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Monday 23 July 2012

UPTET- कैबिनेट की बैठक आज

कैबिनेट की बैठक आज
माया के बनाए जिलों के बदल सकते हैं नाम
•अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। अखिलेश सरकार सोमवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में मायावती सरकार के कई अहम फैसले को बदल सकती है। बैठक में मायावती द्वारा पिछले साल बनाए गए तीन नए जिलाें को उनका पुराना नाम दिया जा सकता है। वहीं छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ का नाम बदल कर किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय किया जाएगा। इसके अलावा ट ीईटी के साथ रेग्यूलर स्नातक शिक्षा मित्रोंके प्रशिक्षण पर भी निर्णय लिया जा सकता है।
मायावती सरकार ने पिछले साल पश्चिमी यूपी में तीन नए जिले पंचशील नगर, प्रबुद्धनगर व भीम नगर बनाए थे। अब पंचशील नगर का नाम हापुड़, प्रबुद्धनगर का नाम शामली और भीम नगरका नाम बहजोई किए जाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा राजस्व विभाग ने ज्योतिबा फुले नगर को अमरोहा, छत्रपतिशाहूजी महाराजनगर को अमेठी, महामाया नगर को हाथरस, कांशीरामनगर को कासगंज, रमाबाई नगर को कानपुर देहात नाम दिए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट की बैठक में बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक रखने के लिए योग्यता तय करने संबंधी प्रस्ताव भी रखे जाने की संभावना है।बेसिक शिक्षा विभाग ने सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए तीन विकल्प का प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें सहायक अध्यापकों की भर्ती शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) मेरिट पर करने अथवा नहीं करने की स्थिति में शैक्षिक मेरिट के आधार परभर्ती के विकल्प का प्रस्ताव है। इसके अलावा टीईटी-2011 को निरस्त कर इसके स्थान पर नए सिरे से टीईटी आयोजित कर शिक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव है। कैबिनेट को इन तीन विकल्पों में से किसी एक पर निर्णय लेना है। इसके अलावा रेग्यूलर स्नातक शिक्षा मित्रों को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से दो वर्षीय ट्रेनिंग देने संबंधी प्रस्ताव रखे जाने की संभावना है।
सरकार राज्य कर्मियों को बड़ी राहत देते हुए लिवर ट्रांसप्लांट कराने की स्थिति में उसका खर्च खुद उठाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए उप्र सरकारी सेवक चिकित्सा परिचर्या नियमावली में संशोधन किया जाएगा। अभी राज्य कर्मचारियों को इलाज की सारी सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन लिवरट्रांसप्लांट की सुविधा इसमें शामिलनहीं है।
सार्वजनिक उपक्रमों और निगमों द्वारा सरकारी हथकरघा इकाईयों से उत्पादित वस्त्रों की खरीद अनिवार्यरूप से किए जाने का प्रस्ताव मंजूर हो सकता है। प्रसंस्कृत तिल निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए उप्र प्रसंस्कृत तिल निर्यात नीति को 20 दिसंबर 2017 तक बढ़ाने का प्रस्ताव भी कैबिनेट में रखा जाएगा। उप्र चिकित्सा एवं स्थास्थ्य सेवा नियमावली 2004 में संशोधन के जरिए अपर निदेशक के पद से निदेशक स्तर पर प्रोन्नति के संबंध में विधिक अर्हता में छूट दिलाई जाएगी। इसके अलावा बाढ़ से प्रभावित विस्थापित परिवारों को जमीन मुहैया कराने संबंधी प्रस्ताव को भी हरी झंडी मिल सकती हैै। स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के प्रस्ताव के तहत विकास प्राधिकरणों और सरकारी संस्थाओं के भवन व भूखंडों की रजिस्ट्री में डीएमसर्किल रेट से स्टाम्प ड्यूटी में छूट 31 दिसंबर 2012 तक दी जाएगी। यह छूट इस साल 31 मार्च को खत्म हो चुकी है

Source- Amar Ujala
23-7-2012

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