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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शिक्षक भर्ती की तैयारी शुरू ***चुनावी गणित में भावी शिक्षकों पर भी डोरे *** :----

Wednesday 11 April 2012

UPTET- सर्वे

प्रिय दोस्तों , आज हर जगह टीईटी एक चर्चा का विषय बना हुआ है कही पर भर्ती  के आधार को लेकर तो  कही पर टीईटी की पवित्रता को लेकर। इन समस्यायों को लेकर मैंने अपने ब्लॉग के माध्यम से पंद्रह दिनों में एक सर्वे कराया जिसमे लोगो से पूछा गया कि 
भर्ती का आधार होना चाहिए ?
1 - टीईटी अंक 
2 - एकेडेमिक अंक 
3 - टीईटी + एकेडेमिक अंक
4 - कोई राय नही 
 इस पर लोगो की राय इस प्रकार है 
66 % लोगो ने कहा टीईटी अंक 
10 % लोगो ने कहा एकेडेमिक अंक
23 % लोगो ने कहा टीईटी + एकेडेमिक अंक

दोस्तों यह केवल एक सर्वे है इसका भर्ती पर कोई प्रभाव नही  पड़ेगा ।क्योंकि भर्ती का 60 % भाग पूरा हो चूका है  इसलिए भर्ती में कोई बदलाव नही किया जा सकता है और यदि शासन  स्तर पर प्रक्रिया को बदला जाता है तो निश्चित ही इसे न्यायालय में चुनौती दी जाएगी और बीटीसी 2001  की तरह भर्ती पुराने विज्ञापन(टीईटी मेरिट) पर ही पूरी की जाएगी बस इस न्यायालय की प्रक्रिया  में समय कितना लगेगा यह बता पाना मुस्किल होगा

परिणाम-
 संभवता सरकार पुराने विज्ञापन पर ही भर्ती पूरी करेगी और जाँच कराकर दोषियों को बाहर का रास्ता दिखाएगी क्योकि इसके आलावा सरकार के पास और कोई विकल्प नही बचता है

   


4 comments:

. said...

टीईटी पर शासन की सधी चाल
लखनऊ, 11 अप्रैल (जागरण ब्यूरो) : मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने बुधवार को अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) और उससे जुड़ी 72,825 शिक्षकों की भर्ती से संबंधित पहलुओं पर प्रारंभिक चर्चा की। मुख्य सचिव ने समिति के सदस्यों से टीईटी और शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से जुड़े नियम कायदे और इनमें बरती गईं विसंगतियों की जानकारी हासिल की। यह भी तय हुआ किइस विषय पर चर्चा करने के लिए 18 अप्रैल को फिर बैठक बुलायी जाए। समिति को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को देनी है। बैठक में मुख्य सचिव को टीईटी के संदर्भ में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की अधिसूचना और प्रदेश में टीईटी के आयोजन के संदर्भ में राज्य सरकार के शासनादेशों से अवगत कराया गया। टीईटी के प्रश्नपत्र में कथित गड़बडि़यों को लेकर अभ्यर्थियों की दायर याचिकाओं और उन पर कोर्ट के निर्देश की भी उन्हें जानकारी दी गई। टीईटी के परीक्षा परिणामों में संशोधनों से भी उन्हें वाकिफ कराया गया। बैठक में मौजूद प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव और पुलिस महानिदेशक एसी शर्मा ने टीईटी के परीक्षा परिणाम में की गई धांधली और तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन और कुछ अन्य लोगों की संलिप्तता के बारे में मुख्य सचिव को बताया। उन्होंने पुलिस विवेचना के तथ्यों से भी मुख्य सचिव को अवगत कराया। बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि टीईटी और उससे जुड़ी शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया के बारे में जो भी निर्णय लेना है, उसके सभी पहलुओं पर और गंभीरता से विचार कर लिया जाए। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि यदि परीक्षा को निरस्त करने का फैसला किया जाता है तो उसके लिए पुख्ता आधार क्या होंगे। इस बात पर भी मंथन हुआ कि यदि नए सिरे से परीक्षा करानी पड़े तो सुधार के लिहाज से पुरानी प्रक्रिया में क्या संशोधन अपेक्षित होंगे। इस संभावना पर भी विचार विमर्श हुआ कि यदि टीईटी को निरस्त किया जाता है तोक्या अभ्यर्थी अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। ऐसे अभ्यर्थियों की अनुमानित संख्या पर भी चर्चा हुई। अफसरों ने इस पर भी चर्चा की कि टीईटी और शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करनेकी स्थिति में यदि सरकार को अदालत में अपने पक्ष काबचाव करना पड़ा तो कोर्ट में उसकी दलील क्या होगी। बैठक में मुख्य सचिव के अलावा प्रमुख सचिव आरएम श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव न्याय जेडयू खान, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसी शर्मा, सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार और सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार भी मौजूद थे।
http://in.jagran.yahoo.com/epaper/article/index.php?choice=show_article&location=37&Ep_relation=11&Ep_edition=2012-04-12&articleid=111737854471185880

. said...

टीईटी निरस्त करने पर नहीं बनी सहमति
टीईटी निरस्त करने पर नहीं बनी सहमति
अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता मेंबुधवार को हुई हाई पावर कमेटी की बैठक में शिक्षकपात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 को निरस्त किया जाने पर निर्णय नहीं हो सका। बैठक में यह तय किया गया कि रमाबाई नगर पुलिस कोे जांच के लिए टीईटी से संबंधित जो भी दस्तावेज की जरूरत हो, उसे उपलब्ध करा दिया जाए। मुख्य सचिवइस संबंध में फिर 18 अप्रैल को बैठक करेंगे। बताया जाता है कि इस संबंध में रमाबाई नगर पुलिस की जांच रिपोर्ट कोयदि आधार माना गया तो टीईटी को निरस्त करने की संस्तुति की जा सकती है।
बैठक में सबसे पहले रमाबाई नगर की पुलिस की ओर से इस संबंध में की गई जांच रिपोर्ट रखी गई। रिपोर्ट के मुताबिक टीईटीमें अंक बढ़ाने के लिए सुनियोजित तरीके से गिरोहबनाकर धांधली को अंजाम दिया गया। पुलिस को नई दिल्ली स्थित परीक्षा परिणाम बनाने वाली कंपनी एसके डेटा प्रिंटर के यहां छापेमारी के दौरान 4500 ऑसर शीट ऐसे मिले हैं जिसे फ्ल्यूड लगाकर अंक बढ़ाए गए हैं। जांच के दौरान धांधली के अन्य कई सुबूत भी मिले हैं। बैठक में तय किया गया कि टीईटी से जुड़े अन्य दस्तावेजों के साथ अधिकारियों को 18 अप्रैलको बुलाया जाए, इसके बाद कमेटी कोई निर्णय करेगी।
गौरतलब है कि मायावती सरकार ने यूपी में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी आयोजित कराने की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा परिषद को दी थी। टीईटी रिजल्ट आने के बाद दिसंबर में अंक बढ़ाए जाने का खुलासा हुआ था। इस संबंध में रमाबाई नगर पुलिस ने तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को गिरफ्तार करलिया था। टीईटी पास अभ्यर्थी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलकर इस संबंध में निर्णय लेने काअनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा कि इस संबंध में न्याय संगत निर्णय किया जाएगा और मुख्य सचिवकी अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बना दी थी।
हाईकोर्ट में काउंटर लगाएगी सरकार
लखनऊ। टीईटी मामले में गिरफ्तार तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन की जमानत पर हाईकोर्ट में 23 अप्रैल को सुनवाई है। सचिव बेसिकशिक्षा सुनील कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को हुई रिव्यू बैठक में तय किया गया कि विभाग इसके पहले अपना काउंटर दाखिल कर देगा।

tarun_jhansi said...

tet har hal me merit se hi poori hogi

tarun_jhansi said...

dost tell me how to write in hindi at this place