UPTET, CTET, RTET, ATET, BITET, GTET, INTERVIEW, RESULTS, RECRUIMENT, GOVT. JOBS, सरकारी नौकरी / नियुक्ति परिणाम / टीईटी LATEST NEWS BREAKING NEWS UPDATE
BREAKING NEWS
Wednesday, 31 October 2012
UPTET - ALLAHABAD HIGH COURT LUCKNOW BENCH
ALLAHABAD HIGH COURT LUCKNOW BENCH
CASE NO- 5135
POSITION- 85
COURT NO- 6
-GH PRIN. M.C.DIXIT
85. SERS 5135-2012 ARVIND KUMAR SINGH & GANGA SINGH
-50 ORS.
NEXT CAUSE LIST Vs.STATE OF U.P. THROUG C.S.C.
-H CHIEF
86. SERS 5283-2012 ARVIND BAHADUR SINGH RIPUDAMAN SHAHI
Vs.STATE OF U.P. THROU C.S.C.
-GH PRIN. H.S.JAIN
JAI SHANKER SHUKLA
AT : 02:00 P.M.
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UPTET - टीईटी अभ्यर्थियों से धैर्य की अपील
UPTET - टीईटी अभ्यर्थियों से धैर्य की अपील
गाजीपुर। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक लंका मैदान में हुई। रमा त्रिपाठी ने संगठन को मजबूत करने का आह्वान करते हुए कहा कि निराश और हताश होने की आवश्यकता नहीं है। धैर्य का परिचय देने की जरूरत है। कहा कि हमारी मांग शुरू से ही टीईटी मेरिट की रही है और आगे भी रहेगी। हमे नि:स्वार्थ भाव से अपनी मांगपर अडिग रहना है। बैठक में अमित पांडेय, आनंद कुमार सिंह, अरुण यादव, चंद्रमा , सुशील, संजय, बालेश्वर, कुबेर यादव ने विचार रखे।
Source - Amar Ujala
30-10-2012
गाजीपुर। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक लंका मैदान में हुई। रमा त्रिपाठी ने संगठन को मजबूत करने का आह्वान करते हुए कहा कि निराश और हताश होने की आवश्यकता नहीं है। धैर्य का परिचय देने की जरूरत है। कहा कि हमारी मांग शुरू से ही टीईटी मेरिट की रही है और आगे भी रहेगी। हमे नि:स्वार्थ भाव से अपनी मांगपर अडिग रहना है। बैठक में अमित पांडेय, आनंद कुमार सिंह, अरुण यादव, चंद्रमा , सुशील, संजय, बालेश्वर, कुबेर यादव ने विचार रखे।
Source - Amar Ujala
30-10-2012
टीईटी अभ्यर्थियों की बैठक एक को
टीईटी अभ्यर्थियों की बैठक एक को
शिकोहाबाद
(ब्यूरो)। टीईटी महासंघ मोर्चा के अध्यक्ष रवीकांत सिंह के अनुसार अध्यापक
पात्रता परीक्षा- 2011 के सभी अभ्यर्थियों की बैठक एक नवंबर को नारायण इंटर
कालेज में सुबह साढ़े दस बजे आयोजित की गई है। बैठक में जनपद के समस्त
अभ्यर्थियों से भाग लेने को कहा गया है।
Source - Amar Ujala
30-10-2012
UPTET - टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
UPTET - टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
भत्ता नहीं रोजगार चाहिए, नहीं तो आंदोलन
•विरोध स्वरूप ज्यादातर युवाओं ने काले कपड़े पहन रखे थे
चित्रकूट। उत्तर प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की चित्रकूट इकाई ने सोमवार को भी सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी भत्ता नहीं रोजगार चाहिए के नारे लगाते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंचे और अपनी नियुक्ति की मांग करते हुए एसडीएम के द्वारा मुख्यमंत्री को अपनी मांगों का ज्ञापन भेजा। विरोध स्वरूप ज्यादातर युवाओं ने काले कपडे़ पहन रखे थे अन्यथा काले रंग के कपडे़ की पट्टी बांधकर विरोध जताया।
टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री को भेजे अपने पत्र में कहा कि लगभग तीन लाख उत्तीर्ण अभ्यर्थी पिछले एक साल से अपनी नियुक्ति की बाट जोह रहे हैं। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार द्वारा आवेदनपत्र के साथ लिए गए सौ रुपए के ड्राफ्ट को कैंसिल कर बेरोजगारों को उनका आवेदन शुल्क वापस करने की मांग की। संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष आलोक कुमार पांडे ने कहा कि उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया तो टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी जनआंदोलन के लिए बाध्य हो जाएंगे। इस अवसर पर रविकुमार, कमलेश कुमार, बीरेंद्र सिंह, अमृतलाल, कुंवर सिंह, चंद्रभूषण सिंह, सुरेंद्र रैकवार, अवधराज, रामदयाल आदि मौजूद रहे ।
Source - Amar Ujala
30-10-2012
UPTET - टीईटी भ्रष्टाचार का मामला भी उठेगा
UPTET - टीईटी भ्रष्टाचार का मामला भी उठेगा
फर्रुखाबाद। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के सदस्य अरविंद केजरीवाल के सामने टीईटी भ्रष्टाचार का मामला भी उठाएंगे। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक लक्ष्मण सिंह के साथ हुई। लक्ष्मण सिंह ने कहा कि टीईटी उत्तीर्ण होने वालों के साथ धोखा नहीं होने दिया जाएगा। संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष धीरेंद्र वर्मा ने कहा कि सरकार से जब भी हक मांगा तो लाठी मिली। अब यह लड़ाई केजरीवाल को सौंपी जाएगी। इस दौरान अनुज कटियार, रवीन्द्र दिवाकर, आलोक पाल, राकेश वाजपेई, अनिल कश्यप, कंचन कटियार, सुखवीर पाल, देवानंद सिंह, संदीप, आलोक दीक्षित, प्रदीप सिंह, पवन पाल, कर्मवीर सिंह, सुशील गुप्ता आदि मौजूद रहे
Source - Amar Ujala
30-10-2012
फर्रुखाबाद। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के सदस्य अरविंद केजरीवाल के सामने टीईटी भ्रष्टाचार का मामला भी उठाएंगे। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक लक्ष्मण सिंह के साथ हुई। लक्ष्मण सिंह ने कहा कि टीईटी उत्तीर्ण होने वालों के साथ धोखा नहीं होने दिया जाएगा। संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष धीरेंद्र वर्मा ने कहा कि सरकार से जब भी हक मांगा तो लाठी मिली। अब यह लड़ाई केजरीवाल को सौंपी जाएगी। इस दौरान अनुज कटियार, रवीन्द्र दिवाकर, आलोक पाल, राकेश वाजपेई, अनिल कश्यप, कंचन कटियार, सुखवीर पाल, देवानंद सिंह, संदीप, आलोक दीक्षित, प्रदीप सिंह, पवन पाल, कर्मवीर सिंह, सुशील गुप्ता आदि मौजूद रहे
Source - Amar Ujala
30-10-2012
UPTET - टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा का प्रदर्शन
UPTET - टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा का प्रदर्शन
आजमगढ़। बीएड, टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा ने शहीद कुंवर सिंह उद्यान गेट पर सोमवार को प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। बीएड डिग्री धारकों ने प्रदेश सरकार से सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति हेतु यथाशीघ्र विज्ञापन निकलवाने की मांग की।
टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्री धारकों का कहना है कि वह एक वर्ष से शिक्षक बनने की आस में बैठे हैं। पहले उच्च न्यायालय द्वारा भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी गयी थी, लेकिन अब उच्च न्यायालय और एनसीटीई से प्रतिबंध हटने के बाद भी शिक्षक भर्ती विज्ञापन में टाल मटोल किया जा रहा है। प्रदेश सरकार के शासनकाल में बेरोजगार युवा खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। डिग्री धारकों ने मुख्यमंत्री से तत्काल विज्ञापन प्रकाशित कर उनकी नियुक्ति करने की मांग की ।
Source - Amar Ujala
29-10-2012
आजमगढ़। बीएड, टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा ने शहीद कुंवर सिंह उद्यान गेट पर सोमवार को प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। बीएड डिग्री धारकों ने प्रदेश सरकार से सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति हेतु यथाशीघ्र विज्ञापन निकलवाने की मांग की।
टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्री धारकों का कहना है कि वह एक वर्ष से शिक्षक बनने की आस में बैठे हैं। पहले उच्च न्यायालय द्वारा भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी गयी थी, लेकिन अब उच्च न्यायालय और एनसीटीई से प्रतिबंध हटने के बाद भी शिक्षक भर्ती विज्ञापन में टाल मटोल किया जा रहा है। प्रदेश सरकार के शासनकाल में बेरोजगार युवा खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। डिग्री धारकों ने मुख्यमंत्री से तत्काल विज्ञापन प्रकाशित कर उनकी नियुक्ति करने की मांग की ।
Source - Amar Ujala
29-10-2012
Tuesday, 30 October 2012
BTC- बीटीसी प्रशिक्षितों में बेचैनी बढ़ा दी
BTC- बीटीसी प्रशिक्षितों में बेचैनी बढ़ा दी
जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया से
दरकिनार होने की आशंका ने बीटीसी प्रशिक्षितों में बेचैनी बढ़ा दी है। अब
अक्टूबर रिजल्ट घोषित होने की संभावना खत्म हो गई है। इससे क्षुब्ध होकर वे
अब सरकार पर दबाव बनाने की तैयारी में जुटे हैं। मंगलवार को बीटीसी
प्रशिक्षितों ने सभी जिलों के अभ्यर्थियों की मीटिंग बुलाई है। इसमें
आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।
प्रदेश में बीटीसी-2010 बैच के करीब 15,000 अभ्यर्थी हैं। इनमें अधिकांश टीईटी भी उत्तीर्ण हैं। आवेदन करने का मौका मिलने पर वे अपना चयन तय मान रहे हैं, लेकिन प्रयोगात्मक परीक्षा का रिजल्ट अधर में पड़ जाने से उनकी यह मंशा पूरी होती नहीं प्रतीत हो रही है। इस माह के पहले हफ्ते में उन्होंने परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की सचिव को ज्ञापन देकर अक्टूबर तक रिजल्ट घोषित करने का अनुरोध किया था। सचिव ने आश्वासन भी दिया था, लेकिन अभी तक कई जिलों से प्रयोगात्मक परीक्षा के अंक ही नहीं आ पाए हैं। कुछ जिलों में बा परीक्षा के ही अंक आ सके हैं। विभागीय अधिकारी स्वीकार करते हैं कि नवंबर के प्रथम सप्ताह तक रिजल्ट आ पाना मुश्किल है।
Source - Jagran
30-10-2012
प्रदेश में बीटीसी-2010 बैच के करीब 15,000 अभ्यर्थी हैं। इनमें अधिकांश टीईटी भी उत्तीर्ण हैं। आवेदन करने का मौका मिलने पर वे अपना चयन तय मान रहे हैं, लेकिन प्रयोगात्मक परीक्षा का रिजल्ट अधर में पड़ जाने से उनकी यह मंशा पूरी होती नहीं प्रतीत हो रही है। इस माह के पहले हफ्ते में उन्होंने परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की सचिव को ज्ञापन देकर अक्टूबर तक रिजल्ट घोषित करने का अनुरोध किया था। सचिव ने आश्वासन भी दिया था, लेकिन अभी तक कई जिलों से प्रयोगात्मक परीक्षा के अंक ही नहीं आ पाए हैं। कुछ जिलों में बा परीक्षा के ही अंक आ सके हैं। विभागीय अधिकारी स्वीकार करते हैं कि नवंबर के प्रथम सप्ताह तक रिजल्ट आ पाना मुश्किल है।
Source - Jagran
30-10-2012
BTC - निजी बीटीसी कॉलेजों में छात्र आवंटन की खत्म होगी वेटिंग
BTC - निजी बीटीसी कॉलेजों में छात्र आवंटन की खत्म होगी वेटिंग
प्रदेश में बीटीसी सत्र नियमित करने के लिए लागू की जा रही नई व्यवस्था
•
शैलेंद्र श्रीवास्तव
लखनऊ। निजी बीटीसी कॉलेजों को छात्र आवंटन के लिए अब इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सत्र शुरू होने से पहले निजी संस्थाओं को कोर्स संचालन के लिए संबद्धता देने के बाद छात्रों का आवंटन किया जाएगा। शासन स्तर पर इस संबंध में सहमति बन गई है और शीघ्र ही शासनादेश जारी करने की तैयारी है। शासन के उच्चाधिकारियों का मानना है कि संबद्धता प्रक्रिया समय से पूरी होने के बाद ही छात्र आवंटन की वेटिंग खत्म होगी। मौजूदा समय निजी कॉलेजों को संबद्धता मिलने के बाद छात्रों के आवंटन का इंतजार करना पड़ता है, क्योंकि निजी संस्थाएं छात्रों को सीधे प्रवेश नहीं दे सकती हैं। प्रदेश में बीटीसी सत्र नियमित न होने की वजह से सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है और इसके चलते बीएड डिग्रीधारकों को विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग देकर शिक्षक बनाना पड़ रहा है।
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षक रखने की योग्यता स्नातक व बीटीसी है। प्रदेश में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के साथ निजी कॉलेजों में बीटीसी कोर्स चल रहा है। हाईकोर्ट के आदेश पर वर्ष 2010 से निजी कॉलेजों को बीटीसी कोर्स शुरू करने की अनुमति दी गई है। निजी संस्थाओं को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से मान्यता लेने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) से संबद्धता लेना होता है। एससीईआरटी कॉलेजों को एक वर्ष के लिए संबद्धता देता है। संबद्धता देने के लिए समय सीमा निर्धारित न होने की वजह साल भर यह प्रक्रिया चलती रहती है। इसलिए संबद्धता मिलने के बाद निजी कॉलेजों को छात्र आवंटन के लिए इंतजार करना पड़ता है। प्रदेश में मौजूदा समय 98 निजी बीटीसी कॉलेज हैं। इसके अलावा 100 से अधिक कॉलेजों को संबद्धता देने की प्रक्रिया विचाराधीन है। प्रत्येक निजी कॉलेजों में 50-50 बीटीसी की सीटें हैं। शासन स्तर पर हुई बैठक में तय किया गया है कि अब कॉलेजों को संबद्धता यानी जुलाई से पहले दी जाएगी और इसके बाद प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
शासन ने इसके लिए एससीईआरटी से पूरा विवरण भी मांगा है कि संबद्धता के लिए किस वर्ष कितने आवेदन आए और इसमें से कितने पात्र पाए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में शीघ्र ही आदेश जारी कर दिया जाएगा ताकि आगामी वर्ष से बीटीसी सत्र को नियमित किया जा सके।
