शिक्षकों को जाना ही होगा देहात
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : अंतरजनपदीय तबादलों से जिले में आए प्रा. और उच्च प्राथमिक शिक्षकों की तैनाती सूची में गड़बड़ी की जांच कर रही चार सदस्यीय टीम ने डीएम को रिपोर्ट सौंप दी है। जिलाधिकारी राजशेखर ने बताया कि रिपोर्ट में छह शिक्षकों की तैनाती को गलत पाया गया है। शेष की तैनाती शासनादेश के तहत ही हुई है। इसके चलते अब शिक्षकों को दूर-दराज के विद्यालयों में जाना ही होगा। उधर आजाद पार्क में चल रहे धरने को समर्थन देने के लिए स्नातक शिक्षक विधायक सुरेश कुमार त्रिपाठी धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने रविवार को बेसिक शिक्षा निदेशक से मुलाकात करने की घोषणा की।
डीएम ने बताया कि जिन शिक्षकों की तैनाती में गड़बड़ी पाई गई है उसकी संशोधित सूची जारी की जाएगी। शिक्षकों के विकल्प और उनके सापेक्ष आवेदनों की भी सूची जारी होगी। कमेटी ने केवल दो शिक्षकों को विकलांग कोटे के तहत की गई तैनाती रद्द कर दी है। तीन शिक्षकों के वरिष्ठता में गड़बड़ी पाई गई है।
अनसुलझे रहे शिक्षकों के सवाल
चार सदस्यीय जांच समिति ने जांच में एक तरह से बीएसए को शिक्षकों के सभी आरोपों से बरी कर दिया। इसके बावजूद शिक्षकों के तमाम सवाल कमेटी भी नहीं हल कर पाई।
- शिक्षकों ने बीएसए के जांच समिति में शामिल किए जाने का विरोध किया था।
- तबादलों से आए शिक्षकों को एकल और बंद विद्यालयों में भेजा जाना था। इसके लिए दिए गए विद्यालयों में विकल्पों की सूची में इसका उल्लेख नहीं था।
- विकल्प न मिलने की स्थिति में नजदीकी विद्यालय में तैनाती देने के बजाए अन्यत्र भेजे जाने के आरोप पर कोई विचार नहीं हुआ।
- शिक्षकों ने सभी ब्लॉकों के स्कूलों को विकल्प के लिए न दिए जाने के तर्क शासनादेश के खिलाफ माना है।
- शिक्षकों की वरिष्ठता की स्थिति समिति भी स्पष्ट नहीं कर सकी है।
पूर्व शिक्षकों के समायोजन के लिए नहीं की चार ब्लॉकों में तैनाती
सीडीओ ने बताया कि जिले के चार ब्लाक चाका, बहादुरपुर, सोरांव व कौड़िहार प्रथम को उपरोक्त शिक्षकों के लिए नहीं खोला गया। उन्होंने बताया कि ऐसा पदस्थापन समिति के निर्णय के चलते नहीं लिया गया। पूर्व में तैनात शिक्षकों के समायोजन की जांच संयुक्त निदेशक बेसिक शिक्षा द्वारा की जा रही है।
वर्जन
जांच समिति ने केवल पांच-छह मामले में गड़बड़ी पाई है। यह लिपिकीय त्रुटियों का मामला है। सभी तैनाती शासनादेश के तहत हुई है।
- नितिन बंसल, मुख्य विकास अधिकारी इलाहाबाद
source - Jagran
13-10-2012
22 comments:
Sunwai kab hai blog editor jee kal ya parso
Hamse to jyada hi malum hai
Navratri me hi kuch hoga
hi friends
kya skeling padhati lagu hogi
dosto apni ladai ko hamein age badaana padega is liye 20 oct ko lucknow mein dharna pradarshan hoga sarkaar ko jagane k liye nahi to ye sarkaar isi traha khilbad karti rahegi...
mahendra yadav ji scalling padhiti tab lagu hogi jab add ayega ...
PRABHAT JI plz confirm karo ki diet ki meeting kya 72000 vacancy k liye hai ya fir kewal ek dikhaba hai..plz tell me
Meeting bped walo k liye h jo court ne last week order kiya tha unka adv nikalna h thanks..source itawah
dosto meine kuch logo k naam laker blog per aane k liye kaha tha parutoo dosto ko mera seggation pasand nahi aaya koi baat nahi dosto ab mein kuch comments nahi karunga ab jo apko accha lage aag karo...thanks
Kisi ke pass koi pakki news nahi hai.ab chupp chapp khao aur pade raho add ka intezar karo.add ki sari jankari 15oct ke meeting ke bad pta chalega.
@jai mata di@
Ab to sab kuch ma durge ke hath me hai.
@jai mata di@
Ma durge sabki manokamnao ko pura kare.
