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Wednesday 29 February 2012

टीईटी फार्म की बिक्री के 62 करोड़ का गोलमाल



TET form the sale of 62 million breakup
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के आयोजन की धांधली का आयाम बढ़ता ही जा रहा है। टीईटी के फार्मों की बिक्री से आई 62 करोड़ की रकम को अफसरों ने मिलीभगत कर सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद के खाते में न रखकर राजधानी लखनऊ में एक बैंक में निदेशक व सचिव माध्यमिक शिक्षा के नाम से खोले गए संयुक्त खाते में रखा।

पुलिस गिरफ्तार संजय मोहन से इस खाते का नंबर और पता पूछकर हार चुकी है, लेकिन वह कुछ बता नहीं रहे हैं। इसीलिए पूर्व माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव प्रभा त्रिपाठी को तलाश कर पूछताछ की तैयारी है। जानकारी के अनुसार टीईटी में 11 लाख 53 हजार, 155 परीक्षार्थी बैठे थे। पुलिस पता लगा रही है कि फार्म की बिक्री के लिए पंजाब नेशनल बैंक को ही क्यों चुना गया।

रमाबाई नगर की पुलिस ने माध्यमिक शिक्षा परिषद के पूर्व निदेशक संजय मोहन से टीईटी फार्म की बिक्री और उससे आए रुपये के बारे में जानकारी मांगी थी। सूत्रों के अनुसार आला अफसर इस धांधली का खुलासा शासन स्तर पर करना चाहते हैं। औपचारिक तौर पर रमाबाईनगर की पुलिस कुछ भी बताने से कतरा रही है।

गौरतलब है कि संजय मोहन जैसे अफसर की गिरफ्तारी करने के बाद पुलिस ने ही टीईटी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का खुलासा किया था। बताते हैं कि यूपी बोर्ड की पूर्व सचिव प्रभा त्रिपाठी को इसकी जानकारी है, इसीलिए वह पुलिस पूछताछ से बचना चाहती हैं। इस संबंध में सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार का पक्ष जानने के लिए फोन किया गया, तो वह बचते रहे।

गौरतलब है कि बेसिक शिक्षा परिषद की कक्षा आठ तक के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी अनिवार्य किया गया है। टीईटी कराने की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा परिषद को दी गई थी। टीईटी फार्म की बिक्री पंजाब नेशनल बैंक से की गई। सामान्य और पिछड़ा वर्ग के लिए फार्म 500, अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए 250 रुपये और विकलांगों के लिए निशुल्क था।

पुलिस सिर्फ मुकदमे में दर्ज तथ्यों की जानकारी कर रही है। पुलिस मामले की विवेचना कर रही है जांच नहीं। टीईटी फार्मों की बिक्री की रकम के बारे में मैं कुछ नहीं बता सकता।’
- सुभाष दुबे, एसएसपी रमाबाईनगर 

Source- Amar Ujala








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