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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शिक्षक भर्ती की तैयारी शुरू ***चुनावी गणित में भावी शिक्षकों पर भी डोरे *** :----

Monday 13 August 2012

BTC- Old NEWS About BTC-2001


बीटीसी 2001 के आवेदकों को मिलेगी नौकरी

बीटीसी 2001 के शेष बचे चयनितों को नौकरी मिलने का रास्ता साफ हो गया है। ऐसे आवेदकों को बीटीसी का प्रशिक्षण दिया जाएगा और दो साल की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद इन्हें प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक की नौकरी दी जाएगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय ने मंजूरी दे दी है। शीघ्र ही शासनादेश जारी करने की तैयारी है। प्रदेश में ऐसे करीब 150 चयनित हैं, जिन्हें अभी तक प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। इस आदेश से उन 5600 शिक्षकों को राहत मिल जाएगी, जिनके ऊपर नए सिरे से प्रवेश परीक्षा में शामिल होने की तलवार लटक रही थी।

स्कूलों में शिक्षक रखने की योग्यता बीटीसी
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक रखने की योग्यता बीटीसी है। प्रदेश में वर्ष 2001 में 5600 सीटों पर प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई थी। प्रवेश परीक्षा के दौरान धांधली की शिकायतें मिली थीं। इसके बाद इसकी सतर्कता विभाग से जांच कराई गई। जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद प्रवेश परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। इसके बाद मायावती सरकार ने फरवरी 2009 में प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों की क्वालीफाइंग परीक्षा कराकर ऐसे चयनितों को प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक की नौकरी दे दी।

सहायक अध्यापक की नौकरी पाने से वंचित
इसके बाद भी कुछ आवेदक सहायक अध्यापक की नौकरी पाने से वंचित रह गए थे। ऐसे आवेदकों ने हाईकोर्ट इलाहाबाद का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने सितंबर 2010 में नए सिरे से प्रवेश परीक्षा कराने का आदेश दिया था। इस संबंध में शासन ने अपने स्थिति स्पष्ट करते हुए पात्रों को प्रशिक्षण देकर नौकरी देने का आश्वासन दिया। इसके आधार पर मुख्यमंत्री कार्यालय फाइल भेजी गई थी। वहां से ऐसे पात्रों को प्रशिक्षण देकर नौकरी देने की मंजूरी दे दी गई है।
Source- Amar Ujala
26-4-2011


 बीटीसी-2001 की प्रवेश परीक्षा नये सिरे से करायें
इलाहाबाद (एसएनबी)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बीटीसी 2001 में दाखिले को लेकर दायर याचिकाओं को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 18 नवम्बर 2009 को जारी शासनादेश को रद कर दिया है। अदालत ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वह बीटीसी- 2001 में दाखिला के लिए नए सिरे से प्रवेश परीक्षा ले। कोर्ट ने कहा कि यह प्रवेश परीक्षा सरकार द्वारा जारी 20 अक्टूबर 2005 के शासनादेश के मुताबिक होगी और उस प्रवेश परीक्षा में याचीगण भी शामिल होंगे। यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन ने मुकेश चतुव्रेदी व कई अन्य की याचिकाओं पर पारित किया है। न्यायालय ने कहा कि नये सिरे से बीटीसी-2001 की परीक्षा कराकर उसके अनुसार अगली कार्यवाही की जाय। न्यायालय ने कहा है कि परीक्षा व उसके बाद की समस्त कार्यवाही तीन माह के भीतर पूरी की जाये। 18 नवम्बर 2009 के आदेश से याचीगण के प्रत्यावेदन को निरस्त कर दिया गया था तथा कहा गया था कि उनके लिए बीटीसी-2001 की प्रवेश परीक्षा लेना संभव नहीं है।
Source Rashtrya sahara
9-9-2012



2001 batch of BTC candidates demand re-test

Lucknow, October 4 Following recent action taken on police recruitment anomalies that took place during Mulayam regime, around 500 candidates of the 2001 batch of BTC (Basic Teachers Certificates) exams took to roads on Thursday, demanding re-examination as per the court orders in April.
These candidates also took out a candle march in the Hazaratganj area today alleging the enquiry that was conducted during Mulayam’s regime was full of anomalies and most of them have been punished unnecessarily.
It is to be noted that the entire examination process of BTC 2001 batch took place during the previous Mayawati’s regime but when it came to employing them as teachers, Mulayam’s government cancelled their admission alleging anomalies.
Candidates from various districts like Kaushambhi, Allahabad, Deoria gathered here for the protest. They shouted slogans like “SP sarkar ke hain hum sataye, Behanji ap humein apnayen”, “SP sarkar ne janch mein ki baimani, behan ji aisi janch karao jismein ho dudh ka dudh or pani ka pani.”

“We will continue our protest till there is some proper assurance by the Government,” said Atul Shukla, one of the candidates.

Source- Express india
5-10-2007 

यूपी में विशिष्ट बीटीसी भर्ती पर कोर्ट की रोक


लखनऊ (वार्ता) : इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने गुरुवार को अग्रिम आदेशों तक विशिष्ट बीटीसी भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। कोर्ट का यह फैसला उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2001 की बीटीसी भर्ती को रद्द किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर आया है।

दायर अर्जी में मांग की गई थी कि एक तरफ 2 साल तक ट्रेनिंग ले चुके बीटीसी अभ्यर्थियों के चयन को राज्य सरकार ने रद्द कर दिया है, जबकि दूसरी ओर राज्य सरकार विशिष्ट बीटीसी के तहत भर्ती करने जा रही है। याची अवधेश कुमार वर्मा सहित अन्य अभ्यर्थियों की ओर से दायर याचिका पर जस्टिस डी. पी. सिंह ने यह आदेश दिया। 
Source -Nav Bharat Times
10-11-2005

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