अभी और हटेंगे घोटालेबाजों के चेहरे से नकाब
कानपुर, नगर प्रतिनिधि : 72 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के घोटाले में अभी दलाल, शिक्षा विभाग के अफसर और कुछ लिपिकों के नाम भी सामने आ सकते हैं। यह संकेत शिक्षा विभाग में जांच कर लौटी एंटी करप्शन टीम ने दिये। टीम के मुताबिक तीन-चार माह में जांच पूरी होने की संभावना है।
पिछले वर्ष 13 नवंबर को आयोजित टीईटी परीक्षा का परिणाम 25 नवंबर को घोषित किया गया था। परीक्षा में सवालों को लेकर परिणाम में कई बार संशोधन हुआ, इसके बाद भी हेरफेर किया गया। सूत्रों के मुताबिक रमाबाई नगर पुलिस ने तत्कालीन शिक्षानिदेशक संजय मोहन और उनके दामाद धीरज गर्ग के यहा छानबीन में इलाहाबाद से टीईटी घोटाले का कनेक्शन मिला है। चुनाव के पहले रमाबाईनगर पुलिस ने तत्कालीन डीजीपी अतुल कुमार को अवगत करा दिया था। जांच के बाद संजय मोहन समेत आधा दर्जन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। शुक्रवार को विजिलेंस की एंटी करप्शन टीम ने जिला विद्यालय निरीक्षक एवं संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में परीक्षा प्रक्रिया व परीक्षा केंद्रों के निर्धारण को समझने के साथ शासनादेश भी देखा। साथ ही तीन लिपिकों के बारे में भी पूछताछ की। हालांकि एंटी करप्शन टीम जांच की बात कहकर अपने पत्ते नहीं खोल रही है। इनकी संलिप्तता खंगालने के बाद सुबूत के साथ पुलिस इन पर हाथ डालेगी।
---------------------
'डीआईओएस और संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में अधिकारियों एवं लिपिकों से पूछताछ की। मामले में आधी विवेचना हो चुकी है, तीन-चार माह में पूरी होने की संभावना है। '
- एके सिंह, इंस्पेक्टर एंटी करप्शन (विजिलेंस)
Source- Jagran
27-4-2012
No comments:
Post a Comment