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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शिक्षक भर्ती की तैयारी शुरू ***चुनावी गणित में भावी शिक्षकों पर भी डोरे *** :----

Saturday, 15 September 2012

SHIKSHAMITRA - सभी परिषदीय शिक्षामित्रों को मिलेगा प्रशिक्षण

UPTET - टीईटी - TET


SHIKSHAMITRA - सभी परिषदीय शिक्षामित्रों को मिलेगा प्रशिक्षण

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : प्रदेश के सभी परिषदीय शिक्षा मित्रों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद के निदेशक महेंद्र सिंह ने सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्यो को निर्देश जारी किया है। इसमेंपरिषदीय विद्यालयों में कार्यरत सभी स्नातक अप्रशिक्षित शिक्षा मित्रों को दूरस्थ शिक्षा के जरिए प्रशिक्षण दिए जाने के लिए निर्देश दिया गया है।
शिक्षा विभाग ने प्राथमिक और उच्च प्राथमिकविद्यालयों से शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण देकर शिक्षक बनाने का निर्णय लिया है। प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षामित्रों को चरणबद्ध रूप से प्रशिक्षण दिलाने का कार्य शुरू हो चुका है। 62 हजार परिषदीय शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण का दूसरा सत्र शुरू हो रहा है। इसमें सभी को भी प्रशिक्षण दिलाए जाने की कवायद शुरू की जा रही है। इसमें 25 जुलाई 2012 तक स्नातक पास सभी शिक्षा मित्र शामिल किए जाएंगे। प्रदेश के लगभग 97 हजार शिक्षामित्रों को 70-70 के बैच में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रशिक्षण शुरू कराने की मांग
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने स्नातक शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण जल्द से जल्द शुरू कराने की मांग की है। संघ के पदाधिकारी सोमवार को इस संदर्भ में मुख्यमंत्री कार्यालय को ज्ञापन सौंपेंगे।यह जानकारी संगठन के प्रदेश मंत्री अनिल कुमार यादव ने दी


Source - Jagran
15-9-2012

7 comments:

D.K said...

gov prt me riktiyo ko shiksha mitro k dwara hi bharna chahti h vo b bina tet k. Dosto jaag jao in shiksha mitro ko bina tet pass kiye teacher nahi banne dena h. According to ncte koi b bina tet pass kiye bina teacher nahi ban sakta.
Gov ki is mansha ko kamyab nahi hone dena h.ek writ iski b sahi. Jaise is crt ne hamara kimti time barbaad kiya h. isi tarah se hum b kisi ko bina tet pass kiye teacher nahi banne denge.

ved said...

शिक्षकों की भर्ती इस बार नए फार्मूले से
बीएड के प्राप्तांक पर नहीं मिलेगा अधिक वेटेज
•शैलेंद्र श्रीवास्तव
लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षक की भर्ती इस बार नए फार्मूले से होगी। इसमें हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और स्नातक के अंक प्रतिशत को अधिक वेटेज दिया जाएगा, जबकि बीएड के प्राप्तांक पर अधिक वेटेज नहीं मिलेगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने नया फार्मूला हाईकोर्ट में प्रस्तुत करते हुए कहा है कि शिक्षकों की भर्ती इस बार इसी फार्मूले के आधार पर की जाएगी। जबकि अभी तक शिक्षकों की भर्ती के लिए हाईस्कूल, इंटर, स्नातक और बीएड में मिले प्राप्तांकों को जोड़कर सीधे मेरिट बनाकर की जाती रही है।
यूपी में इस बार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के लिए टीईटी पास होने वाला ही पात्र माना गया है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने यूपी में 31 मार्च 2014 तक शिक्षकों की भर्ती की अनुमति दे दी है। यूपी में इस बार नए फार्मूले के तहत शिक्षकों की भर्ती के लिए मेरिट बनाई जाएगी। इसके अनुसार हाईस्कूल के कुल प्रतिशत का 10 अंक, इंटर के कुल प्रतिशत का 20 व स्नातक का 40 अंक और बीएड में प्रथम श्रेणी या उससे ऊपर पर थ्योरी व प्रैक्टिकल का 12-12 अंक, द्वितीय श्रेणी या इससे ऊपर होने पर 6-6 और तृतीय श्रेणी या उससे ऊपर पर 3-3 अंक जोड़ा जाएगा।
यूपी में इसके पहले सीधे-सीधे प्रतिशत को जोड़कर मेरिट का निर्धारण किया जाता था। इसके चलते पूर्वांचल या फिर पश्चिमी यूपी के काफी संख्या में अभ्यर्थी नौकरी पाने में सफल हो जाते थे। क्योंकि पूर्वांचल और पश्चिमी यूपी के विश्वविद्यालय बीएड में थ्योरी और प्रैक्टिल में अधिक नंबर देते हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय और अवध विश्वविद्यालय से बीएड करने वालों को अधिक अंक नहीं मिलते हैं।

ved said...

amar ujala k ye news gunaak ko pakka ker de rehi hai k barti me gunaak marit he benegi

Abhinay said...

