जागरण ब्यूरो, देहरादून
टीईटी के पदों की संख्या में कितनी बढ़ोतरी हो, इसे लेकर गुत्थी फिलहाल सुलझी नहीं है। छात्रसंख्या के आधार पर पद बढ़ाने की सूरत में अन्य कई जिलों में पद घटने का संकट पैदा हो गया है। इस मसले पर निर्णायक रुख को शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी जल्द मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे। उन्होंने महकमे को एनसीटीई को पर्वतीय जिलों में घटती छात्रसंख्या के संबंध में एनसीटीई को पत्र भेजने के निर्देश दिए हैं। साथ ही माध्यमिक स्कूलों में रिक्त पदों का सही ब्योरा मुहैया कराने को कहा गया है।
टीईटी के पद बढ़ाने को हरिद्वार और उधमसिंहनगर जिलों से अभ्यर्थियों का दबाव सरकार पर पड़ रहा है। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा टीईटी पद बढ़ाने की हामी भर चुके हैं। इस बाबत प्रस्ताव उन्हें भेजा जा चुका है। छात्र संख्या के मानक के आधार पर पद बढ़ाने की स्थिति में कई पर्वतीय जिलों में पद घटने की संभावना है। विधानसभा में गुरुवार को विभागीय समीक्षा बैठक में शिक्षा मंत्री के समक्ष यह मसला उठा। काबीना मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि पर्वतीय जिलों में छात्रसंख्या में कमी चिंताजनक है। टीईटी के लिए नए मानक के आधार पर पदों के बंदोबस्त से पर्वतीय जिलों में शिक्षकों के पदों में कमी की संभावना बन गई है। इस मसले के समाधान को वह जल्द मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे।
उन्होंने पर्वतीय जिलों की परिस्थितियों के मद्देनजर न्यूनतम दो शिक्षकों के लिए छात्रसंख्या के मानक में ढील देने को एनसीटीई को पत्र लिखने के निर्देश शिक्षा सचिव को दिए। बैठक में माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों के पद सृजित नहीं होने का मसला भी उठा। एलटी और प्रवक्ता के तकरीबन 1400 पदों को सृजित करने की बाबत भी मुख्यमंत्री के दर पर महकमा दस्तक देगा। शनिवार को शिक्षा महकमे के कामकाज की मुख्यमंत्री समीक्षा करेंगे। उस वक्त ये मुद्दे मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा। राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों के भवन निर्माण में धन की कमी, शिक्षा संबंधी डेटा अपडेट करने के साथ ही बजट खर्च की समीक्षा भी की गई। बैठक में शिक्षा सचिव मनीषा पंवार, शिक्षा महानिदेशक आरके सुधांशू, बेसिक शिक्षा निदेशक अनिल कुमार नेगी, अपर निदेशक एनके बहुगुणा भी मौजूद थे।
Source- Jagran
17-8-2012
टीईटी के पदों की संख्या में कितनी बढ़ोतरी हो, इसे लेकर गुत्थी फिलहाल सुलझी नहीं है। छात्रसंख्या के आधार पर पद बढ़ाने की सूरत में अन्य कई जिलों में पद घटने का संकट पैदा हो गया है। इस मसले पर निर्णायक रुख को शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी जल्द मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे। उन्होंने महकमे को एनसीटीई को पर्वतीय जिलों में घटती छात्रसंख्या के संबंध में एनसीटीई को पत्र भेजने के निर्देश दिए हैं। साथ ही माध्यमिक स्कूलों में रिक्त पदों का सही ब्योरा मुहैया कराने को कहा गया है।
टीईटी के पद बढ़ाने को हरिद्वार और उधमसिंहनगर जिलों से अभ्यर्थियों का दबाव सरकार पर पड़ रहा है। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा टीईटी पद बढ़ाने की हामी भर चुके हैं। इस बाबत प्रस्ताव उन्हें भेजा जा चुका है। छात्र संख्या के मानक के आधार पर पद बढ़ाने की स्थिति में कई पर्वतीय जिलों में पद घटने की संभावना है। विधानसभा में गुरुवार को विभागीय समीक्षा बैठक में शिक्षा मंत्री के समक्ष यह मसला उठा। काबीना मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि पर्वतीय जिलों में छात्रसंख्या में कमी चिंताजनक है। टीईटी के लिए नए मानक के आधार पर पदों के बंदोबस्त से पर्वतीय जिलों में शिक्षकों के पदों में कमी की संभावना बन गई है। इस मसले के समाधान को वह जल्द मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे।
उन्होंने पर्वतीय जिलों की परिस्थितियों के मद्देनजर न्यूनतम दो शिक्षकों के लिए छात्रसंख्या के मानक में ढील देने को एनसीटीई को पत्र लिखने के निर्देश शिक्षा सचिव को दिए। बैठक में माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों के पद सृजित नहीं होने का मसला भी उठा। एलटी और प्रवक्ता के तकरीबन 1400 पदों को सृजित करने की बाबत भी मुख्यमंत्री के दर पर महकमा दस्तक देगा। शनिवार को शिक्षा महकमे के कामकाज की मुख्यमंत्री समीक्षा करेंगे। उस वक्त ये मुद्दे मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा। राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों के भवन निर्माण में धन की कमी, शिक्षा संबंधी डेटा अपडेट करने के साथ ही बजट खर्च की समीक्षा भी की गई। बैठक में शिक्षा सचिव मनीषा पंवार, शिक्षा महानिदेशक आरके सुधांशू, बेसिक शिक्षा निदेशक अनिल कुमार नेगी, अपर निदेशक एनके बहुगुणा भी मौजूद थे।
Source- Jagran
17-8-2012
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