•उच्चाधिकारियोंकी बैठक में बनी सहमति शासनादेश शीघ्र
Source - Amar Ujala
30-10-2012
प्रदेश में बीटीसी सत्र नियमित करने के लिए लागू की जा रही नई व्यवस्था
•
शैलेंद्र श्रीवास्तव
लखनऊ। निजी बीटीसी कॉलेजों को छात्र आवंटन के लिए अब इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सत्र शुरू होने से पहले निजी संस्थाओं को कोर्स संचालन के लिए संबद्धता देने के बाद छात्रों का आवंटन किया जाएगा। शासन स्तर पर इस संबंध में सहमति बन गई है और शीघ्र ही शासनादेश जारी करने की तैयारी है। शासन के उच्चाधिकारियों का मानना है कि संबद्धता प्रक्रिया समय से पूरी होने के बाद ही छात्र आवंटन की वेटिंग खत्म होगी। मौजूदा समय निजी कॉलेजों को संबद्धता मिलने के बाद छात्रों के आवंटन का इंतजार करना पड़ता है, क्योंकि निजी संस्थाएं छात्रों को सीधे प्रवेश नहीं दे सकती हैं। प्रदेश में बीटीसी सत्र नियमित न होने की वजह से सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है और इसके चलते बीएड डिग्रीधारकों को विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग देकर शिक्षक बनाना पड़ रहा है।
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षक रखने की योग्यता स्नातक व बीटीसी है। प्रदेश में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के साथ निजी कॉलेजों में बीटीसी कोर्स चल रहा है। हाईकोर्ट के आदेश पर वर्ष 2010 से निजी कॉलेजों को बीटीसी कोर्स शुरू करने की अनुमति दी गई है। निजी संस्थाओं को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से मान्यता लेने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) से संबद्धता लेना होता है। एससीईआरटी कॉलेजों को एक वर्ष के लिए संबद्धता देता है। संबद्धता देने के लिए समय सीमा निर्धारित न होने की वजह साल भर यह प्रक्रिया चलती रहती है। इसलिए संबद्धता मिलने के बाद निजी कॉलेजों को छात्र आवंटन के लिए इंतजार करना पड़ता है। प्रदेश में मौजूदा समय 98 निजी बीटीसी कॉलेज हैं। इसके अलावा 100 से अधिक कॉलेजों को संबद्धता देने की प्रक्रिया विचाराधीन है। प्रत्येक निजी कॉलेजों में 50-50 बीटीसी की सीटें हैं। शासन स्तर पर हुई बैठक में तय किया गया है कि अब कॉलेजों को संबद्धता यानी जुलाई से पहले दी जाएगी और इसके बाद प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
शासन ने इसके लिए एससीईआरटी से पूरा विवरण भी मांगा है कि संबद्धता के लिए किस वर्ष कितने आवेदन आए और इसमें से कितने पात्र पाए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में शीघ्र ही आदेश जारी कर दिया जाएगा ताकि आगामी वर्ष से बीटीसी सत्र को नियमित किया जा सके।
•उच्चाधिकारियोंकी बैठक में बनी सहमति शासनादेश शीघ्र
Source - Amar Ujala
30-10-2012
केंद्र को भेजेंगे 1457 नए हाईस्कूलों का प्रस्ताव
केंद्र को भेजेंगे 1457 नए हाईस्कूलों का प्रस्ताव
जाब्यू, लखनऊ : राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) के तहत वित्तीय वर्ष 2012-13 में राज्य की ओर से केंद्र को सूबे में 1457 नए राजकीय हाईस्कूल की स्थापना का प्रस्ताव भेजा जाएगा। फैसला मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उप्र माध्यमिक शिक्षा अभियान परिषद के शासी निकाय की सोमवार को हुई बैठक में किया गया। सरकार की मंशा है कि नए हाईस्कूल असेवित क्षेत्रों, खास तौर पर अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में स्थापित किए जाएं। शासी निकाय ने आरएमएसए के तहत 2011-12 में स्वीकृत 449 हाईस्कूलों में शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के 4938 पदों के सृजन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। प्रत्येक हाईस्कूल में प्रधानाचार्य के एक, सहायक अध्यापक के सात, कनिष्ठ लिपिक के एक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के दो पदों के सृजन को स्वीकृति दी गई है। शासी निकाय ने 2010-11 में प्रदेश में स्वीकृत 148 मॉडल स्कूलों में शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के पदों के सृजन के प्रस्ताव पर विचार तो किया पर उसे मंजूरी नहीं दी। मॉडल स्कूल में सिर्फ एक वर्ग (कला/विज्ञान) की कक्षाएं संचालित करने के लिए जो न्यूनतम स्टाफ निर्धारित किया गया है उसमे प्रधानाचार्य का एक, प्रवक्ता के पांच, सहायक अध्यापक (एलटी ग्रेड) के सात, अपर डिवीजन क्लर्क का एक और समूह घ के चार पद हैं। योजना के तहत इन पदों के लिए सालाना वेतन 75 लाख रुपये तय किया गया है जबकि वेतन पर असल खर्च सालाना 92 लाख रुपये होगा। यदि कला और विज्ञान दोनों वर्ग की कक्षाएं संचालित की जाएंगी तो स्टाफ बढ़ेगा और वेतन पर प्रति वर्ष तकरीबन सवा करोड़ रुपये खर्च होगा। बैठक में यह तय हुआ कि इन पदों के सृजन के प्रस्ताव को स्वीकृति देने से पहले इन पदों पर नियुक्त किये जाने वाले शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन के लिए निर्धारित धनराशि को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया जाए। एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले के तहत यह तय किया गया है कि आरएमएसए के तहत स्वीकृत निर्माण कार्य तथा मॉडल स्कूलों व बालिका छात्रावासों को बनाने के लिए कार्यदायी संस्थाओं के चयन का अधिकार अब शासन स्तर की बजाय जिलाधिकारी/अध्यक्ष जिला शिक्षा परियोजना समिति को दे दिया जाए। संस्था वित्त विभाग से अनुमोदित होनी चाहिए। मुख्य सचिव ने आरएमएसए के तहत संचालित 105 विद्यालय भवनों का निर्माण नवंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया। पूरे हो चुके 35 विद्यालयों के भवनों को तत्काल हस्तांतरित कर उनमें कक्षाएं संचालित करने का भी निर्देश दिया।
Source - Jagran
जाब्यू, लखनऊ : राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) के तहत वित्तीय वर्ष 2012-13 में राज्य की ओर से केंद्र को सूबे में 1457 नए राजकीय हाईस्कूल की स्थापना का प्रस्ताव भेजा जाएगा। फैसला मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उप्र माध्यमिक शिक्षा अभियान परिषद के शासी निकाय की सोमवार को हुई बैठक में किया गया। सरकार की मंशा है कि नए हाईस्कूल असेवित क्षेत्रों, खास तौर पर अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में स्थापित किए जाएं। शासी निकाय ने आरएमएसए के तहत 2011-12 में स्वीकृत 449 हाईस्कूलों में शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के 4938 पदों के सृजन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। प्रत्येक हाईस्कूल में प्रधानाचार्य के एक, सहायक अध्यापक के सात, कनिष्ठ लिपिक के एक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के दो पदों के सृजन को स्वीकृति दी गई है। शासी निकाय ने 2010-11 में प्रदेश में स्वीकृत 148 मॉडल स्कूलों में शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के पदों के सृजन के प्रस्ताव पर विचार तो किया पर उसे मंजूरी नहीं दी। मॉडल स्कूल में सिर्फ एक वर्ग (कला/विज्ञान) की कक्षाएं संचालित करने के लिए जो न्यूनतम स्टाफ निर्धारित किया गया है उसमे प्रधानाचार्य का एक, प्रवक्ता के पांच, सहायक अध्यापक (एलटी ग्रेड) के सात, अपर डिवीजन क्लर्क का एक और समूह घ के चार पद हैं। योजना के तहत इन पदों के लिए सालाना वेतन 75 लाख रुपये तय किया गया है जबकि वेतन पर असल खर्च सालाना 92 लाख रुपये होगा। यदि कला और विज्ञान दोनों वर्ग की कक्षाएं संचालित की जाएंगी तो स्टाफ बढ़ेगा और वेतन पर प्रति वर्ष तकरीबन सवा करोड़ रुपये खर्च होगा। बैठक में यह तय हुआ कि इन पदों के सृजन के प्रस्ताव को स्वीकृति देने से पहले इन पदों पर नियुक्त किये जाने वाले शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन के लिए निर्धारित धनराशि को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया जाए। एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले के तहत यह तय किया गया है कि आरएमएसए के तहत स्वीकृत निर्माण कार्य तथा मॉडल स्कूलों व बालिका छात्रावासों को बनाने के लिए कार्यदायी संस्थाओं के चयन का अधिकार अब शासन स्तर की बजाय जिलाधिकारी/अध्यक्ष जिला शिक्षा परियोजना समिति को दे दिया जाए। संस्था वित्त विभाग से अनुमोदित होनी चाहिए। मुख्य सचिव ने आरएमएसए के तहत संचालित 105 विद्यालय भवनों का निर्माण नवंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया। पूरे हो चुके 35 विद्यालयों के भवनों को तत्काल हस्तांतरित कर उनमें कक्षाएं संचालित करने का भी निर्देश दिया।
Source - Jagran
UPTET - नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी करे सरकार
UPTET - नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी करे सरकार
आजमगढ़: बीएड टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक सोमवार को कुंवर सिंह उद्यान में हुई। इसमें टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्री धारकों के लिए प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन प्रकाशित कराने की मांग की गई। वक्ताओं ने कहा कि पहले सरकार न्यायालय से प्रतिबंध लगने का बहाना कर रही थी। अब न्यायालय और एनसीटीई से प्रतिबंध हटने के बाद भी भर्ती का विज्ञापन नहीं निकाला जा रहा है। बेरोजगार युवकों का उत्पीड़न कर सरकार अच्छा नहीं कर रही है। यदि सरकार विज्ञापन जारी नहीं करती है तो हम आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस मौके पर श्रीश यादव, हंसराज यादव, हौशिला प्रसाद कु शवाहा, सुभाष चंद, दिनेश, विजय गुप्ता, विशाल, रेयाज अहमद आदि उपस्थित थे।
Source - Jagran
29-10-2012
UTTARAKHAND TET - टीईटी की बाध्यता खत्म की जाए
UTTARAKHAND - टीईटी की बाध्यता खत्म की जाए
रामनगर: प्रशिक्षित स्नातक बेरोजगार संगठन ने टीईटी की बाध्यता को समाप्त करने की मांग की है। संगठन ने एलान किया कि यदि बाध्यता समाप्त न की गई और पूर्व की भांति नियुक्ति नहीं की गई तो उग्र आंदोलन को बाध्य होना पड़ेगा।
विकास भवन मालधन में सुनील कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में वक्ताओं ने कहा कि टीईटी 2011 में लागू हुई थी, इसलिए प्रशिक्षित बेरोजगारों को शासन से 2011 तक टीईटी में छूट दी जानी चाहिए। उन्होंने एक स्वर में आउट सोर्सिग के माध्यम से नियुक्तियों पर रोक लगाने की मांग की। कहा कि यदि सरकार आउट सोर्सिग से ही पद भर रही है तो उसे राज्य में बीएड कालेज खुलवाने की क्या आवश्यकता है। प्रशिक्षित स्नातक बेरोजगार युवकों के साथ अन्याय किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बैठक में सोहन लाल, अनिल कुमार, प्रमोद कुमार, इंद्रा, शालिनी, चंद्रप्रकाश, राधेश्याम, बलवंत, अनिल कुमार, जयप्रकाश, राधारानी, सुनील, सहदीप, अनिल, कविता, नंदकिशोर, मंजू कन्नौजिया, प्रकाश चंद्र, रमेश, राजेंद्र ने विचार रखे।
Source - Jagran
29-10-2012
UPTET - टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को कब मिलेगी नियुक्ति
UPTET - टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को कब मिलेगी नियुक्ति
उल्लेखनीय है कि टीईटी अभ्यर्थियों की नियुक्ति का मामला अभी भी न्यायालय की दहलीज पर न्याय की आस में है जबकि शासन अब तक अपना पक्ष स्पष्ट नहीं कर सका है। अभ्यर्थियों का कहना है कि शासन अपना एक निर्णय ले कि शिक्षकों की नियुक्ति गुणांक के आधार पर करनी है या बीएड की मैरिट के आधार पर। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी करीब एक वर्ष से नियुक्ति के इंतजार में है लेकिन शासन नियुक्ति प्रक्रिया का कोई खाका तैयार नहीं कर सका है जिससे 2 लाख 75 हजार परीक्षार्थी मारे-मारे फिर रहे हैं।
बता दें कि तत्कालीन बसपा सरकार ने नियुक्ति को टीईटी की मैरिट के आधार पर भर्ती की बात कही थी। जबकि उच्च स्तर पर धांधली के चलते वर्तमान सरकार ने टीईटी के साथ-साथ सामान्य वर्ग के परीक्षार्थियों के लिए 90 अंक, अन्य पिछड़े वर्ग व अनुसूचित जाति के परीक्षार्थियों के लिए 83 अंकों को पात्रता का आधार बनाया है। इसके अलावा नियुक्ति को हाईस्कूल के 10 प्रतिशत, इण्टर के 20 प्रतिशत, स्नातक के 40 प्रतिशत तथा बीएड थ्योरी व प्रयोगात्मक में प्रथम पर 12-12 अंक, द्वितीय श्रेणी में 6-6 अंक दिए जाएगे और तृतीय श्रेणी में 3-3 अंक दिए जाने पर सहमति बनी थी लेकिन अब सरकार ने विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया में बीएड के अंकों को जोड़ने का सुझाव एनसीआरटी से मांगा है। जिससे टीईटी अब सिरदर्द बन गयी है। जिससे टीईटी परीक्षार्थियों को न्यायालय से भी निराशा ही मिल रही है।
फिलहाल न्यायालय द्वारा सुनवाई की तारीख 6 नवम्बर कर दी गई है जबकि बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों के लिए वही शिक्षक पात्रता परीक्षा मान्य हो गयी है। जिसके लिए नियुक्ति का शासनादेश भी जारी हो चुका है। जिससे यह तो स्पष्ट है कि शासन ने वर्तमान शिक्षक पात्रता परीक्षा को बहाल कर दिया। बीएड टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की मांग है कि उन्हें भी न्यायालय व सरकार राहत देकर नियुक्ति दे। जिसमें निर्देश कुमार, बृजेश कुमार, शैलेंद्र यादव, ऋषि मिश्रा, हिमांशी यादव, विकास यादव, माधवेंद्र सिंह, सरिता चौहान, अभिषेक यादव आदि शामिल हैं।
