बीटीसी: अभी और भी हो सकते हैं फर्जी अभ्यर्थी
आगरा/अमर उजाला
विश्वविद्यालयों द्वारा जारी की जा रही बीटीसी अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की सत्यापन रिपोर्ट से शक की सुई गहराती जा रही है। अब तक गुरुकुल विश्वविद्यालय वृंदावन और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी की रिपोर्ट आ चुकी है, लेकिन डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय सत्यापन रिपोर्ट देने में ढिलाई बरत रहा है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि अभी फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी और भी हो सकते हैं।
फर्जी प्रमाण पत्रों का मामला सामने आने के बाद बीटीसी 2010 और 11 बैच के अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए विश्वविद्यालयों में भेजे गए थे। इनमें संपूर्णानंद विश्वविद्यालय और गुरुकुल विश्वविद्यालय ने अपनी जांच रिपोर्ट बनाकर भेज दी। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कई अभ्यर्थियों ने संपूर्णानंद के फर्जी प्रमाण पत्रों का प्रयोग किया है।
इसके अलावा गुरुकुल को अमान्य घोषित किया गया है। ऐसे में आगरा विश्वविद्यालय के फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले भी बड़ी तादाद में हो सकते हैं। पूर्व में भी कई शिक्षकों के फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी लेने का मामला सामने आ चुका है।
इसके वजूद विवि प्रशासन प्रमाण पत्र सत्यापित करने में लापरवाही बरत रहा है। वर्ष 2010 के बीटीसी प्रशिक्षणार्थियों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है। करीब 40 फीसदी प्रशिक्षणार्थियों की सत्यापन रिपोर्ट दी गई है। वर्ष 2011 के प्रमाणपत्रों का सत्यापन कार्य भी बहुत धीमा है। डायट के आंकड़ों मुताबिक अभी तक करीब दस फीसद के करीब ही प्रमाणपत्रों की सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त हुई है।
बाद में यदि किसी अभ्यर्थी के प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई में परेशानी होगी। दूसरे सीट खाली हो जाएगी। डायट प्राचार्य नीना कटियार के मुताबिक विश्वविद्यालय को पत्र लिखे जाने के साथ कई बार रिमाइंडर भेजा जा चुका है, इसके बाद भी सत्यापन में तेजी नहीं लाई जा रही है।
विश्वविद्यालयों द्वारा जारी की जा रही बीटीसी अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की सत्यापन रिपोर्ट से शक की सुई गहराती जा रही है। अब तक गुरुकुल विश्वविद्यालय वृंदावन और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी की रिपोर्ट आ चुकी है, लेकिन डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय सत्यापन रिपोर्ट देने में ढिलाई बरत रहा है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि अभी फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी और भी हो सकते हैं।
फर्जी प्रमाण पत्रों का मामला सामने आने के बाद बीटीसी 2010 और 11 बैच के अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए विश्वविद्यालयों में भेजे गए थे। इनमें संपूर्णानंद विश्वविद्यालय और गुरुकुल विश्वविद्यालय ने अपनी जांच रिपोर्ट बनाकर भेज दी। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कई अभ्यर्थियों ने संपूर्णानंद के फर्जी प्रमाण पत्रों का प्रयोग किया है।
इसके अलावा गुरुकुल को अमान्य घोषित किया गया है। ऐसे में आगरा विश्वविद्यालय के फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले भी बड़ी तादाद में हो सकते हैं। पूर्व में भी कई शिक्षकों के फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी लेने का मामला सामने आ चुका है।
इसके वजूद विवि प्रशासन प्रमाण पत्र सत्यापित करने में लापरवाही बरत रहा है। वर्ष 2010 के बीटीसी प्रशिक्षणार्थियों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है। करीब 40 फीसदी प्रशिक्षणार्थियों की सत्यापन रिपोर्ट दी गई है। वर्ष 2011 के प्रमाणपत्रों का सत्यापन कार्य भी बहुत धीमा है। डायट के आंकड़ों मुताबिक अभी तक करीब दस फीसद के करीब ही प्रमाणपत्रों की सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त हुई है।
बाद में यदि किसी अभ्यर्थी के प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई में परेशानी होगी। दूसरे सीट खाली हो जाएगी। डायट प्राचार्य नीना कटियार के मुताबिक विश्वविद्यालय को पत्र लिखे जाने के साथ कई बार रिमाइंडर भेजा जा चुका है, इसके बाद भी सत्यापन में तेजी नहीं लाई जा रही है।
Source Amar Ujala
3 comments:
SAMPOORNANAND C.B.S.E. AND OTHER DEGREE K FARGIWADE KO ROKNE AUR EKROOPTA LANE K LIYE SABSE ACHCHHA UPAY HAI 1. TET MERIT YA GRADUATION+B.ED+TET MERIT LEKIN SARKAR KEWAL APNE CHAMCHON KI MANEGI AUR KEWAL HS+INT+GRADU+B.ED AND (TET QUALIFING) HI KAREGI IS LIYE HAMEN KEWAL HIGH COURT DOUBLE BENCH YA SUPREEM COURT JANA HI PADEGA.
Aur kro acd acd .
BINA KISI RUKAWAT K AUR BINA JYADA TIME AUR KHARCHE K YADI VACANCYFILL KARANA HAI TO TET MERIT HI SABSE ASAN AUR SAHI TARIKA HAI.
Post a Comment