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Monday 12 March 2012

टीईटी रद्द करने की तैयारी (TET)

गड़बड़ियों के कारण विभागको नहीं सूझ रहा रास्ता, बन रहा नई परीक्षा का खाका
•अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद। किसी तरह की कानूनी अड़चन न आई तो अप्रैल के पहले हफ्ते तक टीईटी का पहला चरण रद कर दिया जाएगा। आवेदन पत्र जारी होने के पहले से ही विवादों में रही टीईटी कीमेरिट से चयन का प्रावधानभी रद होना तय है। प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पद भरने को लेकर चिंतित सर्वशिक्षा अभियान और बेसिक शिक्षा विभाग ने नई परीक्षा का खाका तैयार करना शुरू कर दिया है। पुराने मानकों के हिसाब से ही विभाग में सवा दो लाख पद रिक्त हैं। सर्व शिक्षा अभियान ने इनपर नियुक्तियों के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय सेसहायता मांगी है। तय कियाहै कि मई अंत या जून में नई परीक्षा कराकर सफल अभ्यर्थियों का चयन विशिष्ट बीटीसी की तर्ज पर किया जाएगा।
प्रदेश में पिछले चार वर्षों से प्राथमिक शिक्षकों के रिक्त पद नहीं भरे गए। बिना टीईटी चयन न होने के नियम के कारण जरूरी हो गया है कि तत्काल परीक्षा कराई जाए।नवंबर में हुई परीक्षा में जिस कदर अनियमितता सामने आई है, उसकी मेरिट के आधार पर चयन अब संभव नहीं है। सर्व शिक्षा अभियान ने निदेशालय, यूपीबोर्ड और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से रिपोर्ट लेकर टीईटी के अगले चरण के लिए खाका तैयार किया है। अधिकारियों ने एमएचआरडी के साथ एनसीटीई को भी स्थितियों की रिपोर्ट भेजी है और नियुक्तियों को रास्ता निकालने को कहाहै। जुलाई से पहले नियुक्तियां न हुईं तो एकतिहाई से अधिक स्कूल बंद हो जाएंगे। नवंबर में हुईशिक्षक पात्रता परीक्षा को रद कर तत्काल नई परीक्षा के लिए प्रस्ताव बनाने की सिफारिश की है। निदेशालय, यूपी बोर्ड और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की रिपोर्ट में एक बिन्दु यह भी उठा कि मेरिट रद कर केवल पात्रता परीक्षा मान 60 फीसदी से ऊपर वालों को उपयुक्त माना जाए और उनकेलिए विज्ञापन निकाला जाए लेकिन सर्व शिक्षा अभियानके अधिकारी इसके पक्ष मेंनहीं है। नई परीक्षा का खाका तैयार करने वाली टीमके सदस्य शिक्षा अधिकारी पी.सुदेश कुमार ने बताया कि एमएचआरडी के साथ बैठक में परीक्षा रद करने और नई परीक्षा कराने पर सहमति बन चुकी है, नई सरकार बनने के कुछ दिनों के भीतर ही इस मामले में फैसला हो जाएगा।
•निदेशालय, यूपी बोर्ड, बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों से तैयार कराई गई रिपोर्ट
ट्रेनी शिक्षा मित्रों को40 नंबर जरूरी
लखनऊ। शिक्षा मित्रों को अब ट्रेनिंग पास करने के लिए निर्धारित न्यूनतम अंक लाने होंगे। प्रत्येकसेमेस्टर में पास होने केलिए शिक्षा मित्र को कम से कम 40 अंक पाना अनिवार्य होगा। इससे कम अंक पाने वाले फेल हो जाएंगे। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) प्राचार्यों को इस संबंध में निर्देश भेज दिए हैं।डायट प्राचार्यों को निर्देश दिया गया है कि वे इस संबंध में ट्रेनिंगप्राप्त करने वाले शिक्षामित्रों को जानकारी दे दें, जिससे इसी के आधार परतैयारियां की जाएं। ब्यूरो

Source- Amar Ujala
12-3-2012

2 comments:

Amit shukla said...