Source - Jagran
29-10-2012
अब उच्चतर शिक्षा अभियान की तैयारी
अब उच्चतर शिक्षा अभियान की तैयारी
राजीव दीक्षित, लखनऊ प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा पर जोर देने के बाद केंद्र सरकार ने अब उच्च शिक्षा को तवज्जो देने की योजना बनायी है। इसको अंजाम देने के लिए सर्व शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के बाद अब राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (आरयूएसए) को अमली जामा पहनाने के लिए कवायद शुरू हो गई है। केंद्र सरकार की इस प्रस्तावित योजना के जरिये 316 राज्य विश्वविद्यालयोंऔर 33,023 कॉलेजों के वित्तपोषण की मंशा है ताकि उच्च शिक्षा की मौजूदा प्रवेश दर को 18.8 से बढ़ाकर 2020 तक 30 प्रतिशत तक पहुंचाने के साथ गुणवत्ता व उत्कृष्टता का लक्ष्य हासिल किया जा सके। यह एक छतरीनुमा योजना जिसके तहत राज्यों में नये विश्वविद्यालय और कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। मौजूदा संस्थानों में अवस्थापना सुविधाओं को उच्चीकृत किया जाएगा। शोध और नवोन्नयन को बढ़ावा देने के लिए अनुदान दिया जाएगा और पाठ्यक्रमों का परिवर्धन किया जाएगा। शिक्षण संस्थानों की फैकल्टी को मजबूत किया जाएगा। विश्वविद्यालयोंमें प्रशासनिक, शैक्षिक व संबद्धता संबंधी सुधार लागू किये जाएंगे। प्रशासनिक सुधार के तहत विश्वविद्यालयोंको शैक्षिक, वित्तीय और मानव संसाधन मामलों में अधिक स्वायत्तता देने का इरादा है। शैक्षिक सुधार के तहत विश्वविद्यालयोंमें सेमेस्टर प्रणाली व क्रेडिट प्रणाली को लागू करने, पाठ्यक्रम विकास और प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की मंशा है। योजना की खासियत यह है कि राज्यों को फंड देने का अधिकार उनमें विभिन्न वर्गों के लिए उच्च शिक्षा की सुलभता, समता व उत्कृष्टता होगी। उच्च शिक्षण संस्थाओं को फंडिंग राज्यों में गठित उच्च शिक्षा परिषदों के जरिये होगी। फंडिंग का आधार राज्यों द्वारा उच्च शिक्षा के लिए भेजा गया स्टेट प्लान होगा। योजना पर होने वाले खर्च में केंद्र और राज्यों की हिस्सेदारी 65:35 के अनुपात में होगी। राष्ट्रीय स्तर पर योजना के नीति निर्धारण, नियोजन व समीक्षा के लिए मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री की अध्यक्षता में आरयूएसए अथॉरिटी के गठन का प्रस्ताव है। स्टेट प्लान का परीक्षण कर उन्हें स्वीकृत करने, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्यों व उनके शिक्षण संस्थानों के प्रदर्शन का आकलन करने और धनराशि जारी करने को एचआरडी मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के सचिव की अध्यक्षता में आरयूएसए का प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड गठित होगा। केंद्रीय स्तर पर एचआरडी मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में परियोजना निदेशालय गठित होगा। प्रदेश स्तर पर राज्य का स्टेट प्लान तैयार करने और उसे क्रियान्वित कराने, योजना के नियोजन और पर्यवेक्षण के लिए किसी विख्यात शिक्षाविद् की अध्यक्षता में राज्य उच्च शिक्षा परिषद गठित की जाएगी। सूबे में योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने के लिए स्टेट मिशन डायरेक्टर की अध्यक्षता में राज्य परियोजना निदेशालय स्थापित होंगे। राष्ट्रीय शिक्षा सलाहकार परिषद (कैब) ने एचआरडी राज्य मंत्री की अध्यक्षता में विश्वविद्यालयोंमें सुधार के लिए गठित समिति ने आरयूएसए की बाबत मंत्रालय को रिपोर्ट दी है जिस पर एक नवंबर को होने वाली कैब की बैठक में विचार होगा।
Source - Jagran
29-10-2012
राजीव दीक्षित, लखनऊ प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा पर जोर देने के बाद केंद्र सरकार ने अब उच्च शिक्षा को तवज्जो देने की योजना बनायी है। इसको अंजाम देने के लिए सर्व शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के बाद अब राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (आरयूएसए) को अमली जामा पहनाने के लिए कवायद शुरू हो गई है। केंद्र सरकार की इस प्रस्तावित योजना के जरिये 316 राज्य विश्वविद्यालयोंऔर 33,023 कॉलेजों के वित्तपोषण की मंशा है ताकि उच्च शिक्षा की मौजूदा प्रवेश दर को 18.8 से बढ़ाकर 2020 तक 30 प्रतिशत तक पहुंचाने के साथ गुणवत्ता व उत्कृष्टता का लक्ष्य हासिल किया जा सके। यह एक छतरीनुमा योजना जिसके तहत राज्यों में नये विश्वविद्यालय और कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। मौजूदा संस्थानों में अवस्थापना सुविधाओं को उच्चीकृत किया जाएगा। शोध और नवोन्नयन को बढ़ावा देने के लिए अनुदान दिया जाएगा और पाठ्यक्रमों का परिवर्धन किया जाएगा। शिक्षण संस्थानों की फैकल्टी को मजबूत किया जाएगा। विश्वविद्यालयोंमें प्रशासनिक, शैक्षिक व संबद्धता संबंधी सुधार लागू किये जाएंगे। प्रशासनिक सुधार के तहत विश्वविद्यालयोंको शैक्षिक, वित्तीय और मानव संसाधन मामलों में अधिक स्वायत्तता देने का इरादा है। शैक्षिक सुधार के तहत विश्वविद्यालयोंमें सेमेस्टर प्रणाली व क्रेडिट प्रणाली को लागू करने, पाठ्यक्रम विकास और प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की मंशा है। योजना की खासियत यह है कि राज्यों को फंड देने का अधिकार उनमें विभिन्न वर्गों के लिए उच्च शिक्षा की सुलभता, समता व उत्कृष्टता होगी। उच्च शिक्षण संस्थाओं को फंडिंग राज्यों में गठित उच्च शिक्षा परिषदों के जरिये होगी। फंडिंग का आधार राज्यों द्वारा उच्च शिक्षा के लिए भेजा गया स्टेट प्लान होगा। योजना पर होने वाले खर्च में केंद्र और राज्यों की हिस्सेदारी 65:35 के अनुपात में होगी। राष्ट्रीय स्तर पर योजना के नीति निर्धारण, नियोजन व समीक्षा के लिए मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री की अध्यक्षता में आरयूएसए अथॉरिटी के गठन का प्रस्ताव है। स्टेट प्लान का परीक्षण कर उन्हें स्वीकृत करने, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्यों व उनके शिक्षण संस्थानों के प्रदर्शन का आकलन करने और धनराशि जारी करने को एचआरडी मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के सचिव की अध्यक्षता में आरयूएसए का प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड गठित होगा। केंद्रीय स्तर पर एचआरडी मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में परियोजना निदेशालय गठित होगा। प्रदेश स्तर पर राज्य का स्टेट प्लान तैयार करने और उसे क्रियान्वित कराने, योजना के नियोजन और पर्यवेक्षण के लिए किसी विख्यात शिक्षाविद् की अध्यक्षता में राज्य उच्च शिक्षा परिषद गठित की जाएगी। सूबे में योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने के लिए स्टेट मिशन डायरेक्टर की अध्यक्षता में राज्य परियोजना निदेशालय स्थापित होंगे। राष्ट्रीय शिक्षा सलाहकार परिषद (कैब) ने एचआरडी राज्य मंत्री की अध्यक्षता में विश्वविद्यालयोंमें सुधार के लिए गठित समिति ने आरयूएसए की बाबत मंत्रालय को रिपोर्ट दी है जिस पर एक नवंबर को होने वाली कैब की बैठक में विचार होगा।
Source - Jagran
29-10-2012
UPTET - सम्मेलन स्थल परधरने पर बैठे टीईटी अभ्यर्थी
UPTET - सम्मेलन स्थल परधरने पर बैठे टीईटी
अभ्यर्थी
मिर्जापुर (ब्यूरो)। नगर के राजश्री पैलेस में चल रहे सपा के कार्यकर्ता सम्मेलन में भाग लेने आए प्रदेश के बेसिक शिक्षा व बाल विकास पुष्टाहार मंत्री रामगोविंद चौधरी से मिलने पहुंचे टीईटी अभ्यर्थियों ने सम्मेलन स्थल पर ही धरना दे दिया।
टीईटी के उर्त्तीण अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर बेसिक शिक्षा व बाल विकास पुष्टाहार मंत्री के सामने पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। इस पर आयोजक ने कहा कि मंत्री उनकी बात को जरूर सुनेंगे इसके लिए उन्हें इंतजार करना होगा। इस पर सभी अभ्यर्थी वहीं पिक्चर हाल के बरामदे में धरने पर बैठ गए। सम्मेलन खत्म होने पर मंत्री सिंचाई डाक बंगले में चले गए और वहीं पर टीईटी उर्त्तीण लोगाें के प्रतिनिधि मंडल को बुलवाकर उनसे मुलाकात की। मंत्री ने कहा कि उनकी समस्या को एक दो माह के अंदर हल कर ली जाएगी। इसके बाद टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी शांत हो गए और वापस चले गए।
Source - Amar Ujala
30-10-2012
शिक्षा में उप्र का रखेंगे खास ध्यान : जितिन
शिक्षा में उप्र का रखेंगे खास ध्यान : जितिन
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश की स्कूली शिक्षा पर अब केंद्र भी खास ध्यान देगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री बने जितिन प्रसाद ने कहा कि देश की शिक्षा का काम तो देखेंगे ही, लेकिन उत्तार प्रदेश का खास खयाल रखेंगे। शिक्षा का अधिकार कानून के समुचित अमल व अल्पसंख्यकों की शिक्षा उनकी प्राथमिकता में है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय में सोमवार को अपना कार्यभार संभालने पहुंचे जितिन प्रसाद ने कहा, 'मैं उत्तार प्रदेश से आता हूं। पूरे देश के अलावा उसको खास तवज्जो दूंगा। कमियों को दूर करने का प्रयास करूंगा। अल्पसंख्यकों की शिक्षा का स्तर उठाना चाहूंगा'। उन्होंने कहा कि उनकी मंशा शिक्षा के मामले में उत्तार प्रदेश को भी देश के उन राज्यों के बराबर लाने की है, जो इस क्षेत्र में बहुत अच्छा कर रहे हैं। मॉडल स्कूल खोलना, व्यावसायिक शिक्षा व अल्पसंख्यक शिक्षा उनकी प्राथमिकताओं में शामिल हैं।
गौरतलब है कि सरकार ने 11वीं योजना में ही हर ब्लाक में एक मॉडल स्कूल खोलने का फैसला किया था। 3500 मॉडल स्कूल शैक्षिक रूप से पिछड़े ब्लाकों में केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से खुलने थे। जबकि 2500 स्कूल सार्वजनिक व निजी भागीदारी के तहत खुलने थे। संप्रग-2 सरकार का भी तीन साल से ज्यादा समय बीत गया, लेकिन तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल भी इसे जमीन पर नहीं उतार सके। अब जितिन इसे अपनी प्राथमिकता बता रहे हैं। मानव संसाधन विकास मंत्री एमएम पल्लम राजू ने अभी कार्यभार नहीं संभाला है। बुधवार को उनके कार्यभार संभालने की उम्मीद है।
Source - Jagran
29-10-2012
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश की स्कूली शिक्षा पर अब केंद्र भी खास ध्यान देगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री बने जितिन प्रसाद ने कहा कि देश की शिक्षा का काम तो देखेंगे ही, लेकिन उत्तार प्रदेश का खास खयाल रखेंगे। शिक्षा का अधिकार कानून के समुचित अमल व अल्पसंख्यकों की शिक्षा उनकी प्राथमिकता में है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय में सोमवार को अपना कार्यभार संभालने पहुंचे जितिन प्रसाद ने कहा, 'मैं उत्तार प्रदेश से आता हूं। पूरे देश के अलावा उसको खास तवज्जो दूंगा। कमियों को दूर करने का प्रयास करूंगा। अल्पसंख्यकों की शिक्षा का स्तर उठाना चाहूंगा'। उन्होंने कहा कि उनकी मंशा शिक्षा के मामले में उत्तार प्रदेश को भी देश के उन राज्यों के बराबर लाने की है, जो इस क्षेत्र में बहुत अच्छा कर रहे हैं। मॉडल स्कूल खोलना, व्यावसायिक शिक्षा व अल्पसंख्यक शिक्षा उनकी प्राथमिकताओं में शामिल हैं।
गौरतलब है कि सरकार ने 11वीं योजना में ही हर ब्लाक में एक मॉडल स्कूल खोलने का फैसला किया था। 3500 मॉडल स्कूल शैक्षिक रूप से पिछड़े ब्लाकों में केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से खुलने थे। जबकि 2500 स्कूल सार्वजनिक व निजी भागीदारी के तहत खुलने थे। संप्रग-2 सरकार का भी तीन साल से ज्यादा समय बीत गया, लेकिन तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल भी इसे जमीन पर नहीं उतार सके। अब जितिन इसे अपनी प्राथमिकता बता रहे हैं। मानव संसाधन विकास मंत्री एमएम पल्लम राजू ने अभी कार्यभार नहीं संभाला है। बुधवार को उनके कार्यभार संभालने की उम्मीद है।
Source - Jagran
29-10-2012
वादे पूरे कर रही है सरकार: राम गोविंद
वादे पूरे कर रही है सरकार: राम गोविंद
• अमर उजाला ब्यूरो
मंत्री का दावा
•सूबे की सरकार द्वारा किया गया वादा हो रहा पूरा
•टीईटी की समस्या को एक दो माह में कर लिया जाएगा हल
•स्कूलाें में शिक्षकाें की कमी को जल्द किया जाएगा पूरा
•बच्चाें की पसंद से बनेगा पुष्टाहार
मिर्जापुर। सपा ने जनता से जो वादे किए थे उस पर अमलीजामा पहनाने का काम शुरू कर दिया गया है। सरकार शिक्षा में सुधार लाने के लिए तत्पर है। अगले कुछ माह में शिक्षकों की भर्ती की जाएगी, जहां शिक्षकाें की कमी है उन स्थानों को चिह्नित कर तैनाती की प्रक्रिया चल रही है तथा अगले एक दो माह में टीईटी उतीर्ण अभ्यर्थियों की समस्या का समाधान कर लिया जाएगा। यह बातें सूबे के बेसिक शिक्षा व बाल विकास पुष्टाहार मंत्री रामगोविंंद चौधरी ने लोंहदी स्थित राज्यमंत्री कैलाश चौरसिया के आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहीं।
