UPTET - टीईटी - TET
राजद्रोह के आरोप में कार्टूनिस्ट की गिरफ्तारी पर मुंबई पुलिस को फटकार
बंबई उच्च न्यायालय ने कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी को तुच्छ आधार पर
तथा बिना सोचे समझे गिरफ्तार करने के लिए मुंबई पुलिस को फटकार लगाते कहा
कि उसकी कार्रवाई से असीम की बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन
हुआ है.
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अमजद सैयद की पीठ ने कहा कि आप (पुलिस) कैसे तुच्छ आधार पर लोगों को गिरफ्तार कर सकते हैं. आपने एक कार्टूनिस्ट को गिरफ्तार किया और उसके बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन किया.
पीठ अधिवक्ता संस्कार मराठे की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें दावा किया गया था कि असीम त्रिवेदी की गिरफ्तारी गैरकानूनी और न्यायोचित नहीं थी.
कानपुर के कार्टूनिस्ट त्रिवेदी को राजद्रोह के आरोप में पिछले शनिवार को गिरफ्तार किया गया था और जनाक्रोश के बीच उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के बाद उन्हें दो दिन पूर्व रिहा कर दिया गया.
त्रिवेदी की गिरफ्तारी को प्रथम दृष्टया मनमाने तरीके से की गई कार्रवाई बताते हुए अदालत ने कहा कि हमारे पास असीम त्रिवेदी है जो अपनी आवाज बुलंद करने का साहस रखता है और इसके खिलाफ खड़ा होता है लेकिन उन कई लोगों की क्या स्थिति है जिनकी आवाज पुलिस बंद कर देती है.
न्यायाधीशों ने कहा कि पुलिस अदालत को बताना होगा कि इस युवा कार्टूनिस्ट के खिलाफ राजद्रोह का आरोप कैसे लगाया गया. न्यायाधीशों ने कहा कि अब वे राजद्रोह कानून लागू करने के लिए कुछ मानदंड निर्धारित करने पर विचार कर हैं.
न्यायाधीशों ने कहा कि अगर इसके लिए कोई मानक नहीं होंगे तो इससे व्यक्ति को एक समाज में मिली स्वतंत्रा के अधिकार का अतिक्रमण होगा. न्यायाधीशों ने यह भी कहा कि राजद्रोह कानून आजादी के पहले का प्रावधान है. उन्होंने जानना चाहा कि अब सरकार का क्या रूख है? क्या उसका इरादा आरोप हटाने का है? इसके लिए किसी को तो राजनीतिक जवाबदेही लेनी होगी. राजद्रोह के आरोप में उसे गिरफ्तार करने से पहले पुलिस ने विचार क्यों नहीं किया.
पीठ ने पुलिस को 12 अगस्त तक हलफनामा दाखिल कर यह बताने का आदेश दिया कि किस आधार पर त्रिवेदी के खिलाफ राजद्रोह का आरोप लगाया गया. पीठ ने कहा कि आज आपने एक कार्टूनिस्ट पर हमला किया, कल आप एक फिल्म निर्माता पर हमला करेंगे और फिर लेखक पर. हम एक स्वतंत्र समाज में रहते हैं और हर व्यक्ति को बोलने तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है.
अतिरिक्त लोक अभियोजक जयेश याज्ञनिक ने अदालत को बताया कि मामले की जांच कर रहे पुलिस के संबंधित सहायक आयुक्त यह पता लगाने के लिए विधि विभाग के साथ बैठक कर रहे हैं कि क्या कार्टूनिस्ट के खिलाफ राजद्रोह का आरोप लगाया जा सकता है. अदालत ने त्रिवेदी को जनहित याचिका में प्रतिवादी भी बनाया.