विवि में शिक्षक भर्ती को इंटरव्यू 21 से
इलाहाबाद। विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया तेजहो गई है। तमाम विवादों और अटकलोंके बावजूद 21 सितंबर से इंटरव्यू शुरू होने जा रहा है। हालांकि फिलहाल बायोकेमेस्ट्री और फूड टेक्नोकलॉजी का इंटरव्यू होगा परबाद में तेजी की बात कही जा रही है।
विश्वविद्यालय में 504 शिक्षकोंकी भर्ती की जानी है। उम्मीद जताईजा रही थी कि सत्र शुरू होने से पहले भर्ती हो जाएगी लेकिन आपत्तियों के कारण देर हो गई। अब बाधाएं दूर हो रही हैं। बायोकेमेस्ट्री और फूड टेक्नोलॉजी विषय को इंटरव्यू मेंशामिल होने वाले अभ्यर्थियों को बुलावा पत्र भेजा जा चुका है।
•यूजीसी के मानक के अनुसार पीएचडी का लाना होगा प्रमाण पत्र

Abhinay said...

एससी/एसटी की तरह विकलांग भी पिछड़े : हाईकोर्ट
Updated on: Sat, 15 Sep 2012 09:01 PM (IST)
पवन कुमार, नई दिल्ली
देश में विकलांग युवक-युवती भी उतने ही पिछड़े हुए हैं, जितना की एससी/एसटी वर्ग के लोग। विकलांग लोगों को भी एससी/एसटी वर्ग के लोगों की तरह नौकरी या शिक्षा पाने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। ऐसे में विकलांगों को एससी/एसटी के बराबर का दर्जा दिया जाना चाहिए। यह टिप्पणी करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एके सिकरी व जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ की खंडपीठ ने दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी (डीटीयू) से बीटेक करने के इच्छुक एक विकलांग छात्र को राहत देते हुए कहा कि विकलांग को भी दाखिले के समय नम्बरों में उतनी ही छूट मिलनी चाहिए, जितनी एससी/एसटी को दी जाती है।

Abhinay said...

फेल या पास नहीं, मूल्यांकन के लिए हो परीक्षा
नई दिल्ली/ब्यूरो
Story Update : Sunday, September 16, 2012 12:30 AM
आरटीई कानून के तहत आठवीं तक के बच्चों को फेल नहीं करने के नियम से शिक्षा के स्तर में गिरावट आई है। इस तर्क के आधार पर कुछ राज्यों द्वारा नियम में बदलाव की मांग को कैब सब कमेटी ने खारिज करते हुए सतत मूल्यांकन परीक्षा (सीसीई) को सुदृढ़ करने पर जोर दिया है। इसके लिए सभी राज्यों व स्वतंत्र संस्थाओं से भी सुझाव मांगा गया है।
उल्लेखनीय है कि जून महीने में कैब कमेटी की बैठक में कुछ राज्यों द्वारा प्राथमिक शिक्षा के स्तर में गिरावट पर चिंता जताते हुए इसके लिए आरटीई के तहत आठवीं तक बच्चों को फेल नहीं करनेकी नीति को जिम्मेदार बताया गया था।
मानव संसाधन विकास मंत्री ने इस मुद्दे पर हरियाणा की शिक्षा मंत्री गीता भुक्खल की अध्यक्षतामें एक सब कमेटी गठित की। इस कमेटी की पहली बैठक हो चुकी है। दूसरी बैठक जल्द होने वाली है। कमेटी ने पहली बैठक में आरटीई के तहत नो डिटेंशन नीति को सही माना है, लेकिन बच्चों को फेल नहीं करने का यह भी मतलब नहीं है कि स्कूलों में आठवीं तक परीक्षा ही नहीं ली जाए।
आरटीई में प्राइमरी स्तर पर कंटीन्यूअस एंड कंप्रहेंसिव इवैल्यूएशन (सीसीई) का प्रस्ताव है। बैठक में शामिल प्रो. नरगिस ने कहा कि विभिन्न शोध रिपोर्टों से स्पष्ट है कि बच्चे को किसी क्लास में फेल करने से वह अगले साल कुछ अतिरिक्त नहीं सीखता है। दूसरी ओर लगातार बच्चे का मूल्यांकन कर उसमें सुधार लाया जा सकता है। इसके लिए स्कूलों मेंहर महीने बच्चों के टेस्ट लिए जा सकते हैं।
कई राज्यों ने सीसीई के लिए जरूरीसंसाधनों की कमी का मुद्दा कमेटी के समक्ष रखा। सीसीई के लिए पंद्रह से बीस बच्चों पर एक शिक्षक होना चाहिए, जो व्यक्तिगत रूप से उन पर ध्यान दे सके, जबकि वर्तमान में कई राज्यों में चालीस से पचास बच्चों को पढ़ाने के लिए एक शिक्षक तैनात हैं। ऐसे में सीसीई को प्रभावी ढंग से कैसेलागू किया जा सकेगा।
जहां शिक्षक छात्र अनुपात बेहतर है उन राज्यों ने सीसीई को लागू करने के लिए प्रयास शुरू कर चुके हैं। कैब सब कमेटी ने सीसीई को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राज्यों से सुझाव मांगे हैं। इस माह के अंत तक सुझाव मिलने के बाद कैब सब कमेटी अगली बैठक में इस पर विचार कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी।

RAJVEER SINGH CHAUHAN:J.P.NAGAR AMROHA said...

dear abhay ji blog pr hum sabhi tetains apka suwagat krte h.thanks