मंत्री ने दावा किया कि बेरोजगारी भत्ता हो, कन्या विद्या धन या अन्य कोई योजना सभी पर गंभीरता से अमल किया जा रहा है। शिक्षा के गिरते स्तर पर कहा कि जनता सरकारी स्कूलाें के प्रति विश्वास रखे तभी इनका स्तर उठेगा। कहा कि निजी स्कूलाें के शिक्षक प्रशिक्षित नहीं होते हैं जबकि सरकारी स्कूलाें में प्रशिक्षित और योग्य शिक्षक तैनात किए जाते हैं। सरकार किताब से लेकर भोजन, वजीफा और ड्रेस सहित तमाम सुविधाएं मुफ्त मुहैया करा रही है जबकि निजी स्कूलों में ऐसा कुछ नहीं है। कहा कि टीईटी उत्तीर्ण लोगों की समस्या अगले एक दो माह में हल कर ली जाएगी।
स्कूलाें में मिड डे मील में गड़बड़ियों के सवाल पर कहा कि अगले कुछ दिनाें से वह गुप्त तरीके से इसकी जांच कराएंगे और जहां भी गड़बड़ी मिलेगी वहां के कर्मचारी व अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुष्टाहार के बारे में कहा कि अब बच्चाें के पसंद के हिसाब से आहार बनवाया जाएगा ताकि बच्चे खुश हो कर उसका सेवन करें। श्री चौधरी ने कहा कि विकलांगों के लिए विशेष शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है और जो विकलांग घर से नहीं निकल पाते हैं उनके लिए घर पर शिक्षा व्यवस्था करने की योजना बनाई जा रही है।
मंत्री ने कहा कि प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का काम भाजपा कर रही है क्योंकि उसके पास अब कोई अन्य मुद्दा नहीं बचा है। भाजपा अब सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। पत्रकार वार्ता के दौरान नगर विधायक व प्रदेश के राज्यमंत्री कैलाश चौरसिया सहित अन्य सपा नेता मौजूद रहे।
Source - Amar Ujala
30-10-2012
• अमर उजाला ब्यूरो
मंत्री का दावा
•सूबे की सरकार द्वारा किया गया वादा हो रहा पूरा
•टीईटी की समस्या को एक दो माह में कर लिया जाएगा हल
•स्कूलाें में शिक्षकाें की कमी को जल्द किया जाएगा पूरा
•बच्चाें की पसंद से बनेगा पुष्टाहार
मिर्जापुर। सपा ने जनता से जो वादे किए थे उस पर अमलीजामा पहनाने का काम शुरू कर दिया गया है। सरकार शिक्षा में सुधार लाने के लिए तत्पर है। अगले कुछ माह में शिक्षकों की भर्ती की जाएगी, जहां शिक्षकाें की कमी है उन स्थानों को चिह्नित कर तैनाती की प्रक्रिया चल रही है तथा अगले एक दो माह में टीईटी उतीर्ण अभ्यर्थियों की समस्या का समाधान कर लिया जाएगा। यह बातें सूबे के बेसिक शिक्षा व बाल विकास पुष्टाहार मंत्री रामगोविंंद चौधरी ने लोंहदी स्थित राज्यमंत्री कैलाश चौरसिया के आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहीं।
मंत्री ने दावा किया कि बेरोजगारी भत्ता हो, कन्या विद्या धन या अन्य कोई योजना सभी पर गंभीरता से अमल किया जा रहा है। शिक्षा के गिरते स्तर पर कहा कि जनता सरकारी स्कूलाें के प्रति विश्वास रखे तभी इनका स्तर उठेगा। कहा कि निजी स्कूलाें के शिक्षक प्रशिक्षित नहीं होते हैं जबकि सरकारी स्कूलाें में प्रशिक्षित और योग्य शिक्षक तैनात किए जाते हैं। सरकार किताब से लेकर भोजन, वजीफा और ड्रेस सहित तमाम सुविधाएं मुफ्त मुहैया करा रही है जबकि निजी स्कूलों में ऐसा कुछ नहीं है। कहा कि टीईटी उत्तीर्ण लोगों की समस्या अगले एक दो माह में हल कर ली जाएगी।
स्कूलाें में मिड डे मील में गड़बड़ियों के सवाल पर कहा कि अगले कुछ दिनाें से वह गुप्त तरीके से इसकी जांच कराएंगे और जहां भी गड़बड़ी मिलेगी वहां के कर्मचारी व अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुष्टाहार के बारे में कहा कि अब बच्चाें के पसंद के हिसाब से आहार बनवाया जाएगा ताकि बच्चे खुश हो कर उसका सेवन करें। श्री चौधरी ने कहा कि विकलांगों के लिए विशेष शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है और जो विकलांग घर से नहीं निकल पाते हैं उनके लिए घर पर शिक्षा व्यवस्था करने की योजना बनाई जा रही है।
मंत्री ने कहा कि प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का काम भाजपा कर रही है क्योंकि उसके पास अब कोई अन्य मुद्दा नहीं बचा है। भाजपा अब सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। पत्रकार वार्ता के दौरान नगर विधायक व प्रदेश के राज्यमंत्री कैलाश चौरसिया सहित अन्य सपा नेता मौजूद रहे।
Source - Amar Ujala
30-10-2012
Monday, 29 October 2012
बीटीसी बेरोजगारों ने अर्धनग्न प्रदर्शन कर मांगा रोजगार
बीटीसी बेरोजगारों ने अर्धनग्न प्रदर्शन कर मांगा रोजगार
चित्रकूट, कार्यालय संवाददाता : प्रदेश सरकार की नीतियों से खिन्न बीटीसी
बेरोजगारों ने रविवार को अर्धनग्न प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया। मुख्यालय
की सड़को में प्रदर्शन करने के बाद एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना दिया। इसके
बाद चार सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौपा।
बेरोजगारी भत्ता नहीं
रोजगार चाहिए के नारे लगाते हुए बीटीसी बेरोजगारों का जुलूस कचेहरी परिसर
से निकला। जुलूस ट्रैफिक चौराहा, पटेल चौक होते हुए एसडीएम कार्यालय
पहुंचकर धरने में बदल गया। धरने को संबोधित करते हुए अभाविप के राष्ट्रीय
कार्यकारणी सदस्य आलोक पांडेय ने कहा कि प्रदेश की सपा सरकार चुनाव के
दौरान किए गए वादों से मुकर रही है। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों
में लगभग तीन लाख शिक्षकों के पद खाली हैं। इसके बाद भी शिक्षकों की भर्ती
के लिए कोई प्रक्रिया नहीं की जा रही। कहा कि 15 दिनों के अंदर भर्ती
प्रकिया के लिए विज्ञापन नहीं निकाला गया तो आंदोलन उग्र रूप से किया
जाएगा।
जिलाध्यक्ष चंद्रभूषण सिंह ने कहा कि सरकार बेरोजगारों को
भत्ता बाट रही है और रोजगार मांगने वालों की उपेक्षा कर रही है। इसका
खामियाजा आने वाल लोकसभा के चुनाव में देखने को मिलेगा। धरने के बाद
बेरोजगार प्रदर्शन करते हुए सीआईसी पहुंचे। जहां मुख्यमंत्री को संबोधित
चार सूत्रीय ज्ञापन एसडीएम बीके गुप्ता को सौपा। इस दौरान वीरेंद्र सिंह,
राजेंद्र प्रसाद, जगतपाल, रामदयाल, रवि कुमार जायसवाल, कमलेश कुमार, अजय
सिंह, अमृत लाल, कुंवर सिंह, सुरेंद्र रैकवार व शिवकुमार आदि बेरोजगार
मौजूद थे।
Source - Amar Ujala
29-10-2012
चित्रकूट, कार्यालय संवाददाता : प्रदेश सरकार की नीतियों से खिन्न बीटीसी बेरोजगारों ने रविवार को अर्धनग्न प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया। मुख्यालय की सड़को में प्रदर्शन करने के बाद एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना दिया। इसके बाद चार सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौपा।
बेरोजगारी भत्ता नहीं रोजगार चाहिए के नारे लगाते हुए बीटीसी बेरोजगारों का जुलूस कचेहरी परिसर से निकला। जुलूस ट्रैफिक चौराहा, पटेल चौक होते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंचकर धरने में बदल गया। धरने को संबोधित करते हुए अभाविप के राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य आलोक पांडेय ने कहा कि प्रदेश की सपा सरकार चुनाव के दौरान किए गए वादों से मुकर रही है। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में लगभग तीन लाख शिक्षकों के पद खाली हैं। इसके बाद भी शिक्षकों की भर्ती के लिए कोई प्रक्रिया नहीं की जा रही। कहा कि 15 दिनों के अंदर भर्ती प्रकिया के लिए विज्ञापन नहीं निकाला गया तो आंदोलन उग्र रूप से किया जाएगा।
जिलाध्यक्ष चंद्रभूषण सिंह ने कहा कि सरकार बेरोजगारों को भत्ता बाट रही है और रोजगार मांगने वालों की उपेक्षा कर रही है। इसका खामियाजा आने वाल लोकसभा के चुनाव में देखने को मिलेगा। धरने के बाद बेरोजगार प्रदर्शन करते हुए सीआईसी पहुंचे। जहां मुख्यमंत्री को संबोधित चार सूत्रीय ज्ञापन एसडीएम बीके गुप्ता को सौपा। इस दौरान वीरेंद्र सिंह, राजेंद्र प्रसाद, जगतपाल, रामदयाल, रवि कुमार जायसवाल, कमलेश कुमार, अजय सिंह, अमृत लाल, कुंवर सिंह, सुरेंद्र रैकवार व शिवकुमार आदि बेरोजगार मौजूद थे।
BIHAR TET - अंकपत्र में फर्जीवाड़ा उजागर
BIHAR TET - अंकपत्र में फर्जीवाड़ा उजागर
-Source - Jagran
28-10-2012
UPTET - टीईटी अभ्यर्थियों ने बनाई घेरा डालो-डेरा डालो की रणनीति
UPTET - टीईटी अभ्यर्थियों ने बनाई घेरा डालो-डेरा डालो की रणनीति
-उप्र टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक रविवार को टाउनहाल परिसर में आयोजित की गई। बैठक में सरकार द्वारा जारी विज्ञापन के आधार पर नियुक्ति न किए जाने के विरोध में पूरे प्रदेश में जन प्रतिनिधियों के आवास पर घेरा डालो-डेरा डालो आंदोलन की रणनीति तय की गई।
बैठक में आंदोलन की सफलता के लिए नए ब्लाक अध्यक्षों का चुनाव किया गया। इसके तहत गोरखनाथ यादव को भागलपुर ब्लाक, शमशेद अहमद को गौरीबाजार, मनोज सिंह को रामपुर कारखाना, अमितेश बर्नवाल को सलेमपुर, अध्यक्ष पुण्डरीकाक्ष शर्मा को देवरिया नगर, संतोष कुशवाहा को भटनी तथा संदीप कुशवाहा को भाटपार ब्लाक का अध्यक्ष चुना गया।
बैठक को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष अनुराग मल्ल व महामंत्री गौरीशंकर पाठक ने कहा कि नियुक्ति की मांग को लेकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है। राज्य सरकार को एनसीटीई ने अपने गाइडलाइन में जनवरी-2012 के बाद शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 31 मार्च-2014 तक छूट प्रदान की है तथा आवश्यक शर्त के रूप में स्पष्ट तौर पर नियुक्ति के पश्चात प्रशिक्षण तथा टीईटी पास होना अनिवार्य किया है। बावजूद इसके सरकार पिछले कई महीनों से विज्ञापन का बहाना बनाकर हम अभ्यर्थियों के साथ अन्याय कर रही है।
इस अवसर पर रघुवंश शुक्ला, विकास पांडेय, दीपक सिंह, मनोज सिंह, सच्चिदानंद मिश्रा, अनिल कुमार, रतेंद्र सिंह, रिपुसूदन चौहान, राजीव गुप्ता, गोरखनाथ यादव, संतोष चौबे, विकास पांडेय, शैलेष मणि त्रिपाठी, मनोज मिश्रा, अभिमन्यु मद्धेशिया तथा रघुवंश दूबे आदि मौजूद रहे।
Source - Jagran
28-10-2012
देश में शिक्षकों के 11 लाख से अधिक पद रिक्त
देश में शिक्षकों के 11 लाख से अधिक पद रिक्त |
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शिक्षकों की भारी कमी छह से 14 वर्ष के बच्चों के लिए शिक्षा के अधिकार कानून में अहम बाधा बनी हुई है.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, ‘देश के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में शिक्षकों के 50,68,766 मंजूर पद हैं जबकि अभी भी 11,28915 पद खाली हैं.’
उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के 3,09,910 पद, बिहार में 2,60,842, पश्चिम बंगाल में 1,17,442 और मध्यप्रदेश में 92,301 पद रिक्त हैं.
महाराष्ट्र में शिक्षकों के 32,746 पद, झारखंड में 47,700 पद, राजस्थान में 50 हजार पद और ओडिशा में 31,202 पद रिक्त हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, देश के कुल 10,68,435 स्कूलों में 94.26 प्रतिशत (10,07,104 स्कूलों) में बच्चों के लिए पेयजल की व्यवस्था है. हालांकि 2,44,249 स्कूलों (22.88 प्रतिशत) में लड़कियों के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था नहीं है.
मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) को अधिसूचित कर दिया है. 24
राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन किया जा चुका है, जबकि सभी राज्यों ने आकादमिक प्राधिकार को
अधिसूचित कर दिया है.’
उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी को दूर करने एवं शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए प्रयास हो रहे हैं. ‘एक नवंबर को केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) की
बैठक में इस विषय पर राज्यों एवं शिक्षा के अन्य पक्षों के साथ व्यापक चर्चा होगी.’
अधिकारी ने कहा कि आरटीई की धारा 25 (1) के तहत शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 27 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी)
आयोजित की है जबकि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने तीन बार सीटीईटी परीक्षा ली है.
आरटीई की धारा 23 (2) के तहत, राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ, पश्चिम बंगाल और असम को शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए कहा है.
मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, देश के विभिन्न क्षेत्रों में अभी 8.6 लाख अप्रशिक्षित शिक्षक हैं. इसमें पश्चिम बंगाल में 1.97 लाख, बिहार में 1.86 लाख, उत्तर प्रदेश में 1.43 लाख, झारखंड में 77 हजार, छत्तीसगढ़ में 48 हजार, ओडिशा में 40 हजार, जम्मू कश्मीर में 31 हजार, असम में 16 हजार, मेघालय में 14 हजार, त्रिपुरा में 10 हजार, अरूणाचल प्रदेश में नौ हजार अप्रशिक्षित शिक्षक हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, नगालैण्ड, ओडिशा, उत्तरप्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश ने पाठ्यक्रम नवीनीकरण के कार्य को पूरा कर लिया है जबकि आंध्रप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, सिक्किम, त्रिपुरा, तमिलनाडु, पंजाब और पश्चिम बंगाल में अभी प्रक्रिया जारी है.
Source - Samay Live
28-10-2012
देश में शिक्षकों के 11 लाख से अधिक पद रिक्त
देश में शिक्षकों के 11 लाख से अधिक पद रिक्त
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, देश के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में शिक्षकों के 50,68,766 मंजूर पद हैं जबकि अभी भी 11,28915 पद खाली हैं। उत्तरप्रदेश में शिक्षकों के 3,09,910 पद, बिहार में 2,60,842 पद, पश्चिम बंगाल में 1,17,442 पद और मध्यप्रदेश में 92,301 पद रिक्त हैं। महाराष्ट्र में शिक्षकों के 32,746 पद, झारखंड में 47,700 पद, राजस्थान में 50 हजार पद और ओडिशा में 31,202 पद रिक्त हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, देश के कुल 10,68,435 स्कूलों में 94.26 प्रतिशत :10,07,104 स्कूलों: में बच्चों के लिए पेयजल की व्यवस्था है । हालांकि 2,44,249 स्कूलों : 22.88 प्रतिशत: में लड़कियों के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था नहीं है।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) को अधिसूचित कर दिया है । 24 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन किया जा चुका है, जबकि सभी राज्यों ने आकादमिक प्राधिकार को अधिसूचित कर दिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी को दूर करने एवं शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए प्रयास हो रहे हैं। एक नवंबर को केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) की बैठक में इस विषय पर राज्यों एवं शिक्षा के अन्य पक्षों के साथ व्यापक चर्चा होगी।
बलात्कारी हरि शंकर के वकील ने अदालत से अभियुक्त के प्रति नरमी बरतने का अनुरोध करते हुए कहा कि उनका मुवक्किल परिवार के लिए जीविकोपार्जन करने वाला एक मात्र सदस्य है और पत्नी के अलावा उसके दो बच्चे भी हैं। वकील का कहना था कि हरि शंकर का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है और उसके सामने पूरी जिंदगी पड़ी है। उन्होंने यह भी कहा कि अभियुक्त जुलाई, 2011 से ही जेल में हैं। इसलिए उसे जेल में बिताई गयी अवधि के आधार पर ही रिहा कर दिया जाये।
लेकिन अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने इन दलीलों को दरकिनार करते हुए कहा कि अभियुक्त का अपराध घृणित और बर्बरतापूर्ण है। अभियुक्त ने सभी नैतिक और सामाजिक मूल्यों को तिलांजलि देते हुए अपनी ही शिष्या के साथ कुकर्म करके उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी है। उन्होंने कहा कि अभियुक्त के अपराध की गंभीरता को देखते हुए उसके साथ किसी प्रकार की नरमी नहीं बरती जा सकती। न्यायाधीश ने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध और विशेषकर बलात्कार की घटनाएं निरंतर बढ़ रही हैं और सबसे दुखद बात यह है कि ऐसा लगता है कि इसके प्रति समाज चिंतित ही नहीं है और वह महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए जरा भी चिंता नहीं दिखा रहा है।
Source - Zee News
28-10-2012
UPTET - विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया में फिर पेंच
UPTET - विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया में फिर पेंच
•अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों के लिए विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया में मेरिट को लेकर फिर पेंच फंस गया है। नया पेंच बीएड के अंकों को लेकर है। बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने पूछा है कि बीएड के अंकों को शामिल किया जाना कहां तक उचित है। शासन ने इसके आधार पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) से एक बार फिर सुझाव मांगा है कि विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया के लिए बनने वाली मेरिट में बीएड के अंकों को जोड़ा जाए या नहीं।
प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में करीब पौने तीन लाख शिक्षकों की कमी है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने राज्य सरकार को टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों को शिक्षक पद पर रखने की अनुमति दे रखी है। यूपी के प्राइमरी स्कूलों में पहले चरण में 72 हजार 825 सहायक अध्यापक रखे जाने हैं। इसके लिए टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों को छह माह का विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण दिया जाएगा। विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण के लिए अभ्यर्थियों का चयन मेरिट के आधार पर किया जाना है।
इसके लिए एससीईआरटी ने हाईस्कूल के कुल प्रतिशत का 10 अंक, इंटर के कुल प्रतिशत का 20 व स्नातक का 40 अंक और बीएड में प्रथम श्रेणी या उससे ऊपर पर थ्यौरी व प्रैक्टिकल का 12-12 अंक, द्वितीय श्रेणी या इससे ऊपर होने पर 6-6 और तृतीय श्रेणी या उससे ऊपर पर 3-3 अंक जोड़कर मेरिट बनाने का फार्मूला तय किया था। शासन स्तर पर उच्चाधिकारियों की बैठक में भी इस पर सहमति बन गई थी। इस पर मंजूरी के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री के यहां प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन उन्होंने विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया के लिए बनने वाली मेरिट में बीएड के अंकों को शामिल करने पर एक बार फिर से परीक्षण कराने का निर्देश दे दिया। इसके आधार पर ही एससीईआरटी से सुझाव मांगा गया है। वहां से सुझाव मिलने के बाद ही इस पर अंतिम निर्णय किया जाएगा।
Source - Amar Ujala
29-10-2012
•अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों के लिए विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया में मेरिट को लेकर फिर पेंच फंस गया है। नया पेंच बीएड के अंकों को लेकर है। बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने पूछा है कि बीएड के अंकों को शामिल किया जाना कहां तक उचित है। शासन ने इसके आधार पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) से एक बार फिर सुझाव मांगा है कि विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया के लिए बनने वाली मेरिट में बीएड के अंकों को जोड़ा जाए या नहीं।
प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में करीब पौने तीन लाख शिक्षकों की कमी है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने राज्य सरकार को टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों को शिक्षक पद पर रखने की अनुमति दे रखी है। यूपी के प्राइमरी स्कूलों में पहले चरण में 72 हजार 825 सहायक अध्यापक रखे जाने हैं। इसके लिए टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों को छह माह का विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण दिया जाएगा। विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण के लिए अभ्यर्थियों का चयन मेरिट के आधार पर किया जाना है।
इसके लिए एससीईआरटी ने हाईस्कूल के कुल प्रतिशत का 10 अंक, इंटर के कुल प्रतिशत का 20 व स्नातक का 40 अंक और बीएड में प्रथम श्रेणी या उससे ऊपर पर थ्यौरी व प्रैक्टिकल का 12-12 अंक, द्वितीय श्रेणी या इससे ऊपर होने पर 6-6 और तृतीय श्रेणी या उससे ऊपर पर 3-3 अंक जोड़कर मेरिट बनाने का फार्मूला तय किया था। शासन स्तर पर उच्चाधिकारियों की बैठक में भी इस पर सहमति बन गई थी। इस पर मंजूरी के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री के यहां प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन उन्होंने विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया के लिए बनने वाली मेरिट में बीएड के अंकों को शामिल करने पर एक बार फिर से परीक्षण कराने का निर्देश दे दिया। इसके आधार पर ही एससीईआरटी से सुझाव मांगा गया है। वहां से सुझाव मिलने के बाद ही इस पर अंतिम निर्णय किया जाएगा।
Source - Amar Ujala
29-10-2012
Sunday, 28 October 2012
UPTET - आजाद पार्क में दिनभर चला विरोध प्रदर्शन
UPTET - आजाद पार्क में दिनभर चला विरोध प्रदर्शन
अंतरजनपदीय तबादलों से आए शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन 21वें दिन जारी रहा। शिक्षकों ने नवनियुक्त बीएसए से शासनादेश के तहत तैनाती करने की मांग की। रविवार को धरने में दर्जन भर ऐसी शिक्षिकाएं शामिल हुई जो पहले ज्वाइन कर चुकी हैं। प्रशिक्षित प्रतियोगी छात्र मोर्चा के तत्वावधान में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में राजकीय विद्यालयों में एलटी पुरुष भर्ती प्रक्रिया के तौर-तरीकों पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में विजय मिश्र, धीरेंद्र प्रताप सिंह, विनय मिश्र, विजय आनंद, राम कृपाल मौर्या, अभिनव कुमार, संजय यादव, इंद्रजीत यादव, राकेश निरंजन सिंह, इंद्रजीत यादव एवं रवि प्रकाश यादव आदि शामिल रहे।
टीईटी उत्तीर्ण बीएड बेरोजगार अभ्यर्थियों ने आजाद पार्क में बैठक कर 72,825 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया की कार्यवाही जल्द से जल्द शुरू करने की मांग की। अभ्यर्थियों ने इस संदर्भ में बेसिक शिक्षा सचिव को पत्र भी भेजा है। अभ्यर्थियों ने मंगलवार को बेसिक शिक्षा निदेशक बासुदेव यादव का घेराव करने की घोषणा की है। बैठक में संजय कुमार पांडेय, पवन मिश्र, शिवाकांत द्विवेदी, भीमसेन चौरसिया, नीरज मिश्र एवं हरेंद्र यादव आदि मौजूद रहे।
Source - Jagran
28-10-2012
अनुदेशक बनने को लखनऊ में धरना देंगे सीटीआइ
अनुदेशक बनने को लखनऊ में धरना देंगे सीटीआइ
-बेरोजगार सीटीआइ होल्डरों की शनिवार को गांधी पार्क में हुई बैठक में अध्यक्ष गोविंद प्रकाश ने कहा कि बैठक का उद्देश्य सरकार से आइटीआइ अनुदेशकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति कराना है। सरकार ने पिछले पांच साल से आइटीआइ अनुदेशकों की भर्ती नहीं की है। सीटीआई होल्डर बेरोजगार घूम रहे हैं। सभी सीटीआइ होल्डर लखनऊ जाकर 29 व 30 अक्टूबर को धरना-प्रदर्शन करेंगे। यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो आगे के आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। बैठक में सोनू पांचाल, नवीन कुमार, विपिन सैनी, ज्ञानेंद्र सैनी, राजकुमार धीमान, अनुज कांबोज, सोमपाल, अभिनव, इंद्रदेव, संजय उभान आदि मौजूद रहे।
Source - Jagran
27-10-2012
देहरादून - टीईटी पास बीटीसी प्रशिक्षितों की राह आसान
देहरादून - टीईटी पास बीटीसी प्रशिक्षितों की राह आसान
सूबे में प्राइमरी शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति में पग-पग पर पेश आ रही बाधाओं से शिक्षा महकमा हलकान है। नियमित बीटीसी प्रशिक्षितों की नियुक्ति पर लगी रोक हटने के मामले में महकमे की नजर हाईकोर्ट के अंतिम आदेश पर टिकी हैं। फिलवक्त उन्हीं बीटीसी प्रशिक्षितों के लिए नियुक्ति के द्वार खुले हैं, जिन्होंने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) भी उत्तीर्ण की है।
सरकार ने 1147 नियमित बीटीसी प्रशिक्षितों को टीईटी परीक्षा में शामिल होने से छूट देने का आदेश जारी किया है। वहीं प्राइमरी स्कूलों में रिक्त पदों पर पढ़ा रहे तकरीबन 1300 शिक्षा मित्रों को भी बीटीसी प्रशिक्षण दिलाया गया है। नियमित बीटीसी प्रशिक्षितों की तर्ज पर टीईटी पास करने की बाध्यता खत्म करने को प्रशिक्षित शिक्षा मित्र आंदोलनरत हैं। शिक्षा मित्रों का कहना है कि वह स्कूलों में अध्यापनरत हैं, साथ ही उन्होंने बीटीसी प्रशिक्षण भी लिया है। लिहाजा नियमित बीटीसी प्रशिक्षितों की तर्ज पर उनके लिए भी टीईटी पास करने की बाध्यता नहीं होनी चाहिए। उनकी याचिका पर हाईकोर्ट ने फिलहाल नियमित बीटीसी प्रशिक्षितों को नियमित शिक्षकों के रूप में नियुक्ति पर रोक लगा दी है। महकमे की ओर से उक्त मामले में अगली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में पक्ष रखा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक महकमा शिक्षा का अधिकार एक्ट के मुताबिक पात्रता परीक्षा के जरिए बीटीसी प्रशिक्षण के लिए चयनित होने और प्रशिक्षण लेने वालों को प्राइमरी शिक्षकों के तौर पर नियुक्ति का पात्र मान रहा है। शिक्षा मित्रों के मामले में पात्रता परीक्षा से चयन नहीं होने का पेच आड़े आ रहा है। यह मामला अब हाईकोर्ट में पहुंच चुका है, लिहाजा महकमे की निगाहें हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी हैं। संपर्क करने पर शिक्षा सचिव मनीषा पंवार ने कहा कि उक्त मामले में हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद फैसला लिया जाएगा। अलबत्ता, टीईटी उत्तीर्ण करने वाले नियमित बीटीसी प्रशिक्षितों की नियुक्ति में अड़चन नहीं है। निदेशालय से ऐसे प्रशिक्षितों के बारे में जानकारी मांगी गई है।
इनसेट-
नियमित बीटीसी प्रशिक्षितों की जिलेवार संख्या:
उत्तरकाशी-82, टिहरी-89, पौड़ी-85, चमोली-89, रुद्रप्रयाग-74, देहरादून-91, उधमसिंहनगर-94, हरिद्वार-84, अल्मोड़ा-97, नैनीताल-91, पिथौरागढ़-95और बागेश्वर-89।
Source Jagran
28-10-2012
Saturday, 27 October 2012
अब हाई स्कूल तक मुफ्त शिक्षा की तैयारी शिक्षा के अधिकार कानून का दायरा बढ़ाने के लिए खाका तैयार
अब हाई स्कूल तक मुफ्त शिक्षा की तैयारी
शिक्षा के अधिकार कानून का दायरा बढ़ाने के लिए खाका तैयार
सरकार ने आरटीई के तहत जारी किए नए दिशानिर्देश
•बृजेश सिंह
नई
दिल्ली। केंद्र सरकार ने निशुल्क शिक्षा के अधिकार कानून का दायरा अब
दसवीं तक बढ़ाने के लिए फ्रेमवर्क तैयार कर लिया है। केंद्रीय शिक्षा
सलाहकार परिषद की सब कमेटी ने दसवीं तक बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान
करने के साथ ही उन्हें सरकार की ओर से कापी-किताब, ड्रेस तथा लड़कियों को
साइकिल भी दिए जाने की सिफारिश की है। हाईस्कूल तक आरटीई कानून को लागू
करने के लिए अगले पांच सालों में 20 हजार करोड़ रुपए खर्च करने होंगे। सब
कमेटी की रिपोर्ट पर पहली नवंबर को केब कमेटी की बैठक में राज्यों के साथ
चर्चा के बाद सरकार अगला कदम उठाएगी।
आरटीई
एक्ट 2009 के तहत वर्तमान में आठवीं कक्षा तक सरकार ने निशुल्क एवं
अनिवार्य शिक्षा प्रदान कर रही है। हाई स्कूल तक आरटीई को लागू करने का
फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए वर्ष 2011 में हरियाणा की शिक्षा मंत्री गीता
भुक्खल के नेतृत्व में एक कमेटी गठित की गई थी। इस कमेटी ने सरकार को अपनी
रिपोर्ट सौंप दी है।
कमेटी ने कई
महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए हैं। कमेटी ने 17 साल से कम उम्र के बच्चों को लाभ
दिए जाने का प्रस्ताव किया है। एससी एसटी तथा गरीब बच्चों के साथ ही
दूरस्थ शिक्षा के मामलों में उम्र के मामले में रियायत देने का भी सुझाव
दिया है। योजना के तहत सभी स्कूलों में केवीएस के समान सुविधा उपलब्ध कराने
को कहा गया है। कमेटी ने कमजोर वर्ग के बच्चों तथा लड़कियों को
छात्रवृत्ति दिए जाने का भी सुझाव दिया है।
कमेटी
ने कहा है कि राज्यों से हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा खत्म करने के साथ
अभिभावकों से नो डिटेंशन पालिसी पर, निजी स्कूलों से गरीब बच्चों को
निशुल्क प्रवेश देने तथा स्कूल मैनेजमेंट कमेटी जैसे मुद्दों पर विभिन्न
पक्षों से विस्तार से चर्चा होनी चाहिए।
गरीब छात्रों से भेदभाव पर दंडित होंगे स्कूल
नई
दिल्ली(ब्यूरो)। निजी स्कूलों में आरटीई के तहत प्रवेश पाने वाले गरीब
बच्चों के साथ किसी भी तरह का भेदभाव करना अब स्कूल प्रशासन को भारी
पड़ेगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस बारे में दिशानिर्देश जारी करते
हुए सभी राज्यों से अनुरोध किया है कि इसका उल्लंघन होने पर जिम्मेदार
लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
आरटीई
कानून के तहत आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े बच्चों को निजी स्कूलों में
प्रवेश में 20 फीसदी आरक्षण दिए जाने के बाद कई जगह से ऐसे बच्चों के साथ
भेदभाव की शिकायतें मिल रही हैं। ऐसे बच्चों के लिए कुछ स्कूलों में
सामान्य बच्चों से अलग कक्षायें चलाई जा रही हैं। यही नहीं क्लास में भी
ऐसे बच्चों के सामाजिक व आर्थिक स्थिति को लेकर कई बार छात्र व शिक्षक
कमेंट करते रहते हैं। स्कूल में खेलकूद तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों में ऐसे
बच्चों के साथ भेदभाव की शिकायतें मिली हैं।
मानव
संसाधन विकास मंत्रालय ने आरटीई के तहत गरीब तथा सामाजिक रूप से पिछड़े
वर्ग से आने वाले बच्चों के साथ ही अनुसूचित जाति/जनजाति के बच्चों के साथ
भेदभाव वाले सभी तरह के व्यवहार को वर्जित करने के लिए दिशानिर्देश जारी
किया है। ऐसे बच्चों के साथ स्कूल में सामान्य बच्चों की ही तरह विभिन्न
मामलों में व्यवहार नहीं किए जाने को भेदभाव पूर्ण माना जाएगा। यह भी
स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी बच्चे द्वारा स्कूल प्रशासन को इस बारे में
शिकायत की जाती है तो उसे 60 दिन के अंदर फैसला देना होगा।
मंत्रालय
के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस दिशानिर्देश को नेशनल काउंसिल फॉर
प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (एनसीपीसीआर) को भी भेजा गया है। शिकायत मिलने
पर बाल अधिकारों के हनन कानून के तहत भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा
सकती है।
Source - Amar Ujala
27-10-2012
TAMIL NADU TET - Plea to cancel ‘flawed’ TET re-examination
TAMIL NADU TET - Plea to cancel ‘flawed’ TET re-examination
By
Express News Service - PUDUCHERRY
Federation of Diploma in Teacher Education (D T Ed) Unemployed
Teachers Association on Thursday demanded cancellation of Teachers’
Eligibility Test (TET) re-examination stating that seven questions out a
total of 150 had two or more correct answers.
