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Wednesday 21 March 2012

युवाओं पर लाठीचार्ज का युवा सीएम से मांगा जवाब

युवाओं पर लाठीचार्ज का युवा सीएम से मांगा जवाब


युवाओं पर लाठीचार्ज का युवा सीएम से मांगा जवाब
इलाहाबाद : आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने लखनऊ में टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगार नौजवानों पर किए गए निर्मम लाठीचार्ज के विरोध में यूनियन भवन पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का पुतला जलाया।
दोपहर 12 बजे आइसा से जुड़े छात्र-छात्राएं यूनियन भवन पर एकत्र हुए और जुलूस निकाला। नौजवानों के रोजगार की गारंटी दो, लाठी गोली की सरकार नहीं चलेगी, युवाओं पर लाठीचार्ज क्यों युवा मुख्यमंत्री जवाब दो आदि नारे लगाते हुए इन लोगों ने मुख्यमंत्री के पुतले को आग के हवाले कर दिया। इस अवसर पर एक सभा भी हुई। इसे संबोधित करते हुए प्रदेश सचिव रामायण राम ने कहा कि नौजवानों को रोजगार देने का वायदा अगर सरकार ने पूरा नहीं किया तो उनका हश्र भी मायावती जैसा होगा। प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील मौर्य ने कहा कि एक सप्ताह में ही यह बात साफ हो गई कि सपा और बसपा में कोई बुनियादी अंतर नहीं है। इस अवसर पर रघुनंदन यादव, दिनेश, शालू यादव, सौरभ यादव, नीतू, सच्चिदानंद यादव, शिव प्रसाद, शिव नारायण, जितेंद्र, मानस शुक्ल, पुष्पेंद्र, विनीत, मिनी कुशवाहा समेत तमाम छात्र छात्राएं मौजूद रहे।
इसी क्रम में सामाजिक एकता परिषद की बैंक रोड पर बैठक में टीईटी अभ्यर्थियों के जुलूस पर लाठीचाज्र की निंदा की गई। इस दौरान ओमप्रकाश शुक्ला, रवींद्र सिंह चौहान, धनंजय राय, अमित सिंह, अभय सिंह, नरेश शर्मा, विनोद यादव, अशोक यादव, शिव राम पटेल, जगन्नाथ पांडेय, तिलक यादव, विनोद सिंह, अरुण यादव, डॉ. गिरजेश यादव, डॉ. लाल कृष्ण पटेल आदि रहे।
इसी क्रम में आल इंडिया डेमोक्रेट स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन ने भी लखनऊ में टीईटी के आधार पर भर्ती की मांग करने वालों पर लाठीचार्ज की घोर भ‌र्त्सना की। एआइडीएसओ ने घटना की न्यायिक जांच कराने के आदेश दिए।

Source- Jagran
21-3-2012

1 comment:

. said...

बदल सकता है प्राइमरीस्कूलों में शिक्षकों की भर्ती कामानक
कमल तिवारी/एसएनबी
लखनऊ । प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती का मानक बदलना तय है। अब शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट की बजाय पांच गुणांक की मेरिट से शिक्षकों की भर्ती हो सकती है। बेसिक शिक्षा सेजुड़े अफसरों ने इसकी कवायद शुरू कर दी है। फिलहाल अंतिम निर्णय विभागीय मंत्री की मंजूरी के बाद कैबिनेट सेहोगा। उल्लेखनीय है कि सूबे में मायावती सरकार ने आरटीई तो लागू कर दियाथा, लेकिन परिषदीय स्कूलों में 72825 और सम्बद्ध प्राइमरी में आठ हजार से ज्यादा शिक्षकों के पद रिक्त हैं। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने सूबे को विशिष्ट बीटीसी की मंजूरी देने की बजाय राज्य स्तर पर शिक्षक पात्रता परीक्षा को मानक बनाने की मंजूरी दे दी। आरटीई के तहत शिक्षकों केरिक्त पदों को भरने के लिए पूर्व सरकार को 31 दिसम्बर 2011 तक की मोहलत मिली, लेकिन अध्यापक पात्रता परीक्षा(टीईटी) को लेकर लगातार मानक बदलते गये। पहले तो विशिष्ठ बीटीसी की भांति चार गुणांक का आधार बनानेकी सहमति बनी। राज्य मंत्रिमण्डल से इसकी मंजूरी भी मिल गयी, लेकिनजब नियुक्ति की बारी आयी तो तत्कालीन बेसिक शिक्षा सचिव ने शिक्षक भर्ती के मानक को टीईटी की मेरिट बना दिया और इसका शासनादेश जारी करके आयोजक माध्यमिक शिक्षा परिषद व सचिव को इसी के मुताबिक भर्ती प्रक्रियाआगे बढ़ाने के निर्देश दिये। 13 नवम्बर 2011 को टीईटी परीक्षा और 25 नवम्बर को 2011 को टीईटी का रिजल्ट घोषित होगया, इसी बीच परीक्षा मेंसवाल विभाग के गले की फांस बन गये। राज्य सरकारने दिसम्बर में भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया, लेकिन सवालों के जवाब को लेकर अभ्यर्थी कोर्ट गये और आगे की प्रक्रिया कोर्ट के आदेश पर चली, इसी बीच सूबे में 24 दिसम्बर से चुनाव आचार संहिता लागू हो गयी। राज्य सरकार को शिक्षकों की भर्ती के लिए दो महीनेकी मोहलत तो मिली है, लेकिन अब भर्ती का मानक बदलने की कवायद शुरू हो गयी है। शासन के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना हैकि अब फिर पांच गुणांक कीमेरिट से भर्ती की प्रक्रिया पूरी होगी। इसके तहत हाईस्कूल, इंटर, स्नातक, बीएड और टीईटी कीमेरिट को मिलाकर अलग से मेरिट बनायी जा सकती है। इसके लिए अफसरों ने विभागीय स्तर पर मंथन शुरू कर दिया है। माध्यमिक शिक्षा परिषद के अधिकारी भी दबी जुबान से मेरिट का मानक बदलने की बात कर रहे हैं। एक अधिकारी ने कहा कि वैसे भी यह पूरा मामला बेसिक शिक्षा परिषद का है, इसकेबारे में पहले ही मानक तयकर लेने थे। उल्लेखनीय हैकि नये शैक्षिक सत्र से शिक्षकों के पद रिक्त होने पर राज्य सरकार को आरटीई के तहत मिलने वाली मदद में कटौती की जा सकतीहै और यह धनराशि करोड़ों में होगी। इसका असर राज्यके सर्व शिक्षा अभियान परभी पड़ेगा और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद नये मानक भी थोप सकती है।अभी तक राज्य को आरटीई लागू करने के लिए 65 फीसद केन्द्रांश व 35 फीसद राज्यांश मिलना है। अब पांच गुणांक की मेरिट से भर्ती की कवायद
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