त्रिवेदी की ओर से अधिवक्ता मिहिर देसाई ने कहा कि वह सुनवाई की अगली तारीख पर यह मामला खारिज करने के अनुरोध के साथ एक हलफनामा दाखिल करेंगे. पुलिस ने त्रिवेदी को वेबसाइट पर कथित राजद्रोह संबंधी सामग्री पोस्ट करने और राष्ट्रीय प्रतीक तथा संसद का अपमान करने के आरोप में आठ सितंबर को गिरफ्तार किया था.
असीम त्रिवेदी को सोमवार को 24 सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया. इसके बाद पुलिस ने कहा कि उसे त्रिवेदी को लंबे समय तक हिरासत में रखने की जरूरत नहीं है लेकिन त्रिवेदी ने जमानत मांगने से इंकार कर दिया. बहरहाल, उच्च न्यायालय ने उसे दो दिन बाद उसे जमानत दे दी. त्रिवेदी की गिरफ्तारी को लेकर भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे सहित राजनीतिज्ञों और कार्यकर्ताओं ने शहर की पुलिस की आलोचना की थी.
Source - Aaj Tak
14-9-2012
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अमजद सैयद की पीठ ने कहा कि आप (पुलिस) कैसे तुच्छ आधार पर लोगों को गिरफ्तार कर सकते हैं. आपने एक कार्टूनिस्ट को गिरफ्तार किया और उसके बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन किया.
पीठ अधिवक्ता संस्कार मराठे की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें दावा किया गया था कि असीम त्रिवेदी की गिरफ्तारी गैरकानूनी और न्यायोचित नहीं थी.
कानपुर के कार्टूनिस्ट त्रिवेदी को राजद्रोह के आरोप में पिछले शनिवार को गिरफ्तार किया गया था और जनाक्रोश के बीच उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के बाद उन्हें दो दिन पूर्व रिहा कर दिया गया.
त्रिवेदी की गिरफ्तारी को प्रथम दृष्टया मनमाने तरीके से की गई कार्रवाई बताते हुए अदालत ने कहा कि हमारे पास असीम त्रिवेदी है जो अपनी आवाज बुलंद करने का साहस रखता है और इसके खिलाफ खड़ा होता है लेकिन उन कई लोगों की क्या स्थिति है जिनकी आवाज पुलिस बंद कर देती है.
न्यायाधीशों ने कहा कि पुलिस अदालत को बताना होगा कि इस युवा कार्टूनिस्ट के खिलाफ राजद्रोह का आरोप कैसे लगाया गया. न्यायाधीशों ने कहा कि अब वे राजद्रोह कानून लागू करने के लिए कुछ मानदंड निर्धारित करने पर विचार कर हैं.
न्यायाधीशों ने कहा कि अगर इसके लिए कोई मानक नहीं होंगे तो इससे व्यक्ति को एक समाज में मिली स्वतंत्रा के अधिकार का अतिक्रमण होगा. न्यायाधीशों ने यह भी कहा कि राजद्रोह कानून आजादी के पहले का प्रावधान है. उन्होंने जानना चाहा कि अब सरकार का क्या रूख है? क्या उसका इरादा आरोप हटाने का है? इसके लिए किसी को तो राजनीतिक जवाबदेही लेनी होगी. राजद्रोह के आरोप में उसे गिरफ्तार करने से पहले पुलिस ने विचार क्यों नहीं किया.
पीठ ने पुलिस को 12 अगस्त तक हलफनामा दाखिल कर यह बताने का आदेश दिया कि किस आधार पर त्रिवेदी के खिलाफ राजद्रोह का आरोप लगाया गया. पीठ ने कहा कि आज आपने एक कार्टूनिस्ट पर हमला किया, कल आप एक फिल्म निर्माता पर हमला करेंगे और फिर लेखक पर. हम एक स्वतंत्र समाज में रहते हैं और हर व्यक्ति को बोलने तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है.
अतिरिक्त लोक अभियोजक जयेश याज्ञनिक ने अदालत को बताया कि मामले की जांच कर रहे पुलिस के संबंधित सहायक आयुक्त यह पता लगाने के लिए विधि विभाग के साथ बैठक कर रहे हैं कि क्या कार्टूनिस्ट के खिलाफ राजद्रोह का आरोप लगाया जा सकता है. अदालत ने त्रिवेदी को जनहित याचिका में प्रतिवादी भी बनाया.