Secretary of the association S Krishnamurthy said the TET, conducted recently, should not be considered as a basis for recruitment as the seven questions created confusion even among well-prepared candidates. The answer key uploaded on the website clearly reveals the multiplicity of correct solutions, he added.
Krishnamurthy further said the instructions suggested that there was only one correct answer to each of the 150 questions. Giving details, he said three questions in the child development and pedagogy section, one each in Tamil and environment science sections and two in English section had two or more correct answers.
The TET, conducted by the Tamil Nadu Teachers Recruitment Board, is essential for recruitment of teachers in Puducherry and Karaikal.
Source - Indian Express
26-10-2012
Secretary of the association S Krishnamurthy said the TET, conducted recently, should not be considered as a basis for recruitment as the seven questions created confusion even among well-prepared candidates. The answer key uploaded on the website clearly reveals the multiplicity of correct solutions, he added.
Krishnamurthy further said the instructions suggested that there was only one correct answer to each of the 150 questions. Giving details, he said three questions in the child development and pedagogy section, one each in Tamil and environment science sections and two in English section had two or more correct answers.
The TET, conducted by the Tamil Nadu Teachers Recruitment Board, is essential for recruitment of teachers in Puducherry and Karaikal.
Source - Indian Express
26-10-2012
CHHATTISGARH TET - टीईटी के प्रमाणपत्रों की छपाई अब तक नहीं
CHHATTISGARH TET - टीईटी के प्रमाणपत्रों की छपाई अब तक नहीं
व्यापमं और स्कूल शिक्षा विभाग के बीच का विवाद प्रमाणपत्रों की छपाई में आने वाले खर्च को लेकर था, लेकिन यह विवाद दो माह पहले सुलझ गया है. परीक्षा के पहले यह स्पष्ट नहीं था कि प्रमाणपत्रों की छपाई का खर्च कौन उठाएगा और इसी के चलते दोनों के बीच विवाद खड़ा हो गया. व्यापमं का कहना था कि उसका काम केवल परीक्षा लेकर परिणाम घोषित करने का है. परीक्षा में परीक्षार्थी कितना अंक पाता है उसकी जानकारी उसे उपलब्ध कराई जाएगी, उसे इसकी मार्कशीट दी जाएगी, लेकिन प्रमाणपत्रों की छपाई में अतिरिक्त खर्च आएगा और वह इसका वहन नहीं करेगा. इधर स्कूल शिक्षा विभाग इस बात पर अड़ा हुआ था कि परीक्षा का पूरा जिम्मा व्यापमं का है, इसलिए प्रमाणपत्रों की छपाई भी वही कराएगा. काफी लंबे चले इस विवाद के बाद आखिरकार इसका हल निकला की प्रमाणपत्रों की छपाई व्यापमं ही कराएगा, लेकिन इसमें आने वाले खर्च का वहन स्कूल शिक्षा विभाग करेगा. इसकी जिम्मेदारी राज्य शैक्षिक अनुसंंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को दिया गया. मामला दो माह पहले ही सुलझा लिया गया था और माना जा रहा था कि महीने भर के अंदर सभी 77 हजार पात्र उम्मीदवारों को प्रमाणपत्र दे दिए जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. मामला सुलझने के दो माह बाद भी उम्मीदवार प्रमाणपत्रों की बाट जोह रहे हैं.
गौरतलब है कि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत स्कूली बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को टीईटी आयोजित करने के निर्देश दिए थे. प्रदेश में यह परीक्षा 8 जनवरी को आयोजित की गई. व्यापमं की इस महापरीक्षा में साढ़े सात लाख उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई. इसमें से 77 हजार उम्मीदवारों ने पात्रता हासिल की. इन पात्र उम्मीदवारों को ही प्रमाणपत्र प्रदान किया जाना है, लेकिन परीक्षा 10 माह बाद भी प्रमाणपत्र छप नहीं पाए हैं.
व्यापमं को नहीं मिला पैसा
प्रमाणपत्रों की छपाई का काम पैसे के कारण ही अटका पड़ा है. स्कूल शिक्षा विभाग ने अब तक प्रमाणपत्रों की छपाई का खर्च व्यापमं को नहीं दिया है. इसके चलते ही प्रमाणपत्रों की छपाई नहीं हो रही है. व्यापमं के संयुक्त परीक्षा नियंत्रक एन.एस. सूर्यनारायण ने बताया कि पैसे मिलते ही प्रमाणपत्रों की छपाई का काम शुरू करवा दिया जाएगा. प्रमाणपत्र का पूरा फार्मेट बनकर पहले से ही तैयार है, जैसे ही विभाग पैसे का भुगतान कर देता है, काम शुरू करवा दिया जाएगा. एक-दो दिनों में ही प्रमाणपत्र छपकर आ जाएंगे, वहीं सप्ताह भर के अंदर इन्हें उम्मीदवार के डाक पते पर भिजवा दिया जाएगा.
Source - Navbhrat
27-10-2012
BTC - बीटीसी के कई सत्रों की परीक्षाएं 29 से
BTC - बीटीसी के कई सत्रों की परीक्षाएं 29 से
इलाहाबाद (एसएनबी)। बीटीसी के कई सत्रों की परीक्षाएं 29 अक्टूबर से
तीन नवम्बर तक जिला मुख्यालय के राजकीय इण्टर कालेजों में चलेंगी। इस दौरान
दो सत्रों की परीक्षाएं एक साथ होंगी। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी
सुश्री भावना शिक्षार्थी ने शुक्रवार को बताया कि बीटीसी के बैच 2004, बैच
2011 व सेवारत बीटीसी मृतक आश्रित परीक्षा 2012 के प्रथम सेमेस्टर, द्वितीय
और तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाएं होंगी। प्रदेश के 70 डायट में करीब 20
हजार परीक्षार्थी हैं। उन्होंने बताया कि बीटीसी 2004, बीटीसी 2010 और
बीटीसी 2011 के प्रथम सेमेस्टर के पहले प्रश्नपत्र 29 अक्टूबर को सुबह 10
से 12 बजे तक होगा। द्वितीय प्रश्नपत्र की परीक्षा 30 अक्टूबर को सुबह 10
बजे से दोपहर 12 बजे तक और तृतीय प्रश्नपत्र की परीक्षाएं उसी दिन दोपहर एक
बजे से तीन बजे तक होगी। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने बताया कि
बीटीसी 2004, बीटीसी 2010 और मृतक आश्रित के पहले प्रश्नपत्र की परीक्षा 31
अक्टूबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक, द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा
एक नवंबर को सुबह 10 बजे से 12 बजे तक और तीसरे सेमेस्टर के तीसरे
प्रश्नपत्र की परीक्षा उसी दिन दोपहर एक बजे से साढ़े तीन बजे तक होगी।
उन्होंने बताया कि बीटीसी 2004 और बीटीसी 2010 के तीसरे सेमेस्टर के पहले
प्रश्नपत्र की परीक्षाएं दो नवंबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक,
द्वितीय प्रश्नपत्र की परीक्षा तीन नवंबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे
तक और तृतीय प्रश्नपत्र की परीक्षा उसी दिन तीन नवंबर को दोपहर एक बजे से
तीन बजे तक होगी। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी सुश्री भावना शिक्षार्थी
ने बताया कि प्रदेश के सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) को
बीटीसी परीक्षा का टाइम टेबुल भेज दिया गया है। वह संपर्क करके अपने
प्रश्नपत्र के परीक्षा तिथि की जानकारी प्राप्त कर लें जिससे कि उनको किसी
भी प्रकार की परेशानी न होने पाये। जिला मुख्यालयों के जीआईसी में होंगी
परीक्षाएं छह दिन में संपन्न होंगी दो सत्रों की परीक्षा |
Source - Rashtriya Sahara
27-10-2012
Source - Rashtriya Sahara
27-10-2012
UPTET - यूपी टीईटी की 2013 में होंगी दो परीक्षाएं
UPTET - यूपी टीईटी की 2013 में होंगी दो परीक्षाएं
इलाहाबाद (एसएनबी)। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) की एक नहीं बल्कि दो परीक्षाएं वर्ष 2013 में होंगी। पहली परीक्षा जनवरी-फरवरी में होने की संभावना है जबकि दूसरी नवंबर-दिसम्बर 2013 में होगी। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के 72,000 रिक्त पदों के एवं बीटीसी के शीघ्र आने वाले विज्ञापन की वजह से टीईटी- 2012 का जो विज्ञापन प्रकाशित होने वाला था उसकी तिथि बढ़ गयी है। इसके नवंबर के दूसरे हफ्ते में प्रकाशित होने की संभावना है। उधर, सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी, एलनगंज, इलाहाबाद कार्यालय में परीक्षा की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गयी है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में टीईटी की तैयारियां अब जोर पकड़ने लगी हैं। वह यूपी बोर्ड द्वारा टीईटी परीक्षा कराये जाने के दौरान हुई एक-एक खामियों की तरफ गंभीरता से ध्यान दे रही है। जिससे कि परीक्षा कराने के बाद कोई गड़बड़ी न रह जाये और किरकिरी हो। इसके लिए प्रश्नपत्रों की सहीं सेटिंग और उनके सही उत्तर, गलत नियम कानून को विज्ञापन से हटाना और अन्य प्रमुख सुधार हो रहा है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी टीईटी प्रश्नपत्रों की सेटिंग के लिए शिक्षाविदों से राय एवं उनसे प्रश्नपत्र-उत्तर तैयार करवाने जा रहा है जिससे कि बाद में अभ्यर्थी कोई गड़बड़ी न निकाल सके। इसी गड़बड़ी की वजह से यूपी बोर्ड और शासन की फजीहत हुई थी और उसी में आज भी मामला फंसा हुआ है। इतना ही नहीं अन्य गंभीर खामियों को भी ठीक किया जा रहा है। अभ्यर्थियों से आवेदन पत्र लेने की बजाय आन लाइन आवेदन पत्र लिये जाने की तैयारियां अन्तिम दौर में चल रही हैं। टीईटी-2012 का विज्ञापन नवम्बर के पहले हफ्ते में होगा जारी
Source - Rashtriya Sahara
27-10-2012
इलाहाबाद (एसएनबी)। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) की एक नहीं बल्कि दो परीक्षाएं वर्ष 2013 में होंगी। पहली परीक्षा जनवरी-फरवरी में होने की संभावना है जबकि दूसरी नवंबर-दिसम्बर 2013 में होगी। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के 72,000 रिक्त पदों के एवं बीटीसी के शीघ्र आने वाले विज्ञापन की वजह से टीईटी- 2012 का जो विज्ञापन प्रकाशित होने वाला था उसकी तिथि बढ़ गयी है। इसके नवंबर के दूसरे हफ्ते में प्रकाशित होने की संभावना है। उधर, सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी, एलनगंज, इलाहाबाद कार्यालय में परीक्षा की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गयी है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में टीईटी की तैयारियां अब जोर पकड़ने लगी हैं। वह यूपी बोर्ड द्वारा टीईटी परीक्षा कराये जाने के दौरान हुई एक-एक खामियों की तरफ गंभीरता से ध्यान दे रही है। जिससे कि परीक्षा कराने के बाद कोई गड़बड़ी न रह जाये और किरकिरी हो। इसके लिए प्रश्नपत्रों की सहीं सेटिंग और उनके सही उत्तर, गलत नियम कानून को विज्ञापन से हटाना और अन्य प्रमुख सुधार हो रहा है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी टीईटी प्रश्नपत्रों की सेटिंग के लिए शिक्षाविदों से राय एवं उनसे प्रश्नपत्र-उत्तर तैयार करवाने जा रहा है जिससे कि बाद में अभ्यर्थी कोई गड़बड़ी न निकाल सके। इसी गड़बड़ी की वजह से यूपी बोर्ड और शासन की फजीहत हुई थी और उसी में आज भी मामला फंसा हुआ है। इतना ही नहीं अन्य गंभीर खामियों को भी ठीक किया जा रहा है। अभ्यर्थियों से आवेदन पत्र लेने की बजाय आन लाइन आवेदन पत्र लिये जाने की तैयारियां अन्तिम दौर में चल रही हैं। टीईटी-2012 का विज्ञापन नवम्बर के पहले हफ्ते में होगा जारी
