जागरण
संवाददाता, लखनऊ : अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के हजारों अभ्यर्थियों
ने अपनी मांगों को लेकर राजधानी के एक हिस्से में अघोषित कफ्र्यू जैसे
हालात पैदा कर दिए। मेरिट के आधार पर नियुक्ति की मांग कर रहे अभ्यर्थियों
ने गुरुवार सुबह करीब आठ बजे से हुसैनगंज चौराहे व उसके बाद बर्लिग्टन
चौराहे पर कब्जा जमा लिया। इसके बाद रात 10 बजे तक शहर की लाइफ लाइन कही
जाने वाली सड़क (विधान सभा मार्ग) जाम रही। नतीजतन आसपास के इलाके के लोग
अपने घरों में कैद हो गए। अभ्यर्थी अपनी मांगों पर अड़े रहे और पुलिस व
पीएसी मूकदर्शक बनी रही।
एडीएम व एएसपी पूर्वी ने कई बार अभ्यर्थियों को समझाने का प्रयास किया,
लेकिन नाकाम रहे। अधिकारी उन्हें वहां से हटाकर दूसरे स्थान पर ले जाने में
भी नाकाम रहे। इस बीच सैकड़ों लोग स्टेशन पहुंचने के लिए जाम से जूझते
रहे, बाद में एक वृद्ध महिला को रास्ता देने की बात को लेकर कुछ
मीडियाकर्मियों और अभ्यर्थियों के बीच हुई मारपीट के दौरान पुलिस ने मौका
पाते ही लाठियां चलाकर अभ्यर्थियों को खदेड़ा। कुछ ही देर में बर्लिग्टन
चौराहा जाम से मुक्त हो गया। पुलिस ने मीडियाकर्मियोंसे मारपीट के आरोप में
एक युवक को हिरासत में लिया है। वहीं पूरे घटनाक्रम के दौरान डीएम व
एसएसपी मौके पर नहीं आए।
प्रदेश के विभिन्न स्थानों से अपने पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार
गुरुवार सुबह करीब छह हजार अभ्यर्थी लखनऊ पहुंचे। इनमें महिलाएं भी थीं। वे
चारबाग से जुलूस की शक्ल में विधानभवन की ओर कूच कर गए। इधर, कार्यक्रम की
पूर्व सूचना के बावजूद पुलिस व प्रशासन वक्त रहते प्रभावी कार्रवाई नहीं
कर सका। आखिरकार सुबह करीब 10 बजे अभ्यर्थियों को पुलिस ने हुसैनगंज चौराहे
पर रोका। इसके कुछ देर बाद अभ्यर्थी हंगामा करते हुए बर्लिग्टन चौराहे तक
पहुंच गए, लेकिन यहां सुरक्षा का घेरा कड़ा होने की वजह से आगे नहीं बढ़
सके। इसके बाद घंटों मान-मनौव्वल चलती रही। अधिकारी काफी मशक्कत के बाद भी
अपने मांगों पर डटे अभ्यर्थियों को टस से मस न कर सके। ऊपर से निर्देश न
होने की वजह से पुलिस व पीएसी बल प्रयोग करने से बचती रही और अभ्यर्थी
नागरिकों को अपनी मनमर्जी से रोकते-टोकते रहे। स्कूल से अभिभावकों के साथ आ
रहे बच्चों व स्टेशन जा रही महिलाओं व बुजुर्गो तक को निकलने नहंी दिया
गया। पुलिसकर्मियों ने रोके जा रहे वाहनों को रास्ता दिलवाने के बजाए
चुपचाप किनारे खड़ा रहना बेहतर समझा। अभ्यर्थियों ने इस दौरान पुतला फूंका
और नारेबाजी करते रहे।
गलियों में राह ढूंढते रहे

जागरण
संवाददाता, लखनऊ : प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद यातायात को प्राथमिकता
पर लिया गया। एएसपी यातायात से लेकर आइजी और स्पेशल डीजी ट्रैफिक तक ने
सड़क पर आकर सुझाव दिए और सुधार की तमाम बातें कीं। गुरुवार को जब परीक्षा
की घड़ी आई तो सारी तैयारियां धरी रह गईं। सुबह दस बजे, जिस वक्त टीईटी
अभ्यर्थी विधान भवन के सामने जुटना शुरू हुए, तब तक यातायात पुलिस निश्चिंत
थी।
अपर पुलिस अधीक्षक यातायात अरविंद सेन बताते हैं कि विधान भवन के सामने
प्रदर्शन पर सिर्फ रॉयल होटल से हजरतगंज चौराहे के बीच का रास्ता बंद करना
पड़ता है और इस रास्ते के कई विकल्प मौजूद हैं, इसलिए प्रदर्शन को लेकर
पहले से अतिरिक्त इंतजाम करने का कोई औचित्य नहीं था, लेकिन टीईटी
अभ्यर्थियों ने जब चारबाग, केकेसी और बर्लिंगटन होटल चौराहे पर जाम लगा कर
प्रदर्शन शुरू किया तो हालात बेकाबू हो गए। गोरखपुर और कानपुर से आने वाले
वाहन इसमें उलझ गए। चारबाग से हजरतगंज चौराहे तक रास्ता रुका तो एक घंटे के
भीतर इस रास्ते के समानांतर गलियों में भी जाम लग गया। वाहन चालक रास्ता
तलाशने के लिए गलियों में समा गए। दोपहिया वाहनों तक फिर भी गनीमत थी लेकिन
संकरी गलियों में चौपहिया वाहन आमने-सामने अड़े तो चक्का जाम की नौबत आ
गई।