Aaj 12-03-2012 ko doosre din bhi TET Sangharsh Morcha Hardoi ki taraf se baithak ka aawahan kiya gaya parinaam swaroop bahut badi sankhya me TET paas pahunche,
sabhi ne apane vicharon ko rakha aur sabhi TET paas students ne jiladhikari mahoday ke madhyam se mahamhim Rajpal mahody ko gyapan diya.
seva me,
mahamahim Rajypal
u.p sashan Lucknow
dwara
sriman jiladhikari mahody
Hardoi
Subject:shasnadesh ke anusar jari vigyapti ko lagu karne aur lamvit prsikshu ki prkriya ko jald se jald poora karne ke sambandh me.
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Mahody
Hum TET paas students aapse anurodh karte hain ki lamvit sikshak chayan prkriya me jo ki aadarsh chunav aachar sanghita ke lagu hone ke karan manneey uchch nyayalaya ke aadesanushar ronk di gai thi.punh prarambh karakar uttirna students jo shasnadesh ke anusar paatra hain,labhanvit ho saken.
kucha arajak tatvon va anuttirna students ki dweshbhavna ne nyaylay me atarkik yachikaon se is prakriya ko nuksan pahunchaya hai.Hum sabhi ek mat se apane adhikaron ko pane ke patra hain.
aapse anurodh hai ki jo bhi shasnadesh ki avmanna karta hai use dandit kiya jaye jo is prkriya me doshi paye jayen unhen kaTHOR SE KATHOR DAND DIYA JAYE.jisse bhavisya me koi Student Adhikari Karmchari is prakar ke Exaims ke sath chendkhani karne ka dussahash na kar sake.yadi kisi bhi tarah se yeh pareeksha nirast ki jati hai to dosiyon ka hausla aur badh jayega.aur hum sabhi ko mansik aaghat pahunchega.yeh hamare sath anyay hoga jo ki asahneey hoga.
atah hamara aapse anurodh hai ki shasnadesh me koi parivartan na ho aur jald se jald vigyapti ke anusar,NCTE ke dwara diye gaye do maheene(2 maheene)ke antargat chayan poora kiya jaye jisse arajakta va dweshbhavna niraash ho aur paatron ko unka adhikar mile.isme chayan ka aadhar sansodhit shiksha niymavali ko hi mana jaye v shashan prshashan se anurodh hai ki kisi bhi tarah ki badle ki bhavna hum shikshakon ke sath na ki jaye anytha hamen vinamrtapoorvak AANDOLAN ke liya vivash hona padega.
Avneesh kumar yadav(jila Adhyaksha-09721612971)
Devesh kumar singh
Ashutosh Shukla (Amit)07607430982

. said...

निरस्त होगी टीईटी ! Mar 12, 11:24 pm -
चुनावी सभा में अखिलेश यादव कर चुके हैं घोषणा लखनऊ, जागरण ब्यूरो : प्राथमिक
स्कूलों में अध्यापक बननेका ख्वाब देख रहे
प्रदेश के लाखों नौजवानोंके लिए
निराशा का सबब और बसपा सरकार के
लिए गले की हड्डी बनी शिक्षक
पात्रता परीक्षा (टीईटी) को निरस्त करने के बारे में अब सपा सरकार
ही फैसला करेगी। टीईटी कोलेकर
विवादों की फेहरिस्त और
शिक्षकों की भर्ती के लिएपहली बार
आयोजित की गई इस परीक्षा में जिस
तरह से भ्रष्टाचार उजागर हुआ, उसे देखते हुए यह तय माना जा रहा है
कि सपा सरकार इसे निरस्त करेगी।
प्रदेश के नये मुख्यमंत्री चुने जा चुके
अखिलेश यादव अपनी चुनावी सभा के
दौरान कह भी चुके हैं
कि यदि सपा सरकार आयी तो टीईटी को निरस्त
किया जाएगा। शिक्षा के अधिकार
अधिनियम के तहत प्राथमिक व उच्च
प्राथमिक स्कूलों में
शिक्षकों की भर्ती के लिएपहली बार
टीईटी आयोजित की गई थी। टीईटी के आयोजन की जिम्मेदारी यूपी बोर्ड
को सौंपी गई थी। टीईटी की मेरिट
को ही शिक्षक चयन का आधार
बनाया गया था। इसे लेकर भी विवाद
खड़ा हुआ क्योंकि राष्ट्रीय अध्यापक
शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने टीईटी को सिर्फ
पात्रता परीक्षा माना था।13 नवंबर
को आयोजित टीईटी का परिणाम 25
नवंबर को घोषित किया गया।पैसे लेकर
परीक्षा परिणाम में धांधली उजागर होने
पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन समेत कईलोग जेल भेजे जा चुके हैं।
उधर एक याचिका की सुनवाई करते हुए
उच्च न्यायालय ने
भी शिक्षकों की भर्ती पर रोक
लगा दी है। टीईटी को लेकर हाल ही में
अपर कैबिनेट सचिव रवींद्रसिंह के कार्यालय में बैठक हुई थी। बैठक में शासन
और शिक्षा विभाग के ज्यादातर अफसर
ने टीईटी को निरस्त करने का मत
जाहिर किया। इसके बावजूद
टीईटी को लेकर बैठक में कोई
सर्वसम्मति नहीं बन पायी।वजह यह थी कि टीईटी को लेकर पहले
ही शर्मसार हो चुकी सरकारके
आला अधिकारी परीक्षा को निरस्त
किये जाने से उपजने
वाली परिस्थिति के सभी पहलुओं पर
गौर करना चाहते हैं। उन्हें यह भी आशंका है कि टीईटी को निरस्त किये जाने से
परीक्षा को उत्तीर्ण करनेवाले
अभ्यर्थी अदालत
का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
परीक्षा निरस्त किये जानेपर
अभ्यर्थियों को फीस की धनराशि लौटानी पड़ी तो यह
भी सिरदर्द साबित होगा। अफसर इस
बात को लेकर भी असमंजस में हैं
कि टीईटी को निरस्त करने से पहले
अदालत की अनुमति ली जाए या नहीं।
कार्यवाहक सरकार वैसे भी कोई नीतिगत निर्णय नहीं कर सकती। इन
हालात में इस बात के प्रबल आसार हैं
कि टीईटी को रद करने का फैसला अब
सपा सरकार ही करेगी।