त्रिवेदी की ओर से अधिवक्ता मिहिर देसाई ने कहा कि वह सुनवाई की अगली तारीख पर यह मामला खारिज करने के अनुरोध के साथ एक हलफनामा दाखिल करेंगे. पुलिस ने त्रिवेदी को वेबसाइट पर कथित राजद्रोह संबंधी सामग्री पोस्ट करने और राष्ट्रीय प्रतीक तथा संसद का अपमान करने के आरोप में आठ सितंबर को गिरफ्तार किया था.
असीम त्रिवेदी को सोमवार को 24 सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया. इसके बाद पुलिस ने कहा कि उसे त्रिवेदी को लंबे समय तक हिरासत में रखने की जरूरत नहीं है लेकिन त्रिवेदी ने जमानत मांगने से इंकार कर दिया. बहरहाल, उच्च न्यायालय ने उसे दो दिन बाद उसे जमानत दे दी. त्रिवेदी की गिरफ्तारी को लेकर भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे सहित राजनीतिज्ञों और कार्यकर्ताओं ने शहर की पुलिस की आलोचना की थी.
Source - Aaj Tak
14-9-2012
24 comments:
Abhinay ji aaj jo go bana hai uske baare me aapko agar poori jankari hai to plz share kariye......
kya usme max age limit ka koi jikra hai...?
reply plz....
Upper age 40 karne ka vichar rakha gaya hai. Lekin minimam age 21 hi rahegi.
Sir mai pichhle ek hafte se aapke blog ki reader hu. Ye ek good platform hai apne vicharo ko rakhne aur information colect karne ka.mera es vacancy se koi lena dena nahi hai lekin es fild me jarur intrest hai. Thanks Ragni Pande
Blog editor ji upar ki coment meri dost ne forward kar di hai please aap ese remove kar dijiye. Jay patel from Banda
abhinay ji aap keh rahe ho ki btc 4 walo ki job pehle de di jayegi lekin kab tak or gov bhi iske baare me koi jikr nahi kar rahi h. Jaisa ki unhone bed tet walo k liye sep last week ko ad ka time diya h. Aisa time unko pehle btc4 walo ko dena chahiye tha. Mujhe dar h ki agar gov ka yahi rabaiya raha to abki bar koi btc4 ka banda kahi is bharti par stay na le le.
Plz abinay ji isko spast kare.
hiiiiiiiiiiiiiiiiiiii
ABHINAY JI AND Ashutosh Pandey ji pls keep updating about Age. Pls Connect me on my mob 9598989060@gmail.com or publish ur contact. 35+ pls connect me.
