BREAKING NEWS

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शिक्षक भर्ती की तैयारी शुरू ***चुनावी गणित में भावी शिक्षकों पर भी डोरे *** :----

Thursday 12 April 2012

कलयुग का सूचना तंत्र

कलयुग का सूचना तंत्र (आप किस पर करेंगे भरोसा )

सहारनपुर, जागरण संवाददाता : टीइटी के 'मायाजाल' को भेदने के लिए आलाअधिकारी माथापच्ची में जुटे हैं। परीक्षा रद करने को लेकर ऊहापोह की स्थिति है। अफसरों का मानना है कि यदि प्रक्रिया रद की गई तो इसका हाल भी बीटीसी-2001 जैसा हो जायेगा। इसमें सरकार को बड़ी कानूनी उलझनों का सामना करना पड़ सकता है। नए विकल्पों की तलाश में अधिकारी गुडवर्क में जुटे हैं और पूरा मामला प्रदेश सरकार के विचाराधीन है।
प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक पदों पर नियुक्ति का इंतजार कर रहे टीइटी अभ्यर्थी असमंजस से गुजर रहे हैं। नियुक्ति के लिए समस्त बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से विज्ञापन जारी किया गया था, जिसे नियम विरुद्ध बताते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। प्रक्रिया पर हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाई गई है। दूसरी ओर टीइटी घोटाले में निदेशक माध्यमिक शिक्षा संजय मोहन सहित आधा दर्जन अन्य लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। घोटाले की जांच में कई और अधिकारियों के लपेटे में आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
प्रक्रिया रद हुई तो बड़ा उलटफेर!
विभागीय सूत्रों के मुताबिक यदि टीइटी प्रक्रिया रद्द हुई तो बड़े उलटफेर की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। टीइटी का बीटीसी-2001 जैसा हश्र न हो, इसे ध्यान में रखते हुए आलाअधिकारी ऐसा फ्रेमवर्क तैयार करने में जुटे है कि मौजूदा प्रक्रिया को ही सिरे चढ़ा दिया जाए। इसके पीछे अफसरों का मानना है कि ऐसा किए जाने की स्थिति में भविष्य की बड़ी कानूनी उलझनों से बचा जा सकेगा। दूसरा यह कि काउंसलिंग के दौरान अभ्यर्थी से ओएमआर की तृतीय प्रति व टीइटी प्रमाणपत्र मूल रूप में मंगाया जाये तथा इंटरनेट पर घोषित रिजल्ट से उक्त प्रमाण-पत्र की जांच की जायेगी।
यह थी टीइटी परीक्षा
प्रदेश शासन द्वारा टीईटी का जिम्मा माध्यमिक शिक्षा परिषद को सौंपा था। 13 नवंबर को प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों पर कराई गई थी। प्राइमरी के घोषित रिजल्ट में 2.70 लाख से अधिक अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे। प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के टीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में नौ जनवरी तक आवेदन पत्र मांगे गए थे। माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा जनवरी के दूसरे पखवाड़े में संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालयों से टीइटी प्रमाणपत्रों का वितरण कराया गया था।

Source- Jagran
7-4-2012 


लखनऊ, 11 अप्रैल (जागरण ब्यूरो) : मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने बुधवार को अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) और उससे जुड़ी 72,825 शिक्षकों की भर्ती से संबंधित पहलुओं पर प्रारंभिक चर्चा की। मुख्य सचिव ने समिति के सदस्यों से टीईटी और शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से जुड़े नियम कायदे और इनमें बरती गईं विसंगतियों की जानकारी हासिल की। यह भी तय हुआ किइस विषय पर चर्चा करने के लिए 18 अप्रैल को फिर बैठक बुलायी जाए। समिति को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को देनी है। बैठक में मुख्य सचिव को टीईटी के संदर्भ में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की अधिसूचना और प्रदेश में टीईटी के आयोजन के संदर्भ में राज्य सरकार के शासनादेशों से अवगत कराया गया। टीईटी के प्रश्नपत्र में कथित गड़बडि़यों को लेकर अभ्यर्थियों की दायर याचिकाओं और उन पर कोर्ट के निर्देश की भी उन्हें जानकारी दी गई। टीईटी के परीक्षा परिणामों में संशोधनों से भी उन्हें वाकिफ कराया गया। बैठक में मौजूद प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव और पुलिस महानिदेशक एसी शर्मा ने टीईटी के परीक्षा परिणाम में की गई धांधली और तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन और कुछ अन्य लोगों की संलिप्तता के बारे में मुख्य सचिव को बताया। उन्होंने पुलिस विवेचना के तथ्यों से भी मुख्य सचिव को अवगत कराया। बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि टीईटी और उससे जुड़ी शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया के बारे में जो भी निर्णय लेना है, उसके सभी पहलुओं पर और गंभीरता से विचार कर लिया जाए। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि यदि परीक्षा को निरस्त करने का फैसला किया जाता है तो उसके लिए पुख्ता आधार क्या होंगे। इस बात पर भी मंथन हुआ कि यदि नए सिरे से परीक्षा करानी पड़े तो सुधार के लिहाज से पुरानी प्रक्रिया में क्या संशोधन अपेक्षित होंगे। इस संभावना पर भी विचार विमर्श हुआ कि यदि टीईटी को निरस्त किया जाता है तोक्या अभ्यर्थी अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। ऐसे अभ्यर्थियों की अनुमानित संख्या पर भी चर्चा हुई। अफसरों ने इस पर भी चर्चा की कि टीईटी और शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करनेकी स्थिति में यदि सरकार को अदालत में अपने पक्ष काबचाव करना पड़ा तो कोर्ट में उसकी दलील क्या होगी। बैठक में मुख्य सचिव के अलावा प्रमुख सचिव आरएम श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव न्याय जेडयू खान, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसी शर्मा, सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार और सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार भी मौजूद थे।

Source- Jagran
12-4-2012

No comments: