दशमोत्तर छात्रवृत्ति की नियमावली बनी
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति-जनजाति दशमोत्तर छात्रवृत्ति नियमावली 2012 बनाई गई है। इसमें दशमोत्तर कक्षाओं में अध्ययनरत उन छात्रों को शामिल किया जाएगा, जिनके अभिभावक की सालाना आय दो लाख से कम है। अगर वह नौकरी के बजाय दूसरा कोई काम करते हैं तो समस्त श्रोतों से प्राप्त वार्षिक आय का प्रमाण पत्र तहसीलदार द्वारा बनवाना होगा, दूसरे को स्वीकार्य नहीं किया जाएगा। उसे राजस्व परिषद की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा।
जिलाधिकारी राजशेखर ने बताया कि छात्रों का उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना आवश्यक है, साथ ही वह मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम में संस्थागत विद्यार्थी के रूप में शिक्षा प्राप्त कर रहा हो। इस योजना के अधीन छात्रवृत्ति पाने वाला कोई भी छात्र अन्य छात्रवृत्ति प्राप्त नहीं करेगा। शिक्षा का एक चरण उत्तीर्ण करने के बाद उसी में किसी दूसरे विषय में अध्ययन करने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति के योग्य नहीं माना जाएगा। जबकि व्यावसायिक पाठ्यक्रमों से अध्ययनरत छात्रों को किसी अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रम की छात्रवृत्ति नहीं दी जाएगी। उन्होंने बताया कि मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों के नाम व विवरण समाज कल्याण विभाग द्वारा शिक्षण संस्थाओं के संदर्भ में संचालित 'मास्टर डेटाबेस' में पाठ्यक्रमों के संबंध में संचालित 'कोर्स मास्टर' में निर्धारित समय सीमा तक शामिल होने पर ही ऐसी संस्थाओं के छात्रों को छात्रवृत्ति देय होगी। इसके लिए 31 अक्टूबर अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। निश्शुल्क भोजन और आवास के पात्र व सुविधाओं का उपभोग कर रहे छात्रों को अनुरक्षण भत्ता दिया जाएगा। जिन पाठ्यक्रमों में वार्षिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने के अवसर पर अगली कक्षा में प्रवेश मिलने की व्यवस्था है, इस योजना के छात्रों को संबंधित शिक्षण संस्थान द्वारा निश्शुल्क प्रवेश दिया जाएगा। जिलाधिकारी ने बताया कि अभ्यर्थी द्वारा 30 नवंबर तक जमा किये गए आवेदन पत्र में संलग्न आय, जाति व निवास प्रमाण पत्रों का सत्यापन राजस्व विभाग की वेबसाइट से अन्य प्रमाण पत्रों का मिलान मूल प्रमाण पत्रों से शिक्षण संस्थान स्तर पर गठित समिति द्वारा किया जाएगा।
Source - Jagran
17-10-2012
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