GOOD NEWS
बीएड वाले बन सकेंगे शिक्षक
लखनऊ (ब्यूरो)। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने यूपी में बीएड डिग्रीधारकों को 31 मार्च 2014 तक शिक्षक बनाने की मंजूरी दे दी है। एनसीटीई की मंजूरी संबंधी पत्र बेसिक शिक्षा विभाग को शुक्रवार को मिल गया है। बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने इसकी आधिकारिक पुष्टि भी की है। अब इस अनुमति के आधार पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की तैयारियां तेज हो गई हैं। माना जारहा है कि एक सप्ताह में 72825 शिक्षकों की भर्ती संबंधी विज्ञापन जारी कर दिया जाएगा।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी अनिवार्य कर दिया गया है। एनसीटीई ने यूपी को पूर्व में एक जनवरी 2012 तक टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों को नियुक्त करने कीमंजूरी दी थी, लेकिन प्रदेश में टीईटी में धांधली होने और मामला हाईकोर्ट में चले जाने की वजह से भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई।
शेष पेज 11 पर
•एक सप्ताह में जारी हो जाएगा 72825 शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन
•31 मार्च 2014 तक दी जा सकेगी नियुक्ति
1425 एलटी ग्रेड शिक्षकों की नियुक्ति जल्द
Sep 15, 01:37 am
बताएं
वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : शिक्षकों की कमी से जूझ रहे प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को जल्द ही 1425 एलटीग्रेड शिक्षक मिलेंगे। प्रदेश केसभी संयुक्त शिक्षा निदेशकों (जेडी) को रिक्त पदों का अधियाचन भेज दिया गया है। सितंबर के अंत तक चयन प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए गए हैं। आवेदन मंडल स्तरपर रिक्त पदों के आधार पर मांगे जाएंगे। सामान्यव ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 100 रुपये व एसटी-एससी वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 40 रुपये आवेदन शुल्क निर्धारित किया गया है।
प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातकवर्ग के शिक्षकों के चयन का जिम्मा उत्तर प्रदेश अधीनस्थ शिक्षा(प्रशिक्ष ित स्नातक श्रेणी) सेवा नियमावली 1983 के तहत संयुक्त शिक्षा निदेशकों के पास है। इसी के तहत माध्यमिक शिक्षा निदेशक वासुदेव यादव ने तीन सितंबर 2012 को प्रदेश के सभी संयुक्त शिक्षा निदेशकों को भेजे पत्र में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में एलटी ग्रेड के रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिया है
बीएड वाले...
अब हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 15 दिन के अंदर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है और एनसीटीई से राज्य सरकार को भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का अधिकृत पत्र भी शुक्रवार को मिल गया है। ऐसे में यह प्रक्रिया जल्द शुरू हो जाएगी। सूत्रों के अनुसार, आवेदन सितंबर से 15 अक्तूबर के बीच तक लिए जाने की संभावना है। इसके बाद काउंसलिंग करके 15 नवंबर तक नियुक्ति दे देने की तैयारी है।
Abhinay ji, Sushil ji ,editor ji and sabi jagrat viewers gud morning.
Chalo achcha he ki good news ki continouty bani hui he aur mahina se pandrah, pandrah se saptah, saptah se ......din ka countdown suru ho gaya he.
