इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि शिक्षा मंत्री का बयान गैर जिम्मेदाराना है। इससे टीईटी अभ्यर्थियों को मानसिक पीड़ा पहुंची है। अभ्यर्थियों ने कहा कि मामला न्यायालय में लंबित होने के बाद भी उस पर बयान देना न्यायालय की अवमानना की श्रेणी में आता है। सरकार द्वारा भर्ती प्रक्रिया लटकाने तथा मंत्री के गैर जिम्मेदाराना बयान से अभ्यर्थी शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक पीड़ा झेल रहे हैं। ऐसे में यदि कोई आत्महत्या कर ले तो इसकी जिम्मेदारी भी सरकार की होगी।
इस बैठक की अध्यक्षता मोर्चा के जिलाध्यक्ष अजीत यादव, मृत्युंजय सिंह, अवनीश मौर्य, अरुण तिवारी, मनोज सेठ, संजय सिंह, मंगला यादव, शैलेष विश्वकर्मा आदि उपस्थित रहे।
Source- Jagran
8-5-2012
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