran
24-8-2012
DELHI UNIVERSITY- डीयू में ¨हदी माध्यम के अधिकांश छात्र हो रहे फेल
डीयू में ¨हदी माध्यम के अधिकांश छात्र हो रहे फेल
जागरण
संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी माध्यम के छात्रों
का अधिक संख्या में फेल होना इस समय छात्र संगठनों के बीच चर्चा का विषय
बना हुआ है। छात्र संगठनों ने इस संबंध में डीयू प्रशासन को आगाह करते हुए
छात्रों के रोष से भी अवगत कराया है। एनएसयूआइ ने तो डीयू प्रशासन को
आंकड़ों सहित लिखित शिकायत करते हुए कहा कि एमए राजनीति विज्ञान में 50
फीसद से अधिक छात्र फेल हो गए हैं, वहीं एबीवीपी ने इसके लिए हिंदी माध्यम
के छात्रों के लिए पुस्तकों की उपलब्धता में कमी बताई है।
फेल होने पर गुस्साए छात्रों का कहना है कि प्राध्यापकों से कुछ पूछने जाओ
तो कहते हैं कि इट्स योर प्रॉब्लम, आई कांट हेल्प यू डियर। ऐसे
प्राध्यापकों को बदला जाए। एनएसयूआइ प्रवक्ता अमरीश रंजन पांडेय ने कहा कि
हिंदी माध्यम के छात्रों के साथ ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। केवल एमए
राजनीति विज्ञान ही नहीं दर्शनशास्त्र, इतिहास जैसे विषयों का भी यही हाल
है। छात्र कहते हैं कि कुलपति प्रो. दिनेश सिंह ने जनवरी 2011 में छात्रों
से सीधे संवाद कर बडे़-बडे़ दावे किए थे और कहा था कि हिंदी माध्यम के
छात्रों की पीड़ा वह समझते हैं। जल्द ही अनुवादित पुस्तकें छात्रों को
मिलेंगी, लेकिन डेढ़ साल बीतने के बाद भी हिंदी माध्यम की पुस्तकें नहीं
मिली। गत वर्ष एमए इतिहास के एक पेपर आधुनिक और मध्यकालीन इतिहास में 191
में से 121 छात्रों की ईआर (एसेंशियल रिपीट) आई थी। उस समय भी छात्रों का
रोष इस बात को लेकर था कि वह हिंदी माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं इसलिए न
प्राध्यापक उनकी सुनते हैं और न ही हिंदी में उनके लिए पुस्तकें हैं। अब
एनएसयूआइ इस संबंध में डीयू प्रशासन को घेरने की तैयारी में हैं। उधर,
एबीवीपी के प्रदेश मंत्री रोहित चहल ने कहा है कि शुक्रवार को हिंदी माध्यम
के छात्रों की समस्या पर डीयू के अधिकारियों का घेराव कर प्रदर्शन किया
जाएगा। साथ ही प्रशासन से मांग की जाएगी कि वह छात्रों को हिंदी में अध्ययन
सामग्री उपलब्ध कराए।
Source- Jagran
24-8-2012
रेग्युलर शिक्षामित्र बनेंगे शिक्षक
रेग्युलर शिक्षामित्र बनेंगे शिक्षक
देवरिया: नियमित स्नातक शिक्षामित्रों के लिए खुशखबरी है। सरकार ने शासनादेश जारी कर दूसरे बैच के प्रशिक्षण को हरी झंडी दे दी है। शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण 25 अगस्त से डायट पर होगा। शिक्षामित्रों का चयन पुराने मानक के अनुसार किया जाएगा।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक महेंद्र सिंह ने इस संबंध में पत्र जारी किया है। पत्र में कहा है कि शिक्षामित्र बनने के बाद जिन लोगों ने 25 जुलाई 2012 के पहले व्यक्तिगत या संस्थागत स्नातक किया है, ऐसे शिक्षामित्र भी प्रशिक्षण ले सकेंगे। शिक्षामित्रों का चयन प्रथम नियुक्ति की तिथि के क्रम में किया जाएगा। अगर एक ही तिथि को कई शिक्षामित्रों की नियुक्ति हुई है तो उच्च शिक्षा के आधार पर चयन किया जाएगा। चयन के समय आरक्षण नियमों का पालन होगा, जो शिक्षामित्र नियुक्ति के समय इंटर थे और संस्थागत रूप से स्नातक की डिग्री प्राप्त किए हैं, ऐसे शिक्षामित्रों को दूरस्थ शिक्षाविधि के माध्यम से प्रशिक्षण में शामिल किया जाएगा। श्री सिंह ने डायट के प्राचार्यो को दूसरे चरण के प्रशिक्षण के लिए अधिगम सामग्री मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक से प्राप्त कर लेने का निर्देश दिया है।
उधर प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश मंत्री अनिल कुमार यादव ने कहा कि यह सब संगठन के संघर्ष की देन है। दूसरे बैच के प्रशिक्षण में 1190 शिक्षामित्र शामिल होंगे।
Source- Jagran
23-8-2012
Wednesday, 22 August 2012
CTET- ON-LINE APPLICATION FORM CTET - November 2012
ON-LINE APPLICATION FORM CTET - November 2012
1. | Please read the instructions and procedures carefully before you start filling the Online Application Form. | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