बेसिक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। राज्य सरकार के अनुरोध पर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थियों को परिषदीय प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक नियुक्त करने की समय सीमा 31 मार्च 2014 तक बढ़ा दी है। एनसीटीई ने पहले इसके लिए एक जनवरी 2012 तक की समयसीमा तय की थी। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग को मानव संसाधन विकास मंत्रालय का पत्र प्राप्त हो गया है। पत्र में स्पष्ट भी किया गया है बीएड अभ्यर्थियों को शिक्षक नियुक्त करने के लिए समयसीमा में यह छूट सिर्फ एक बार के लिए दी जा रही है। इसके बाद उप्र को ऐसी कोई छूट नहीं दी जाएगी। राज्य सरकार से यह भी अपेक्षा की गई है कि वह एनसीटीई निर्धारित योग्यता के अनुसार मानव संसाधन तैयार करने के लिए राज्य में संस्थागत क्षमता बढ़ाने को कदम उठाए। राज्य में प्राइमरी शिक्षक नियुक्त होने के लिए शैक्षिक योग्यता स्नातक व बीटीसी है। राज्य में जितनी संख्या शिक्षकों की जरूरत है, उसकी तुलना में बीटीसी प्रशिक्षण देने की व्यवस्था सीमित है। एनसीटीई की ओर से 23 अगस्त 2010 को जारी अधिसूचना (यथासंशोधित) में कहा गया था राज्य सरकार बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को पहली जनवरी 2012 तक प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक नियुक्त कर सकती हैं बशर्ते कि ऐसे अभ्यर्थी नियुक्ति के बाद प्रारंभिक शिक्षा में छह माह का विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर लें। एनसीटीई से हरी झंडी मिलने के बाद राज्य सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बीते वर्ष प्रक्रिया शुरू की थी। नियुक्ति के लिए जारी की गई केंद्रीयकृत विज्ञप्ति और अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को लेकर उठे विवाद के चलते तय समय सीमा के अंदर शिक्षकों की नियुक्ति न हो सकी। बीती 26 जुलाई को सरकार ने पत्र लिखकर एनसीटीई से अनुरोध किया था कि वह बीएड अभ्यर्थियों को शिक्षक नियुक्त करने के लिए समय सीमा को 31 मार्च 2015 तक बढ़ा दे। उधर, हाई कोर्ट भी राज्य सरकार को शिक्षकों की भर्ती के लिए हरी झंडी दिखा चुका है। यह कहते हुए कि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 15 दिनों में विज्ञापन जारी किया जाए। कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार को सिर्फ एनसीटीई से समयसीमा बढ़ाए जाने की सूचना मिलने का इंतजार था जो उसे प्राप्त हो गई है। शिक्षकों की भर्ती के लिए राज्य सरकार की ओर से उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में आवश्यक संशोधन हाल ही में कर दिए गए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक जल्द ही शिक्षकों की भर्ती के लिए जिला स्तर पर विज्ञापन जारी किए जाएंगे।
dainik jagran
लिफ्ट में फंसे अखिलेश और मुलायम
जागरण संवाददाता, लखनऊ : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव उस समय मुसीबत में पड़ गए जब पीजीआइ की लिफ्ट अटक गई। लगभग दस मिनट की मशक्कत के बाद किसी तरह लिफ्ट पुन: चालू हुई।
Hi
Good morning friends subah se 2 good news mil gai. Thanks abhinay ji and blogeditor ji.
Ab kisi ko jankari ho to please bata do ki L.T.grade ki vacancy ka gunank resio kya hota hai.ye to kisi na kisi ko malum hi hoga kyonki jan. Me l.t. Grade femail ki vacancy aayi thi. Abhinay ji aap please es par coment kare..... Thanks
Jay kyu L.t grade ki vacency k piche pade ho, jab ayegi to sab ko pata chal jayega, tumhare ya mere kahne se to form ayega nahi... Pahle jo form aa rha hai uske baare me socho...
hi
Kuch mahapurush abhi bhi kah rhe hai ki 27 sep ko gov base tet merit kr degi nahi to hum db ya sc jayege, are bhai jab adv nikal jayega jo ki court ne adesh diya hai to kya dusri baar adv radd hoga... imposible hai, agar base chenge krna hota to 11 ko hi ho jata, yahi agar mayawti ki gov hoti to kapil yadav kya koi bhi acd merit 72825 k liye nahi bana pata. But d Gov has been chenged.... Big diffrence
तो बदल जाएगा कई परीक्षाओं का परिणाम
Amar Ujala sep. ,14, 2012
