UPTET - टीईटी - TET
UPTET : अब जवाब दे रहा अभ्यर्थियों का धैर्य
इससे अब स्पष्ट हो रहा है कि शिक्षकों की नियुक्ति का मामला कुछ समय के लिए और आगे बढ़ सकता है। फिलहाल बेसिक शिक्षा परिषद ने अब एक नया फामरूला शिक्षकों की नियुक्ति के लिए भेजा है। इसमें स्केलिंग पद्धति मेरिट बनाने के लिए अपनाने को सुझाया गया है।
इस फामरूले को अपनाने के पीछे यह तर्क है कि इससे कम अंक पाने वाले यूपी बोर्ड के छात्रों को काफी राहत मिलेगी। इसके अलावा जो विश्वविालय अपनी गुणवत्ता बनाने केनाम पर परीक्षार्थियों को तृतीय तथा द्वितीय श्रेणी में अधिक उत्तीर्ण करते हैं उन विश्वविालयों के छात्रों को भी इस स्केलिंग प्रवृत्ति से लाभ होगा।
Source - Daily News Activist
UPTET : अब जवाब दे रहा अभ्यर्थियों का धैर्य
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति का मामला
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति का मामलास्केलिंग पद्धतिक्यों
* विभिन्न परीक्षकों द्वारा प्रदान अंकों को ही एक मापदण्ड पर परिवर्तित करना ही स्केलिंग है।
* एक पैमाने पर लाने के लिए स्केलिंगे की जाती है।
* तुलनात्मक अध्ययन करके एक पैमाना लाना।
* प्राप्तांक प्रदान करने वालों का आधार एवंमापदण्ड समान नहीं है
इलाहाबाद। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में बीएड योग्यताधारी शिक्षकों की
नियुक्ति के मामले में शासन द्वारा कोई अन्तिम निर्णय न हो पाने के कारण
लम्बे अर्से से प्रतीक्षा में बैठे अभ्यर्थियों का धैर्य जवाब दे रहा है।
राज्य सरकार पर तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं। बताया जा रहा है कि सरकार अब
कोर्ट से मिले निर्देश को ही आधार मानकर आगे की रणनीति तय करेगी। फिलहाल
हाईकोर्ट ने सुनवाई न करके दूसरी तिथि तय कर दिया है।बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति का मामलास्केलिंग पद्धतिक्यों
* विभिन्न परीक्षकों द्वारा प्रदान अंकों को ही एक मापदण्ड पर परिवर्तित करना ही स्केलिंग है।
* एक पैमाने पर लाने के लिए स्केलिंगे की जाती है।
* तुलनात्मक अध्ययन करके एक पैमाना लाना।
* प्राप्तांक प्रदान करने वालों का आधार एवंमापदण्ड समान नहीं है
इससे अब स्पष्ट हो रहा है कि शिक्षकों की नियुक्ति का मामला कुछ समय के लिए और आगे बढ़ सकता है। फिलहाल बेसिक शिक्षा परिषद ने अब एक नया फामरूला शिक्षकों की नियुक्ति के लिए भेजा है। इसमें स्केलिंग पद्धति मेरिट बनाने के लिए अपनाने को सुझाया गया है।
इस फामरूले को अपनाने के पीछे यह तर्क है कि इससे कम अंक पाने वाले यूपी बोर्ड के छात्रों को काफी राहत मिलेगी। इसके अलावा जो विश्वविालय अपनी गुणवत्ता बनाने केनाम पर परीक्षार्थियों को तृतीय तथा द्वितीय श्रेणी में अधिक उत्तीर्ण करते हैं उन विश्वविालयों के छात्रों को भी इस स्केलिंग प्रवृत्ति से लाभ होगा।
Source - Daily News Activist
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