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Tuesday 15 May 2012

टीईटी पर फैसला जल्द?

टीईटी पर फैसला जल्द?
सहारनपुर : अब टीइटी की बंद मुट्ठी खुलेगी और हो जाएगा बेड़ा पार। यह बात अटपटी जरूर लगेगी, लेकिन यह सच है कि प्रदेश सरकार मामले में जल्द ही निर्णायक फैसला करने की तैयारी में है। मामले में कई विकल्पों पर मंथन पूरा हो चुका है और इसमें पुराने फामरूले को ही अधिक समर्थन मिला। अब इसी के लागू की संभावना है। चार बिन्दु इस फामरूले का आधार बनेंगे।बेरोजगारी भत्ते को प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदन दिए जाने के बाद अब टीइटी के अनुमोदन की बारी है। टीइटी में अधिकारियों द्वारा किया गया 'होमवर्क' अब सिरे चढ़ने के आसार बन गए हैं। सूत्रों का कहना है कि प्रक्रिया को हरी झंडी देने के लिए कई विकल्पों पर कई दौर तक मंथन चला, जिसमें तीन फामरूले रखे गए। माना जा रहा है कि अगले तीन दिन के भीतर सरकार द्वारा मामले में निर्णायक फैसला लिया जा सकता है।
फामरूला-1 इसमें विशिष्ट बीटीसी की तर्ज पर हाईस्कूल, इंटर,स्नातक व बीएड के प्राप्तांकों को जोड़कर मेरिट बनाई जानी थी। 
फामरूला-2 इसमें 25-25 प्रतिशत स्नातक व बीएड के तथा 50 प्रतिशत में टीइटी के प्राप्तांकों का जोड़ा जाना था।
फामरूला-3 इसमें टीइटी की मेरिट के आधार पर सीधे नियुक्ति दिए जाने का प्रावधान है। 
बता दें कि यह प्रक्रिया तत्कालीन सरकार द्वारा पहले ही घोषित की गई थी।इसे मिला समर्थनविभागीय सूत्रों के मुताबिक, अधिकारियों द्वारा तीनों फामरूलों पर गहन मंथन किया गया। 
फार्मूला-1 व 2 को यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि ऐसा किए जाने की स्थिति में कानूनी पेचीदगियां आएंगी।
बताते हैं कि अंतिम रूप से तय हुआ कि सारी उलझनों का हल केवल फामरूला-3 को लागू करने में ही है। इसे अपनाने की स्थिति में चार बिंदुओं को आधार बनाने की बात कही गई है।क्या है चार प्राण बिन्दु
1- ओएमआर शीट की कार्बन प्रति
2- टीइटी का अंक प्रमाणपत्र 
3- इंटरनेट की आंसरशीट
4- परीक्षा की प्रश्न पुस्तिकामूल ओएमआर शीट से मिलान
यदि प्रदेश सरकार टीइटी की मेरिट के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया करती है तो आवेदक के पास ओएमआर शीट की कार्बन प्रति का एजेंसी के पास मौजूद मूल ओएमआर शीट से मिलान किया जाएगा। मिलान में इंटरनेट की आंसरशीट भी आधार बनेगी। बताते हैं जिस एजेंसी को ओएमआर की जांच का जिम्मा सौंपा गया था उसे केवल 25 फीसदी का भुगतान ही हो सका है। जांच की इस प्रक्रिया में कड़ी निगरानी रहेगी। यदि किसी आवेदक की ओएमआर शीट के मिलान में गड़बड़ी मिलती है तो उसे प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाएगा।
Source- Jagran
14-5-2012

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