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से सामाजिक विज्ञान परीक्षा के परिणाम में परिवर्तन के बाद अब आयोग को कई परिणाम में संशोधन करना पड़ सकता है। बोर्ड की ओर से टीजीटी, पीजीटी 2010 में कला, हिन्दी, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान सहित इतिहास, नागरिक शास्त्र और हिन्दी के कई प्रश्न गलत होने के बारे में अभ्यर्थियों नेआरोप लगाए हैं। सामाजिक विज्ञान के परिणाम में बदलाव के बाद अब इन विषयों में गलती उठाने वाले अभ्यर्थी भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का ऐलान कर चुके हैं।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से अप्रैल 2012 में कोर्ट के आदेश के अनुपालन में सामाजिक विज्ञान के रिजल्ट में परिवर्तन करते हुए 169 लोगों को चयन सूची से बाहर कर दिया गया है। इस रिजल्ट को चुनौती देने वाले अभ्यर्थियों ने बोर्ड की ओर से जारी प्रश्नों के उत्तर को लेकर सवाल उठाया था। विशेषज्ञों की समिति से अभ्यर्थियों की ओर से उठाए गए सवालों की जांच किए जाने पर बोर्ड की ओर से जारी उत्तर गलत रहे। ठीक इसी तर्ज पर टीजीटी 2010 और पीजीटी 2010 के परिणाम और बोर्ड की ओर से जारी उत्तर को लेकरअभ्यर्थियों ने प्रत्यावेदन दे रखा है। इसके बाद भी चयन बोर्ड में स्थाई अध्यक्ष नहीं होने और कई सदस्यों के पद खाली होने से जांच प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।
टीजीटी कला के उत्तर पर सबसे अधिक आपत्ति
2009 के परिणाम में एक साथ बड़े बदलाव के बाद अब टीजीटी कला, सामाजिक विज्ञान, हिन्दी तथा विज्ञान के कई उत्तर को लेकर छात्रों ने सवाल उठाया है। टीजीटी कला के 12 प्रश्नों, सामाजिक विज्ञान के 10 प्रश्नों तथा विज्ञान के पांच प्रश्नों को लेकर छात्रों ने सवाल उठाए हैं। टीजीटी कला के प्रश्नपत्रकी चयन बोर्ड ने विश्वविद्यालय स्तर के विशेषज्ञ से जांच कराई, इसमें अभ्यर्थियों का दावा सही मिला है। सामाजिक विज्ञान के प्रश्नपत्र की भी जांच पूरी हो गई है। जांच पूरी होने के बाद भी अभी तक इसको जारी नहीं किया गया है। पीजीटी इतिहास, नागरिक शास्त्र एवं कृषि के भी कई उत्तर छात्रों के सवालों के घेरे में हैं। अब सभी विषयों के अभ्यर्थी मिलकर चयन बोर्ड के खिलाफ कोर्ट जाएंगे।
विकलांग और खेल कोटे में सबसे अधिक शिकायत
टीजीटी और पीजीजी के चयन में बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को खेल और विकलांग कोटे का लाभ देकर अंतिम सूची में शामिल कर दिया गया। उत्तर प्रदेश विकलांग संघ से जुड़े श्रीनारायण यादव ने बताया कि चयन बोर्ड ने मेडिकल बोर्ड गठित करके विकलांगों को लाभ देने की बात कही थी। अपने इस आश्वासन पर भी चयन बोर्ड खरा नहीं उतरा।
Jay patel mere facebook acc par ad karo. Facebook ac -abhinay sager . Bird ka photo hai.
ऐसे बनेगी मेरिट 1425 एलटी ग्रेडशिक्षकों की
हाईस्कूल के प्राप्तांक प्रतिशत में 10 का भाग, इंटर के अंक प्रतिशत में दो का गुणाकर 10 का भाग, स्नातक के अंकों के प्रतिशत में चार का गुणाकर 10 का भाग देने के बाद जो आएगा वह मेरिट में जुड़ेगा। इसी तरह बीएड सैद्धांतिक में प्रथम श्रेणी के अभ्यर्थियों को 12 अंक, द्वितीय श्रेणी को छह व तृतीय श्रेणी प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को तीन अंक मिलेंगे। बीएड क्रियात्मक में प्रथम श्रेणी के लिए 12 अंक, द्वितीय के लिए छह व तृतीय श्रेणी के लिए तीन अंक मिलेंगे। प्रथम श्रेणी में परास्नातक पास करने वाले अभ्यर्थियों को 15 अंक, द्वितीय श्रेणी को 10 व तृतीय श्रेणी के अभ्यर्थियों को पांच अंक मिलेंगे। इन सभी अंकों को मिलाकर मंडल स्तर पर मेरिट बनेगी।
good morning to all. Aaj amar ujala me ncte ki b.ed ki bharti anumati ke sambandh me news hai ki up ko 2014/ 31 march tak b.ed walon ko bharti kiya ja sakta hai sarkaar ko patra prapt ho chuka hai . Ek hafte me vigyapan aane ki ummid hai so enjoy.
lt grade me merit gunank kitna rahta hi obc sci ka ............anybdy share
Post a Comment