UPTET - टीईटी - TET
जल्द जारी होगा अध्यापक भर्ती का विज्ञापन
हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार ने दिया 15 दिन में विज्ञापन निकालने का आश्वासन
• अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद। हाईकोर्ट ने सूबे मेेंटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के सहायक अध्यापक पद पर चयन एवं नियुक्ति के लिए शीघ्र ही नया विज्ञापन जारी करने का आदेश दिया है। मंगलवार को सरकार की ओर से हाईकोर्ट में बताया गया कि दिसंबर 2011 को जारी विज्ञापन रद्द करने के बाद सरकार 15 दिन के अंदर नया विज्ञापन जारी कर परिषदीय स्कूलों में अध्यापकों के रिक्त पदों को भरेगी। याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अध्यापकों के पद रिक्त होने पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा किराज्य सरकार का दायित्व है कि वह पर्याप्त संख्या में शिक्षकों कीनियुक्ति करे।
इससे पूर्व सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए जारी दिसंबर 2011 के विज्ञापन को चुनौती देनेवाली कपिलदेव यादव की याचिका हाईकोर्ट ने निष्क्रिय होने के आधार पर खारिज कर दी है। एक अन्य याची शिवप्रकाश कुशवाहा की याचिका पर सुनवाई के दौरान अपर महाधिवक्ता सीबी यादव ने न्यायालय को अवगत कराया कि सरकार 15 दिन में नया विज्ञापन जारी कर पदों पर भर्ती की प्रक्रिया प्रारंभ कर देगी। सरकार इस दिशा में लगातार प्रयासरत है। इससे पूर्व 2004, 2007 और 2008 में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति की गई थी। इस दौरान टीईटी मामले को लेकर अन्य याचिकाओं पर भी सुनवाई के लिए 27 सितंबर की तिथि नियत की गई है।
एक अन्य याची रत्नेश कुमार पाल नेसंशोधन प्रार्थनापत्र दाखिल कर दो सितंबर को प्रदेश सरकार द्वारा जारी अधिसूचना और विज्ञाप्ति को चुनौती दी है। दो सितंबर की अधिसूचना से सरकार ने दिसंबर 2011 को जारी विज्ञापन कोरद कर दिया है। न्यायालय ने संशोधन प्रार्थनापत्र पर प्रदेश सरकार को दो सप्ताह में अपना जवाबदाखिल कर देने का निर्देश दिया है।
Source - Amar Ujala
12-9-2012
जल्द जारी होगा अध्यापक भर्ती का विज्ञापन
हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार ने दिया 15 दिन में विज्ञापन निकालने का आश्वासन
• अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद। हाईकोर्ट ने सूबे मेेंटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के सहायक अध्यापक पद पर चयन एवं नियुक्ति के लिए शीघ्र ही नया विज्ञापन जारी करने का आदेश दिया है। मंगलवार को सरकार की ओर से हाईकोर्ट में बताया गया कि दिसंबर 2011 को जारी विज्ञापन रद्द करने के बाद सरकार 15 दिन के अंदर नया विज्ञापन जारी कर परिषदीय स्कूलों में अध्यापकों के रिक्त पदों को भरेगी। याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अध्यापकों के पद रिक्त होने पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा किराज्य सरकार का दायित्व है कि वह पर्याप्त संख्या में शिक्षकों कीनियुक्ति करे।
इससे पूर्व सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए जारी दिसंबर 2011 के विज्ञापन को चुनौती देनेवाली कपिलदेव यादव की याचिका हाईकोर्ट ने निष्क्रिय होने के आधार पर खारिज कर दी है। एक अन्य याची शिवप्रकाश कुशवाहा की याचिका पर सुनवाई के दौरान अपर महाधिवक्ता सीबी यादव ने न्यायालय को अवगत कराया कि सरकार 15 दिन में नया विज्ञापन जारी कर पदों पर भर्ती की प्रक्रिया प्रारंभ कर देगी। सरकार इस दिशा में लगातार प्रयासरत है। इससे पूर्व 2004, 2007 और 2008 में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति की गई थी। इस दौरान टीईटी मामले को लेकर अन्य याचिकाओं पर भी सुनवाई के लिए 27 सितंबर की तिथि नियत की गई है।
एक अन्य याची रत्नेश कुमार पाल नेसंशोधन प्रार्थनापत्र दाखिल कर दो सितंबर को प्रदेश सरकार द्वारा जारी अधिसूचना और विज्ञाप्ति को चुनौती दी है। दो सितंबर की अधिसूचना से सरकार ने दिसंबर 2011 को जारी विज्ञापन कोरद कर दिया है। न्यायालय ने संशोधन प्रार्थनापत्र पर प्रदेश सरकार को दो सप्ताह में अपना जवाबदाखिल कर देने का निर्देश दिया है।
Source - Amar Ujala
12-9-2012
3 comments:
wo sab sahi hai lelin blog editor ji ye to bataye ki chayan ka adhar kya hoga,
plz
blog editor ji agar aap ko mere vichar achche nhi lagte hai to aap apna blog band kar do kyoki blog par sabhi ko apne vichar byakt karne ka adhikar hai,
mere koi bhi cmment me kisi apshabd ka prayog nhi hua hai to apko koi adhikar nhi hai mere comment delete karne ka,
परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की तत्काल भर्ती के निर्देश
इलाहाबाद (एसएनबी)। हाईकोर्ट ने प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में अध्यापकों की कमी पर चिन्ता व्यक्त करते हुए योग्य अध्यापकोंकी नियुक्ति के लिए तत्काल विज्ञापन जारी करने का निर्देश दिया है। मामले में अपर महाधिवक्ता सीवी यादव ने आश्वस्तकिया कि राज्य सरकार 15 दिन में विज्ञापन प्रकाशित करायेगी तथा अविलम्ब नियुक्ति प्रक्रिया प्रारम्भ करेगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन ने शिव प्रकाश कुशवाहा की याचिका पर पारित किया है। कोर्ट इस मामले कीअगली सुनवाई 27 सितम्बर को करेगी। याची का कथन था कि शिक्षा के अधिकार के अन्तर्गत बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा पाने का हक है। कहा गया कि प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों का अभाव है। इस कारण बच्चों के हित में तत्काल शिक्षकों की भर्ती की जाए। source- rastrya sahara
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