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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शिक्षक भर्ती की तैयारी शुरू ***चुनावी गणित में भावी शिक्षकों पर भी डोरे *** :----

Monday, 2 July 2012

शिक्षक भर्ती को लेकर जल्द ही शासन स्तर से आवश्यक दिशा निर्देश दिए जाने की संभावना- बीएसए

बिना शिक्षक कैसे होगी पढ़ाई




उन्नाव। निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम प्रभावी करने की बातें शिक्षा सत्र शुरू होने के पूर्व की जाने लगी हैं। लेकिन इस कानून को प्रभावी करने की पहली शर्त तो विभाग की ओर से ही नहीं पूरी है। आवश्यकता से कम शिक्षक तो पहले से ही थे, अब माह के अंतिम दिवस यानी शनिवार को जिले भरे में परिषदीय स्कूलों के 205 शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। नए शिक्षकों की फिलहाल अभी कोई भर्ती होती दिख नहीं रही है। ऐसे में कानून को प्रभावी करने की बात करना लोगों के गले नहीं उतर रहा है।
जिले को साक्षर करने के लिए शासन की ओर से 2039 प्राथमिक और 802 उच्च प्राथमिक विद्यालय स्थापित हैं। इन सभी विद्यालयों का संचालन भी किया जा रहा है। इसके अलावा करीब एक सैकड़ा नवीन विद्यालयों की इमारतें बनकर तैयार होने की स्थिति में हैं। संचालित प्राथमिक स्कूलों में शिक्षण कार्य के लिए 5183 पद सृजित हैं जबकि उच्च प्राथमिक स्कूलों में 2747 शिक्षकों के पद सृजित हैं। इस आंकड़े को यदि छात्र संख्या के आधार पर आरटीई के मानक के अनुसार देखा जाए तो विभाग को करीब एक हजार शिक्षकों के अतिरिक्त पद सृजित करने होंगे। लेकिन वर्तमान स्थिति को हास्यास्पद कहा जा सकता है। खास तौर पर जब विभाग के आला अधिकारी प्रत्येक शासनादेश में आरटीई को प्रभावी ढंग से लागू करने की बात कर रहे हों। क्योंकि जिले में सृजित पदों के सापेक्ष प्राथमिक स्कूलों में 5183 के सापेक्ष मात्र 2854 शिक्षक ही सेवारत हों। उच्च प्राथमिक स्कूलों में भी 2747 के सापेक्ष मात्र 1690 शिक्षक ही सेवारत हैं। जिले में पहले से ही करीब एक तिहाई स्कूल शिक्षक विहीन और आधे से अधिक स्कूल एकल शिक्षक हैं। उस पर भी आज रिटायर हुए 205 शिक्षकों के जाने पर स्थिति और खराब होगी। जबकि शासन की ओर से अभी तक नई शिक्षक भर्ती की कोई नीति भी तय नहीं की जा सकी है। इन शिक्षकों को निर्माण कार्य से भले ही मुक्त कर दिया गया हो लेकिन सर्वशिक्षा अभियान की तमाम योजनाओं के संचालन व क्रियान्वयन की जिम्मेदारी अभी भी इन्हें ही निभानी हैं। ऐसे में अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम प्रभावी ढंग से लागू किए जाने के आदेश निर्देश और दावे लोगों के गले नहीं उतर रहे हैं।
शिक्षक विहीन नहीं रहेंगे स्कूल
बीएसए डा. मुकेश कुमार सिंह ने जिले में शिक्षकों की कमी की बात मानी और कहा कि आरटीई को प्रभावी करने के लिए फिलहाल वे सर्वप्रथम प्रमोशन और समायोजन के माध्यम से सभी स्कूलों को खोलने का प्रयास करेंगे। इसके बाद अन्य बिंदुओं पर कार्य करने के प्रयास होगे। उन्होंने शिक्षक भर्ती को लेकर जल्द ही शासन स्तर से आवश्यक दिशा निर्देश दिए जाने की संभावना व्यक्त की।

Source- Amar Ujala
1-7-2012

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