2. | Candidates can apply for CTET-NOV 2012 ‘ON-LINE’ through CBSE website www.cbse.nic.in or www.ctet.nic.in w.e.f. 01.08.2012 to 31.08.2012. | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
For ‘ON-LINE’ SUBMISSION - www.cbse.nic.in or www.ctet.nic.in
Candidates can apply ‘ON-LINE’ at Board’s website www.cbse.nic.in or www.ctet.nic.in. The candidate should supply all details while filling the Online Form. Candidates are required to take a print out of the computer generated Confirmation Page with Registration Number after successful submission of data. The Confirmation page is sent to CBSE. |
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3. | Examination Fees | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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4. | Before submitting online application, you must have the bank draft for the required fees in hand. | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
5. | Please ensure before dispatching the Confirmation Page that:- | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
(i) | The candidate has signed the Confirmation Page at the specified place. | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
(ii) | The candidate has pasted the recent passport size photograph on the space earmarked for it. | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
(iii) | The candidate has attached the Demand Draft of the required fee. Write your Registration Number, Name, Address, Mobile No. on the back side of Demand Draft. | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
(iv) | The candidate has kept a photocopy of the Confirmation Page for use as reference for future correspondence. The Confirmation Page must be dispatched in an Envelope of size 12”x9” only and Superscribing “APPLICATION FOR CTET- NOV 2012”. |
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6. | The Confirmation Page, complete in all respect, along
with Demand Draft should be sent through Registered/Speed Post only so
as to reach positively by 07.09.2012 in the CBSE office addressed to;
THE ASSISTANT SECRETARY (CTET), CENTRAL BOARD OF SECONDARY EDUCATION, A-1, SWASTHYA VIHAR, VIKAS MARG (Opp. Metro Pillar-76), NEW DELHI-110 092 |
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Note | While sending to CBSE do not enclose any photocopy of Educational or Caste Certificate along with this Confirmation Page. | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
7. | The Confirmation Page, sent by courier shall be rejected. The Confirmation Page shall not be received personally. CBSE will not be responsible for non-receipt of Confirmation page due to any transit/postal loss. | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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RESERVATION IN PROMOTION- प्रोन्नति कोटे की राह तलाशेगी सरकार
प्रोन्नति कोटे की राह तलाशेगी सरकार
ठ्ठ राजकेश्वर
सिंह, नई दिल्ली
सरकारी नौकरियों में प्रोन्नति में अनुसूचित जाति (एससी) व अनुसूचित जनजाति
(एसटी) के आरक्षण का मुद्दा फिलहाल लटक गया है। सर्वदलीय बैठक में उभरे
मतभेदों के बाद सरकार अब इसके लिए 22 अगस्त को संसद में संविधान संशोधन
विधेयक नहीं ला रही है। समाजवादी पार्टी के कड़े विरोध के बाद प्रधानमंत्री
ने भी विधेयक लाने से पहले विस्तृत कानूनी विचार-विमर्श की बात कही।
हालांकि उन्होंने सैद्धांतिक सहमति जरूर जताई और इसी सत्र में विधेयक लाने
का आश्र्वासन दिया।
सूत्रों के मुताबिक, सर्वदलीय बैठक में बसपा प्रमुख मायावती, लोजपा प्रमुख
रामविलास पासवान और कुछ दूसरे दलों के नेताओं ने संसद के चालू सत्र में ही
सरकारी नौकरियों में प्रोन्नति में एससी व एसटी के आरक्षण के लिए संविधान
संशोधन विधेयक लाने की जोरदार पैरवी की। जबकि, वरिष्ठ भाजपा नेता व लोकसभा
में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने यह कहकर सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री की ओर
से बुलाई इस बैठक के लिए सरकार ने कोई मसौदा ही नहीं दिया है, फिर उस पर
विस्तृत चर्चा कैसे हो सकती है? मसौदा देखने के बाद ही हम इस पर फैसला
करेंगे। जबकि, सपा, जदयू, राकांपा और नेशनल कांफ्रेंस ने इस मामले में
जल्दबाजी में कोई कदम न उठाने पर जोर दिया।
मुलायम ने कहा कि सामाजिक
समरसता का ध्यान रखा जाना चाहिए। इस पर पासवान ने तपाक से कहा, जब हम मंडल
कमीशन लेकर आए थे, तब ये मुद्दा नहीं था क्या? वहीं, सपा महासचिव व
राज्यसभा सदस्य प्रो. रामगोपाल यादव ने प्रोन्नति में कोटे की सबसे तेज
मुखालफत की। तर्क दिया कि देश में पिछड़ों की आबादी 52 फीसद है, जबकि
सरकारी नौकरियों में उनका प्रतिनिधित्व सिर्फ चार प्रतिशत है। दूसरी तरफ
अनुसूचित जाति की आबादी 22 प्रतिशत है, उनका प्रतिनिधित्व 12 प्रतिशत है।
ऐसे में प्रोन्नति में आरक्षण का कदम सरासर गलत है। फिर भी सरकार यदि आमादा
है तो सबसे पहले पिछड़ों के लिए यह प्रावधान करना चाहिए।
सपा के तेवर को देखते हुए प्रधानमंत्री ने भी माना कि इस तरह के प्रावधानों
के लिए पूर्व में किए गए संविधान संशोधनों को सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका
है। लिहाजा अब इस पर और विस्तृत कानूनी राय-मशविरे के बाद ही सरकार विधेयक
लाएगी, ताकि वह कानूनी पचड़े में फंसकर लटक न जाए। साथ ही उन्होंने एससी,
एसटी को प्रोन्नति में आरक्षण के लिए सैद्धांतिक तौर पर सहमति भी जताई।
हालांकि प्रधानमंत्री ने बैठक शुरू होने से पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था
कि सरकार एससी व एसटी के हितों के लिए हर जरूरी कदम उठाने की प्रतिबद्ध है।
Source- Jagran
22-8-2012
Tuesday, 21 August 2012
BTC- फर्जी सर्टिफिकेट पर बीटीसी की ट्रेनिंग
फर्जी सर्टिफिकेट पर बीटीसी की ट्रेनिंग | |
बस्ती। फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए दुबौलिया ब्लाक की एक युवती बीटीसी की
ट्रेनिंग ले रही है। गोरखपुर के डीएम की मुहर और जाली हस्ताक्षर कर युवती
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की आश्रित बन गई। इसी का लाभ लेकर वह डायट में
वर्ष 2010 से ट्रेनिंग ले रही है। इसका खुलासा आरटीआई के जरिए हुआ है।
मामला दुबौलिया ब्लाक का है। रमचनपुर निवासी रामेदव यादव स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। उनकी पोती स्मिता यादव ने वर्ष 2010 में बीटीसी में प्रवेश के लिए फार्म भरा था। दो सीटें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के कोटे में थीं। स्मिता को पता चला कि उसकी जगह महिला कोटे से किसी और युवती का एडमिशन हो गया है। परिवार के विजय कुमार यादव ने जब छानबीन करनी चाही तो डायट कर्मियों ने सहयोग करने से मना कर दिया। 13 अगस्त 2011 को डायट से सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी। फिर 30 सितंबर को मुख्य सूचना आयुक्त और कमिश्नर से इस बारे में सूचना मांगी गई। काफी प्रयास के बाद 17 नवंबर को डायट की ओर से यह जानकारी दी गई कि इस कोटे से एक पुरुष और महिला का एडमिशन हुआ है। महिला आश्रित का सर्टिफिकेट गोरखपुर का है। विजय ने फिर आरटीआई को हथियार बनाया और गोरखपुर के डीएम से सूचना मांगी। यहां से जो सूचना मिली, उससे स्मिता के घर वालों का शक यकीन में बदल गया। दरअसल, फर्जी अभ्यर्थी ने जो सर्टिफिकेट डायट में लगाए थे उस नाम, क्रमांक और दिनांक पर पड़ोसी जिले के किसी और आश्रित का नाम दर्ज था। डीएम कार्यालय ने भी यह स्पष्ट कर दिया कि उनके वहां से 10 तारीख में इस नाम का कोई प्रमाण पत्र जारी ही नहीं हुआ है। साथ ही यह भी बताया गया कि इस प्रारूप पर ऐसा प्रमाण पत्र नहीं बनाया जाता है। जालसाजी से पर्दा उठाने में विजय कुमार को दो साल का वक्त लगा है। उन्हें हजारों रुपये फोटो स्टेट का भी जमा करना पड़ा। अब वह सभी कागजात लेकर डीएम, कमिश्नर से मिलेंगे और जालसाज युवती और परिवार के लोगों पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग करेंगे।