Source - Rashtriya Sahara
27-10-2012
Friday, 26 October 2012
UPTET - टीईटी पास अभ्यर्थियों ने हाईवे पर किया
UPTET - टीईटी पास अभ्यर्थियों ने हाईवे पर किया प्रदर्शन
विशिष्ट बीटीसी की चयन प्रक्रिया में शामिल करने की मांग
• संवददाता
नियामताबाद।
टीईटी पास बीएड बेरोजगार संघ के बैनर तले बृहस्पतिवार को क्षेत्र के गोधना
चौराहे के समीप नेशनल हाईवे पर अभ्यर्थियों ने सड़क जाम कर जमकर विरोध
प्रदर्शन किया। वे विशिष्ट बीटीसी के चयन प्रक्रिया में टीईटी पास
अभ्यर्थियों को लेने की मांग कर रहे थे। हाईवे पर हंगामारत अभ्यर्थियों के
चलते दोनों तरफ वाहनों की लाइन लग गई। हालांकि मौके पर पहुंचे पुलिस
कर्मियों ने समझा बुझाकर जाम समाप्त कराया। तब जाकर दोनों तरफ वाहनों का
गमनागमन शुरू हो सका।
इस अवसर पर आंदोलित
अभ्यर्थियों ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विशिष्ट बीटीसी के चयन
प्रक्रिया में बीएड पास छात्रों को मेरिट के आधार पर लेने की योजना है।
वहीं बसपा सरकार के कार्यकाल में टीईटी परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों
को प्राथमिकता दी गई थी। मांगों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व
कर रहे मंजय कुमार सिंह ने कहा कि विशिष्ट बीटीसी के चयन में टीईटी पास
अभ्यर्थियों को शामिल किया जाय। कहा कि यदि छह नवंबर तक टीईटी उत्तीर्ण
बीएड डिग्री धारकों को विज्ञापन प्रकाशित उन्हें अध्यापक नहीं बनाया तो
संगठन आंदोलन को तेज करने के लिए विवश होगा। इसके पूर्व दर्जनों की संख्या
में गोधना बाईपास के समीप पहुंचे अभ्यर्थियों ने नारेबाजी करते हुए हाईवे
को जाम कर दिया। जिससे दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन लग गई। नारेबाजी व
प्रदर्शन को देखते हुए मौके पर पहुंची पुलिस ने समझाकर उन्हें शांत कराया।
हालांकि लगभग आधे घंटे तक आवागमन अवरुद्ध रहा । इस अवसर पर अनिल कुमार,
विवेक कुमार, सूरज रावत, भोलानाथ यादव, संतोष यादव, अनुनय कुमार, रंजीत
कुमार, सतीश कुमार, शिवेन्द्र कुमार, मुकेश कुमार, देवाशीष, लड्डू, ओम
प्रकाश आदि अभ्यर्थी शामिल रहे।
Source - Amar Ujala
26-10-2012
UPTET - टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने दिया धरना
UPTET - टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने दिया धरना
•सहायक अध्यापक के तौर पर भर्ती किए जाने की मांग
• सिटी रिपोर्टर
बदायूं।
यूपी टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा ने धरना-प्रदर्शन कर सहायक अध्यापक के
पद पर भर्ती करने की मांग एक बार फिर जोरदार ढंग से उठाई। मांग पूरी न होने
पर आंदोलन को और तेज करने की घोषणा की गई।
मालवीय
आवास गृह पर दिए गए धरने पर जिलाध्यक्ष हृदयेंद्र शर्मा ने सभी टीईटी
उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से आह्वान किया कि वे सरकार के गुणांकों के आधार पर
भर्ती के प्रलोभन पर ध्यान न दें। इस मौके पर टीईटी में प्राप्त अंकों के
आधार पर मेरिट बनाकर अतिशीघ्र भर्ती प्रक्रिया पूरी करने को एकजुट होने पर
जोर दिया गया। श्री शर्मा ने कहा कि सरकार टीईटी उत्तीर्ण पास अभ्यर्थियों
को गुमराह कर रही है, इसलिए इस आंदोलन को और तेज करने की जरूरत है। जब तक
अध्यापक के तौर पर टीईटी उत्तीर्ण की भर्ती नहीं की जाती, यह आंदोलन जारी
रहेगा। इस मौके पर विपिन सक्सेना, अरविंद, मनोज, सौरभ, धीरज, सुशील, हृदेश,
पूजा, सुशांत सहित कई लोग मौजूद रहे।
Source - Amar Ujala
25-10-2012
Thursday, 25 October 2012
फर्जी प्रमाण पत्रों से पाई शिक्षा विभाग में नौकरी
फर्जी प्रमाण पत्रों से पाई शिक्षा विभाग में नौकरी
जागरण
संवाददाता, आगरा: बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी प्रमाण-पत्रों के जरिए
नौकरी पाने का खुलासा हुआ है। सत्यापन में प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने के
बाद बीएसए ने कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ एफआइआर कराने के आदेश दिए हैं।
राज्य परियोजना निदेशालय ने विगत शिक्षण सत्र में बीआरसी पर कंप्यूटर
ऑपरेटर और एकाउंटेंट की नियुक्ति के निर्देश दिए थे। जिले में इसका ठेका
फीरोजाबाद की मैसर्स संजरी कॉरपोरेट सर्विसेज को मिला था।
सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा नियुक्त किए गए कंप्यूटर ऑपरेटर और एकाउंटेंट के
प्रमाण-पत्रों का सत्यापन बेसिक शिक्षा विभाग ने कराया गया। सत्यापन में
बाह में तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर व्यापक शर्मा के प्रमाण-पत्र फर्जी पाए गए
हैं।
व्यापक ने नई दिल्ली स्थित नेशनल एजूकेशनल सेंटर से कंप्यूटर शिक्षा
प्राप्त करने का प्रमाण-पत्र लगाया था। मगर विभाग ने जब जांच कराई तो वहां
कोई कंप्यूटर सेंटर ही नहीं मिला। बीएसए ने इस पर कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ
रिपोर्ट दर्जकराने के निर्देश बाह के खंड शिक्षा अधिकारी को दिए हैं।
वहीं, सेवा प्रदाता कंपनी को अब कर्मचारी की नियुक्ति से पूर्व विभागीय
अनुमति प्राप्त करनी होगी।
Source - Jagran
24-10-2012
नटवर के जेल पहुंचते ही रिहाई का आदेश
नटवर के जेल पहुंचते ही रिहाई का आदेश
--स्ट्रेचर पर लेटकर पहुंचा जेल, दो घंटे बाद छोड़ा गया
जागरण संवाददाता, लखनऊ : खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष नटवर लाल गोयल के जेल पहुंचते ही उसकी रिहाई का आदेश भी पहुंच गया। रिहाई आदेश का हवाला देकर वह जेल गेट के भीतर भी जाने को तैयार नहीं था लेकिन जेल अफसरों ने उसे परिसर की सैर करा दी। उसके बाद रिहा किया।
एंबुलेंस के स्ट्रेचर पर लेटकर नटवर लाल गुरुवार को दोपहर बाद करीब चार बजे कड़ी सुरक्षा के बीच जेल पहुंचा। वहां पहुंचते ही वह रिहाई आदेश मिलने की बात कहकर जेल के भीतर जाने को तैयार नहीं था। जेल अधिकारियों ने दस्तावेजी कार्रवाई करने के बाद ही उसे रिहा करने की बात कही। तब तक के लिए नटवर को परिसर में ले गए। नटवर स्ट्रेचर पर लेट कर ही जेल परिसर में गया। जेल अधिकारियों ने वहां उसे करीब दो घंटे तक रखा और शाम छह बजे रिहाई आदेश मिलने पर छोड़ दिया।
सूत्रों का कहना है कि नटवर के जेल रवाना होते ही अदालत से उसकी रिहाई का आदेश भी जेल भेज दिया गया था। नटवर का बेटा जेल पहुंचा और अपने पिता को साथ ले आया। जेल अधीक्षक दधिराम मौर्या ने बताया कि जेल में कुछ देर रखने के बाद नटवर को रिहा कर दिया गया है। गौरतलब है कि मंगलवार को लारी कार्डियालॉजी में भर्ती नटवर को काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने बलरामपुर अस्पताल में स्थानांतरित किया था। वहां से उसे जेल भेज दिया गया था। मीडिया से मारपीट करने के बाद कैसरबाग कोतवाली पहुंचा नटवर सीने में दर्द होना बताकर लारी में भर्ती हो गया था।
Source- Jagran
25-10-2012
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BIHAR TET - शिक्षक नियोजन में फर्जी टीईटी प्रमाण पत्र
BIHAR TET - शिक्षक नियोजन में फर्जी टीईटी प्रमाण पत्र
Source - Jagran
25-10-2012
B.Ed. - बीएड काॅलेजों का रिजल्ट आज!
B.Ed. - बीएड काॅलेजों का रिजल्ट आज!
• अमर उजाला ब्यूरो
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय बीएड के 105 कालेजों का रिजल्ट
जल्द घोषित करने जा रहा है। बृहस्पतिवार शाम तक रिजल्ट जारी होने की उम्मीद
है। ये रिजल्ट उन कालेजों का होगा, जिन्होंने प्रैक्टिकल के नंबर भेज दिए
हैं। 50 से ज्यादा कालेजों में अभी प्रैक्टिकल हुए ही नहीं हैं। वहीं
छुट्टी होने और कालेजों द्वारा नंबर भेजने में भी लापरवाही बरती जा रही है।
इससे करीब 40 हजार छात्रों का रिजल्ट रुका है।
बीएड सत्र 2011-12 का मूल्यांकन कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन अभी
रिजल्ट जारी नहीं हुआ है। नौ जिलों के करीब 280 बीएड कालेजों में 40 हजार
छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी थी। प्रैक्टिकल का काम एडेड कालेजों के 55
शिक्षकों द्वारा किया जा रहा है। कालेज ज्यादा और शिक्षक कम होने की वजह से
प्रैक्टिकल में देरी हो रही है। छुट्टी भी रिजल्ट में रोड़ा बनी हुई हैं।
विश्वविद्यालय के पास अभी तक 105 बीएड कालेजों ने प्रैक्टिकल के नंबर भेजे
हैं। इन कालेजों का रिजल्ट बृहस्पतिवार शाम तक जारी होने की उम्मीद है।
काफी कालेज ऐसे हैं, उन्होंने प्रैक्टिकल तो करा लिए हैं, लेकिन नंबर नहीं
भेजे हैं। विवि की तरफ से बार-बार नंबर मांगने पर भी लापरवाही बरती जा रही
है। इसका नुकसान छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। डीन एजूकेशन डा. आर्येंद्र
कुमार शर्मा के मुताबिक करीब 80 प्रतिशत कालेजों में प्रैक्टिकल हो चुके
हैं। बाकी में भी जल्द पूरे कर लिए जाएंगे। इस महीने छुट्टी ज्यादा होने की
वजह से काम पर असर पड़ा है।
Source - Amar Ujala
25-10-2012
Wednesday, 24 October 2012
जो पार्टी सत्ता में आकर पिछली सरकार के कार्यों पर रोक लगाए, उस पर कानूनी रूप से पेनाल्टी लगनी चाहिए।’
‘जो पिछली सरकार के काम रोके, उस पर पेनाल्टी लगे’
बोले, प्रोटोकॉल मिनिस्टर डॉ. अभिषेक मिश्रा
• अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ।
‘प्रदेश की पिछली सरकार ने अपनी पूर्ववर्ती सपा सरकार के दौरान
निर्माणाधीन 114 ओवर ब्रिजों का निर्माण आधे में रुकवा दिया था। अब फिर सपा
सरकार बनी है तो इनका निर्माण शुरू हुआ है। निर्माण की लागत बढ़ चुकी है
तो क्वालिटी पर भी अब असर होगा। जो पार्टी सत्ता में आकर पिछली सरकार के
कार्यों पर रोक लगाए, उस पर कानूनी रूप से पेनाल्टी लगनी चाहिए।’ बसपा
सरकार को कोसते हुए प्रदेश के प्रोटोकॉल मिनिस्टर डॉ. अभिषेक मिश्रा ने
मंगलवार को गोमतीनगर स्थित एक निजी प्रबंधन शिक्षा संस्थान प्रदेश के विकास
का अपना एजेंडा रखा। इसमें ब्यूरोक्रेट्स और सरकारी प्रोफेशनल्स की भूमिका
के परिपेक्ष्य में उन्हाेंने विकास का ढर्रा समझाने की कोशिश की।
लखनऊ
मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा जेके खरबंदा मेमोरियल लेक्चर सीरीज के तहत
जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में हुए इस आयोजन में बड़ी संख्या में
शहर के विभिन्न संस्थानों के प्रमुख व विशिष्ट जन शामिल रहे। डॉ. अभिषेक ने
बताया कि देश का विकास प्रोफेशनल्स के काम से ही संभव है। आयोजन में
केजीएमयू के वीसी डॉ. डीके गुप्ता, लखनऊ विवि के वीसी प्रो. मनोज मिश्रा,
एलएमए अध्यक्ष राजेश कुमार मित्तल, डॉ. एसआर मुसन्ना, एमएस गुलाटी, शरद
सक्सेना, अशोक द्रोण, किशोर गोयल, एके रस्तोगी, आदि मौजूद रहे।
•‘यूपी में बदलाव का एजेंडा और प्रोफेशनल्स की भूमिका’ विषय पर हुआ व्याख्यान
इसलिए है यूपी पीछे
2
लाख करोड़ की उधारी, औद्योगिक विकास का धीमापन और निवेश की कमी, सरकारी
क्षेत्र में दायित्व की भावना व नीतियों में पारदर्शिता की कमी, कृषि का
गिरता स्तर, निरक्षरता और उपेक्षित रही कानूनी व्यवस्था।
हमसे ही हो सकेगा!