§jai mata di§
I LOVE MY UTTAR PRADESH
But I hate it
Kal kuch n kuch to jarur hoga
जनपद के दो सौ स्कूलों को नहींमिली मान्यता
जनपद में छह माह से डोल रही है बीएसए की कुर्सी
कार्यालय संवाददाता, रामपुर :जनपद के दो सौ निजी प्राइमरी स्कूलों को मान्यता नहीं मिल सकी। शैक्षिक सत्र 2011-2012 में होने वाले मान्यता के आवेदन लटके हैं। इससे बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई पर संकट आगया है।
बेसिक शिक्षा विभाग कक्षा एक से लेकर कक्षा आठ तक के स्कूलों को मान्यता देता है। शासन ने इसके लिए समय सारिणी जारी की थी, जिसे पिछले शिक्षासत्र से लागू किया गया। अक्टूबर माह में आवेदन मांगे गए। इसके बाद आवेदनों की जांच और सत्यापन किया जाना था। शासन ने मान्यता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए मई का महीना निर्धारित किया था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
जनपद में बीएसए की कुर्सी छह माह से डोल रही है। बीएसए का चार्ज कभी किसी के पास तो कभी किसी अधिकारी के पास पहुंचता है। चार्ज लेने वाले अधिकारियों ने मान्यता कार्य निपटाना बेहतर नहीं समझा। इस कारण मान्यता नहीं हो सकी। मान्यता के लिए 100 प्राइमरी और इतने ही जूनियर हाइस्कूलों ने आवेदन किए थे जो साल भर से लंबित पड़े हैं।
नया शिक्षा सत्र शुरू हो गया, लेकिन स्कूलों को मान्यता नहीं मिल सकीं, जबकि मान्यता के लिए आवेदन करने वाले सभी स्कूल संचालित हैं और बच्चे पढ़ रहे हैं। ऐसे में बिना मान्यता के वे स्कूल टीसी नहीं दे सकते। इसलिए बच्चों के भविष्य पर भी खतरा मंडरा रहा है। इस साल तो विभाग ने मान्यता के लिए आवेदन ही नहीं मांगे हैं। समय निकलने के बाद शासन से मान्यता देने की अनुमति मांगी गई थी, लेकिन नहीं मिल सकी। इसके लिए विभाग इंतजार कर रहा है।
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स्वार (रामपुर)। सरकारी स्कूलों में छात्र- छात्राओं की घटती संख्या पर चिंता जताई जा रही है। पठन-पाठन पर जोर दिया जा रहा है,लेकिन शिक्षा का स्तर सुधरे कैसे। कालेजों में पर्याप्त शिक्षक ही नहीं हैं।
यहां के राजकीय इंटर कालेज को ही लें जो मात्र तीन अध्यापकों के सहारे चल रहा है। इसमें भी एक पर प्रधानाचार्य का चार्ज है जबकि कालेज में छात्र संख्या साढ़े छह सौ है और प्रवेश जारीहैं। कालेज में शिक्षकों के 22 पद सृजित हैं जिसमें प्रवक्ता के 10 तथा एलटी के 12 पद हैं। इस समय कालेज में दो प्रवक्ता तथा एक एलटी ग्रेड शिक्षक है। एक को रजानगर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में भेज दिया गया तो एक प्रवक्ता प्रधानाचार्य का चार्ज संभाले हुए हैं। कालेज में हिंदी,नागरिक शास्त्र, अर्थशास्त्र,भौतिक विज्ञान,रसायन विज्ञान,गणित,जीव विज्ञान,उर्दू एवं वाणिज्य के प्रवक्ता नहीं है। इस समस्या के निस्तारण के लिए शिक्षक अभिभावक संघ से पांच शिक्षक रखे हुए हैं जिसके चलते साढ़े छह सौ छात्रों का शिक्षण कार्य जैसे तैसे संभव हो पा रहा है यदि वे न हो तो शिक्षण कार्य ठप हो जाए। कालेज में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के 11 पद हैं जिनमें से दो ही तैनात हैं। इसके कारण सफाई समेत अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं। अभिभावकों द्वारा समय-समय पर कालेज में शिक्षकों की तैनाती की मांग की जाती रही हैलेकिन सुनवाई अभी तक नहीं हुई है।
शुरू से ही है शिक्षकों की कमी
स्वार : कार्यवाहक प्रधानाचार्य शिव शंकर का कहना है कि शिक्षक अभिभावक संघ से पांच शिक्षकों को रखा गया है जिनसे काम चलाया जा रहाहै। विभाग द्वारा समय समय पर रिक्त पदों की सूचना मांगी जाती है जिसे लगातार दिया जा रहा है। कालेज में शिक्षकों की कमी इसकी स्थापना से ही है।
जेडी से की है मांग : जिविनि
स्वार : जिला विद्यालय निरीक्षक माया देवी यादव का कहना है कि संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वादश मंडल से जिले के सभी राजकीय इंटर कालेजों में शिक्षकों की तैनाती की मांग की गई है ताकि शिक्षण कार्य प्रभावित न हो।
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टीईटी अभ्यर्थियों का आर्थिक व मानसिक शोषण कर रही सरकार
देवरिया:
टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक रविवार को टाउनहाल प्रांगण में आयोजित की गई। बैठक में अभ्यर्थियों ने कहा कि प्रदेश सरकार चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति न कर उनका आर्थिक व मानसिक शोषण कर रही है।
बैठक को संबोधित करते हुए गौरीशंकर पाठक ने कहा कि एनसीईटी की गाइडलाइन व आरटीई की गाइड लाइन को ताक पर रखकर राज्य सरकार टीईटी अभ्यर्थियों का मानसिक शोषण कर रही है। अनुराग मल्ल ने कहाकि सरकार के इस निर्णय के खिलाफ हम सभी अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे।
बैठक की अध्यक्षता शैलेष मणि व संचालन संदीप कुशवाहा ने किया। इस अवसर पर विकास पांडेय, रघुवंश शुक्ला, शमशेद अहमद, स्पेश मिश्रा, गोरखनाथ यादव आदि मौजूद रहे।
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Bhagwan kare kal ad aa jay
meating kal hogi wo bhi 72825 ko lakar. ye ekdam sahi news h.
jay bheem jay bharat.
please kg ji aap name badal-badal kar comment na kare
thnx
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