Source- Amar Ujala
20-8-2012
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BTC- मौके गवां रहे बीटीसी प्रशिक्षु
मौके गवां रहे बीटीसी प्रशिक्षु
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : सूबे में आने वाले महीनों में प्राथमिक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। अध्यापक बनने की अर्हता पूरी करने वाले तमाम अभ्यर्थियों के लिए यह खबर भले ही राहत भरी हो पर यही ख़बर बीटीसी 2010 के प्रशिक्षुओं को परेशान कर डालती है। गौरतलब है कि सत्र अनियमित रहने के चलते इसी तरह बीटीसी 2004, उर्दू बीटीसी 2006, बीटीसी 2007 और 2008 के प्रशिक्षुओं को नौकरी के मौके गवांने पड़े हैं।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा जारी परीक्षा कैलेंडर के अनुसार बीटीसी सत्र 2010 जून 2012 में समाप्त हो जाना था। चार सत्रों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतिम सत्र की प्रायोगिक परीक्षा अभी तक नहीं हो सकी है। इसके साथ ही बीटीसी 2011 में पहले सेमेस्टर और शिक्षामित्र पत्राचार बीटीसी के दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा भी नहीं हो सकी है।
23 को होगी डायट प्राचार्यो की बैठक
बेसिक शिक्षा निदेशक 23 अगस्त को डायट प्राचार्यो की बैठक लेंगे। यह
बैठक लखनऊ में आयोजित होगी। इसमें बीटीसी प्रशिक्षुओं की सत्र परीक्षा,
शिक्षामित्रों के दूसरे बैच के शुरू किए जाने और पहले बैच में एसटी वर्ग की
खाली रह गई सीटों पर प्रवेश पर चर्चा की संभावना है। गौरतलब है कि
शिक्षामित्रों में 62 हजार में 58986 का प्रशिक्षण शुरू हुआ है।
Source- Jagran
19-8-2012
UPTET- आर पार की लड़ाई लडेगा टेट संघर्ष मोर्चा
बड़ौत, संवाददाता
टीईटी संघर्ष मोर्चा के कार्यकर्ताओं की बैठक नगर के रेलवे स्टेशन पार्क में आहूत की गई, जिसमें 27अगस्त को हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई के विषय में विचार-विमर्श किया गया। बैठक में संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि 21 अगस्त को होने वाली कैबिनेट की बैठक में अगर सरकार हमारे विरूद्ध निर्णय लेती है तो टीईटी संघर्ष मोर्चा सुप्रीमकोर्ट तक न्याय का दरवाजा खटखटायेंगे।
उन्होंने कहा कि अब संघर्ष मोर्चा आर-पार की लड़ाई लडेगा। सरकार टीईटी अभ्यर्थियों का शोषण कर रही है। जिसके तहत टीईटी अभ्यर्थी बेरोजगारों की श्रेणी में खड़े हैं। उन्होंने 21 अगस्त को केबिनेट की बैठक में होने वाले निर्णय पर भी विचार-विमर्श किया। बैठक में देवेन्द्र नंगला, राजीव सिनौली, राममेहर मान, विकास हटाना, विरेन्द्र लुहारी, कर्मवीर बड़ाैत, संजीव लुहारी, सुनील निरोजपुर, श्याम प्रताप, लोकेन्द्र, अवधेश शर्मा, संजीव किरठल, अमित त्यागी आदि मौजूद थे।
Source- Hindustan
टीईटी संघर्ष मोर्चा के कार्यकर्ताओं की बैठक नगर के रेलवे स्टेशन पार्क में आहूत की गई, जिसमें 27अगस्त को हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई के विषय में विचार-विमर्श किया गया। बैठक में संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि 21 अगस्त को होने वाली कैबिनेट की बैठक में अगर सरकार हमारे विरूद्ध निर्णय लेती है तो टीईटी संघर्ष मोर्चा सुप्रीमकोर्ट तक न्याय का दरवाजा खटखटायेंगे।
उन्होंने कहा कि अब संघर्ष मोर्चा आर-पार की लड़ाई लडेगा। सरकार टीईटी अभ्यर्थियों का शोषण कर रही है। जिसके तहत टीईटी अभ्यर्थी बेरोजगारों की श्रेणी में खड़े हैं। उन्होंने 21 अगस्त को केबिनेट की बैठक में होने वाले निर्णय पर भी विचार-विमर्श किया। बैठक में देवेन्द्र नंगला, राजीव सिनौली, राममेहर मान, विकास हटाना, विरेन्द्र लुहारी, कर्मवीर बड़ाैत, संजीव लुहारी, सुनील निरोजपुर, श्याम प्रताप, लोकेन्द्र, अवधेश शर्मा, संजीव किरठल, अमित त्यागी आदि मौजूद थे।
Source- Hindustan
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