पैदल आने को हुए मजबूर
जागरण
संवाददाता, लखनऊ : चारबाग से हुसैनगंज, विधानसभा और हजरतगंज जाने वाले
मुसाफिरों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा। चारबाग से गोमतीनगर
जाने वाले बसें हुसैनगंज और विधानसभा होते हुए ही निकलती हैं। टीईटी
अभ्यर्थियों द्वारा लगाए गए जाम के बाद बसों को केकेसी से सदर के लिए मोड़
दिया गया।
चारबाग से विधानसभा आने के लिए मुसाफिरों को कोई साधन उपलब्ध नहीं हो सका।
राहगीरों को पैदल ही यह सफर तय करना पड़ा। यातायात की इस समस्या का फायदा
रिक्शेवालों ने खूब उठाया। लोगों से मनचाहे पैसे वसूले गए। रिक्शेवालों को
भी हजरतगंज पहुंचने के लिए कैसरबाग से होते हुए लंबा चक्कर लगाना पड़ा।
इससे बीस मिनट का सफर तय करने में कई घंटे लग गए। जगह-जगह यातायात का
डाइवर्जन होने से लोगों को खासी मुसीबत का सामना पड़ा।
छूटी यात्रियों की ट्रेनें
टीईटी अभ्यर्थियों के प्रदर्शन के कारण लगे जाम ने कई यात्रियों की ट्रेन
छुड़वा दी। चारबाग से हजरतगंज तक वाहनों की लंबी लाइन लगने के कारण करीब सौ
यात्री अपनी ट्रेन नहीं पकड़ सकें। शताब्दी सहित सात ट्रेनों के इन सौ
यात्रियों को अपना टिकट करंट काउंटर पर निरस्त कराना पड़ा। जाम के कारण
ट्रेन 12003 शताब्दी एक्सप्रेस के 15 यात्रियों ने अपने टिकट रद कराए।
इसी तरह ट्रेन 13307 गंगा सतलज एक्सप्रेस, 13005 पंजाब मेल, 13049
हावड़ा-अमृतसर एक्सप्रेस, 14265 वाराणसी-देहरादून जनता एक्सप्रेस और 13009
दून एक्सप्रेस के करीब 85 यात्रियों ने अपने टिकट रद कराए। उधर जाम के कारण
सुबह आठ बजे से लखनऊ जंक्शन और चारबाग स्टेशन पर अफरातफरी मच गई थी।
जागरण संवाददाता, लखनऊ : अपनी मांगों को लेकर सड़क पर आए अभ्यर्थियों को
चारबाग में ही रोकने में नाकाम रही पुलिस ने बर्लिग्टन चौराहे से उन्हें
हटाने के लिए भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए।
अभ्यर्थियों को पुलिस धरना स्थल तक ले जाने का प्रयास कर रही थी, लेकिन
नाकाम रही। इसके बाद उसके पास कोई विकल्प नहीं बचा। अभ्यर्थियों को
बलपूर्वक हटाने के लिए अधिकारी ऊपर से निर्देश मिलने का इंतजार ही करते रह
गए। इस बीच प्रशासन व पुलिस के अफसरों ने कुछ अभ्यर्थियों को समझाने की
कोशिश की। उनसे अलग-अलग भी वार्ता की गई, लेकिन वे किसी भी सूरत में पीछे
हटने को राजी नहीं हुए। हालांकि इस दौरान कुछ अभ्यर्थियों के बीच आपस में
भी मतभेद हुए।
वहीं शाम पांच बजे के बाद से अभ्यर्थियों की संख्या लगातार कम होती गई। रात
10 बजे तक बड़ी संख्या में अभ्यर्थी तितर-बितर हो चुके थे। वहीं दिन भर की
डयूटी के बाद पीएसी कर्मी भी लगातार अधिकारियों से उन्हें बदले जाने की
मांग कर रहे थे।
जागरण संवाददाता, लखनऊ : अपनी मांगों को लेकर सड़क पर आए अभ्यर्थियों को
चारबाग में ही रोकने में नाकाम रही पुलिस ने बर्लिग्टन चौराहे से उन्हें
हटाने के लिए भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए।
अभ्यर्थियों को पुलिस धरना स्थल तक ले जाने का प्रयास कर रही थी, लेकिन
नाकाम रही। इसके बाद उसके पास कोई विकल्प नहीं बचा। अभ्यर्थियों को
बलपूर्वक हटाने के लिए अधिकारी ऊपर से निर्देश मिलने का इंतजार ही करते रह
गए। इस बीच प्रशासन व पुलिस के अफसरों ने कुछ अभ्यर्थियों को समझाने की
कोशिश की। उनसे अलग-अलग भी वार्ता की गई, लेकिन वे किसी भी सूरत में पीछे
हटने को राजी नहीं हुए। हालांकि इस दौरान कुछ अभ्यर्थियों के बीच आपस में
भी मतभेद हुए।
वहीं शाम पांच बजे के बाद से अभ्यर्थियों की संख्या लगातार कम होती गई। रात
10 बजे तक बड़ी संख्या में अभ्यर्थी तितर-बितर हो चुके थे। वहीं दिन भर की
डयूटी के बाद पीएसी कर्मी भी लगातार अधिकारियों से उन्हें बदले जाने की
मांग कर रहे थे।

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