वित्तीय
प्रबंधन : डॉ. अभिषेक ने बताया कि एनटीपीसी को भुगतान में देरियां की जाती
रहीं, जिससे हर साल प्रदेश को 240 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इतने रुपए
में हर साल 10 आरओबी बनाए जा सकते थे।
नीतियों
में लचीलापन और बदलाव : जहां मार्केट हर दिन बदल रहा है, उप्र की औद्योगिक
नीति 6 साल से नहीं बदली। इसे समय के अनुसार बदलना होगा, तभी हिमाचल
प्रदेश या महाराष्ट्र से मिलने वाली चुनौतियों का सामना किया जा सकेगा।
कृषि का विकास : अगले दो सप्ताह में सरकार की कृषि नीति घोषित होगी, यह विश्व में सर्वश्रेष्ठ होगी।
आईटी
नीति : पुणे और बैंगलोर को दो दशक पहले पारंपरिक शहर और बगीचों के शहर के
तौर पर जाना जाता था, आज ये आईटी हब हैं। यही लखनऊ में किया जा सकता है।
क्षेत्रीय
उद्योग : डॉ. अभिषेक ने 31 जिलों और उनके पारंपरिक उद्योगों के बारे में
बताया और कहा कि प्रदेश के हर जिले में अपना औद्योगिक सेट अप है। इसे
विकसित करने की जरूरत है।
यह कर सकते हैं आगे
मानव
संसाधन, देश के सबसे युवा राज्य, पर्यटन, ताजमहल, उर्वर भूमि, गंगा के
मैदान, 80 हजार किमी की सिंचाई नहरें, प्राकृतिक संसाधन, लगभग हर जिले में
लोकप्रिय एक बिजनेस मॉडल।
गोमती नगर के जयपुरिया इंस्टीट्यूट में जेके खरबंदा मेमोरियल लेक्चर
सीरीज के तहत एजेंडा फॉर ट्रॉसफार्मिंग उप्र. एंड रोल ऑफ प्रोफेशनल विषयक
व्याख्यान में मौजूद प्रोटोकॉल मंत्री अभिषेक मिश्रा।
UP POLICE - पुलिस भर्ती नियमावली में संशोधन को लेकर बैठक
UP POLICE - पुलिस भर्ती नियमावली में संशोधन को लेकर बैठक
लखनऊ
(ब्यूरो)। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा दरोगा भर्ती दौड़ में दस
किलोमीटर की बाध्यता व दरोगा के इंसपेक्टर बनने के लिए वरिष्ठता व चयन
परीक्षा को लेकर घोषणा किए जाने के बाद से गृह व पुलिस विभाग के अधिकारी
इसकी तैयारियों की कवायद में जुट गए हैं।
प्रमुख
सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव, डीजीपी एसी शर्मा, एडीजी कानून-व्यवस्था जगमोहन
यादव समेत अन्य अधिकारियों की बैठक में मंगलवार को इन दोनों मुद्दों को
लेकर नियमावली में आवश्यक संशोधन को लेकर विचार-विमर्श हुआ। चर्चा हुई कि
भर्ती दौड़ का क्या रूप रखा जाए, कितने किलोमीटर की दौड़ की बाध्यता रखी
जाए या इसे पूर्ववत कर दिया जाए अथवा संशोधित व्यवस्था लागू की जाए। दरोगा
से इंसपेक्टर बनने के लिए कितनी वरिष्ठता के कर्मियों का वरिष्ठता के आधार
पर प्रोन्नति के लिए चयन किया जाए और किन्हें चयन परीक्षा के लिए पात्र
बनाया जाए।
Source - Amar Ujala
24-10-2012
SBTC - विशिष्ट बीटीसी में दस फीसद आरक्षण मांगा
SBTC - विशिष्ट बीटीसी में दस फीसद आरक्षण मांगा
जागरण
संवाददाता, लखनऊ : विशिष्ट बीटीसी में विशेष शिक्षकों को दस फीसद आरक्षण और
स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर विशेष शिक्षक एवं अभिभावक एसोसिएशन ने
मंगलवार को धरना दिया। धरना देने वालों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री
को संबोधित एक ज्ञापन भी एडीएम को सौंपा है।
विशेष शिक्षक एवं अभिभावक एसोसिएशन के अध्यक्ष मुन्ना लाल शुक्ला ने
मंगलवार को धरना स्थल पर एकत्र विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि परिषदीय शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में स्वीकृत पदों के
सापेक्ष रिक्त पदों पर तैनाती होती रही है। शिक्षा मित्रों के लिए दस फीसद
आरक्षण का कोटा निर्धारित किया गया है जबकि विशेष शिक्षकों को उक्त लाभ
नहीं दिया जा रहा है। विशेष शिक्षकों को भी यह लाभ दिया जाना चाहिए। धरना
में प्रदेश के कई जिलों से सैकड़ों विशेष शिक्षकों ने हिस्सा लिया।
Source - Jagran
24-10-2012
Tuesday, 23 October 2012
UPTET - टीईटी आवेदकों के 70 करोड़ डकारे बैठी यूपी सरकार
UPTET - टीईटी आवेदकों के 70 करोड़ डकारे बैठी यूपी सरकार
फर्रुखाबाद: टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के उत्सव भवन में बैठक कर जनपद में केजरीवाल की होने वाली सभा का समर्थन करने का निर्णय लिया। इस दौरान टीईटी अभ्यर्थियों ने कहा कि यूपी सरकार षड्यंत्र के तहत टीईटी आवेदकों के 70 करोड़ रुपये डकारे बैठी है। जिसके प्रमाण केजरीवाल की सभा में दिये जायेंगे।
संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष धीरेन्द्र वर्मा ने कहा कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में पूरे प्रदेश में टीईटी पास दो लाख 90 हजार अभ्यर्थियों से पांच जिलों में आवेदन के नाम पर 500- 500 रुपये के ड्राफ्ट मांगे गये थे। सभी उत्तीर्ण छात्रों ने आवेदन किये जिससे 72 करोड़ 50 लाख रुपये सरकार के पास जमा हुए। समाजवादी पार्टी ने सरकार में आते ही भर्ती प्रक्रिया को पहले लटकाया फिर रद्द कर दिया। छात्रों की गाड़ी कमाई का पैसा सरकार ने डकार लिया। जब छात्रों ने नौकरी मांगी तो उन्हें बार बार लाठी मारकर भगा दिया गया।
धीरेन्द्र वर्मा ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने विकलांगों का पैसा खाकर समाज के साथ जो धोखा किया है उससे मोर्चे के सदस्यों में रोष है। अरविंद केजरीवाल की 1 नवम्बर को होने वाली सभा में उनका समर्थन कर उन्हें प्रदेश सरकार द्वारा टीईटी छात्रों पर किये गये अत्याचार एवं भ्रष्टाचार से भी अवगत कराया जायेगा।
बैठक में राकेश वाजपेयी, रवीन्द्र दिवाकर, आलोक पाल, सुखवीर पाल, मंजीत यादव, अनुज चतुर्वेदी, सुधीर कुमार, देवानन्द सिंह, उत्कर्ष पाल, आलोक कटियार, शिवराम सिंह, जितेन्द्र सिंह, अजय पाल, सुभाषचन्द्र, विजय कुमार, संदीप आर्य, सुशील पाल, अनुज कटियार, सतीश पाल आदि मौजूद रहे।
Source - JNI Live
23-10-2012
मिडिल स्कूलों में अब संविदा शिक्षक
मिडिल स्कूलों में अब संविदा शिक्षक
• अमर उजाला ब्यूरो
गाजीपुर।
सूबे की अखिलेश सरकार ने प्रदेश के परिषदीय मिडिल स्कूलों में खाली पड़े
शिक्षकों के पदों को भरने का फैसला किया है। प्रदेश के प्रत्येक मिडिल
स्कूलों में मानदेय पर शिक्षक भर्ती किए जाएंगे। इन्हें हर माह मानदेय के
रूप में सात हजार रुपये ग्राम शिक्षा समिति के खाते से दिया जाएगा। सभी
जिलों में एक साथ संविदा शिक्षकों को रखने का आदेश दिया गया है।
प्रदेश
के सभी परिषदीय मिडिल स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते शिक्षण कार्य
प्रभावित हो रहा था। हर विद्यालयों मेें शिक्षकों की भारी कमी बनी हुई थी।
शिक्षकों की भर्ती को लेकर शासन के ऊपर लगातार दबाव भी बनाया जा रहा था।
इधर प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम कानून लागू हो चुका है। इसमें
छात्र संख्या के आधार पर शिक्षकों को रखने के आदेश हैं। लेकिन बेसिक शिक्षा
विभाग के पास इतने शिक्षक नहीं हैं जिन्हें परिषदीय विद्यालयों में तैनात
किया जा सके। इधर प्रदेश सरकार ने काफी सोच विचार कर प्रदेश के सभी मिडिल
स्कूलों में संविदा के आधार पर शिक्षकों की भर्ती का आदेश सभी जिलों के
बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिया है। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने सभी
बीएसए को भेजे गए पत्र में कहा है कि प्रदेश के सभी मीडिल स्कूलों में कुल
41 हजार 307 संविदा शिक्षक रखे जाएंगे। इसमें कला के 193, शारीरिक शिक्षा
के 193 और कार्य क्षमता के भी 193 शिक्षक रखे जाएंगे।
गाजीपुर जिले में कुल 579 शिक्षक रखे जाएंगे। उन्होंने अपने आदेश में यह
भी कहा कि पूरे प्रदेश में एक साथ संविदा शिक्षकों की भर्ती होगी। इनका चयन
ग्राम शिक्षा समिति मेरिट के आधार पर करेगी। इन शिक्षकों को प्रत्येक माह
उपस्थिति के आधार पर सात हजार रुपये दिए जाएंगे। इन शिक्षकों को अंश
कालिक अनुदेशक कहकर संबोधित किया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए बीएसए
नंदलाल सिंह ने बताया कि मिडिल स्कूलों में अंश कालिक शिक्षक रखे जाने का
आदेश प्राप्त हुआ है। इस पर जल्द ही कार्रवाई शुरू की जाएगी।
•ग्राम शिक्षा समिति बनाएगी मेरिट, जिले से होगा 11 माह का चयन
Source - Amar Ujala
शिक्षक न होने से पढ़ाई ठप
शिक्षक न होने से पढ़ाई ठप
• अमर उजाला ब्यूरो
सहारनपुर। पुवांरका ब्लाक के उमर-चांदपुर गांव के राजकीय हाईस्कूल में
अंग्रेजी, गणित और गृह विज्ञान के शिक्षक न होने के कारण पढ़ाई ठप पड़ी
हुई है। अभिभावक अधिकारियों से कई बार इस बारे में शिकायत कर चुके हैं, मगर
किसी भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई है।
गांव उमरपुर चांदपुर में राजकीय हाईस्कूल मेें पिछले कई महीने से
अंग्रेजी, गणित और गृह विज्ञान का एक भी अध्यापक नहीं है। छात्र-छात्राएं
स्कूल आते तो हैं, मगर उन्हें बिना पड़े वापस घर लौटना पड़ता है।
अभिभावकोें के कई बार जिला विद्यालय निरीक्षक से शिकायत करने के बाद स्कूल
भी इन विषयों के शिक्षकों की तैनाती नहीं हो पाई है। सिर्फ हिंदी विषय का
एक शिक्षक नियुक्त किया गया। अभिभावकों में अधिकारियों के इस रवैये से रोष
व्याप्त है। ग्राम प्रधान पति निन्ना का कहना है कि गांव में एक मात्र
जूनियर हाई स्कूल में भी पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। उन्होंने कहा कि
स्कूल में शीघ्र ही इन विषय के अध्यापक तैनात नहीं किए गए, तो वह अभिभावकों
और छात्र-छात्राओं के साथ जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में प्रदर्शन
करने को बाध्य होंगे।
उधर, डीआईओएस कामता रामपाल का कहना है कि विभाग से हर स्कूल में दो शिक्षकों की तैनाती के आदेश हैं। इनकी जल्द तैनाती की जाएगी।
Source - Amar Ujala
23-10-2012
लोअर से हटेंगे एसीओ के 214 पद!
लोअर से हटेंगे एसीओ के 214 पद!
इलाहाबाद।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की लोअर सबऑर्डिनेट-2009 परीक्षा में शामिल
अभ्यर्थियों को सहायक चकबंदी अधिकारी के 214 तथा आरटीओ में जीटीएस और
पीटीएस के 15 पदों से वंचित होना पड़ सकता है। शासन ने इन पदों पर नियुक्ति
नहीं करने का निर्णय लिया है। आयोग सूत्रों के अनुसार आयोग की भी इन पदों
को निकालकर रिजल्ट घोषित करने की तैयारी है। इस तरह से अब 734 पदों के लिए
26 अक्टूबर को रिजल्ट घोषित किए जाने की उम्मीद है। इसकी वजह से नवंबर में
प्रस्तावित मुख्य परीक्षा की तिथि भी टलनी तय मानी जा रही है। आयोग सूत्रों
के अनुसार दिसंबर के पहले सप्ताह से मुख्य परीक्षा संभावित है।
पीसीएस-2010
का फाइनल रिजल्ट घोषित होने के बाद से ही अभ्यर्थी लोअर-2009 प्रारंभिक
परीक्षा के परिणाम का इंतजार कर रहे हैं। सोमवार को आयोग कार्यालय पर बड़ी
संख्या में अभ्यर्थी पहुंचे लेकिन पदों को लेकर असमंजस की स्थिति बनने के
बाद रिजल्ट में देरी की बात कही जा रही है। आयोग ने 21 नवंबर से मुख्य
परीक्षा की तिथि घोषित कर रखी है। यानी, अब मात्र 29 दिन शेष हैं। इसमें भी
दशहरे की छुट्टी है। ऐसे में इतने कम में रिजल्ट घोषित करना फिर सफल
अभ्यर्थियों से आवेदन मांग परीक्षा कराना संभव नहीं दिखता। लोअर-2008 में
आयोग को रिजल्ट घोषित होने के बाद 44 दिन का समय का मिला था। इसके बावजूद
परीक्षा टाल दी गई थी। ऐसे में इस बार भी परीक्षा टलने की उम्मीद है।
रिजल्ट में देरी का बताया जा रहा कारण, मुख्य परीक्षा दिसंबर के पहले सप्ताह में संभावित
Source - Amar Ujala
23-10-2012
Monday, 22 October 2012
B.Ed. - अतिरिक्त अभ्यर्थियों पर लगी रोक
B.Ed. - अतिरिक्त अभ्यर्थियों पर लगी रोक
लखनऊ [जासं]। डॉ.राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने बीएड की शेष सीटों को भरने के लिए चल रही काउंसिलिंग में अतिरिक्त अभ्यर्थियों के आने पर रोक लगा दी है।
काउंसिलिंग में 2,70,000 रैंक तक के अभ्यर्थियों को बुलाया गया था, लेकिन अब रविवार को केवल 2,50,000 रैंक तक के अभ्यर्थियों की ही काउंसिलिंग होगी।
कुलसचिव का कहना है कि भविष्य में सीटें रिक्त होती हैं तो इन अभ्यर्थियों को भी मौका दिया जाएगा। बीएड में कला एवं वाणिज्य वर्ग की खाली सीटों को भरने के लिए फैजाबाद विश्वविद्यालय ने काउंसिलिंग आयोजित की थी।
सीटें खाली रहने पर काउंसिलिंग 21 अक्टूबर के लिए बढ़ा दी गई थी। 21 को रैंक 2,70,000 तक के अभ्यर्थियों को बुलाया गया था।
Source - Jagran
22-10-2012
UPTET - टीईटी वालों को फिर जगी उम्मीद
UPTET - टीईटी वालों को फिर जगी उम्मीद
बदायूं: टीईटी पास अभ्यर्थियों ने मालवीय आवास गृह पर बैठक करके नौकरी लगने संबंधी मौजूदा स्थिति पर विचार विमर्श किया। इसके साथ ही अदालती कार्रवाई से उम्मीद की किरण नजर आने की बात भी कही गई।
यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक में जिलाध्यक्ष हृदयेंद्र शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अरुण टंडन द्वारा बार-बार नियुक्ति संबंधी विज्ञापन निकालने के लिए जब प्रश्न पूछा गया तो सरकार के वकील ने कहा कि नया विज्ञापन जारी करने के लिए सरकार कोई विचार नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में नवंबर 2011 के पुराने विज्ञापन को सही घोषित करते हुए बहाल करने की आशा बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि टीईटी बेरोजगार चिंतित न होकर सक्रिय रूप से संगठन से जुड़े रहें।
जिला महासचिव विपिन सक्सेना ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सभी सदस्यों को एकजुट रहना है और न्यायालय में लगातार पैरवी करते हुए अपना सक्रिय सहयोग देना है।
बैठक में मनोज कुमार, गौरव सक्सेना, छविनाथ, धर्मपाल, सुशांत सक्सेना, अरविंद कुमार सिंह व धीरज आदि मौजूद रहे।
Source Jagran
21-10-2012
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